RBI की अलर्ट लिस्ट में शामिल 34 एंटिटीज़ को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या ETP ऑपरेट करने की इजाजत नहीं दी गई है.

विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म कैसे चुनें?

एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म एक सॉफ्टवेयर सिस्टम है जिसका उपयोग मुद्राओं और अन्य उपकरणों के व्यापार के लिए किया जाता है। इसके साथ, निवेशक एक वित्तीय मध्यस्थ के माध्यम से ऑनलाइन बाजार की स्थिति खोल, बंद और प्रबंधित कर सकते हैं। आमतौर पर वित्तीय मध्यस्थ ब्रोकरेज कंपनियां होती हैं।

कई ब्रोकर अपने प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करने और अक्सर ट्रेडिंग के बदले में मुफ्त या छूट पर ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करते हैं। यदि आप अभी भी ब्रोकर की तलाश में हैं, तो विश्वसनीय विदेशी मुद्रा दलालों का पता लगाने के लिए

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दलालों की जांच न करें।

कई ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म विभिन्न प्रकार की विशेषताएं प्रदान करते हैं जो निवेशकों को सूचित निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं। इन सुविधाओं में वास्तविक समय उद्धरण, इंटरैक्टिव चार्ट, चार्टिंग टूल की एक श्रृंखला, प्रीमियम अनुसंधान और स्ट्रीमिंग समाचार फ़ीड शामिल हो सकते हैं।

ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म कैसे चुनें?

ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म चुनते समय, ट्रेडिंग रणनीति और उपकरणों के प्रकार पर विचार करना महत्वपूर्ण है जिसे आप उपयोग करने की योजना बनाते हैं। इसके अलावा, कुछ मानदंड हैं जिन्हें विकल्प बनाते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए:

1. उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफ़ेस

जब व्यापार की बात आती है, तो एक स्पष्ट और उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफ़ेस आवश्यक है। प्लेटफ़ॉर्म को कई अलग-अलग संकेतकों और चार्ट, साथ ही व्यापारियों के लिए आवश्यक अन्य उपकरणों की पेशकश करनी चाहिए।

2. फीस और कमीशन विभिन्न प्लेटफार्मों

द्वारा ली जाने वाली फीस और कमीशन की तुलना करें। शुल्क व्यापार के प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, जबकि कमीशन आमतौर पर एक फ्लैट दर या लेनदेन मूल्य का प्रतिशत होता है। दुर्भाग्य से, इन लागतों का आपके मुनाफे पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, कुछ ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बिना किसी कमीशन शुल्क के किफायती लेनदेन की पेशकश करते हैं।

3. विभिन्न बाजारों

तक पहुंच यदि आप विभिन्न तरीकों से व्यापार करने की कोशिश करना चाहते हैं, तो आप विभिन्न बाजारों में विभिन्न प्रकार के वित्तीय साधनों का व्यापार करने की कोशिश कर सकते हैं। ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर इसे आज़माना एक अच्छा विचार है जो बहुत सारे बाजारों तक पहुंच प्रदान करता है।

4. उच्च सुरक्षा

जब हम सुरक्षा
के बारे में बात करते हैं तो सभी प्लेटफार्मों को समान नहीं बनाया जाता है। अपने व्यवसाय के लिए एक मंच चुनते समय, उच्च सुरक्षा मानकों की पेशकश करने वाले का चयन करना सुनिश्चित करें। यह आपके डेटा की सुरक्षा करने और आपके व्यवसाय को हैकर्स और घोटालों से सुरक्षित रखने में मदद करेगा।

5. उपकरणों

पर उपलब्धता यह लचीलापन व्यापारियों को डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप या यहां तक कि मोबाइल उपकरणों जैसे आप विदेशी मुद्रा का व्यापार कहां कर सकते हैं उनके लिए सबसे सुविधाजनक डिवाइस का उपयोग करने की अनुमति देता है। कुछ प्लेटफ़ॉर्म को विशेष रूप से अच्छा माना जाता है क्योंकि वे कई प्रारूपों में उपलब्ध हैं।

