एवरेज डायरेक्शनल इंडेक्स - ADX इंडिकेटर

एवरेज डायरेक्शनल इंडेक्स (ADX) एक तकनीकी संकेतक प्रवृत्ति शक्ति का अनुमान लगाने के लिए और संभावित आगे कीमत आंदोलनों के बीच अंतर के साथ दो क्रमिक चढ़ाव के बीच अंतर की तुलना द्वारा निर्धारित वाइल्डर द्वारा विकसित की है.

ADX सूचक का उपयोग कैसे करें

ADX है एक जटिल संकेतक, जो प्लस दिशात्मक संकेतक (+ DI-ग्रीन लाइन) और शून्य से दिशात्मक संकेतक का परिकलन से परिणाम (- DI-रेड लाइन), लेकिन उन सभी को प्रवृत्ति विश्लेषण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता .

सामान्य संकेतक (बोल्ड लाइन) ले जाएँ वर्तमान प्रवृत्ति शक्ति को प्रतिबिंबित करने के लिए माना जाता है :

  • राइजिंग ADX (आम तौर पर ऊपर 25 चढ़ाई) बाजार की प्रवृत्ति को मजबूत बनाने से पता चलता है-निम्नलिखित संकेतकों की प्रवृत्ति अधिक उपयोगी होते जा रहे हैं ;
  • फॉलिंग ADX संदेह है कि प्रवृत्ति के विकास से पता चलता है। 20 के दौब्टफुल ADX मूल्यों-तटस्थ प्रवृत्ति मौजूद है थरथरानवाला और अधिक उपयोगी होते जा रहे हैं संकेत हो सकता है .

जटिल ADX व्यापार प्रणाली का उपयोग अतिरिक्त पुष्टिकरण संकेतों की आवश्यकता हो सकती :

  • यदि सामान्य रूप से + एडीएक्स कैसे काम करता है? DI (ग्रीन लाइन) चढ़ते -DI ऊपर (रेड लाइन), एक खरीदने के संकेत उत्पन्न होता है ;
  • यदि सामान्य रूप से ऊपर चढ़ते -DI + DI, एक बेचने के संकेत उत्पन्न होता है .

Average Directional Index Indicator - ADX Indicator

एवरेज डायरेक्शनल इंडेक्स (ADX) इंडिकेटर

ADX ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी

ADX मजबूत रुझान की पहचान और ट्रेंडिंग और गैर ट्रेंडिंग स्थितियों के बीच भेद करने के लिए ट्रेडिंग रणनीति का उद्देश्य है .

ADX 25 से ऊपर पढ़ जब ADX 25 के नीचे, यह प्रवृत्ति कमजोरी से पता चलता है जबकि प्रवृत्ति शक्ति, इंगित करता है। ब्रेअकॉउट्स, जो हाजिर करने के लिए मुश्किल नहीं कर रहे हैं, भी ADX या नहीं की प्रवृत्ति के लिए मूल्य के लिए काफी मजबूत है कि क्या को पहचानने के लिए मदद। जब ADX 25 से ऊपर नीचे करने के लिए 25 से उगता है, इस प्रकार, प्रवृत्ति मजबूत breakout की दिशा में जारी रखने के लिए पर्याप्त माना जाता है .

यह एक आम है कि जब यह गिरने ADX लाइन शुरू होता है एक प्रवृत्ति उत्क्रमण के हस्ताक्षर है। जबकि, यह केवल इसका मतलब है कि प्रवृत्ति शक्ति कमजोर है। ADX 25 से ऊपर है, तब तक यह एक गिरते ADX रेखा मजबूत बस कम माना जाता है कि होना चाहिए .

एडीएक्स कैसे काम करता है?

