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बचपन में हम स्कूल में आने के पहले कई तरह की तुकबंदिया सीखते हैं। घर, परिवार, मोहल्ले में, हमारे बचपन के कई खेल बेहतरीन तुकबंदियों के साथ खेले जाते हैं, कहने का आशय यह है कि कविता बचपन का एक मजेदार अनुभव है और आगे चलकर यह प्रक्रिया धीरे-धीरे सीखना-सिखाने में मदद करती है – चीजों को याद रखना, भाषा विकास, तुकबन्दी, नए शब्द सीखना, एक निश्चित क्रम में नपे तुले शब्दों का प्रयोग करते हुए अपनी बात कहना आदि। कविता डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? बच्चों के सीखने-सिखाने के तरीकों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
कविता करवाते समय आप हावभाव और अभिनय के साथ कविता करवायें और बच्चों को भी इसी तरह से करने के लिए प्रेरित करें।
कविता जितनी अच्छी लय से गाई जाएगी, दोहराई जाएगी उतनी ही जल्दी बच्चों को याद भी होगी और बच्चे मजे से गायेंगे।
(3) कविता बदलना एवं बनाना –
कभी कभी आपने देखा होगा कि बच्चे, कविता -गाते-गाते कविता की धुन में कुछ नया गाने लगते हैं या कविता नई बनाकर उसी धुन में गाने लगते हैं।
कई कविताएँ ऐसी होती हैं जिन्हें आसानी से आगे बढ़ाया – जा सकता है, बच्चे कई बार सहज ही कविताओं को आगे बढ़ाते हैं। इस संग्रह में कई कविताएँ ऐसी है जिन्हें आगे बढ़ाया जा सकता है।
(5) कविता से पढ़ना सीखना –
आप जब भी कविता करवा रहे हों। बच्चों को समूहों में कविता संग्रह दे दें और बच्चों को कविता के नीचे अंगुली फिराने को कहें। जब आप कविता गा रहें हों तो बच्चे अपने संग्रह में उसी कविता की पंक्ति पर अंगुली फेर रहे हों। इससे बच्चे उन शब्दों से परिचित होंगे जो वो गा रहे हैं और धीरे-धीरे वे शब्द पहचान कर पढ़ने की ओर प्रेरित होंगे। ध्यान रहे कि यह गतिविधि थोड़े समय बाद करनी है।
SBI में जिनका बैंक खाता है, उनके लिए बड़ी डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? खबर, खाते से सरकार काट रही है 147 रुपए
जिन लोगों के बैंक खाते स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में हैं, वे डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? अपने खाते से पैसे कटने की शिकायत कर रहे हैं। इस संबंध में सोशल मीडिया पर भी कई तरह के मैसेज चल रहे हैं। इसके पीछे अलग-अलग कारण भी बताए जा रहे हैं।
यह है पूरी कहानी
वर्तमान में सभी बैंक अपने ग्राहकों को कुछ न कुछ एक्स्ट्रा सर्विस दे रहे हैं। इसके बदले में वे सालाना एक निश्चित राशि भी लेते हैं। इसके बारे में ग्राहक को पहले ही बता भी दिया जाता है। इस दिनों बहुत से ग्राहक अपने बैंक खाते से पैसे कटने की शिकायत कर रहे हैं। उसके पीछे भी यही कारण है।
दरअसल एसबीआई सहित सभी बैंक डेबिट कार्ड या ATM Card उपलब्ध करवाने के लिए एक सालाना फीस वसूलते हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया इसके लिए लगभग 147 रुपए प्रत्येक वर्ष वसूलता है। इन दिनों बैंक इसी फीस को काट रहा है। हालांकि कार्ड के प्रकार पर भी यह फीस निर्भर करती है। इसलिए कहीं-कहीं पर इसमें अंतर आ सकता है।
इसलिए 147 रुपए काटे जा रहे हैं
बैंक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार एसबीआई हर वर्ष मैंटेनेंस और सर्विस चार्ज के रूप में 125 रुपए वसूलता है। इस चार्ज पर 18 फीसदी GST भी ग्राहकों को ही देना होता है। इस तरह 125 रुपए पर 18 फीसदी चार्ज यानि 22.5 रुपए मिलाकर कुल 147.50 रुपए होते हैं जो ग्राहकों को बैंक को देने होते हैं।
147.50 रुपए के बदले में आपको ये सुविधाएं भी मिलती हैं
यदि आपके भी हर वर्ष 147.5 रुपए कटते हैं तो निराश न हो, बल्कि इसके साथ मिलन वाली दूसरी सुविधाओं के बारे में भी जानें जो बिल्कुल फ्री मिलती है। डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है? उदाहरण के लिए हर डेबिट कार्ड के साथ व्यक्ति को 5 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस भी मिलता है। इस इंश्योरेंस के तहत किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर व्यक्ति क्लेम कर सकता है।
कई अन्य चार्ज भी देने होते हैं
यहां आपको बता दें कि यह सिर्फ एटीएम और बैंक खाते के मैंटीनेंस चार्जेज हैं। यदि आपने बैंक की दूसरी सर्विसेज भी ली हुई है तो उसके लिए भी आपको एक्स्ट्रा चार्ज देना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए यदि आपने बैंक में लॉकर लिया हुआ है, या डीमैट अकाउंट खुलवाया है तो उसके लिए आपको अलग से चार्ज देना होगा। यह अलग चार्ज उन सुविधाओं के हिसाब से देय होगा।
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