2. क्रिप्टो खरीदने-बेचने वालों की पहचान नहीं होती, तो फिर TDS किससे वसूला जाएगा?
भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज KYC कर रहे हैं। सरकार चाहे तो इससे खरीदार की पहचान कर सकती है। हालांकि, विदेश की क्रिप्टो एक्सचेंज से खरीद करने वालों की पहचान करना अभी मुश्किल दिख रहा है।

क्रिप्टो भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स पर भारी-भरकम टैक्स: क्रिप्टोकरेंसी से हुई कमाई पर सरकार कैसे टैक्स वसूलेगी, समझिए आसान भाषा में

क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर अब 30% टैक्स देना होगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजैक्शन करने पर 1% का TDS भी लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में इसकी जानकारी दी।

वित्त मंत्री ने साफ किया कि RBI की ओर से जारी होने वाले डिजिटल रुपए को ही डिजिटल करेंसी माना जाएगा, जबकि बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी को एसेट माना जाएगा और इससे होने वाली कमाई भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स पर टैक्स लगेगा।

वित्त मंत्री ने क्या कहा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'वर्चुअल डिजिटल एसेट में ट्रांजैक्शन में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इनके चलते वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के लिए एक खास टैक्स सिस्टम जरूरी हो गया है। अब किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर के जरिए होने वाली आय पर 30% की दर से टैक्स लगाया जाएगा।'

Crypto tax in India: 31 मार्च तक क्रिप्टो एसेट बेचने की सलाह दे रहे एक्सपर्ट, जानिए क्यों

Crypto tax in India: 31 मार्च तक क्रिप्टो एसेट बेचने की सलाह दे रहे एक्सपर्ट, जानिए क्यों

बिजनेस क्षेत्र के कई एक्सपर्ट इस वित्तीय वर्ष के अंत तक यानी कि 31 मार्च तक क्रिप्टो एसेट (Crypto Asset) बेचने की सलाह दे रहे हैं. यहां क्रिप्टो एसेट का अर्थ बिटकॉइन (Bitcoin), इथर और नॉन फंजीबल टोकन (NFT) को समझ सकते हैं. सरकार ने हालिया बजट में क्रिप्टो एसेट के बारे में कोई डिटेल जानकारी नहीं दी, क्रिप्टोकरेंसी के बारे में भी कुछ नहीं बताया. सरकार ने वर्चुअल डिजिटल एसेट या VDA की बात की. एक्सपर्ट इस वीडीए को क्रिप्टोकरेंसी और एनएफटी बता रहे हैं. बजट में क्रिप्टो एसेट के ट्रांजैक्शन पर 30 परसेंट टैक्स लगाने और 1 फीसदी टीडीएस काटने का नियम बनाया है. हालांकि इस टीडीएस को इनकम टैक्स रिटर्न में बिजनेस के साथ सेटऑफ किया जा सकता है. टैक्स की देनदारी और टीडीएस को देखते हुए जानकार बता रहे हैं कि नए वित्तीय वर्ष के शुरू होने से पहले क्रिप्टोकरेंसी जैसे कि बिटकॉइन आदि भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स को बेच देना चाहिए.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एक्सपर्ट के अनुसार, हमें चालू वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले लाभ या हानि को बुक करने के लिए अपनी क्रिप्टो होल्डिंग्स को बेच देना चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार केंद्रीय बजट में निर्धारित नियमों को बदलने के लिए तैयार नहीं है और क्रिप्टो इंडस्ट्री द्वारा सुझाए गए किसी भी सुझाव को नहीं माना गया है. नए कानून में क्रिप्टो बेचने पर जो लाभ होगा, उस पर 30 परसेंट टैक्स भरना होगा. अगर कोई व्यक्ति 1 अप्रैल के बाद क्रिप्टोकरेंसी बेचता है और लाभ कमाता है, तो उसे लाभ पर 30 परसेंट टैक्स सरकार को देना होगा.

सबसे अहम बात कि क्रिप्टो बेचने पर अगर घाटा होता है, तो उसे दूसरे क्रिप्टो एसेट की बिक्री से हुए मुनाफे से सेटऑफ नहीं कर सकते. यही वजह है कि क्रिप्टोकरेंसी के जानकार चालू वित्तीय वर्ष में ही क्रिप्टोकरेंसी को बेचने की सलाह दे रहे हैं. अगर 1 अप्रैल के बाद इसे बेचा जाए तो मुनाफे पर ऊंचा ‘टैक्स तो देना ही होगा, अगर घाटा होता है, तो उसे अन्य मुनाफे के साथ पाट भी नहीं सकते. इसलिए अगले वित्तीय वर्ष में निवेशकों को एक साथ डबल घाटा दिख रहा है. क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने सरकार से टैक्स के नियमों पर विचार करने की बात कही थी, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया.