खरीदने के लिए पर्चा जरुरी है

  • Adx के उलब्ध विकल्प
    (Amoxicillin (250 mg) + Dicloxacillin (250 mg) से बनीं दवाएं) - ₹73.0 - ₹80.0 - ₹50.0 - ₹71.58 - ₹52.78
  • उत्पादक: Biochem Pharmaceutical Industries
  • सामग्री / साल्ट: Amoxicillin (250 mg) + Dicloxacillin (250 mg)
    Adx के उलब्ध विकल्प
    (Amoxicillin (250 mg) + Dicloxacillin (250 mg) से बनीं दवाएं)

Adx की जानकारी

Adx डॉक्टर के द्वारा निर्धारित की जाने वाली दवा है, जो मेडिकल स्टोर से कैप्सूल दवाओं के रूप में मिलती है। इस दवा का उपयोग विशेष रूप से बैक्टीरियल संक्रमण, गले में इन्फेक्शन, ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण का इलाज करने के लिए किया जाता है। Adx का उपयोग कुछ अन्य स्थितियों के लिए भी किया जा सकता है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।

Adx की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। इसकी खुराक मरीज की समस्या और दवा देने के तरीके पर भी आधारित की जाती है। विस्तारपूर्वक जानने के लिए खुराक वाले भाग में पढ़ें।

इनके अलावा Adx के कुछ अन्य दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जो नीचे दिए गए हैं। Adx के इस तरह के साइड इफेक्ट सामान्यतः लंबे समय तक नहीं रहते और एक बार इलाज पूरा होने जाने के बाद अपने आप खत्म हो जाते हैं। अगर ये दुष्प्रभाव और बिगड़ जाते हैं या लंबे समय तक बने रहते हैं तो इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।

यह भी जानना जरूरी है कि Adx का प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर सुरक्षित है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित है। आगे Adx से जुड़ी चेतावनियों के सेक्शन में बताया गया है कि Adx का लिवर, हार्ट, किडनी पर क्या असर होता है।

अगर आपको पहले से ही कुछ एडीएक्स कैसे काम करता है? समस्याएं हैं तो इस दवा का उपयोग न करें, इससे दुष्परिणाम हो सकते हैं। दमा, एक्जिमा, न्यूट्रोपेनिया इन समस्याओं के कुछ उदाहरण हैं। आगे ऐसी अन्य समस्याएं भी बताई गई हैं जिनमें Adx लेने से आपको दुष्प्रभाव अनुभव हो सकते हैं।

साथ ही, Adx को कुछ दवाओं के साथ लेने से गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। ऐसी दवाओं की पूरी सूची आगे इस लेख में दी गयी है।

ऊपर बताई गई सावधानियों के अलावा यह भी ध्यान में रखें कि वाहन चलाते वक्त Adx लेना सुरक्षित है, साथ ही इसकी लत पड़ सकती है।

हाइब्रिड कार क्या है और यह कैसे काम करती है? पूरी ABCD को यहां समझें

फिलहाल भारत में इलेक्ट्रिक कारों के साथ-साथ हाइब्रिड कार सेगमेंट की कारों की भी काफी चर्चा हो रही है। मारुति सुजुकी ने अपनी ग्रैंड विटारा (मारुति ग्रैंड विटारा) पेश की और टोयोटा ने अर्बन क्रूजर हाइडर एसयूवी पेश की। ये दोनों ही हाइब्रिड टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं और देश में सबसे ज्यादा माइलेज देने वाली SUVs हैं. इसका माइलेज 28Kmpl तक है। इसके अलावा Honda City, Volvo XC90, Lexus NX समेत कई अन्य कारों में भी यह फीचर उपलब्ध है। तो आइए समझते हैं आखिर होता क्या है। हाइब्रिड कारें और यह कैसे काम करती है?

हाइब्रिड कार क्या है?

हालांकि, हाइब्रिड कारों में आपको पेट्रोल इंजन के साथ एक अतिरिक्त इलेक्ट्रिक मोटर मिलती है। यह बैटरी पैक ईंधन की खपत को कम करता है। तो कार को अच्छा माइलेज मिलता है। हालांकि, खास बात यह है कि आपको इसकी बैटरी को अलग से चार्ज करने की जरूरत नहीं है। यह आवश्यकतानुसार अपने आप चार्ज होता रहता है।

हाइब्रिड कारें कैसे काम करती हैं?

