एक्सचेंज पर व्यापार करने के लिए टिप्स और ट्रिक्स
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Smartphone Selling tips: पुराने फोन पर मिलेंगे 'फुल पैसे', बेचते वक्त रखें इन बातों का ध्यान
How to get Best Value for old Smartphone: पुराने फोन के लिए बेस्ट वैल्यू चाहते हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगे, तो नुकसान उठाना पड़ेगा. आइए जानते हैं आप कैसे अपने फोन की फुल वैल्यू हासिल कर सकते हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 11 मई 2022,
- (अपडेटेड 11 मई 2022, 1:24 PM IST)
- एक्सचेंज कर सकते हैं पुराना फोन
- ऑनलाइन बेचने के लिए बिल जरूर रखें
- ओरिजनल एक्सेसरीज दिलाएंगी बेस्ट वैल्यू
सभी ब्रांड के स्मार्टफोन के लिए हमें अच्छी रिसेल वैल्यू नहीं मिलती है. वहीं फोन्स की वैल्यू तेजी से कम भी होती है. मसलन आप किसी फोन को खरीदने के लगभग एक या दो महीने बाद बेचना चाहें, तो भी उसकी वैल्यू कई बार मन मुताबिक नहीं मिलती है.
किसी स्मार्टफोन की बेस्ट रिसेल वैल्यू पाने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. आइए जानते हैं आप कैसे अपने पुराने फोन के बदले अच्छे पैसे पा सकते हैं. किसी भी पुराने स्मार्टफोन को आप दो तरह से निकाल सकते हैं.
या तो आप उसे बेच दें या फिर उसे किसी दूसरे फोन से एक्सचेंज कर लें. हैंडसेट को बेचने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की सुविधाएं मौजूद हैं. सबसे पहले बात करते हैं किसी हैंडसेट की एक्सचेंज वैल्यू हासिल करने की.
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एक्सचेंज में मिलती है बेस्ट वैल्यू
पुराने स्मार्टफोन को आप किसी नए फोन को खरीदते वक्त एक्सचेंज कर सकते हैं. दरअसल, सेल के दौरान किसी हैंडसेट को एक्सचेंज करना एक फायदे का सौदा होता है. इसमें आपको फोन की एक्सचेंज वैल्यू के साथ एक्सचेंज बोनस भी मिल जाता है.
यानी आप अपने फोन की वैल्यू के साथ-साथ बोनस का भी फायदा उठा सकते हैं. किसी पुराने डिवाइस को रिप्लेस करने का यह सबसे सही तरीका होता है. ध्यान रहे कि बेस्ट वैल्यू पाने के लिए आपको बंपर डिस्काउंट वाली सेल का इंतजार करना पड़ेगा.
ऑनलाइन बेचने का भी है ऑप्शन
Olx, Cashify जैसे कई ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हैं, जो आपके पुराने फोन को खरीदते हैं. ध्यान रहे कि आपके फोन की वैल्यू उसकी कंडीशन पर निर्भर करती है. अपने फोन की बेहतर वैल्यू पाने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा.
फोन रिसीप्ट अपने पास जरूर रखें. जब आप कोई नया फोन लेते हैं, तो उसके साथ बिल भी मिलता है. आपको अपने पुराने फोन का बिल रखना होगा, जिससे आपको अच्छे पैसे पा सकेंगे.
फोन की कंडीशन का भी ख्याल रखना होता है. आपका स्मार्टफोन जिस हालत में होगा, उसकी वैल्यू वैसी ही मिलेगी. इसलिए आप अपने फोन को बेचने से पहले उसे साफ सुथरा कर लें, जिससे आपको इसकी बेस्ट वैल्यू मिल सके.
एक्सेसरीज पर मिलते हैं ज्यादा पैसे- अगर आपके फोन के साथ उसकी ओरिजनल एक्सेसरीज मौजूद हैं, तो आपको ज्यादा पैसे मिलेंगे. एक्सेसरीज ना होने पर कंपनियां इनके पैसे एक्सचेंज पर व्यापार करने के लिए टिप्स और ट्रिक्स आपके फोन की वैल्यू में से काटेंगी.
EXCLUSIVE: एक्सचेंज में तकनीकी खराबी पर निवेशकों को नहीं होगा नुकसान, 1.30 घंटे बढ़ेगा बाजार का कामकाज
Tech glitches in Exchange: एक्सचेंज में तकनीकी खराबी पर निवेशक झटका नहीं लगेगा. निवेशकों और ट्रेडर्स को सौदा काटने का पूरा समय मिलेगा. 2:15 बजे तक चालू नहीं होने पर बाजार शाम 5 बजे तक खुलेगा.
