BCAA का पूरा नाम ब्रांच्ड चेन अमीनो एसिड (Branched Chain Amino Acid) है। यह 3 अमीनो एसिड ल्यूसिन (Leucine), आइसोल्यूसिन (Isoleucine) और वेलिन (valine) से मिलकर बना है।
eco mode in inverter in hindi
क्या आप जानते की इन्वर्टर में eco mode क्यों होता है , काम क्या है ? इसको INVERTER में क्यों रखा जाता हैं तो इन सभी सवाल को आज हम अपनी इस लेख के माध्यम से समझेंगे और फंक्शन लुमिनोस कंपनी के इन्वर्टर में रहता है
यह सुविधा किसी दूसरे इन्वर्टर में नहीं मिलती है ।दूसरे कंपनी की इन्वर्टर में जैसे MICROTEK के इन्वर्टर में भी यह फंक्शन होता है लेकिन उसमे इसका नाम htt/ नार्मल मोड के नाम से जाना जाता Indicators के फायदे जाओ जबकि यही फंक्शन LUMINOUS INVERTER में eco/ups मोड कहते हैं
अब हम इसके काम के बारे में बात करंगे दोस्तों जब हम इन्वर्टर को eco mode या htt mode में रहता है तो यह 100 से 280 वोल्ट के अंदर तक हमारे बैटरी को चार्ज करते रहता हैं लेकिन जैसे ही VOLTS 100 से निचे या 280 से ऊपर जाते हैं तब इन्वर्टर बंद हो जाता है
इन्वर्टर लगाने के फायदे (eco mode in inverter in hindi)
1 ) सबसे पहला BENEFITS यह है की लाइट के चले जाने पर यह तुरंत INVERTER MODE में चला जाता हैं जिसका हमे अहसास भी नहीं होता की लाइट कब गयी ।
2) मार्किट में बहुत सारे इन्वर्टर मौजूद हैं यदि आप अपना बिजली बिल कम करना चाहते है और साथ में ज्यादा बैटरी बैकप भी लेना चाहते हैं तो PURE SHINE WAVE INVERTER का ही चुनाव करे ये थोड़े महंगे होते है लेकिन कुछ ही महीने के इस्तेमाल से ये आपके ज्यादा लगे हुए पैसो को मैनेज कर देंगे ।
3) यदि आप 1500va से 1800 व तक के इन्वर्टर को चुनते हैं तो आप इन्वर्टर से आयरन और मिक्सर का भी प्रयोग आसानी से कर सकते हैं और LED TV ,LIGHT, FAN, ROआदि तो NORAMAL INVERTER पर भी चल जाते हैं ।
इन्वर्टर से जुडी कुछ जरुरी जानकारी – eco mode kya hota hai
1 ) बैटरी और इन्वर्टर जोड़ते समय गलती से इसके बैटरी वाले वायर को उल्टा यानी POSITIVE को नेगेटिव में और नेगेटिव को पॉजिटिव में जोड़ दिया है तो घबराये नहीं आपके इन्वर्टर को नुक्सान तो हुआ है बस इसके अंदर लगे BATTERY वाले तार के पास फ्यूज को बदल दे
आपका इन्वर्टर फिर से काम करने लगेगा और आपको कहीं मिस्त्री के पास भी ले जाने की जरुरत नहीं है जिसके आपको किसी दूसरे PROBLEM को बताकर आपसे पासी भी ज्यादा मांग सकता हैं
2 ) जैसा की हमने ऊपर पढ़ लिया हैं की इन्वर्टर 280 वोल्ट तक काम कर सकते हैं लेकिन अचहनक Indicators के फायदे से ज्यादा वोल्ट आ जाने के कारण कभी – कभी हमारा इन्वर्टर के बहार लगा फ्यूज उड़ जाता है जिसक हमे पता नहीं चलता है जिसके कारण हम इसे एक बड़ी खराबी मान लेते है
मनरेगा का पैसा चाहिए तो दीजिए पांच सवालों के जवाब- मंत्री गिरिराज सिंह ने राज्यों को दिलाया याद
