अमारा मार्केटिंग टेक्नोलॉजीज के निदेशक और सह-संस्थापक विनायक काटकर , बताते हैं कि भारत में, परंपरागत रूप से, किराये बाजार स्थानीय दलालों द्वारा संचालित किया गया था क्योंकि सूची में आपूर्ति / एक्सेस ब्रोकरों तक ही सीमित थी। “विभिन्न प्रॉपर्टी पोर्टल्स के साथ अब उपलब्ध है, इस सूची उपलब्धता की समस्या को हल किया गया है। फिर भी, ब्रोकर अभी भी किराये के घरों का प्रबंधन कर रहे हैं युवा लोग क्या चाहते हैं, यह सिर्फ एक घर नहीं बल्कि प्रबंधित संपत्ति सेवाओं है जो कि देखभाल करता हैउनकी दैनिक ज़रूरतें और काम Nestaway और Grabhouse जैसे स्टार्ट-अप, गुणों का प्रबंधन कर रहे हैं और मकान मालिकों के लिए किरायेदारों को ढूंढ रहे हैं। इससे निश्चित रूप से लोगों को रहने के लिए अच्छे स्थान मिलाने में सहायता मिली है और संपत्ति के मालिकों के लिए किराये की पैदावार भी बढ़ी है, “कटकर बताते हैं।

अधिक किराये प्रबंधन कंपनियों को बनाने के लिए किराये बाजार बढ़ाना

लोगों की मानसिकता में बदलाव के कारण भारत में किराये बाजार धीरे-धीरे विकसित हो रहा है एक घर को किराये पर लेना, एक्सेस ब्रोकर का उदाहरण एक्सेस ब्रोकर का उदाहरण घर खरीदने के मुकाबले, केवल खरीददारी के द्वारा ही संचालित नहीं होता है इसके बजाय, लोग अब किराये के विकल्प का चयन कर रहे हैं, एक पसंदीदा इलाके में रहने के लिए और सुविधाएं लेने के लिए जो एक अच्छी लाइफस्टाइल का वादा करता है। यह बदलते रुझान, संगठित खिलाड़ियों और किराये की प्रबंधन कंपनियों (आरएमसी) के लिए कदम उठाने के लिए एक अवसर प्रस्तुत करता है।

अमारा मार्केटिंग टेक्नोलॉजीज के निदेशक और सह-संस्थापक विनायक काटकर , बताते हैं कि भारत में, परंपरागत रूप से, किराये बाजार स्थानीय दलालों द्वारा संचालित किया गया था क्योंकि सूची में आपूर्ति / एक्सेस ब्रोकरों तक ही सीमित थी। “विभिन्न प्रॉपर्टी पोर्टल्स के साथ अब उपलब्ध है, इस सूची उपलब्धता की समस्या को हल किया गया है। फिर भी, ब्रोकर अभी भी किराये के घरों का प्रबंधन कर रहे हैं युवा लोग क्या चाहते हैं, यह सिर्फ एक घर नहीं बल्कि प्रबंधित संपत्ति सेवाओं है जो कि देखभाल करता हैउनकी दैनिक ज़रूरतें और काम Nestaway और Grabhouse जैसे स्टार्ट-अप, गुणों का प्रबंधन कर रहे हैं और मकान मालिकों के लिए किरायेदारों को ढूंढ रहे हैं। इससे निश्चित रूप से लोगों को रहने के लिए अच्छे स्थान मिलाने में सहायता मिली है और संपत्ति के मालिकों के लिए किराये की पैदावार भी बढ़ी एक्सेस ब्रोकर का उदाहरण है, “कटकर बताते हैं।

किराये की प्रबंधन कंपनियों (आरएमसी) संपत्ति चाहने वालों की मदद कैसे कर सकते हैं

संचार और परिवहन, का भी किराये बाजार पर एक बड़ा प्रभाव पड़ा है, कहते हैं, किरण एन, सह-संस्थापक, रेंटमेस्टेय

