मैन्युअल रूप से स्ट्राइक मूल्य का चयन करना

What is fat finger: एक गलत key दबी और उड़ गए 250 करोड़ रुपये, जानिए क्या होता है Fat Finger

एनएसई (NSE) पर फैट फिंगर (Fat finger) के कारण एक ट्रेडर को 200 से 250 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया। यह देश में अब तक की सबसे बड़ी ट्रेडिंग मिस्टेक (biggest trade mistake) है। इससे पहले भी इस तरह के कई वाकये हो चुके हैं। जानिए क्या होता है फैट फिंगर और क्या है इससे बचने के उपाय..

Fat finger trade

यह देश में अब तक की सबसे बड़ी ट्रेडिंग मिस्टेक है।

fat finger trade

माउस से मिसक्लिक करने या गलत key दबाने से होने वाली गलती को फैट फिंगर ट्रेड (Fat finger trade) कहा जाता है। उदाहरण के लिए अगर कोई ट्रेडर 1010 रुपये के भाव पर एक लाख शेयर बेचता है जबकि उस समय मार्केट प्राइस 1100 रुपये हे तो उसे 90 लाख रुपये का नुकसान होगा। यानी बेचने वाले को भारी घाटा होगा और दूसरे लोगों की चांदी हो जाएगी। 2014 में एक जापानी एक्सचेंज में फैट फिंगर के कारण 600 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। 2018 में डॉयचे बैंक में कई अकाउंट्स में गलत ट्रांसफर से 28 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। देश में अक्टूबर 2012 में निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट्स में फैट फिंगर के कारण Emkay Global के एक ट्रेडर को 60 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

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राजस्व विभाग ने 8200 करोड़ रुपये टैक्स चोरी का खुलासा किया, BSE से जुड़ा है मामला

 बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज

आयकर विभाग ने पिछले महीने सेबी (SEBI) को एक प्रारभिंक रिपोर्ट भेजी थी जिसमें में लगभग 20,000 ऐसे लाभार्थियों की पहचान क . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 19, 2020, 19:08 IST

नई दिल्ली. राजस्व विभाग (Revenue Department) ने 8,200 करोड़ रुपये की कर चोरी का खुलासा किया है. कई व्यक्तियों और संस्थाओं पर बीएसई के विकल्पों में बड़ा उलटफेर कर टैक्स चोरी (Tax Evasion) को अंजाम देने का आरोप है. शेयर दलालों और प्रवेश ऑपरेटरों के एक समूह को इस घोटालों के पीछे का बड़ा कारण बताया है. आयकर विभाग (Income Tax Department) ने देश के प्रमुख शहरों में 22 ब्रोकरेज हाउस का पता लगाया है. पश्चिम बंगाल में इनकी संख्या सबसे अधिक बताई जा रही है.

आयकर विभाग ने पिछले महीने सेबी (SEBI) को एक प्रारभिंक रिपोर्ट भेजी थी जिसमें में लगभग 20,000 ऐसे लाभार्थियों की पहचान की गई थी, जिसके आधार पर इस घोटाले का पता चला है. जुलाई 2019 में आयकर विभाग ने ऑपरेशन फॉल्कोन के जरिए इन सभी लाभार्थियों का पता लगाया था. इसमें देश के अन्य शहरों से 22 ब्रोक्रेज ऑफिस का खुलासा हुआ था. इसमें मुंबई, कोलकाता, कानपुर, हैदराबाद और राष्टीय राजधानी क्षेत्र शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, बीईसी ऐसी किसी रिपोर्ट और किसी जानकारी से अवगत नहीं है. बीएसई ने इसपर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

ब्रोकर्स ने कबूला जुर्म
आयकर विभाग की पूछताछ के दौरान कई ब्रोकर्स ने एफ एंड ओ सेजमेंट (F&O) में टैक्स चोरी के जुर्म को कबूला है और इसमें अपनी 2 से 3 फीसदी हिस्सेदारी की बात कही है. छापे के दौरान विभाग ने पाया है कि इस घोटाले के पीछे शेयर दलाल और प्रवेश ऑपरेटर हैं जो पैसों के बदले में विभिन्न संस्थाओं के लाभ/हानि का रिकॉर्ड रखते हैं. बता दें कि एंट्री ऑपरेटर वे हैं जो बिल जनरेट करके लाभ और हानि के चालान प्रदान करते हैं।