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (image source: twitter/@girirajsinghbjp)
Rural Development Ministry: केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर याद दिलाया है कि उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (मनरेगा) के तहत धन प्राप्त करने के लिए मंत्रालय द्वारा निर्धारित संकेतकों के अनुपालन को दर्शाने वाली कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आवश्यकता है।
जिन पांच संकेतकों का राज्यों का पालन करने के लिए कहा गया है। उनमें सोशल ऑडिट, लोकपाल, नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम, एरिया ऑफिसर मॉनिटरिंग विजिट ऐप और व्हाट्सएप ग्रुप ऑफ जीपीएस शामिल है।
संकेत 2: ब्लड प्रैशर
ब्लड प्रैशर का बढ़ना. यदि आपका ब्लड Indicators के फायदे प्रैशर सामान्य रहता है और अचानक से आपको बेचैनी महसूस हो और बीपी बढ़ने लगे तो इस संकेत को Indicators के फायदे गंभीरता से लें, यह एक लक्षण है जो आपके कोलेस्ट्रोल के बढ़ने की ओर इशारा कर रहा है.
पैरों में सूजन, पानी का जमाव और दर्द का होना. यदि आपके पैर बिना किसी कारण के सूज रहें है और आपके पैरों में दर्द रहता है तो इसका कारण कोलेस्ट्रोल हो सकता है. कोलेस्ट्रोल और पैरों के दर्द, सूजन व ऐंठन के बीच गहरा संबंध है.
संकेत 4: अचानक वजन बढ़ना
वजन का अचानक से बढ़ना. कई लोगों का वजन एकाएक बढ़ने लगता है. मतलब कि वजन का बढ़ना या शरीर में भारीपन को महसूस करना एक कारण हो सकता है कि आपका कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ रहा है.
अत्यधिक पसीना आना. यदि आपको पसीना कम आता हो और बिना कारण ही आपको पसीना बहुत अधिक आने लगे तो इसका अर्थ है कि आपके शरीर के Indicators के फायदे भीतर कोई न कोई समस्या पैदा हो रही हैं. इसका कारण बीपी या शुगर का बढ़ना से लेकर कोलेस्ट्रोल बढ़ना भी हो सकता है.
संकेत 6: थकान
थकान महसूस होना. थोड़ा सा काम करने पर थकान का अनुभव करना या फिर हमेशा निराशा के भाव के साथ शरीर में स्फूर्ति न रहना भी इसका कारण हो सकता है.
आंखों की पलकों के पास पीले रंग की गांठें आपके शरीर में कोलेस्ट्रोल के स्तर के बढ़ने को दर्शाता है. यह गांठें वसा (फैट) के होते हैं जो कोलेस्ट्रोल के बढ़ने के कारण बनने लगते हैं.
संकेत 8 :Indicators के फायदे
हाथ-पैरों का सुन्न या एकदम ठंडा पड़ना.इसमें पैर एकदम ठंडे रहने लगते हैं और वे गर्म ही नहीं हो पाते है. इतना ही नहीं हाथ-पैरों का सुन्न पड़ना भी इसी समस्या की तरफ इंगित करता है.
जान लें कि, कोलेस्ट्रोल से बचाव के दो मुख्य तरीके हैं. एक स्वास्थ्यवर्धक आहार व जीवनशैली और दूसरा समय समय पर Indicators के फायदे कोलेस्ट्रोल की जांच कराना. यदि आप हर साल हैल्थ चैकअप पर इनवेस्ट करते हैं तो आप कोलेस्ट्रोल की गंभीर समस्या के होने से पहले ही उसे नियंत्रित करने में सफल हो सकते हैं.
