यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है

अपनी उंगलियों पर दैनिक लाइव विदेशी मुद्रा संकेत

विदेशी मुद्रा संकेत, या "व्यापारिक विचार" यह है कि हम कैसे विदेशी मुद्रा व्यापारी बाजार में अपना जीवन यापन करते हैं। हमारे तकनीकी विश्लेषक हर दिन सर्वोत्तम उच्च संभावना व्यापार व्यवस्था की तलाश करते हैं। हम सभी विश्लेषण करते हैं ताकि आपको चार्ट से बंधे न रहना पड़े।

अंदर विदेशी मुद्रा व्यापार कक्ष, हमारे व्यापारी विदेशी मुद्रा संकेतों और व्यापारिक विचारों को साझा करेंगे जो वे प्रत्येक दिन विशिष्ट के साथ ले रहे हैं एंट्री प्राइस, स्टॉप लॉस, टेक प्रॉफिट टारगेट, और जब वे लाभ ले रहे हों, जोखिम कम कर रहे हों, या व्यापार से पूरी तरह से बाहर निकल रहे हों, तो अपडेट।

इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे विश्लेषक आपको लाइव वीडियो और चार्ट विश्लेषण के माध्यम से गहराई से स्पष्टीकरण प्रदान करेंगे क्यों वे व्यापार ले रहे हैं, क्यों वे कुछ निश्चित मूल्य स्तर चुन रहे हैं, और कैसे आप उन्हें अपने दम पर पहचान सकते हैं। हमारा लक्ष्य आपको यह सिखाना है कि हम कीमत में देखे जाने वाले इन आवर्ती पैटर्नों को कैसे ढूंढते हैं, ताकि आप एक बेहतर और अधिक सुसंगत व्यापारी बन सकें।

2015 से हमारा पिछला प्रदर्शन

पिछले परिणाम

ट्रेडिंग रूम

विदेशी मुद्रा सिग्नल क्या हैं?

विदेशी मुद्रा सिग्नल या 'व्यापार विचार' यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है व्यापार सेटअप हैं जो आपके अनुसरण के लिए एक उच्च संभावना और अच्छे जोखिम-से-पुरस्कार परिदृश्य प्रदान करते हैं। वे विशिष्ट प्रवेश मूल्य, टेक यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है प्रॉफिट (टीपी) लक्ष्य और स्टॉप लॉस (एसएल) प्रदान करते हैं। एक प्रवेश मूल्य वह है जहां हम व्यापार में प्रवेश करते हैं। टेक प्रॉफिट वह कीमत है जिसके बारे में हमें विश्वास है कि कीमत जाएगी, और स्टॉप लॉस वह है जहां हम अपने नुकसान को कम करते हैं यदि व्यापार हमारे अनुसार नहीं होता है। विदेशी मुद्रा व्यापार संभावनाओं का एक खेल है, और हालांकि नुकसान खेल का हिस्सा हैं, क्या मायने रखता है कि हमारे जीतने वाले व्यापार हमारे नुकसान से अधिक हैं, जो हमने 2015 से किया है।

फॉरेक्स सिग्नल किसके लिए हैं?

किसी भी अनुभव स्तर पर व्यापारियों के लिए विदेशी मुद्रा संकेत बहुत अच्छे हैं। शुरुआती से मध्यवर्ती से उन्नत व्यापारियों तक, विदेशी मुद्रा संकेत विभिन्न तरीकों से उपयोगी हो सकते हैं। लेकिन आम तौर पर वे उन लोगों के लिए सबसे उपयोगी होते हैं जिनके पास पूरे दिन मूल्य चार्ट की निगरानी के लिए बहुत समय नहीं होता है। हम आपको विदेशी मुद्रा संकेत के रूप में बाजार में दिखाई यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है देने वाले सेटअप भेजकर चार्ट के सामने समय बचाने में आपकी सहायता करते हैं। यदि आप निम्न में से किसी भी श्रेणी में आते हैं तो आप हमारे विदेशी मुद्रा संकेतों का उपयोग कर सकते हैं:

शुरुआती व्यापारी:

आपके पास कोई अनुभव नहीं है और आप ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं। या शायद आप व्यापार के लिए अपेक्षाकृत नए हैं और अभी भी चीजों का पता लगा रहे हैं। हमारे विदेशी मुद्रा संकेत आपके व्यापार के लिए एक 'सेट और भूल जाओ' समाधान प्रदान करेंगे। हालाँकि, यह अकेले आपको एक अच्छा व्यापारी बनने में मदद नहीं करेगा। यह केवल आपको चार्ट देखने और ट्रेड करने की आदत डालने में मदद करेगा। यह आपको यह भी सिखाएगा कि समान व्यापार व्यवस्थाओं का पता कैसे लगाया जाए।

