कैसे पकड़ें शेयर बाजार की नब्ज व जानिए टेक्निकल एनालिसिस का अर्थ

दरअसल अनिश्चितता से भरे शेयर ट्रेडिंग में भावों के उतार-चढ़ाव को समझना ही सबसे बड़ी चुनौती होती है। जो ट्रेडर यह समझते हैं कि मुनाफा कमाना बड़ा लक्ष्य है, वे अक्सर घाटा खाते हैं, जबकि भावों की भाषा को पढ़ने वाले कुल मिलाकर फायदे में रहते हैं, क्योंकि किसी भी शेयर के भावों में ही छिपा रहता है उसका भूत, वर्तमान और भविष्य, बस इसे पढ़ने के लिए सधी और पैनी नजर चाहिए। अब सवाल है कि भावों की भाषा पढ़ी कैसे जाए। इसका एक प्रमुख माध्यम है टेक्निकल एनालिसिस।

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टेक्निकल एनालिसिस का अर्थ है किसी स्टॉक के मार्केट डाटा का सूक्ष्म अध्ययन करके उसकी संभावित कीमत का अनुमान लगाना। इसमें मुख्य रूप से दो बातों पर गौर किया जाता है। भाव और ट्रेडिंग की टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट मात्रा यानी वॉल्यूम। सरल शब्दों में कहा जाए तो टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी स्टॉक की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया। इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। यदि किसी स्टॉक में औसतन रोजाना एक लाख शेयर ट्रेड होते हैं और अगर किसी एक दिन अचानक इनकी तादाद बढ़कर एक लाख 70 हजार हो जाए तो इसका मतलब है कि जरूर उस स्टॉक में कोई हलचल मची है।

टेक्निकल से अलग फंडामेंटल: आगे बढ़ने से पहले हम आपको बता दें कि टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस से अलग है। फंडामेंटल एनालिसिस टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट में जहां हम लंबे निवेश के नजरिए से कंपनी के अतीत और वर्तमान को कसौटी पर कसने की कोशिश करते हैं, वहीं टेक्निकल एनालिसिस मूल रूप से भावों की तात्कालिक गणना पर आधारित पद्धति है। इसका उद्देश्य ट्रेडर की मदद करना होता है। फिर चाहे वह ट्रेडर इंट्रा डे हो या फिर शॉर्ट टर्म ट्रेडर। फंडामेंटल एनालिसिस में हम कंपनी की आय, उसके द्वारा दिए गए लाभांश और शोध जैसी बातों को अपने अध्ययन का आधार बना सकते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस में इनमें से कुछ संकेतकों का उपयोग किया जा सकता है लेकिन इसमें मुख्य रूप से कुछ विशेष टूल्स और तकनीक का इस्तेमाल किया जता है। इन विशेष साधनों में एक है चार्ट का अध्ययन। चाटरें के जरिए टेक्निकल एनालिसिस करने वाला ट्रेडर दो अहम चीजों पर ध्यान देता है- पहला प्राइस मूवमेंट और दूसरा शेयर का ट्रेंड। अगर कोई शेयर आपके द्वारा निर्धारित कीमत से दो फीसदी गिर भी जाता है तो मुमकिन है कि वह अपट्रेंड हो। यानी उसमें मुनाफा वसूली या किसी और वजह से थोड़े वक्त के लिए करेक्शन आया हो लेकिन वह जल्द ही फिर से रफ्तार पकड़ सकता है। टेक्निकल एनालिसिस के जरिए हम यह समझने की कोशिश करते हैं कि किस सीमा के बाद कोई शेयर अपनी दिशा बदल सकता है।

टेक्निकल एनालिसिस को समझने व ट्रेड के लिए चार्ट पैटर्न की मदद कैसे ली जाती है: टेक्निकल एनालिसिस में काम आने वाले चार्ट पैटर्न भी कई तरह के होते हैं। जैसे- हेड एंड शोल्डर, डबल टॉप या बॉटम वगैरह। इसके अलावा जो चीज टेक्निकल एनालिसिस में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, वह है मूविंग एवरेज। मूविंग एवरेज पर अलग से चर्चा करेंगे, फिलहाल हम आपको उसका एक परिचय देते चलें। मूविंग एवरेज का अर्थ है कि कोई शेयर किसी खास अवधि में किस औसत भाव के साथ मूव कर रहा था। इसका आकलन लगाने में हम कुछ और तकनीकी बिंदुओं पर गौर कर करते हैं, जैसे, सपोर्ट और रेजिस्टेंस।