तकनीकी विश्लेषण के लिए शक्तिशाली उपकरण तकनीकी विश्लेषण

उपकरण का उपयोग यह अनुमान लगाने के लिए किया जाता है कि कोई संपत्ति बाजार के रुझानों और इसके मूल्य में उतार-चढ़ाव को प्रभावित करने वाले कारकों के आधार पर ऊपर या नीचे कब जाएगी। ये उपकरण ट्रेडिंग प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे निवेशकों को किसी संपत्ति को खरीदने या बेचने के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद करते हैं।

निष्कर्ष

यद्यपि ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म चुनने से पहले विचार करने के लिए कई कारक हैं, यह अंततः नीचे आता है कि ट्रेडिंग की कौन सी विधि आपको और आपके लक्ष्यों के लिए सबसे उपयुक्त है। यदि आप अक्सर व्यापार करने की योजना बनाते हैं, तो कम शुल्क वाले प्लेटफ़ॉर्म की तलाश करें। यदि आप अधिक मार्गदर्शन और समर्थन चाहते हैं, तो उन प्लेटफार्मों की तलाश करें जो महान ग्राहक सेवा प्रदान करते हैं। और अंत में, अपना निर्णय लेने से पहले समीक्षा पढ़ना सुनिश्चित करें।

इतने सारे विकल्पों के साथ उस पर नज़र रखें, सही से कम कुछ भी व्यवस्थित करने का कोई कारण नहीं है।

घटता विदेशी मुद्रा भंडार, बढ़ती महंगाई और कमजोर रुपया, अर्थव्यवस्था की इन तीन चुनौतियों से कैसे निपटेगा भारत

Indian Economy आरबीआई की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत विदेशी मुद्रा भंडार 532.66 आप विदेशी मुद्रा का व्यापार कहां कर सकते हैं बिलियन डालर पर पहुंच गया है। यह जुलाई 2020 के बाद विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे न्यूनतम स्तर है। रुपया भी डालर के मुकाबले न्यूनतम स्तर पर बना हुआ है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना और फिर रूस- यूक्रेन युद्ध के बाद से दुनिया में उथल- पुथल मची हुई है। एनर्जी से लेकर खाद्य वस्तुओं आदि के दाम तेजी से ऊपर जा रहे हैं। इस कारण महंगाई उच्चतम स्तर, डालर के मुकाबले रुपया और विदेशी मुद्रा भंडार निचले स्तर पर है। शुक्रवार को आरबीआई की ओर से जारी किए गए डाटा के मुताबिक 30 सितंबर को समाप्त होने वाले सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 532.66 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है और यह जुलाई 2020 के बाद विदेशी मुद्रा भंडार सबसे न्यूनतम स्तर है। इसके साथ ही महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई लगातार ब्याज दर बढ़ाता जा रहा है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था की गति भी धीमी होती जा रही है।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफपीआइ) ने इस महीने अब तक शेयर बाजारों में 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

आज हम आपको बताएंगे इन सभी चीजों का एक आम व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है। इससे आप अर्थव्यवस्था के आने वाले आंकड़ों को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे।

रुपये का गिरना

डालर के मुकाबले रुपये के गिरने के कारण आयात महंगा हो जाता है। इससे विदेशों के आने वाले सामान जैसे कच्चे तेल और इलेक्ट्रानिक सामानों का आयात महंगा हो जाता है। वहीं, विदेशों में पढ़ने वाले छात्रों और इलाज करने जाने वाले लोगों के लिए रहना खाना महंगा हो जाता है। बता दें, बीते शुक्रवार को डालर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 82.30 के स्तर पर बंद हुआ था।

भारत ने नवंबर में लगातार दूसरे माह रूस से खरीदा सबसे ज्यादा कच्चा तेल। फाइल फोटो।

महंगाई

महंगाई का सीधा प्रभाव किसी भी आम व्यक्ति की जेब पर पड़ता है। उसे दैनिक उपभोग में होने वाली चीजों पर पहले के मुकाबले अधिक खर्च करना पड़ता है। कम बचत करने के कारण इससे सेविंग्स पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में खुदरा महंगाई दर 7 प्रतिशत रही थी और यह आरबीआई की ओर से तय किए गए महंगाई के बैंड 2- 6 प्रतिशत से एक प्रतिशत अधिक है।