एक्सचेंज में कोई तकनीकी खराबी आने पर निवेशकों को सौदा काटने का पूरा समय मिलेगा. (Reuters)
Tech glitches in Exchange: किसी एक्सचेंज में तकनीकी खामी आने पर निवेशकों और ट्रेडर्स को अपने सौदे निपटाने का पूरा मौका दिया जाएगा. ज़ी बिजनेस को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सेबी (Sebi) की ओर से इस मामले पर जल्दी ही नियम जारी किए जाएंगे. दरअसल, 24 फरवरी 2021 को एनएसई (NSE) में आई तकनीकी खामी के बाद बाजार से जुड़े सभी पक्षों ने ये मामला उठाया था. जिसके बाद बाजार के कामकाज का समय बढ़ाने पर सहमति बनी है. ज़ी बिजनेस को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अगर मार्केट (Stock Market) बंद होने के सामान्य समय के सवा घंटे पहले तक एक्सचेंज में कामकाज न चालू होने पर समय डेढ़ घंटा बढ़ जाएगा. यानि कि अगर 2:15 बजे तक कामकाज चालू नहीं हो और उसके बाद हुआ तो बाजार 5 बजे तक खुलेंगे. इस स्थिति में एक्सचेंजों को 2:15 बजे तक सबको इसकी जानकारी भी देनी होगी कि बाजार का समय बढ़ाया जा रहा है ताकि लोगों के पास अपने सौदों को लेकर फैसला करने का पर्याप्त वक्त रहे.
सेबी के मौजूदा नियमों के मुताबिक किसी भी एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन या डिपॉजिटरी में तकनीकी खामी अगर 30 मिनट में ठीक नहीं होती है तो उसे डिसास्टर घोषित किया जाना जरूरी है.
नए नियमों की जरूरत क्यों?
24 फरवरी 2021 को NSE में टेलीकॉम लिंक में दिक्कत आने से एक्सचेंज का कामकाज करीब 4 घंटे तक रुका था. बाद में जब एक्सचेंज चालू हुआ तो निवेशकों और ट्रेडर्स को सही जानकारी नहीं मिली. जिसकी वजह से कई ट्रेडर्स को सौदे काटने पड़े या खुद कट गए और भारी नुकसान हुआ. ब्रोकर्स और क्लाइंट्स के बीच भी काफी विवाद हुआ. नए नियम लागू होने पर ऐसी स्थिति से निपटने के लिए अब सबके पास बराबर सूचना होगी और घबराकर कोई सौदे नहीं काटेगा.
🔸SEBI ने रिटेल निवेशकों के लिए उठाया अहम कदम
🔸मार्केट बंद होने के 1:15 घंटे पहले चालू नहीं हुआ तो देना होगा एक्सटेंशन
24 फरवरी 2021 को तकनीकी दिक्कत की वजह से NSE को सुबह 11:40 बजे काम काज रोकना पड़ा था. बाद में खबर आई थी कि दोपहर 1:30 बजे मार्केट फिर से शुरू होगा. आखिरकार बाजार दोपहर 03:17 बजे शुरू हुआ और क्लोजिंग फिर शाम 5 बजे हुई. सेबी फिलहाल इक्विटी कैश और इक्विटी डेरिवेटिव के लिए ये नियम लागू करने वाली है. बाद में कमोडिटी और करेंसी डेरिवेटिव के लिए भी इसी तरह का एक्सटेंशन देने पर विचार किया जाएग.
NSE की घटना के बाद क्या रेगुलेशन बदले?
NSE की घटना के बाद क्या सेबी ने तकनीकी खामी की स्थिति से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर नियम बदला. जिसमें तय समय सीमा में खामी ठीक न होने पर एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन या डिपॉजिटरी जहां भी खामी आई उस पर साथ ही उसके MD के साथ चीफ टेक्निकल ऑफिसर की जवाबदेही तय की. जिसमें फाइनेंशियल डिसइंसेंटिव का प्रावधान किया गया.