हारने वाला व्यापारी:

आप 3-12 महीनों से, या शायद अधिक समय से व्यापार कर रहे हैं (या व्यापार करने की कोशिश कर रहे हैं)। आप अभी भी एक अच्छी ट्रेडिंग रणनीति की तलाश में हैं जो आपके लिए काम करेगी। हमारे विदेशी मुद्रा संकेत आपको इस बात का बोध कराएंगे कि हम अपने लक्ष्य कहां निर्धारित करना चाहते हैं और नुकसान को रोकना चाहते हैं, साथ ही दिन के समय में हम एक व्यापार में प्रवेश करना चाहते हैं।

हमारी शैक्षिक पुस्तकालय आपको यह भी सिखाएगी कि एक पेशेवर की तरह चार्ट कैसे बनाया जाए। आप सीखेंगे कि मार्केट स्ट्रक्चर ब्रेक जैसे पैटर्न की पहचान कैसे करें, और तरलता पर आकर्षित करें। आप सीखेंगे कि अपने व्यापार में अच्छा जोखिम प्रबंधन कैसे लागू करें और अपनी पूंजी का प्रबंधन कैसे करें ताकि आप अपना खाता उड़ा सकें।

ब्रेक-ईवन ट्रेडर:

आपके पास 1-3 साल का ट्रेडिंग अनुभव है। हालांकि, आपको अभी तक एक वास्तविक व्यापारिक बढ़त नहीं मिली है और आप अपनी रणनीतियों के साथ लगातार लाभप्रद हैं। हम आपको यह दिखाने में मदद करेंगे कि प्रो ट्रेडर्स फॉरेक्स सिग्नल में क्या खोजते हैं और विश्लेषण भी जो इसका समर्थन करता है।

हमारी एजुकेशनल लाइब्रेरी आपको कई टिप्स और ट्रिक्स भी दिखाएगी जिन्हें आप अपनी ट्रेडिंग रणनीति में लागू कर सकते हैं जो आपको उच्च संभावना वाले ट्रेड सेटअप प्रदान करेंगे। आपको लाभदायक ट्रेडर टियर में धकेलने के लिए बस थोड़ी और चटनी की आवश्यकता है।

लाभदायक व्यापारी:

आप पहले से ही एक निरंतरता और लाभदायक व्यापारी बनने की स्थिति हासिल कर चुके हैं, लेकिन आप जानते हैं कि सुधार के लिए हमेशा जगह है। हो सकता है कि आप स्मार्ट मनी ट्रेडिंग अवधारणाओं के साथ अपनी बढ़त में सुधार करना चाह रहे हों। या आप चार्ट पर समय बचाने में मदद करने के लिए विदेशी मुद्रा संकेतों के एक विश्वसनीय स्रोत की तलाश कर रहे हैं।

विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) अथवा संक्षेप में फेमा पूर्व में विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) के प्रतिस्थापन के रूप में शुरू किया गया है । फेमा ०१ जून, २००० को अस्तित्व में आया । विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) का मुख्य उद्देश्य बाहरी व्यापार तथा भुगतान को सरल बनाने के उद्देश्य तथा भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के क्रमिक विकास तथा रखरखाव के संवर्धन के लिए विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून को समेकित तथा संशोधन करना है । फेमा भारत के सभी भागों के लिए लागू है । यह अधिनियम भारत के बाहर की स्वामित्व वाली अथवा भारत के निवासी व्यक्ति के नियंत्रण वाली सभी शाखाओं, कार्यालयों तथा एजेन्सियों के लिए लागू है ।. और अधिक

Goi Web Directory

Digital India

National Portal

My GOV

Incredible India

Election Commission of India

Data Gov

Website Content Owned and Managed by Department for Promotion of Industry and Internal Trade, Ministry of Commerce and Industry, Government of India Designed, Developed and Hosted by National Informatics Centre( NIC ) Last Updated: 20 Jun 2017

दुनियाभर के बिजनेस को लुभाने के लिए RBI ने चली नई चाल

दुनियाभर के बिजनेस को लुभाने के लिए RBI ने चली नई चाल

केंद्रीय बैंक के अनुसार, इस कदम से भारत से निर्यात को गति मिलेगी. दुनियाभर में भारतीय बिजनेस का डंका बजेगा. इसके साथ ही घरेलू मुद्रा में वैश्विक व्यापारिक समुदाय की बढ़ती रुचि का समर्थन मिलेगा. RBI ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर है.

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI) ने सोमवार को घरेलू व्यापारियों के लिए आयात और निर्यात (Import-Export) का निपटान "रुपये" में करने की व्यवस्था की घोषणा की. विशेषज्ञों ने इसका उद्देश्य प्रतिबंधों से प्रभावित रूस के साथ व्यापार को सुविधाजनक बनाना बताया है.