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काली चाय के फायदे और नुकसान - Black Tea (Kali Chai) Benefits and Side Effects in Hindi
काली चाय के विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के कारण इसे पूरी दुनिया में इस्तेमाल किया जाता है। चाय कैमेलिया साइनेन्सिस (Camellia Sinensis) नाम के पौधे से बनती है। ब्लैक टी ग्रीन या वाइट टी से अधिक आक्सिडाइज़ड होती है। प्रसंस्करण (Processing) चरण के दौरान, काली चाय फर्मेन्टड और आक्सिडाइज़ड (ऑक्सीकृत) होती है। दूसरी ओर हरी चाय और सफेद चाय फर्मेन्टड नहीं होती है।
सादी काली चाय पोलीफेनॉल्स (polyphenols) जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स में समृद्ध है और इसमें सोडियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की न्यूनतम सामग्री भी होती है। यदि आप काली चाय के स्वाद का आनंद लेते हैं, तो आपके पास विभिन्न तरीकों से इसे उपभोग करने का विकल्प भी है। चीनी (chinese) लोग काली चाय बनाने के दौरान स्वीटेनिंग एजेंट, मसाले, चॉकलेट या दुर्लभ जड़ी-बूटियों को मिलाते हैं। भारत में दूध और चीनी को आम तौर पर इसमें मिलाया जाता है। कुछ लोग अदरक, दालचीनी, इलायची, नींबू, मुलेठी या तुलसी सहित कई जड़ी-बूटियां भी मिलाते हैं।
काली चाय के फायदे - Black Tea (Kali Chai) ke Fayde in Hindi
काली चाय के फायदे हैं हार्ट प्रॉब्लम के लिए - Black Tea Benefits for Heart in Hindi
काली चाय की नियमित खपत कई दिल के मरीजों में कोरोनरी धमनी की दुष्क्रिया की मरम्मत में मदद कर सकती है। इसलिए काली चाय पीने वालों में कई कार्डियोवास्कुलर रोगों के संकुचित होने का खतरा कम है।
काली चाय पीने के लाभ दिलाएँ दस्त से राहत - Black Tea Good for Diarrhea in Hindi
टेनिन की उपस्थिति के कारण आंतों के विकारों पर ब्लैक टी का हीलिंग प्रभाव पड़ता है। सभी दस्त वाले रोगियों के लिए यह सलाह दी जाती है कि वे अधिकतम लाभ के लिए धीरे-धीरे, काले रंग की चाय को पिएं।
ब्लैक टी के फायदे हैं अस्थमा में उपयोगी - Black Tea for Asthma in Hindi
गर्म तरल पदार्थ, सामान्य रूप से अस्थमा की स्थिति से राहत दिलाता है। इस तथ्य के प्रकाश में, यह कोई आश्चर्य नहीं है कि काली चाय अस्थमा के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद है, क्योंकि यह हवा के मार्ग का विस्तार करती है जिससे रोगियों को अधिक आसानी से सांस लेने की इजाजत मिलती है।
काली चाय के नुकसान - Black Tea (Kali Chai) ke Nuksan in Hindi
कई लोगों को रोज़ाना 3-5 बार काली चाय पीने की आदत होती है। वे इतना चाय के आदी हो जाते हैं कि यदि वे अपने नियमित कार्यक्रम से एक बार भी इसे छोड़ देते हैं, तो अगले दिन वे सिर दर्द से पीड़ित हो सकते हैं। (और पढ़ें – सिर दर्द के घरेलु उपाय)
काली चाय पेट में अम्लता के कारणों के कारण भी जाना जाता है।
दोपहर या रात के खाने के बाद चाय पीने से बचें, क्योंकि इससे पाचन खराब हो सकता है, जबकि दिन के दूसरे समय पर, यह स्वस्थ पाचन को बढ़ावा दे सकती है।
लेकिन कई लोगों का भी मानना है कि काली चाय के अधिक सेवन से पेट फूलने की समस्या के साथ ही भूख न लगने की भी समस्या एक आम बात है।