आगे की पोस्टो में हम टेक्निकल एनालिसिस के एक एक पहलू पर विस्तार से गौर करेंगे। टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट हम इसके जरिए शेयर के भावों का अर्थशास्त्र समझने की कोशिश करेंगे। लेकिन ये याद रखिए कि एक सफल ट्रेडर के लिए टेक्निकल एनालिसिस का ज्ञान होना जरूरी है तो फंडामेंटल एनालिसिस की समझ भी आवश्यक है। शेयर बाजार में कीमतें किसी एक सिद्धांत के आधार पर तय नहीं होती हैं। यहां सबसे बड़ा नियम टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट है अनिश्चितता का। इसलिए आप बाजार के विश्लेषण की जितनी ज्यादा विधाओं को समझेंगे, आपका एप्रोच और एक्शन उतना ही सटीक होगा।

शेयर ट्रेडिंग में किसी भी ट्रेडर को नुकसान क्यों होता है? सीधा जवाब है- वह एंट्री और एक्जिट के सही भाव का अनुमान लगाने में विफल रहा। अगर सही प्राइस प्वाइंट मिल गया तो फिर समझिए कि मंजिल आधी फतह हो गई।

कैसे पकड़ें शेयर बाजार की नब्ज व जानिए टेक्निकल एनालिसिस का अर्थ

दरअसल अनिश्चितता से भरे शेयर ट्रेडिंग में भावों के उतार-चढ़ाव को समझना ही सबसे बड़ी चुनौती होती है। जो ट्रेडर यह समझते हैं कि मुनाफा कमाना बड़ा लक्ष्य है, वे अक्सर घाटा खाते हैं, जबकि भावों की भाषा को पढ़ने वाले कुल मिलाकर फायदे में रहते हैं, क्योंकि किसी भी शेयर के भावों में ही छिपा रहता है उसका भूत, वर्तमान और भविष्य, बस इसे पढ़ने के लिए सधी और पैनी नजर चाहिए। अब सवाल है कि भावों की भाषा पढ़ी कैसे जाए। इसका एक प्रमुख माध्यम है टेक्निकल एनालिसिस।

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टेक्निकल एनालिसिस का अर्थ है किसी स्टॉक के मार्केट डाटा का सूक्ष्म अध्ययन करके उसकी संभावित कीमत का अनुमान लगाना। इसमें मुख्य रूप से दो बातों पर गौर किया जाता है। भाव और ट्रेडिंग की मात्रा यानी वॉल्यूम। सरल शब्दों में कहा जाए तो टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी स्टॉक की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया। इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। यदि किसी स्टॉक में औसतन रोजाना एक लाख शेयर ट्रेड होते हैं और अगर किसी एक दिन अचानक इनकी तादाद बढ़कर एक लाख 70 हजार हो जाए तो इसका मतलब है कि जरूर उस स्टॉक में कोई हलचल मची है।

टेक्निकल से अलग फंडामेंटल: आगे बढ़ने से पहले हम आपको बता दें कि टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस से अलग है। फंडामेंटल एनालिसिस में जहां हम लंबे निवेश के नजरिए से कंपनी के अतीत और वर्तमान को कसौटी पर कसने की कोशिश करते हैं, वहीं टेक्निकल एनालिसिस मूल रूप से भावों की तात्कालिक गणना पर आधारित पद्धति है। इसका उद्देश्य ट्रेडर की मदद करना होता है। फिर चाहे वह ट्रेडर इंट्रा डे हो या फिर शॉर्ट टर्म ट्रेडर। फंडामेंटल एनालिसिस में हम कंपनी की आय, उसके द्वारा दिए गए लाभांश और शोध जैसी बातों को अपने अध्ययन का आधार बना सकते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस में इनमें से कुछ संकेतकों का उपयोग किया जा सकता है लेकिन इसमें मुख्य रूप से कुछ विशेष टूल्स और तकनीक का इस्तेमाल किया जता है। इन विशेष साधनों में एक है चार्ट का अध्ययन। चाटरें के जरिए टेक्निकल एनालिसिस करने वाला ट्रेडर दो अहम चीजों पर ध्यान देता है- पहला प्राइस मूवमेंट और दूसरा शेयर का ट्रेंड। अगर कोई शेयर आपके द्वारा निर्धारित कीमत से दो फीसदी गिर भी जाता है तो मुमकिन है कि वह अपट्रेंड हो। यानी उसमें मुनाफा वसूली या किसी और वजह से थोड़े वक्त के लिए करेक्शन आया हो लेकिन वह जल्द ही फिर से रफ्तार पकड़ सकता है। टेक्निकल एनालिसिस के जरिए हम यह समझने की कोशिश करते हैं कि किस सीमा के बाद कोई शेयर अपनी दिशा बदल सकता है।