सेबी भी जांच में शामिल
घोटाले की जांच को और प्रभावी बनाने के लिए आयकर विभाग, पूंजी बाजार नियामक प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ मिलकर काम कर रहा है। पश्चिम बंगाल में एक स्रोत के मुताबिक, दलालों का एक समूह स्थानीय मशीनरी से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ था। दरअसल, कई दलालों ने आयकर विभाग के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई थी जिन्होंने दिसंबर 2019 में इन दलालों के यहां तलाशी ली थी.

विकल्पों पर कैसे होता काम है ?
आमतौर पर विकल्पों को अंतर्निहित लाभांश की स्थिति में बेचा जाता है. लेकिन, उलटफेर के पहले चरण में विकल्पों को अनुचित रूप से कम कीमत पर बेचा गया और कभी-कभी इन्हें आंतरिक मूल्य से भी कम में बेचा गया. सामान्य स्थिति में इनका कम से कम मूल्य विकल्प के आंतरिक मूल्य के बराबर होता है. दूसरे चरण में, कारोबारी दिनों में उसी विकल्प को बिक्री मूल्य की तुलना में काफी अधिक कीमत पर उसी इकाई द्वारा वापस खरीदा जाता है.

विकल्प, विकल्प लेखक, इन-द-मनी, आउट-ऑफ-द-मनी
विकल्प वित्तीय साधन हैं जो स्टॉक जैसे अंतर्निहित प्रतिभूतियों के मूल्य के आधार पर व्यूत्पन्न होते हैं। एक विकल्प अनुबंध खरीदार को खरीदने या बेचने का अवसर प्रदान करता है. लेखक (Writer) जिसे अनुदाता भी कहते हैं, एक विकल्प का विक्रेता होता है जो खरीदार से प्रीमियम भुगतान लेता है. राइटर्स कॉल या पुट ऑप्शन को बेच सकते हैं जो कवर या अनकवर्ड हो सकते हैं। यदि बाजार मूल्य स्ट्राइक प्राइस से अधिक है तो पैसा, कॉल विकल्प में है और यदि बाजार मूल्य स्ट्राइक प्राइस से कम हो तो पैसा पुट ऑप्शन में होता है. एक विकल्प इन दोनों अवस्थाओं से बाहर का भी होता है.

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IQ option प्लेटफॉर्म पर एफएक्स ऑप्शन क्या हैं?

 IQ Option पर एफएक्स ऑप्शन क्या हैं

IQ Option पर एफएक्स ऑप्शन क्या हैं

एफएक्स ऑप्शन मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं । कॉल ऑप्शन आपको एसेट खरीदने का अधिकार देता है। ऑफ पुट ऑप्शन आपको एसेट बेचने का अधिकार देता है।

 IQ Option पर पुट और कॉल ऑप्शन

IQ Option पर पुट और कॉल ऑप्शन

IQ option पर एफएक्स ऑप्शन का ट्रेड कैसे करें?

मेनू के दाईं ओर अपने निवेश की मात्रा लिखें।

निवेश की राशि का चयन

निवेश की राशि का चयन

उस समाप्ति समय का चयन करें जब समय बटन दबाने से ऑप्शन अनुबंध समाप्त हो जाए।

समाप्ति समय का चयन करना

समाप्ति समय का चयन करना

समाप्ति समय को चार्ट पर लाल ठोस रेखा द्वारा दिखाया गया है।

समाप्ति समय - लाल रेखा

समाप्ति समय - लाल रेखा

एफएक्स ऑप्शन के लिए स्ट्राइक प्राइस का चयन करना

अब स्ट्राइक प्राइस चुनें। स्ट्राइक प्राइस एसेट का एक निर्धारित मूल्य होता है, जिस पर इसे ऑप्शन के इस्तेमाल की स्थिति में खरीदा या बेचा जा सकता है । स्ट्राइक की कीमतें सफेद रंग में और चार्ट के साथ इंगित की जाती हैं।