हाइब्रिड कारों को चलाने के लिए दो चीजों का उपयोग किया जाता है, एक पेट्रोल इंजन है और एक इलेक्ट्रिक मोटर भी लगाई जाती है। वाहन चलाने के लिए जितना हो सके, वह बैटरी का उपयोग करता है। लेकिन जब ज्यादा पावर की जरूरत होती है तो बैटरी खत्म होने लगती है, फिर पेट्रोल इंजन में शिफ्ट हो जाती है। इस बीच पेट्रोल इंजन बैटरी भी चार्ज करता है। खास बात यह है कि बैटरी से पेट्रोल और पेट्रोल से बैटरी में शिफ्ट होने की प्रक्रिया सुचारू है। और आप इसे महसूस भी नहीं करते हैं।।

जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.

यह भी पढ़ें

अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.

क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?

इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.

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कौन कर सकता है ट्रेडिंग?

ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.

यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?

यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.

PAN Card की पूरी ABCD. नंबरों के पीछे छुपी है आपके काम की बड़ी जानकारी

पैन कार्ड एक ऐसा कार्ड है, जिस पर लिखा परमानेंट नंबर में हर तरह की जानकारी होती है. इन नंबरों में छुपी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए जरूरी होती है.

पैन कार्ड नंबर एक 10 डिजिट का खास नंबर होता है, जो लेमिनेटेड कार्ड के रूप में आता है.

पैन कार्ड एक ऐसा कार्ड है, जिस पर लिखा परमानेंट नंबर में हर तरह की जानकारी होती है. इन नंबरों में छुपी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए जरूरी होती है. इसको ध्यान में रखकर ही डिपार्टमेंट हर व्यक्ति को पैन कार्ड जारी करता है. हालांकि, यह जानकारी पैन कार्ड धारक को नहीं होती. पैन कार्ड और इस पर छपे परमानेंट अकाउंट नंबर से जुड़ी पूरी जानकारी क्या होती है? पैन कार्ड पर मौजूद नंबर का क्या मतलब होता है? समझिए

अक्षरों में छुपा होता है सरनेम
पैन कार्ड पर कार्डधारक का नाम और डेट ऑफ बर्थ तो लिखी ही होती है, लेकिन पैन कार्ड के नंबर में आपका सरनेम भी छुपा होता है. पैन कार्ड का पांचवां डिजिट आपके सरनेम को दर्शाता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कार्डधारक के सरनेम को ही अपने डाटा में दर्ज रखता है. इसलिए अकाउंट नंबर में भी उसकी जानकारी होती है. हालांकि, इस बात की जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट कार्डधारक को नहीं देता.

टैक्स से लेकर क्रेडिट कार्ड तक होती है निगरानी
पैन कार्ड नंबर एक 10 डिजिट का खास नंबर होता है, जो लेमिनेटेड कार्ड के रूप में आता है. इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन लोगों को इश्यू करता है, जो पैन कार्ड के लिए अर्जी देते हैं. पैन कार्ड बन जाने के बाद उस व्यक्ति के सारे फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन डिपार्टमेंट के पैन कार्ड से लिंक्‍ड हो जाते हैं. इनमें टैक्स पेमेंट, क्रेडिट कार्ड से होने वाले फाइनेंशियल लेन-देन सभी कुछ डिपार्टमेंट की निगरानी में रहते हैं.

डिपार्टमेंट तय करता है नंबर
इस नंबर के पहले तीन डिजिट एडीएक्स कैसे काम करता है? अंग्रेजी के लेटर्स होते हैं. यह AAA से लेकर ZZZ तक कोई भी लेटर हो सकता है. ताजा चल रही सीरीज के हिसाब से यह तय किया जाता है. यह नंबर डिपार्टमेंट अपने हिसाब से तय करता है.