टेक्निकल एनालिसिस को समझने व ट्रेड के लिए चार्ट पैटर्न की मदद कैसे ली जाती है: टेक्निकल एनालिसिस में काम आने वाले चार्ट पैटर्न भी कई तरह के होते हैं। जैसे- हेड एंड शोल्डर, डबल टॉप टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट या बॉटम वगैरह। इसके अलावा जो चीज टेक्निकल एनालिसिस में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, वह है मूविंग एवरेज। मूविंग एवरेज पर अलग से चर्चा करेंगे, फिलहाल हम आपको उसका एक परिचय देते चलें। मूविंग एवरेज का अर्थ है कि कोई शेयर किसी खास अवधि में किस औसत भाव के साथ मूव कर रहा था। टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट इसका आकलन लगाने में हम कुछ और तकनीकी बिंदुओं पर गौर कर करते हैं, जैसे, सपोर्ट और रेजिस्टेंस।


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Sécurité des données

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Types of charts & it's importance of technical analysis- in hindi

किसी भी stock को खरीदने से पहले ट्रेडर उसका technical analysis भी करते हैं। टेक्निकल एनालिसिस के लिये charts की जरूरत होती है। आज की पोस्ट इसी बारे में है कि stock market में ज्यादातर कौन से charts का प्रयोग किया जाता है तथा trading में चार्ट्स का क्या महत्व है ?

Types of chart & its technical importance analysis

एक निश्चित समय की अवधि में मूल्य डेटा के साथ किसी भी एसेट जैसे-शेयर या कमोडिटी आदि का चार्ट बनाकर technical analysis किया जा सकता है। चार्ट डाटा का ग्राफिकल रूप में वर्णन करता है जिसे वह सिम्बल-जैसे कि लाइन Line chart,बार्स Bar chart,कैंडलस्टिक Candlestick chart आदि के द्वारा दर्शाता है। Stock market में मुख्यतः तीन प्रकार के चार्ट का प्रयोग किया जाता है।
चार्ट के बारे में जानने से पहले आपको technical analysis के बारे जानना चाहिए इसमें चार्ट की पास्ट परफोर्मेश के बारे में समझाया जाता है जिसे आधार पर आप equity,derivative तथा currency की भविष्य की चाल का अनुमान लगा सकते हैं। टेक्निकल एनालिसिस के बारे में अधिक जानने के लिए आप ये पोस्ट पढ़ सकते हैं -Stock Analysis kya hai tatha Stock Analysis kaise kren in Hindi

Types of Charts:


यूँ तो चार्ट कई प्रकार के होते हैं परन्तु Stock market ज़्यदातर तीन तरह के चार्ट प्रयोग होते हैं एक Line chart दूसरा Bar chart तीसरा Candlestick chart।

Line Charts:

लाइन चार्ट बहुत ही बेसिक और साधारण stock charts होते हैं जिनका उपयोग technical analysis में किया जाता है। लाइन चार्ट किसी भी शेयर के क्लोजिंग (बंद होने )प्राइस को continuous line के द्वारा दर्शाता है। उपर्युक्त इमेज में लाइन चार्ट का चित्र दिया गया है। लाइन चार्ट के द्वारा आप किसी भी शेयर की कम समय से लेकर लम्बे समय तक की प्राइस मूवमेंट को देख सकते है।

इसके द्वारा आप किसी भी stock का trend पता कर सकते हैं तथा support &resistance पता कर सकते हैं। आप ये भी जान सकते हैं कि कौन सा शेयर कब split हुआ तथा किसने कब dividend दिया, साथ ही आप हिस्टोरिक ट्रेडिंग वॉल्यूम भी जान सकते हैं,किसी भी शेयर की और भी बहुत सी जानकारी आप line chart के प्राप्त कर सकते हैं।

Bar Charts:


बार चार्ट किसी भी शेयर के open,high,low तथा close प्राइस को दर्शाता है। प्राइस बार में जो वर्टीकल लाइन्स होती हैं वह किसी टाइम पीरियड के low तथा high प्राइस को दर्शाती हैं। बार चार्ट में जो होरिजेंटल लाइन्स होती हैं वह शेयर के ओपनिंग और क्लोजिंग प्राइस को दर्शाती हैं। इसे OHLC(open-high-low-close chart) चार्ट भी कहते हैं। इसके द्वारा आप किसी भी stock का आसानी से technical analysis कर सकते है।

Candlestick Charts:

कैंडलस्टिक चार्ट भी कुछ कुछ बार चार्ट की तरह ही होता है यह भी equity,derivative टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट तथा currency की प्राइस मूवमेंट को दर्शाता है। Candlestick chart में प्रत्येक कैंडल एक सेशन की प्राइस मूवमेंट की रेंज को बताती है।