PNB Account Holders: Get Your KYC Done By 12 December (Jagran File Photo)

विदेशी मुद्रा भंडार

डालर के मजबूत होने के कारण पिछले कुछ महीनों में भारत का विदेशी भंडार में गिरावट आई है और ताजा आंकड़ों के मुताबिक, यह घटकर 532 बिलियन डालर पर पहुंच गया है। विदेशी भंडार घटने की एक प्रमुख वजह डालर के मुकाबले रुपये में गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई के द्वारा मौजूद डालर भंडार को बेचना है। इसके नीचे जाने का मतलब डालर के मुकाबले भारतीय रुपये पर दबाव को माना जाता है।

Five of top-10 firms lose Rs 1.67 lakh crore in m-cap; RIL biggest drag (Jagran File Photo)

ब्याज दरों में आप विदेशी मुद्रा का व्यापार कहां कर सकते हैं बढ़ोतरी

आरबीआई की ओर से पिछले पांच महीनों में महंगाई को काबू करने के लिए रेपो रेट में 1.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके कारण आम नागरिकों को लोन पर अधिक ब्याज का भुगतान करना पड़ता है।

आखिर, अपने पास विदेशी मुद्रा का भंडार जमा क्यों करता है रिजर्व बैंक, क्या आप जानते हैं?

विदेशी मुद्रा या विदेशी मुद्रा भंडार अनिवार्य रूप से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा विदेशी मुद्राओं में आरक्षित के रूप में रखी गई संपत्ति है, जिसका इस्तेमाल आर्थिक संकट या आड़े वक्त में किया जाता है. आमतौर पर इसका इस्तेमाल विनिमय दर का समर्थन करने और मौद्रिक नीति बनाने के लिए किया जाता है.

विदेशी मुद्रा भंडार

नई दिल्ली : किसी भी देश के लिए विदेशी मुद्रा भंडार उतना ही आवश्यक है, जितना आप विदेशी मुद्रा का व्यापार कहां कर सकते हैं कि किसी घर में सोना का जमा होना जरूरी है. विदेशी मुद्रा भंडार जमा रहने के बाद कोई भी आवश्यक वस्तुओं का आसानी से आयात करने में सक्षम होता है. सबसे बड़ी बात यह है कि विदेशी मुद्रा भंडार आर्थिक संकट की स्थिति या आड़े वक्त में ठीक उसी तरह काम करता है, जिस तरह किसी घर में पैसों की कमी होने या विपत्ति के समय में सोना या गहना काम आता है. श्रीलंका की विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आने का ही नतीजा है कि उसे आज आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. महंगाई चरम पर है और दूसरे देशों से आवश्यक वस्तुओं का आयात पूरी तरह से प्रभावित है. विदेशी मुद्रा भंडार जमा करने की जिम्मेदारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कंधों पर होती है.

क्या है विदेशी मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा या विदेशी मुद्रा भंडार अनिवार्य रूप से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा विदेशी मुद्राओं में आरक्षित के रूप में रखी गई संपत्ति है, जिसका इस्तेमाल आर्थिक संकट या आड़े वक्त में किया जाता है. आमतौर पर इसका इस्तेमाल विनिमय दर का समर्थन करने और मौद्रिक नीति बनाने के लिए किया जाता है. भारत के मामले में विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर, सोना और विशेष आहरण अधिकारों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का कोटा शामिल है. अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वित्तीय प्रणाली में मुद्रा के महत्व को देखते हुए अधिकांश भंडार आमतौर पर अमेरिकी डॉलर में रखे जाते हैं. कुछ केंद्रीय बैंक अपने अमेरिकी डॉलर के भंडार के अलावा ब्रिटिश पाउंड, यूरो, चीनी युआन या जापानी येन को भी अपने भंडार में रखते हैं.