केंद्रीय बैंक के अनुसार, इस कदम से भारत से निर्यात को गति मिलेगी. दुनियाभर में भारतीय बिजनेस का डंका बजेगा. इसके साथ ही घरेलू मुद्रा में वैश्विक व्यापारिक समुदाय की बढ़ती रुचि का समर्थन मिलेगा. RBI ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर है. और 2021-22 में रूस के साथ भारत का व्यापार 13.1 अरब डॉलर का था.

विशेषज्ञों ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के बीच लेनदेन में तेजी आएगी.

प्रतिबंधों के बाद, किसी भी रूसी इकाई को पेमेंट, जिनमें वे भी शामिल हैं जिन्हें स्वीकृत नहीं किया गया है, में सामान्य से अधिक समय लग रहा है.

एक मीडिया रिपोर्ट में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के अध्यक्ष ए. शक्तिवेल के हवाले से कहा गया है कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (Foreign Exchange Management Act) के मौजूदा प्रावधानों के तहत, नेपाल और भूटान को छोड़कर अंतिम निपटान मुक्त विदेशी मुद्रा में होना चाहिए. शक्तिवेल ने कहा कि अब, अगर आरबीआई ने मंजूरी दे दी, तो सभी देशों के लिए अंतिम समझौता भारतीय रुपये में हो सकता है.

वहीं, प्राइवेट सेक्टर बैंक के एक सीनियर बैंकर ने कहा, "रूसी बैंकों को यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है भारत में वोस्ट्रो अकाउंट (Vostro account) खोलना होगा, और जब भी एक्सपोर्ट/इंपोर्ट होता है, तो लेनदेन के आधार पर उस अकाउंट को डेबिट या क्रेडिट किया जाएगा. यह केवल उन बैंकों के लिए है जो OFAC प्रतिबंध सूची का हिस्सा नहीं हैं."

rbi

यूएस ऑफिस ऑफ फॉरेन एसेट्स कंट्रोल (US Office of Foreign Assets Control - OFAC) द्वारा फरवरी में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद प्रतिबंधों को लागू किया गया था. भारतीय बैंकों को लंबे समय से उम्मीद थी कि सरकार और आरबीआई एक वैकल्पिक पेमेंट सिस्टम पर काम करेंगे, जैसा कि यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है 2012 में और फिर 2018 में ईरान पर प्रतिबंध लगाए जाने पर किया गया था.

एक और बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा, "जहां तक ​​भारत का संबंध है, यह एक अच्छा कदम है. चूंकि हम निर्यात से अधिक आयात करते हैं, इसलिए हम नई व्यवस्था के तहत विदेशी मुद्रा की बचत करेंगे. उदाहरण के लिए, सामान्य परिस्थितियों में, हमें तेल खरीद के लिए रूस को डॉलर में भुगतान करना पड़ता था, जो अब रुपये-रूबल मार्ग के माध्यम से किया जा सकता है.”

इस पहल के तहत, भारतीय आयातक (importers) रुपये में भुगतान करेंगे, जिसे भागीदार देश के कॉरेसपोंडेट बैंक के वोस्ट्रो अकाउंट में जमा किया जाएगा. इसी तरह, भारतीय निर्यातकों (exporters) को भागीदार देश के वोस्ट्रो अकाउंट में शेष राशि से निर्यात आय का भुगतान रुपये में किया जाएगा.

इंडस्ट्री के विशेषज्ञों ने कहा कि इससे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम होगा, यह रुपये में व्यापार की अनुमति देने के कदम का सीधा लाभ है. इसके अलावा, इस व्यापार समझौता मार्ग के खुलने से पता चलता है कि भारत के व्यापारिक भागीदार के रूप में रूस के महत्व को पश्चिमी देशों से लिंक काटने के बढ़ते दबाव के सामने है. बैंकरों का मानना ​​​​है कि यह मार्ग फिलहाल रूस तक ही सीमित रहेगा, और यह संभावना नहीं है यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है कि अन्य बड़े व्यापार भागीदार रुपये में लेनदेन का निपटान करना पसंद करेंगे.

अन्य लोगों ने इसे विदेशी मुद्रा प्रवाह को बढ़ाने और रुपये को स्थिर करने के एक कदम के रूप में पिछले सप्ताह आरबीआई की घोषणाओं के विस्तार के रूप में देखा.

बार्कलेज (Barclays) के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि उपायों का उद्देश्य मुख्य रूप से चालू खाते (current account) से संबंधित व्यापार प्रवाह के निपटान उद्देश्यों के लिए विदेशी मुद्रा की मांग को कम करना है.