स्ट्राइक प्राइस का चयन करना

स्ट्राइक प्राइस का चयन करना

स्ट्राइक प्राइस के आगे, आप लाभप्रदता पैमाने को देख सकते हैं। चुने हुए स्ट्राइक प्राइस पर संभावित लाभ की जांच करने हेतु बाई पोज़िशन कॉल ऑप्शन के लिए उच्च बटन या सेल पोजीशन पुट ऑप्शन के लिए निम्न बटन पर माउस ले जाएं। हरा पैमाना आपके लाभ का संकेत देगा, जबकि लाल आपके नुकसान को दर्शाएगा।

कॉल और पुट ऑप्शन के लिए लाभप्रदता पैमाने को पढ़ना

कॉल और पुट ऑप्शन के लिए लाभप्रदता पैमाने को पढ़ना

आप मैन्युअल रूप से स्ट्राइक चुनते हैं, जिससे प्राइस बैंड का आकार प्रभावित होता है। मूल्य की दिशा चुनें। यदि आपको लगता है कि कीमत बढ़ जाएगी, तो उच्च पर क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि कीमत कम हो जाएगी, तो निम्न पर क्लिक करें।

मैन्युअल रूप से स्ट्राइक मूल्य का चयन करना

मैन्युअल रूप से स्ट्राइक मूल्य का चयन करना

समय समाप्ति से पहले लाभ / हानि कैसे तय करें?

आप समय से पूर्व ऑप्शन को बेच सकते हैं और समाप्ति समय से पहले अपने लाभ या हानि को ठीक कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए इन सेल बटन को दबाएँ।

समय समाप्ति से पहले ऑप्शन को बंद करना

समय समाप्ति से पहले ऑप्शन को बंद करना

राजस्व विभाग ने 8200 करोड़ रुपये टैक्स चोरी का खुलासा किया, BSE से जुड़ा है मामला

 बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज

आयकर विभाग ने पिछले महीने सेबी (SEBI) को एक प्रारभिंक रिपोर्ट भेजी थी जिसमें में लगभग 20,000 ऐसे लाभार्थियों की पहचान क . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 19, 2020, 19:08 IST

नई दिल्ली. राजस्व विभाग (Revenue Department) ने 8,200 करोड़ रुपये की कर चोरी का खुलासा किया है. कई व्यक्तियों और संस्थाओं पर बीएसई के विकल्पों में बड़ा उलटफेर कर टैक्स चोरी (Tax Evasion) को अंजाम देने का आरोप है. शेयर दलालों और प्रवेश ऑपरेटरों के एक समूह को इस घोटालों के पीछे का बड़ा कारण बताया है. आयकर विभाग (Income Tax Department) ने देश के प्रमुख शहरों में 22 ब्रोकरेज ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? हाउस का पता लगाया है. पश्चिम बंगाल में इनकी संख्या सबसे अधिक बताई जा रही है.

आयकर विभाग ने पिछले महीने सेबी (SEBI) को एक प्रारभिंक रिपोर्ट भेजी थी जिसमें में लगभग 20,000 ऐसे लाभार्थियों की पहचान की गई थी, जिसके आधार पर इस घोटाले का पता चला है. जुलाई 2019 में आयकर विभाग ने ऑपरेशन फॉल्कोन के जरिए इन सभी लाभार्थियों का पता लगाया था. इसमें देश के अन्य शहरों से 22 ब्रोक्रेज ऑफिस का खुलासा हुआ था. इसमें मुंबई, कोलकाता, कानपुर, हैदराबाद और राष्टीय राजधानी क्षेत्र शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, बीईसी ऐसी किसी रिपोर्ट और किसी जानकारी से अवगत नहीं है. बीएसई ने इसपर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