“लोग सुख या काम के लिए यात्रा कर रहे हैं, पहले की तुलना में अधिक बार। कम समय के लिए, लोगों को पहले होटल या सर्विस्ड अपार्टमेंट्स पर भरोसा करता था, जो बहुत महंगा हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई दो माह के लिए आवास चाहता है, तो होटल बहुत महंगा हो सकता है और फ्लैटों में न्यूनतम छह महीने की लॉक-इन अवधि होती है। नतीजतन, एक व्यक्ति को छह महीने का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जा सकता है, भले ही वह केवल दो महीने तक रहता हो।ऐसे परिदृश्यों में, एक अल्पकालिक किराये की योजना, जो ग्राहकों को एक फ्लैट से एक दिन से छह महीने तक बुक करने की अनुमति देती है, आदर्श हो सकती है। लोग होटल से भोजन के आदेश देने के बजाय होटल और खाना पकाने के बजाय ऐसे फ्लैट्स का चयन करके बहुत कुछ बचा सकते हैं। इस तरह की जरूरतों ने भारत में आरएमसी के लिए बड़े अवसर पैदा किए हैं, “किरण कहते हैं, कि किरायेदारों अब उन सेवाओं को पसंद करते हैं जो पारदर्शी और ग्राहक आधारित हैं, मौजूदा सिस्टम की बजाय।

एल्स देखेंo: आवासीय और वाणिज्यिक खंडों में किराये की संपत्तियों के बाद का पूर्वानुमान उठाना

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Metaverse में तेजी से बिक रहे प्लाॅट्स, समझें क्या है अहमियत

Metaverse में तेजी से बिक रहे प्लाॅट्स, समझें क्या है अहमियत

Munzir Ahmad

Munzir Ahmad

  • नई दिल्ली ,
  • 22 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:02 PM IST

Metaverse का क्रेज कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. कई अन्य तरह की सुविधाएं शुरू होने के बाद अब Metaverse में प्लाॅट्स बिकने भी शुरू हो चुके हैं. और एक ऐसी दुनिया जो असल में है ही नहीं वहां पर भी लोग धड़ल्ले से प्लाॅट्स खरीद रहें हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो Bitcoin की तरह ही Metaverse में प्लाॅट्स फायदे का सौदा हो सकता है. ज्यादा जानकारी के लिए देखें ये वीडियो.

सस्‍ते ऑनलाइन इंश्‍यारेंस प्रोडक्‍ट भी पड़ सकते हैं महंगे, पॉलिसी खरीदते वक्‍त इन बातों का रखें ख्‍याल

ऑनलाइन इंश्‍यारेंस खरीदने से पहले कुछ चीजें ध्यान रखनी बहुत जरूरी हैं, जिससे भविष्‍य में क्‍लेम या दूसरी जरूरत के वक्‍त मुश्किल नहीं आती।

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: July 29, 2016 10:31 IST

For Safe Future: सस्‍ते ऑनलाइन इंश्‍यारेंस प्रोडक्‍ट भी पड़ सकते हैं महंगे, पॉलिसी खरीदते वक्‍त इन बातों का रखें ख्‍याल- India TV Hindi

For Safe Future: सस्‍ते ऑनलाइन इंश्‍यारेंस प्रोडक्‍ट भी पड़ सकते हैं महंगे, पॉलिसी खरीदते वक्‍त इन बातों का रखें ख्‍याल

नई दिल्‍ली। इंटरनेट ने हमारी जिंदगी काफी आसान बना दी है। खासतौर पर इंश्‍यारेंस या दूसरे फाइनेंशियल प्रोडक्‍ट की बात करें, तो अब हमें न तो एजेंट की राह तकनी पड़ती है और न ही प्रीमियम कैल्‍कुलेशन के लिए इंश्‍योरेंस की किताबें पढ़नी पड़ती हैं। इतना ही नहीं डायरेक्‍ट सेलिंग के चलते ऑनलाइन पॉलिसी काफी सस्‍ती पड़ती है। यही कारण है कि आजकल लोग इंश्योरेंस भी ऑनलाइन खरीदते हैं। लेकिन ऑनलाइन इंश्‍यारेंस खरीदने से पहले कुछ चीजें ध्यान रखनी बहुत जरूरी हैं, जिससे भविष्‍य में क्‍लेम या दूसरी जरूरत के वक्‍त मुश्किल नहीं आती। इंडिया टीवी पैसा की टीम अपने रीडर्स को आज इन्‍हीं जरूरी बातों के बारे में बता रही है, जो आपका भविष्‍य सुरक्षित बना सकती है।