क्यों जरूरी है विदेशी मुद्रा का भंडारण

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रकार के लेनदेन अमेरिकी डॉलर में तय किए जाते हैं. आयात का समर्थन करने के आप विदेशी मुद्रा का व्यापार कहां कर सकते हैं लिए किसी भी देश के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का होना आवश्यक है. अगर किसी देश के पास विदेशी मुद्रा या उसके पास डॉलर नहीं होगा, तो वह आवश्यक वस्तुओं का दूसरे देशों से आयात नहीं कर सकता है, जैसा कि श्रीलंका के साथ हुआ. श्रीलंका में आर्थिक संकट आने के पीछे विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आना है. कोरोना महामारी के दौरान उसका पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ. विदेश पर्यटकों के आगमन थम जाने से श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर की कमी आ गई, जिसकी वजह से वह अपने देश की जनता की रोजमर्रा की वस्तुओं का आयात करने में विफल हो गया. इसलिए महंगाई चरम पर पहुंच गई.

भारत ने श्रीलंका को दिया सहयोग

आलम यह कि आर्थिक संकट के इस दौर में भारत में पेट्रोलियम पदार्थ और खाद्य पदार्थों के अलावा दूसरे प्रकार की सहायता भी उपलब्ध कराई है. वहीं, अगर उसके पास विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता, तो संकट के इस दौर में उसका आवश्यक वस्तुओं का आयात प्रभावित नहीं होता और देश में महंगाई चरम पर नहीं पहुंचती.

मौद्रिक और आर्थिक नीति बनाने में विदेशी मुद्रा सहायक

इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि विदेशी मुद्रा भंडार घरेलू स्तर पर मौद्रिक और आर्थिक नीतियां तैयार करने में सरकार और रिजर्व बैंक के लिए अहम भूमिका निभाता है. विदेशी पूंजी प्रवाह में अचानक रुकावट आ जाने की वजह से हमारी आर्थिक और मौद्रिक नीतियां प्रभावित होने के साथ ही आम जनजीवन पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर घर में जब पैसे और पूंजी या फिर आमदनी में कमी आ जाती है या किसी की नौकरी अचानक छूट जाती है, तो घर में रखा हुआ सोना ही आड़े वक्त में काम आता है. सोना या गहनों को बेचकर घर का मुखिया परिवार की जरूरतों को पूरा करता है और स्थिति सामान्य होने के बाद वह फिर उतने ही या उससे अधिक सोने का भंडारण कर लेता है. नकदी विदेशी मुद्रा जमा करने से इस तरह की चुनौतियों से निपटने में आसानी होती है और यह विश्वास दिलाता है कि बाहरी झटके के मामले में देश के महत्वपूर्ण आयात का समर्थन करने के लिए अभी भी पर्याप्त विदेशी मुद्रा होगी.

10 अप्रैल को खत्म सप्ताह में दो अरब डॉलर बढ़कर 476.5 अरब डॉलर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार

10 अप्रैल को खत्म सप्ताह में दो अरब डॉलर बढ़कर 476.5 अरब डॉलर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार

मई के आखिर सप्ताह में 3.854 अरब डॉलर बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार

बता दें कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 27 मई को समाप्त हुए सप्ताह में 3.854 अरब डॉलर बढ़कर 601.363 अरब डॉलर हो गया. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार, यह वृद्धि विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में हुई बढ़ोतरी के कारण हुई है. इससे पिछले सप्ताह, विदेशी मुद्रा भंडार 4.230 अरब डॉलर बढ़कर 597.509 अरब डॉलर हो गया था. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि आप विदेशी मुद्रा का व्यापार कहां कर सकते हैं का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में वृद्धि होना है, जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण घटक है. आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 3.61 अरब डॉलर बढ़कर 536.988 अरब डॉलर हो गई.

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RBI Alert List : इन ऐप्स और वेबसाइट्स से सावधान ! इन पर किया फॉरेन करेंसी ट्रांजैक्शन तो हो सकती है कानूनी कार्रवाई

RBI ने 34 ऐसी एंटिटीज़ की लिस्ट जारी की है, जिन्हें विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या फॉरेक्स ट्रांजैक्शन्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) ऑपरेट करने की कोई इजाजत नहीं दी गई है. लिहाजा उनके जरिए लेनदेन करना गैरकानूनी है.