2. मांसपेशियों में प्रोटीन संश्लेषण में सुधार करे (Improve protein synthesis in the muscles)
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जब कोई डाइट में प्रोटीन फूड का सेवन करता है तो वो 9 अमीनो एसिड में टूटता है। मसल्स सिंथेसिस को ऑप्टीमाइज करने के लिए इन सभी 9 एसेंशिअल अमीनो एसिड की जरूरत होती है।
ऐसे में जब कोई बीसीएए का सेवन करता है तो थोड़ा फायदा मिल जाता है। यानी कि वो सीधे मसल्स द्वारा अब्जॉर्ब कर लिया जाता है। वहीं बीसीएए प्रोटीन को ब्रेक करने में भी मदद करता है। जिससे प्रोटीन संश्लेषण तेज हो जाता है और मसल्स में जल्दी पहुंचता है।
यदि प्रोटीन मसल्स तक जल्दी नहीं पहुंचता तो मसल्स रिकवरी में देरी होती है, इसलिए ही वर्कआउट के बाद व्हे प्रोटीन लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि वो जल्दी अब्जॉर्ब होता है।
3. मसल्स सोरनेस कम करे (Decrease muscle soreness)
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बीसीएए वर्कआउट के बाद मांसपेशियों में दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। वर्कआउट के बाद का दर्द एक्सरसाइज के 12 से 24 घंटे बाद शुरू होता है। ये दर्द 72 घंटे तक रह सकता है।
BCAAs मसल्स डैमेज को रोकता है जिससे डिलेड ऑनसेट मसल्स सोरनेस (DOMS) की संभावना कम हो सकती है। इसका कारण है कि बीसीएए मसल्स रिकवरी को तेज कर देता है। जिससे कि अधिक सोरनेस नहीं रहती और मसल्स जल्दी रिकवर हो जाते हैं। (4)
4. एथलेटिक परफॉर्मेंस बेहतर करे (Improved athletic performance)
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जब कोई Indicators के फायदे वर्कआउट के दौरान बीसीएए का सेवन करता है तो वो अधिक एनर्जी और फोकस्ड महसूस करता है। एथलीट्स को बीसीएए की सर्विंग देने से काफी अच्छा रिजल्ट मिलता है। जब कोई वर्कआउट कर रहा होता है तो बीसीएए फैट के ऑक्सीकरण के लिए भी जिम्मेदार होता है। (5)
बीसीएए का सेवन करने से थकान नहीं होती और फिर आप हैवी ट्रेनिंग भी कर सकते हैं। इसके अलावा मसल्स लॉस होने से भी बच जाता है।
यह नए मसल्स फाइबर के प्रोडक्शन (Muscle fiber production) को भी बढ़ाता है जो बाद में मसल्स को मजबूती देते हैं।
5. मसल्स लॉस से बचाए (Prevent muscle loss)
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बीसीएए, मसल्स लॉस से बचाता है, जो कि इसका Indicators के फायदे काफी अहम काम है। मसल्स ब्रेकडाउन तब होता है जब प्रोटीन का टूटना मांसपेशियों के प्रोटीन संश्लेषण से अधिक हो जाता है।
मसल्स लॉस से शरीर कमजोर हो जाता है और आप कुपोषण की ओर आगे बढ़ रहे Indicators के फायदे होते हैं। इसलिए मसल्स लॉस से बचने के लिए भी इसका सेवन कर सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion): अब आप समझ ही गए होंगे कि बीसीएए लेने के कितने फायदे होते हैं। अब अगर आप भी इसका सेवन करते हैं तो इतने सारे फायदे बॉडी को मिल सकते हैं। हम यहां सप्लीमेंट लेने के लिए फोर्स नहीं कर रहे हैं। आप अपने ट्रेनर की सलाह से ही इसका सेवन करें। हेल्थ संबंधित अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें.
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