पैन कार्ड नंबर का चौथा डिजिट भी अंग्रेजी का ही एक लेटर होता है. यह पैन कार्डधारी का स्टेटस बताता है. इसमें-
यह हो सकता है चौथा डिजिट.
P- एकल व्यक्ति
F- फर्म
C- कंपनी
A- AOP (एसोसिएशन ऑफ पर्सन)
T- ट्रस्ट
H- HUF (हिन्दू अनडिवाइडिड फैमिली)
B- BOI (बॉडी ऑफ इंडिविजुअल)
L- लोकल
J- आर्टिफिशियल जुडिशियल पर्सन
G- गवर्नमेंट के लिए होता है

सरनेम के पहले अक्षर से बना पांचवां डिजिट
पैन कार्ड नंबर का पांचवां डिजिट भी ऐसा ही एक अंग्रेजी का लेटर होता है. यह डिजिट पैन कार्डधारक के सरनेम का पहला अक्षर होता है. यह सिर्फ धारक पर निर्भर करता है. गौरतलब है कि इसमें सिर्फ धारक का लास्ट नेम ही देखा जाता है.

इसके बाद पैन कार्ड में 4 नंबर होते हैं. ये नंबर 0001 से लेकर 9999 तक कुछ भी हो सकते हैं. आपके पैन कार्ड के ये नंबर उस सीरीज को दर्शाते हैं, जो मौजूदा समय में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में चल रही होती है. इसका आखिरी डिजिट एक अल्फाबेट चेक डिजिट होता है, जो कोई भी लेटर हो सकता है.

कहां-कहां है पैन कार्ड जरूरी
पैन कार्ड की मदद से आपको विभिन्न वित्तीय लेन-देन में आसानी होती है. इसकी मदद से आप बैंक खाता और डीमैट खाता खोल सकते हैं. इसके अलावा प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त के लिए भी यह जरूरी होता है. दरअसल, पैन कार्ड टैक्सेबल सैलरी के साथ ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए भी जरूरी है. चूंकि पैन कार्ड पर नाम और फोटोग्राफ होते हैं, ऐसे में यह आइडेंटिटी प्रूफ के तौर पर भी काम करता है. भले ही आपका पता बदलता रहे, लेकिन पैन नंबर नहीं बदलता. ऊंची दर पर टैक्स डिडक्शन से बचने के लिए पैन कार्ड जरूरी होता है. दरअसल, जब आप 50 हजार रुपए से ज्यादा की राशि से एफडी शुरू करते हैं तो पैन कार्ड की फोटोकॉपी देनी होती है. पैन के अभाव में ऊंची दर पर आपका टीडीएस काट लिया जाएगा.

इन परिस्थितियों में भी है पैन कार्ड जरूरी
=> दो पहिया के अलावा किसी दूसरे वाहन की खरीद-बिक्री
=> किसी होटल या रेस्तरां में एक बार में 25 हजार रुपए से ज्यादा का बिल
=> शेयरों की खरीददारी के लिए किसी कंपनी को 50 हजार रुपए या इससे ज्यादा का भुगतान
=> बुलियन या ज्वैलरी की खरीदारी के लिए पांच लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान
=> पांच लाख रुपए या इससे ज्यादा कीमत की अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री
=> बैंक में 50 हजार रुपए से ज्यादा जमा करने के दौरान
=> विदेश यात्रा के संबंध में 25 हजार रुपए से ज्यादा का भुगतान
=> बॉन्ड खरीदने के लिए RBI को 50 हजार रुपए या इससे ज्यादा का भुगतान
=> बॉन्ड या डिबेंचर खरीदने के लिए किसी कंपनी या संस्था को 50 हजार रुपए से ज्यादा का भुगतान
=> म्यूचुअल फंड की खरीदारी

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