ऑनलाइन सबके लिए नहीं है

ऑनलाइन पॉलिसी खरीदना आसान है, लेकिन हर कोई ऑनलाइन नहीं खरीद सकता। केवल स्टैंडर्ड केस ही ऑनलाइन मिलते हैं। उदाहरण के तौर पर 45 वर्ष की आयु से ऊपर के लोग या फिर जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है वो लोग ऑनलाइन हैल्थ इंश्योरेंस नहीं खरीद सकते है। कुछ कंपनियां 5 साल से ज्यादा पुराने वाहनों का इंश्योरेंस नहीं करती जब तक की उसे वही इंश्योरर रिन्यू नहीं कराता। जब जीवन बीमा खरीदते हैं तो केवल प्योर टर्म पॉलिसी, या फिर यूलिप प्लान भी ऑनलाइन खरीदें जा सकते हैं। अधिकांश सेविग प्रोडक्ट्स ऑनलाइन नहीं खरीदे जा सकते हैं।

खरीदने से पहले कीमतों में तुलना जरूर कर लें

आजकल एग्रीगेटर की वेबसाइट या फिर ऑनलाइन इंश्योरेंस ब्रोकर की वेबसाइट पर इंश्योरेंस कंपनी की ओर से ऑफर की जाने वाली कीमतें एक जैसी ही होती है। चाहे आप एग्रीगेटर से खरीदें या फिर ऑनलाइन या फिर ऑनलाइन ब्रोकर से, प्रीमियम पेमेंट केवल इंश्योरर वेबसाइट पर ही होती हैं। ऐसा ट्रांजेक्शन की सुरक्षा के लिहाज से किया जाता है।

प्रीमियम एक, कवर ज्यादा

ऐसा जीवन बीमा के साथ होता है। कुछ कंपनियों में आपने देखा होगा कि कम मूल्य का एश्योर्ड कवर पर आपको ज्यादा प्रीमियम देना पड़ता है ऊंचे मूल्य एश्योर्ड कवर की तुलना में। ऐसा अक्सर 50 लाख के एश्योर्ड मूल्य पर होता है और कभी कभी ऊंचे एश्योर्ड मूल्य पर भी। उदाहरण के तौर पर अगर 35 वर्षीय व्यक्ति 20 साल के लिए पॉलिसी देख रहा है तो उसे पता चलेगा कि 40 लाख के एश्योर्ड मूल्य का प्रीमियम 50 लाख के एश्योरेड मूल्य के प्रीमियम से कुछ ज्यादा है।

कीमतों के साथ ही सर्विसेस पर भी करें गौर

ऑनलाइन खरीदारी की ओर लोग इसलिए बढ़ते हैं क्योंकि उन्हें एक ही जगह पर कई प्रोडक्ट्स की तुलना करने की सुविधा मिल जाती है। कीमतों में तुलना तो महत्वपूर्ण है ही, लेकिन खरीदारी के समय कंपनी की सर्विसेज पर भी विशेष ध्यान दें। हेल्‍थ पॉलिसी लेते वक्‍त उसके नेटवर्क हॉस्पिटल, क्‍लेम रिस्‍पॉन्‍स पर भी ध्‍यान देना जरूरी है। एक सस्ती पॉलिसी के लालच में न पड़े। वो किसी काम की नहीं होती है। उदाहरण के तौर पर अगर कंपनी केवल 50 फीसदी क्लेम को ही तय समय सीमा में सेटल कर पाती है तो उसे लेना नासमझी होगा।