Barclays के अर्थशास्त्रियों ने सोमवार को ग्राहकों को एक नोट में कहा, “नया कदम भारतीय निर्यातकों और आयातकों को रुपये में मूल्यवर्ग के विशेष वोस्ट्रो अकाउंट्स का उपयोग करने की अनुमति देता है. ताकि उनके रुपये-मूल्य वाले व्यापार चालान का निपटान किया जा सके. यह कदम पड़ोसी देशों के लिए विशेष रूप से उपयोगी हो सकता है, और वे देश अपने निपटान नियमों में व्यापार विविधीकरण के लिए आधार मुद्रा के रूप में रुपये का उपयोग करने के इच्छुक हैं.”

इस बीच, निर्यातक कुछ हद तक इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं कि इस पॉलिसी को कैसे लागू किया जाएगा, जिसमें भागीदार देश और कवर की जा सकने वाली वस्तुएं शामिल हैं.

यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है

Foreign Exchange

देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। रुपये की यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है कीमत में गिरावट आ रही है। साथ ही देश का व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। यह सभी बातें आपस में कैसे जुडी हुई हैं? इनमें परिवर्तन होने पर हमारी अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है? चलिए इस पूरे मुद्दे को समझते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार

दरअसल विदेशी मुद्रा भंडार में केंद्रीय बैंक, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं। इनमें विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ(FCA), स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ रिज़र्व ट्रेंच शामिल होती हैं। जरूरत पड़ने पर विदेशी मुद्रा भंडार से विदेशी ऋण का भुगतान आसानी से किया जा सकता है।

पिछले कुछ महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट पिछले 10 महीनों से आ रही है। अगस्त 2021 के अंत में हमारे केंद्रीय बैंक के पास 640.70 अरब डालर विदेशी मुद्रा भंडार था, जोकि जून 2022 के अंत में गिर कर 588.31 अरब डॉलर हो गया है। विदेशी मुद्रा भंडार पिछले 14 महीनों के निम्न स्तर पर है। जैसा कि निचे चित्र दिखया गया है।

देश के पास ज्यादातर विदेशी मुद्रा भंडार, विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति(FCA) के रूप में ही होता है। यह परिसंपत्तियां एक या एक से अधिक मुद्रा के रूप में भी हो सकती है। लेकिन इन विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों का मूल्यांकन डॉलर में ही किया जाता है। अगस्त 2021 के अंत में देश के पास 578.41 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां थी जोकि मौजूदा समय में घटकर 524.74 अरब डॉलर हो गयी है।

विदेशी मुद्रा भंडार के घटने का असर रुपये की कीमत पर पड़ता है। विदेशी मुद्रा भंडार कम होने पर डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में भी कमी आएगी जैसा कि मौजूदा समय में देखा जा रह है। कल सोमवार को रुपये की कीमत गिर कर 79.43 रुपये प्रति डॉलर के निम्न स्तर पर आ गयी है। रुपये के गिरने पर भारत द्वारा किये जाने वाले वस्तुओं के आयात मूल्य में वृद्धि हो जाएगी और निर्यात मूल्य में कमी आएगी क्योंकि रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले कम हो रही है। जिसके कारण व्यापार घाटा बढ़ेगा जैसा कि मौजूदा समय में देखा गया है। जून के महीने में व्यापार घाटा बढ़कर अब तक के रिकार्ड स्तर 25.6 अरब डॉलर हो गया है।

हालांकि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने सोमवार को रुपये की कीमत को स्थिर रखने के लिए कुछ देशों जैसे रूस और श्रीलंका के साथ व्यापार रुपये में करने की अनुमति दे दी है, जिससे काफी हद तक रुपये की कीमत पर असर पड़ेगा। क्योंकि भारत सबसे ज्यादा कच्चे तेल का आयात करता है। रूस तेल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है।

भारत तेल की कुल आपूर्ति का बड़ा हिस्सा रूस से आयात करता है। ऐसा संभव हो सकता है कि रूस के साथ रुपये में व्यापार करने पर रुपये की कीमत में और गिरावट न आए और यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है विदेशी मुद्रा भंडार पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़े। लेकिन भारत को अब भी यूरोप और एशिया के कई देशों के साथ डॉलर में ही व्यापार करना होगा।

विदेशी मुद्रा भंडार के बढ़ने पर रुपये की कीमत में मजबूती आती है। जिसके परिणामस्वरूप देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और रुपये की कीमत में स्थिरता बनी रहती है। साथ ही विदेश में निवेश करने वाले लोगों को भी बहुत ज्यादा फायदा पहुँचता है।

रेटिंग: 4.31
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 178