RBI Alert List : इन ऐप्स और वेबसाइट्स से सावधान ! इन पर किया फॉरेन करेंसी ट्रांजैक्शन तो हो सकती है कानूनी कार्रवाई

RBI की अलर्ट लिस्ट में शामिल 34 एंटिटीज़ को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या ETP ऑपरेट करने की इजाजत नहीं दी गई है.

RBI Alert List of entities not authorised to deal in forex: अगर आप किसी ऐसी वेबसाइट के जरिए फॉरेन एक्सचेंज से जुड़ा लेनदेन करते हैं या करने की सोच रहे हैं, जिसके कानूनी तौर पर वैध होने के बारे में आपको पक्के तौर पर कुछ पता नहीं है, तो सावधान हो जाइए. रिजर्व बैंक ने ऐसी 34 एंटिटीज़ और उनकी वेबसाइट्स की अलर्ट लिस्ट जारी की है, जिनके जरिए विदेशी मुद्रा से जुड़ा कोई भी लेनदेन करने पर आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

रिजर्व बैंक की तरफ से जारी इन अनधिकृत एंटिटीज़ की लिस्ट में ओलिंप ट्रेड(Olymp Trade), अल्पारी (Alpari), एनीएफएक्स (AnyFX), बिनोमो (Binomo), फॉरेक्स.कॉम (Forex.com), एफबीएस (FBS), फॉरेक्स4मनी (Forex4money), हॉट फॉरेक्स (HotForex), आईफॉरेक्स (iFOREX) और एक्सटीबी (XTB) जैसी 34 वेबसाइट्स शामिल हैं. इन सभी वेबसाइट्स की पूरी लिस्ट आप रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर यहां जाकर देख सकते हैं: https://rbi.org.in/scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=4183

रिजर्व बैंक की चेतावनी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से बुधवार को जारी एक बयान में बताया गया है कि अलर्ट लिस्ट में शामिल इन 34 एंटिटीज़ या वेबसाइट्स को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या फॉरेक्स ट्रांजैक्शन्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) ऑपरेट करने की कोई इजाजत नहीं दी गई है. लिहाजा इनका इस तरह की गतिविधियां संचालित करना पूरी तरह से गैरकानूनी हैं. रिजर्व बैंक ने यह चेतावनी भी दी है कि इन वेबसाइट्स के जरिए किसी भी तरह का विदेशी मुद्रा से जुड़ा लेनदेन करना न सिर्फ जोखिम भरा है, बल्कि ऐसा करने वाले के खिलाफ 1999 के विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (FEMA) के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.

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रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर देखें अलर्ट लिस्ट

रिजर्व बैंक ने इससे पहले 3 फरवरी 2022 को भी अपनी तरफ से बयान जारी आप विदेशी मुद्रा का व्यापार कहां कर सकते हैं करके आम लोगों को हिदायत दी थी कि वे किसी भी अनधिकृत ETP विदेशी मुद्रा के जरिए किसी तरह का लेनदेन न करें. साथ ही लोगों को किसी भी तरह के अनधिकृत फॉरेक्स ट्रांजैक्शन से दूर रहने की चेतावनी भी दी गई थी. लेकिन यह स्पष्टीकरण जारी करने के बावजूद रिजर्व बैंक के पास अब भी ऐसे रेफरेंस आते रहते हैं, जिनमें किसी ETP की कानूनी स्थिति के बारे में जानकारी मांगी जाती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब RBI ने अपनी वेबसाइट पर अनधिकृत एंटिटीज़ और वेबसाइट्स की अलर्ट लिस्ट डालने का फैसला किया है. हालांकि इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई एंटिटी या वेबसाइट इस अलर्ट लिस्ट में शामिल नहीं है, तो इसका ये मतलब नहीं कि वो अधिकृत है. इस लिस्ट में सिर्फ उन्हीं एंटिटीज़ के नाम शामिल हैं, जिनके बारे में रिजर्व बैंक को यह बयान जारी करते समय मालूम था.

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