कहां से खरीदें

ऑनलाइन इंश्योरेंस किसी भी ऑनलाइन ब्रोकर या फिर सीधे इंश्योरेंस कंपनी से खरीद सकते हैं। अगर लेने से पहले किसी भी असमंजस में है तो वेबसाइट पर तुलना जरूर कर लें। ऐसा करने से आपके सामने कई विकल्प होते हैं। और आप बेहतर चुनाव कर पाते हैं। इसका एक नुकसान भी होता है कि वेबसाइट्स को आपकी निजी जानकारी तक का एक्सेस मिल जाता है। यदि कोई इंश्योरेंस कंपनी आपको किसी भी तरह की छूट ऑफर कर रहा है तो ध्यान रखें कि वह इसके बदले फीचर्स कम कर देता है।

ई-कॉमर्स के प्रकार

ई-कॉमर्स कई प्रकार का होता है हम एक प्रकार के ई-कॉमर्स को दूसरे प्रकार के ई-कॉमर्स से इस आधार पर अलग करते हैं कि उनमें विक्रेता कौन है और क्रेता कौन है? हालाँकि ई-कॉमर्स को निम्नलिखित चार मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है |

  1. व्यापार से उपभोक्ता (B2C)
  2. व्यापार से व्यापार (B2B)
  3. उपभोक्ता से उपभोक्ता (C2C)
  4. मोबाइल कॉमर्स (M Commerce)

व्यापार से उपभोक्ता (Business to Consumer)

इसे संक्षेप में B2C ई-कॉमर्स भी कहा जाता है केवल E Commerce कहने से वास्तव में इसी प्रकार के ई कॉमर्स का बोध होता है हालांकि इसकी मात्रा तुलनात्मक रूप से कम होती है इस प्रकार के ई कॉमर्स में कोई कंपनी अपने उत्पाद एवं सेवाएं उपभोक्ताओं को बेचती है ऐसे मामलों में कंपनी की एक वेबसाइट होती है जिसमें से ग्राहक सूचनाएं ले सकता है और किसी उत्पाद या सेवा का आदेश दे सकता है इस प्रकार का E Commerce भी प्रायः कई रूपों में किया जाता है जैसे वेब पोर्टल, ऑनलाइन रिटेलर, सामग्री प्रदाता, लेनदेन, ब्रोकर सेवा प्रदाता आदि |

व्यापार से व्यापार (Business to Business)

इसे संक्षेप में B2B E-Commerce कहां जाता है इस प्रकार के ई कॉमर्स में कोई कंपनी अपने उत्पाद और सेवाएं दूसरी कंपनियों को बेचते हैं या उनसे खरीदती हैं यह कॉमर्स का सबसे बड़ा रूप या भाग है वास्तव में ई कॉमर्स के सभी रूपों में इस ग्रुप के विस्तार की संभावनाएं सबसे अधिक है प्रारंभ में इस प्रकार के ई कॉमर्स में व्यापारियों के बीच आपसी खरीद-बिक्री या लेनदेन ही होता था परंतु समय के साथ एक्सेस ब्रोकर का उदाहरण इनमें कई मॉडल विकसित हो गए हैं जैसे ई वितरक, बी2बी सर्विस प्रदाता, मैच मेकर, सूचना दलाल आदि इनके कारण व्यापार से व्यापारी कॉमर्स विस्तृत होता जा रहा है|

उपभोक्ता से उपभोक्ता (Consumer to Consumer)

इसे संक्षेप में C2C ई-कॉमर्स भी कहते हैं इस प्रकार के ई कॉमर्स में उपभोक्ता अपनी वस्तुएं आपस में एक दूसरे को बेच सकते हैं इसमें किसी ऑनलाइन मार्केट की सुविधा उपलब्ध कराने वाली वेबसाइट जैसे नीलामी की वेबसाइट की सहायता ली जाती है इस प्रकार की कॉमर्स की मात्रा अपेक्षाकृत रूप से कम है ऐसे ई कॉमर्स में किसी वस्तु को बेचने की इच्छा रखने वाला कोई भी उपभोक्ता अपनी वस्तु का वितरण और अपेक्षित मूल्य वेबसाइट पर डाल सकता है अन्य उपभोक्ता उस वस्तु के लिए बोली लगा सकते हैं वेबसाइट का स्वामी या संचालक अपना कमीशन लेकर उस वस्तु के विक्रय और धन को लेनदेन के संभव बनाता है|
उदाहरण के एक्सेस ब्रोकर का उदाहरण लिए इंटरनेट पर नीलामी की सबसे बड़ी वेबसाइट ebay.com है |