कैसे लगेगा क्रिप्टो पर टैक्स

मान लें आपने 10,000 रुपये में क्रिप्टो खरीदा और उसे 12,000 रुपये में बेच दिया. आपको 2,000 रुपये का फायदा हुआ. इस 2,000 रुपये पर 30 परसेंट टैक्स देना होगा जो 600 रुपये होगा. अगर क्रिप्टो नहीं बेचते हैं, तो कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी. क्रिप्टो बेचने पर आपको नफा के बदले नुकसान होता है, तो कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी.

इसका नियम है कि क्रिप्टो बेचने या खरीदने पर आपको घाटा हो या नफा, 1 परसेंट टीडीएस जरूर काटा जाएगा. मान लें आपने 40,000 रुपये में बिटकॉइन खरीदा है और उसे 40,000 रुपये भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स में ही बेच रहे हैं. 1 परसेंट टीडीएस काटने के बाद आपके हाथ में 39,600 रुपये ही आएंगे. अगर आप इसी पैसे से बिटकॉइन या एनएफटी खरीद रहे हैं और बाद में उसे बिना किसी मुनाफे के बेच रहे हैं तो 1 परसेंट टीडीएस और कटेगा. आपको 39,204 रुपये ही मिलेंगे. हालांकि टीडीएस की इस कटौती को साल के अंत में आईटीआर में सेट-ऑफ कर सकते हैं.

क्रिप्टो और अधिकृत डिजिटल करेंसी में क्या फर्क है?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी जारी करेगा। कोई भी मुद्रा 'करेंसी' तभी कहलाती है, जब केंद्रीय बैंक उसे जारी करता है। जो भी केंद्रीय बैंक के दायरे से बाहर है, उसे हम करेंसी नहीं कहेंगे। हम ऐसी 'करेंसी' पर टैक्स नहीं लगा रहे हैं, जिसे अभी जारी होना बाकी है। डिजिटल रुपये को RBI जारी करेगा, यही डिजिटल करेंसी कहलाएगी। इसके अलावा वर्चुअल डिजिटल दुनिया में जो कुछ है, वो संपत्तियां हैं। इसी तरह वित्त सचिव टीवी सोमनाथन कहते हैं कि भले ही क्रिप्टो पर टैक्स लेने का नियम बना है, तब भी ये वैध मुद्रा नहीं होगी।
आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश के केंद्रीय बैंक का नियंत्रण नहीं है। वहीं, भारत में जारी होने वाली डिजिटल करेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक नियंत्रित करेगा।

तो क्या क्रिप्टो में किए पूरे निवेश पर टैक्स देना होगा?

ऐसा नहीं है। आपको केवल क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर टैक्स देना होगा। उदाहरण के लिए अगर आपने पांच हजार रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी और उसे पांच हजार 500 रुपये में बेच दिया, तो आपको केवल 500 रुपये पर 30 फीसदी यानी 150 रुपये टैक्स देना होगा।

नहीं। वित्त मंत्री ने साफ कहा है कि जिसे क्रिप्टोकरेंसी मिलेगी उसे टैक्स देना होगा। यानी, अगर आप अपने किसी मित्र को एक बिटकॉइन गिफ्ट करेंगे तो उसे टैक्स देना होगा। हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि विरासत में मिली क्रिप्टोकरेंसी पर ये टैक्स लगेगा या नहीं। भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह नियम गिफ्ट टैक्स के तहत लगेगा। गिफ्ट टैक्स के नियम साफ हैं कि निकट रिश्तेदार यानी भाई-बहन को दिये तोहफे पर टैक्स नहीं चुकाना होता।

1% टीडीएस की बात भी तो कही गई है वो कैसे लगेगा?