The basic candlestick


Candlestick chart में प्रत्येक कैंडल टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट stocks का उस दिन का हाई,low,ओपनिंग तथा क्लोजिंग प्राइस को दर्शाता है यदि शेयर के बंद होने का प्राइस शेयर के खुलने के प्राइस से ऊपर है तो ग्रीन या वाइट कैंडल बनायीं जाएगी और यदि शेयर के बंद होने का प्राइस शेयर के खुलने के प्राइस के नीचे है तो कैंडलस्टिक ब्लैक या रैड बनायीं जाएगी।
कैंडलस्टिक के खाली या भरे सेक्सन को Real Body कहते हैं। Real Body के ऊपर और नीचे जो पतली लाइन होती है उसे shadow (शैडो) कहते हैं। ऊपर वाली शैडो शेयर के हाई प्राइस को दर्शाता है तथा बॉटम का नीचे वाला शैडो शेयर के law प्राइस को दर्शाता है।
लम्बी रियल बॉडी स्ट्रांग बाइंग तथा सेलिंग को दर्शाती है,जबकि छोटी real body कम मात्रा में (weakness of trend)बाइंग और सेलिंग रुझान को दर्शाती है। कुछ technical analysts का ये विश्वास होता है कि long shadow के बाद ट्रेंड रिवर्स होता है तथा शार्ट शैडो के बाद प्राइस rise होगें।
यदि कैंडलस्टिक की निचली शैडो लम्बी होती है तथा ऊपरी शैडो छोटी होती है तो इसका मतलब सेशन की शुरुआत में सेलर हावी रहेंगे और प्राइस को नीचे गिरा देंगे लेकिन सेशन के end में खरीददार वापसी करेंगे तथा प्राइस को वापस ओपन प्राइस के आस -पास कर देंगे।
बहुत से ट्रेडर इसे candlestick chart को इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि यह समझने में बहुत ही आसान है। यदि शेयर का प्राइस गिर कर बंद होता है तो कैंडलस्टिक ज्यादातर काले या लाल रंग की होती है,तथा यदि शेयर का प्राइस चढ़ कर बंद होता है तो कैंडलस्टिक सफेद या हरे रंग की होती है।
आशा है कि आज की पोस्ट से आपको चार्ट के बारे में काफी जानकारी मिली होगी Stock market में ज्यादातर कैंडलस्टिक चार्ट का उपयोग किया जाता है। Candlestick chart pa ttern के बारे में, मैं अभी और भी पोस्ट लिखुंगी क्योंकि ये काफी बड़ा विषय है।
उम्मीद है आज की प्रेरणादायी पोस्ट आपको जरूर पसंद आयी होगी, ऐसी ही प्रेरणादायी पोस्ट पढ़ने के लिए टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर कीजिये। इस पोस्ट से सम्बन्धित कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर भेजें तथा यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।

ट्रेंडलाइन क्या है? इसका उपयोग कैसे करते है। Trendline kya hai

ट्रेंडलाइन ( Trendline) खींचने के लिए किसी भी स्टॉक के चार्ट में हमे ये देखना पड़ेगा की 2 बार प्राइस ने हायर हाई,या लोअर लोज कहा पे बनाया है। बस हमारा काम होगा हमको उन दोनो जगाओ को एक लाइन के जरिए जोड़ना है। और इसी लाइन को अंगे तक खींच देना है ताकी हमे आगे आने वाले समय में स्टॉक यहां सपोर्ट या रेजिस्टेंस लेगा ये पता चल सके।

नीचे दिए गए चित्र में आप लोग ट्रेंडलाइन ( Trendline)को देख सकते है।

ट्रेंडलाइन क्या है? इसका उपयोग कैसे करते है। Trendline kya hai

ट्रेंडलाइन (Trendline) के उपयोग :

ट्रेंडलाइन (Trendline) के कई सारे उपयोग है जिनमे से कुछ इस प्रकार है।

ट्रेंडलाइन (Trendline) से किसी भी स्टॉक में एंट्री था एग्जिट करने में आसानी होती है

ट्रेंडलाइन (Trendline) से हम टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट किसी भी स्टॉक का ट्रेंड पता लगा सकते हैं।

ट्रेंडलाइन (Trendline) से हमे सपोर्ट और रेजिस्टेंस का पता चलता है

ट्रेंडलाइन (Trendline) से हमे फ्यूचर प्राइस एक्शन की जानकारी मिलती है।

ट्रेंडलाइन ( Trendline)टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाला एक महत्वपूर्ण टूल है जिसकी सहायता से किसी भी शेयर के प्राइस का वर्तमान दिशा निर्धारण में मदद करता है। ट्रेंडलाइन ( Trendline) सभी टाइम फ्रेम में परफेक्ट तरीके से कार्य करता है। इसका उपयोग आप लोग इंट्राडे,स्विंग तथा लॉन्ग टर्म होल्डिंग के लिए भी कर सकते है।

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