मोबाइल कॉमर्स (Mobile Commerce)

इसे संक्षेप में M Commerce भी कहा जाता है एम कॉमर्स से हमारा तात्पर्य किसी बेतार अंकीय साधन जैसे मोबाइल फोन के माध्यम से साधनों और सेवाओं के क्रय विक्रय से हैं एक बार ऐसे साधन से संपर्क जोड़ जाने पर उपभोक्ता अपनी आवश्यकता की वस्तुओं का आदेश कर सकता है और कई प्रकार के लेनदेन कर सकता है इस प्रकार के ई कॉमर्स का उपयोग मुख्यतः यूरोप के देशों और जापान में अधिक मात्रा में किया जाता है जहां सेल्यूलर फोन का उपयोग बहुत अधिक संख्या में किया जाता है|

ऑनलाइन इंश्‍योरेंस लेने से पहले इन बातों का रखें ख्‍याल

अब इंश्‍यारेंस लेने के लिए आपको न तो एजेंट की राह तकनी पड़ती है और न ही प्रीमियम कैल्‍कुलेशन। डायरेक्‍ट सेलिंग के चलते ऑनलाइन पॉलिसी काफी सस्‍ती पड़ती है।

Dharmender Chaudhary
Published on: April 19, 2016 7:53 IST

Be Secure: ऑनलाइन इंश्‍योरेंस लेकर लाइफ बनाना चाहते हैं सिक्‍योर, पॉलिसी लेने से पहले इन बातों का रखें ख्‍याल- India TV Hindi

Be Secure: ऑनलाइन इंश्‍योरेंस लेकर लाइफ बनाना चाहते हैं सिक्‍योर, पॉलिसी लेने से पहले इन बातों का रखें ख्‍याल

नई दिल्‍ली। इंटरनेट और ईकॉमर्स के जमाने में आज सब कुछ हमारी फिंगरटिप्‍स पर आ गया है। अब चाहें आपको मोबाइल से लेकर टीवी, फ्रिज जैसे कंज्‍यूमर प्रोडक्‍ट हो या फिर फाइनेंशियल प्रोडक्‍ट, सब कुछ ऑनलाइन उपलब्‍ध है। अब इंश्‍यारेंस या दूसरे प्रोडक्‍ट लेने के लिए आपको न तो एजेंट की राह तकनी पड़ती है और न ही प्रीमियम कैल्‍कुलेशन के लिए इंश्‍योरेंस की किताबें पढ़नी पड़ती हैं। इतना ही नहीं डायरेक्‍ट सेलिंग के चलते ऑनलाइन पॉलिसी काफी सस्‍ती पड़ती है। यही कारण है कि आजकल लोग इंश्योरेंस भी ऑनलाइन खरीदते हैं। लेकिन ऑनलाइन इंश्‍यारेंस खरीदने एक्सेस ब्रोकर का उदाहरण से पहले कुछ चीजें ध्यान रखनी बहुत जरूरी हैं, जिससे भविष्‍य में क्‍लेम या दूसरी जरूरत के वक्‍त मुश्किल नहीं आती। इंडिया टीवी पैसा की टीम अपने रीडर्स को आज इन्‍हीं जरूरी बातों के बारे में बता रही है, जो आपका भविष्‍य सुरक्षित बना सकती है।