वित्त मंत्री ने बजट पेश करने बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हर क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर 1% का टीडीएस लगेगा। ये टीडीएस ट्रांसफर करने वाले को देना होगा।

दरअसल, सरकार इतना टैक्स लगाकर कर क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले निवेश को हतोत्साहित करना चाहती है। हालांकि, क्रिप्टो वर्ल्ड से जुड़े लोग सरकार के इस कदम को डिजिटल असेट को मुख्यधारा में शामिल करने के एक कदम के रूप में देख रहे हैं। वहीं, कॉइनस्विच के आशीष सिंघल इसे पूरे क्रिप्टो वर्ल्ड के लिए एक सकारात्मक कदम मानते हैं।

क्या मैं एक डिजिटल असेट में हुए नुकसान की भरपाई दूसरे से कर सकूंगा?

अगर इथेरियम में नुकसान हुआ, तो इसकी भरपाई बिटक्वाइन में हुए लाभ से नहीं कर सकेंगे। हर असेट यानी यूनिट अलग काम करेगी, उस पर हुए मुनाफे पर टैक्स लगेगा। नुकसान की भरपाई नहीं हो सकेगी।

नहीं। टैक्सेशन की दरें अगले वित्त वर्ष से लागू होगी। ऐसे में टैक्स से बचने के लिए 31 मार्च से पहले बड़े स्तर पर बिकवाली निकल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो क्रिप्टो करेंसी में अस्थिरता आएगी। सरकार की ओर से क्रिप्टो करेंसी की वैधता को लेकर अब तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है और रिजर्व बैंक इसके खिलाफ है। ऐसे में भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स वर्चुअल रुपये को लाकर क्रिप्टो को पूरी तरह बैन करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। क्रिप्टो में निवेश पर अगर घाटा होता है तो इसकी कोई जवाबदारी सरकार की नहीं होगी।

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क्या पूरे लेनदेन पर लगेगा जीएसटी?
एक अधिकारी ने कहा, ‘क्रिप्टोकरेंसी पर जीएसटी लगाने के संबंध में स्पष्टता जरूरी है और हम विचार कर रहे हैं कि क्या इसे पूरे मूल्य पर लगाया जाना चाहिए, और क्या क्रिप्टोकरेंसी को वस्तुओं या सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।’ एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अगर क्रिप्टोकरेंसी के पूरे लेनदेन पर जीएसटी लगाया जाता है, तो यह दर 0.1 से एक फीसद के बीच हो सकती है।

शुरुआती चरण में है दरों पर चर्चा

अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा, ‘टैक्स की दर पर चर्चा शुरुआती चरण में है, चाहे यह 0.1 फीसद हो या एक फीसद। पहले वर्गीकरण पर निर्णय को अंतिम रूप देना होगा और फिर दर पर चर्चा की जाएगी।’
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बरतनी होगी बड़ी सावधानी
जीएसटी कानून क्रिप्टोकरेंसी के वर्गीकरण के बारे में स्पष्ट रूप से नहीं बताता है और ऐसी वर्चुअल डिजिटल मुद्राओं को विनियमित करने के लिए कानून के अभाव में वर्गीकरण करते समय यह भी ध्यान भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स रखना होगा कि कानूनी ढांचा इसे अनुयोज्य दावे के रूप में वर्गीकृत करता है या नहीं। अनुयोज्य दावा एक ऐसा दावा है, जो न्यायालय में कार्रवाई के योग्य हो।

अलग कानून पर काम कर रही सरकार

आम बजट 2022-23 में क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर आयकर लगाने के संबंध में कुछ स्पष्टता लाई गई है। सरकार क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए अलग से एक कानून पर काम कर रही है, लेकिन अभी तक कोई मसौदा सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया गया है।

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डीएनए हिंदीः अप्रैल 2022 से, केंद्रीय बजट 2022 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स (Tax on Cryptocurrency) की घोषणा की थी। जिसमें कहा गया था कि किसी भी वर्चुअल डिजिटल असेट्स (Virtual Digital Assets) के ट्रांसफर से होने वाली किसी भी इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा। एक अप्रैल से क्रिप्टाे टैक्स (भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स Crypto Tax) लागू हो चुका है। जानकारों की मानें तो 1 अप्रैल, 2022 से क्रिप्टो असेट्स से इनकम पर फ्लैट 30 फीसदी टैक्सेशन लागू हो चुका है। इसके लिए इनकम टैक्स (Income Tax) भरने वाले फॉर्म में भी इसकी व्यवस्था की गई है। अभी कई क्रिप्टो निवेशकों को अभी तक इस टैक्स के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। आज हम आपको क्रिप्टो टैक्स लेकर पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।

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