ब्रोकर्स ने कबूला जुर्म
आयकर विभाग की पूछताछ के दौरान कई ब्रोकर्स ने एफ एंड ओ सेजमेंट (F&O) में टैक्स चोरी के जुर्म को कबूला है और इसमें अपनी 2 से 3 फीसदी हिस्सेदारी की बात कही है. छापे के दौरान विभाग ने पाया है कि इस घोटाले के पीछे शेयर दलाल और प्रवेश ऑपरेटर हैं जो पैसों के बदले में विभिन्न संस्थाओं के लाभ/हानि का रिकॉर्ड रखते हैं. बता दें ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? कि एंट्री ऑपरेटर वे हैं जो बिल जनरेट करके लाभ और हानि के चालान प्रदान करते हैं।

सेबी भी जांच में शामिल
घोटाले की जांच को और प्रभावी बनाने के लिए आयकर विभाग, पूंजी बाजार नियामक प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ मिलकर काम कर रहा है। पश्चिम बंगाल में एक स्रोत के मुताबिक, दलालों का एक समूह स्थानीय मशीनरी से अच्छी ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? तरह से जुड़ा हुआ था। दरअसल, कई दलालों ने आयकर विभाग के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई थी जिन्होंने दिसंबर 2019 में इन दलालों के यहां तलाशी ली थी.

विकल्पों पर कैसे होता काम है ?
आमतौर पर विकल्पों को अंतर्निहित लाभांश की स्थिति में बेचा जाता है. लेकिन, उलटफेर के पहले चरण में विकल्पों को अनुचित रूप से कम कीमत पर बेचा गया और कभी-कभी इन्हें आंतरिक मूल्य से भी कम में बेचा गया. सामान्य स्थिति में इनका कम से कम मूल्य विकल्प के आंतरिक मूल्य के बराबर होता है. दूसरे चरण में, कारोबारी दिनों में उसी विकल्प को बिक्री मूल्य की तुलना में काफी अधिक कीमत पर उसी इकाई द्वारा वापस खरीदा जाता है.

विकल्प, विकल्प लेखक, इन-द-मनी, आउट-ऑफ-द-मनी
विकल्प वित्तीय साधन हैं जो स्टॉक जैसे अंतर्निहित प्रतिभूतियों के मूल्य के आधार पर व्यूत्पन्न होते हैं। एक विकल्प अनुबंध खरीदार को खरीदने या बेचने का अवसर प्रदान करता है. लेखक (Writer) जिसे अनुदाता भी कहते हैं, एक विकल्प का विक्रेता होता है जो खरीदार से प्रीमियम भुगतान लेता है. राइटर्स कॉल या पुट ऑप्शन को बेच सकते हैं जो कवर या अनकवर्ड हो सकते हैं। यदि बाजार मूल्य स्ट्राइक प्राइस से अधिक है तो पैसा, कॉल विकल्प में है और यदि बाजार मूल्य स्ट्राइक प्राइस से कम हो तो पैसा पुट ऑप्शन में होता है. एक विकल्प इन दोनों अवस्थाओं से बाहर का भी होता है.

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एनएसई (NSE) पर फैट फिंगर (Fat finger) के कारण एक ट्रेडर को 200 से 250 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया। यह देश में अब तक की सबसे बड़ी ट्रेडिंग मिस्टेक (biggest trade mistake) है। इससे पहले भी इस तरह के कई वाकये हो चुके हैं। जानिए क्या होता है फैट फिंगर और क्या है इससे बचने के उपाय..

Fat finger trade

यह देश में अब तक की सबसे बड़ी ट्रेडिंग मिस्टेक है।

fat finger trade

माउस से मिसक्लिक करने या गलत key दबाने से होने वाली गलती को फैट फिंगर ट्रेड (Fat finger trade) कहा जाता है। उदाहरण के लिए अगर कोई ट्रेडर 1010 रुपये के भाव पर एक लाख शेयर बेचता है जबकि उस समय मार्केट प्राइस 1100 रुपये हे तो उसे 90 लाख रुपये का नुकसान होगा। यानी बेचने वाले को भारी घाटा होगा और दूसरे लोगों की चांदी हो जाएगी। 2014 में एक जापानी एक्सचेंज में फैट फिंगर के कारण 600 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। 2018 में डॉयचे बैंक में कई अकाउंट्स में गलत ट्रांसफर से 28 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। देश में अक्टूबर 2012 में निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट्स में फैट फिंगर के कारण Emkay Global के एक ट्रेडर को 60 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

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