ऑनलाइन सबके लिए नहीं है

ऑनलाइन पॉलिसी खरीदना आसान है, लेकिन हर कोई ऑनलाइन नहीं खरीद सकता। केवल स्टैंडर्ड केस ही ऑनलाइन मिलते हैं। उदाहरण के तौर पर 45 वर्ष की आयु से ऊपर के लोग या फिर जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है वो लोग ऑनलाइन हैल्थ इंश्योरेंस नहीं खरीद सकते है। कुछ कंपनियां 5 साल से ज्यादा पुराने वाहनों का इंश्योरेंस नहीं करती जब तक की उसे वही इंश्योरर रिन्यू नहीं कराता। जब जीवन बीमा खरीदते हैं तो केवल प्योर टर्म पॉलिसी, या फिर यूलिप प्लान भी ऑनलाइन खरीदें जा सकते हैं। अधिकांश सेविग प्रोडक्ट्स ऑनलाइन नहीं खरीदे जा सकते हैं।

खरीदने से पहले कीमतों में तुलना जरूर कर लें

आजकल एग्रीगेटर की वेबसाइट या फिर ऑनलाइन इंश्योरेंस ब्रोकर की वेबसाइट पर इंश्योरेंस कंपनी की ओर से ऑफर की जाने वाली कीमतें एक जैसी ही होती है। चाहे आप एग्रीगेटर से खरीदें या फिर ऑनलाइन या फिर ऑनलाइन ब्रोकर से, प्रीमियम पेमेंट केवल इंश्योरर वेबसाइट पर ही होती हैं। ऐसा ट्रांजेक्शन की सुरक्षा के लिहाज से किया जाता है।

प्रीमियम एक, कवर ज्यादा

ऐसा जीवन बीमा के साथ होता है। कुछ कंपनियों में आपने देखा होगा कि कम मूल्य का एश्योर्ड कवर पर आपको ज्यादा प्रीमियम देना पड़ता है ऊंचे मूल्य एश्योर्ड कवर की तुलना में। ऐसा अक्सर 50 लाख के एश्योर्ड मूल्य पर होता है और कभी कभी ऊंचे एश्योर्ड मूल्य पर भी। उदाहरण के तौर पर अगर 35 वर्षीय व्यक्ति 20 साल के लिए पॉलिसी देख रहा है तो उसे पता चलेगा कि 40 लाख के एश्योर्ड मूल्य का प्रीमियम 50 लाख के एश्योरेड मूल्य के प्रीमियम से कुछ ज्यादा है।

कीमतों के साथ ही सर्विसेस पर भी करें गौर

ऑनलाइन खरीदारी की ओर लोग इसलिए बढ़ते हैं क्योंकि उन्हें एक ही जगह पर कई प्रोडक्ट्स की तुलना करने की सुविधा मिल जाती है। कीमतों में तुलना तो महत्वपूर्ण है ही, लेकिन खरीदारी के समय कंपनी की सर्विसेज पर भी विशेष ध्यान दें। हेल्‍थ पॉलिसी लेते वक्‍त उसके नेटवर्क हॉस्पिटल, क्‍लेम रिस्‍पॉन्‍स पर भी ध्‍यान देना जरूरी है। एक सस्ती पॉलिसी के लालच में न पड़े। वो किसी काम की नहीं होती है। उदाहरण के तौर पर अगर कंपनी केवल 50 फीसदी क्लेम को ही तय समय सीमा में सेटल कर पाती है तो उसे लेना नासमझी होगा।

कहां से खरीदें

ऑनलाइन इंश्योरेंस किसी भी ऑनलाइन ब्रोकर या फिर सीधे इंश्योरेंस कंपनी से खरीद सकते हैं। अगर लेने से पहले किसी भी असमंजस में है तो वेबसाइट पर तुलना जरूर कर लें। ऐसा करने से आपके सामने कई विकल्प होते हैं। और आप बेहतर चुनाव कर पाते हैं। इसका एक नुकसान भी होता है कि वेबसाइट्स को आपकी निजी जानकारी तक एक्सेस ब्रोकर का उदाहरण का एक्सेस मिल जाता है। यदि कोई इंश्योरेंस कंपनी आपको किसी भी तरह की छूट ऑफर कर रहा है तो ध्यान रखें कि वह इसके बदले फीचर्स कम कर देता है।

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