जुर्माने का प्रावधान
एक्सचेंज आदि के लिए 1 लाख रु से लेकर 2 करोड़ रु तक तक जुर्माने का प्रावधान किया गया. जबकि समय रहते तकनीकी खामी को डिस्साटर न घोषित करने पर MD और CTO की सालाना सैलरी का 10 फीसदी तक काटने का नियम आया. एक्सचेंज और डिपॉजिटरी पर लगे जुर्माने की रकम इनवेस्टर प्रोटेक्शन फंड में डालने को कहा गया. जबकि क्लीयरिंग कॉरपोरेशन पर लगे जुर्माने की रकम कोर सेटलमेंट गारंटी फंड में डालने का निर्देश दिया गया. साथ ही ये भी कहा गया कि 24 घंटे के भीतर घटना का रुट कॉज एनालिसिस सेबी को सौंपा जाए.
मामले की जांच रिपोर्ट को टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी के पास भेजा जाए और सुझाए गए उपायों पर किए गए अमल की रिपोर्ट दी जाए. साथ ही 90 दिन के भीतर अदा किए गए जुर्माने की जानकारी सेबी को सौंपी जाए. साथ ही MD और CTO की नियुक्ति की शर्तों में इस बात का भी जिक्र किए जाए कि तकनीकी खामी होने पर उनके पैसे काटे जा सकते हैं. सेबी ने नियमित डिसास्टर रिकवरी साइट पर कारोबार शिफ्ट करने का भी नियम लागू किया. ताकि खामी होने पर डिसास्टर रिकवरी साइट से काम किया जा सके.
Share Market: निवेशकों के लिए सेबी की बड़ी पहल, एक्सचेंज को जाने वाले ऑर्डर बुक को मर्ज करने की तैयारी
Share Market: ज़ी बिजनेस को एक सूत्र ने बताया कि इसके लिए 30 जून की डेडलाइन तय की गई थी जब तक फैसला लेना था और मोटे तौर पर इस पर सहमति बन चुकी है.
खरीदने जाएं तो सस्ते शेयर मिलें और बेचने जाएं तो बढ़िया ऊंचा भाव मिले. हर निवेशक की यही ख्वाहिश रहती है.
Share Market: खरीदने जाएं तो सस्ते शेयर मिलें और बेचने जाएं तो बढ़िया ऊंचा भाव मिले. हर निवेशक की यही ख्वाहिश रहती है. लेकिन सौदे जब ब्रोकर के जरिए एक्सचेंज पर जाते हैं तो हमेशा ऐसा नहीं हो पाता. लेकिन अब ऐसा करने की तैयारी हो रही है. ज़ी बिजनेस को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सेबी (SEBI) का एक वर्किंग ग्रुप इस मामले पर काम कर रहा है. जहां मौटे तौर पर इस बात पर सहमति बन रही है कि एक्सचेंज को जाने वाले ऑर्डर बुक को मर्ज कर दिया जाए. ताकि निवेशक अगर खरीद रहा है तो उसकी ऑर्डर बुक में से पहले जिस एक्सचेंज में शेयर सस्ते में मिल रहा हो वो मिल जाए. उसके बाद बाकी का ऑर्डर दूसरे एक्सचेंज में जाए.
मोटे तौर पर इस पर सहमति बन चुकी
ज़ी बिजनेस को एक सूत्र ने बताया कि इसके लिए 30 जून की डेडलाइन तय की गई थी जब तक फैसला लेना था और मोटे तौर पर इस पर सहमति बन चुकी है. उसके बाद इस पर आखिरी नियम बन जाएंगे.हालांकि बाजार के एक और जानकार ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि रेगुलेटर का आइडिया तो अच्छा है लेकिन ब्रोकर्स के लिए ये खर्चीला होगा क्योंकि सॉफ्टवेयर आदि में बड़ा बदलाव करना होगा.
सौदा जल्दी पूरा करना ज्यादा अहम होगा
बाजार के एक कुछ और एक्सपर्ट की राय है कि ये शायद कुछ लोगों के लिए ठीक हो. लेकिन कई बार जिन्होंने शेयर में वैल्यू दिखती है उन्हें छोटे प्राइस डिफरेंस से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. इसी तरह अगर किसी को शेयर (share) बेचकर जल्दी पैसे की जरूरत है तो शायद उसके लिए सौदा जल्दी पूरा करना ज्यादा अहम होगा न कि उसे बेस्ट प्राइस मिलना.कई बार एक एक्सचेंज पर ज्यादा मात्रा में शेयर मिल जाते हैं लेकिन बेस्ट प्राइस नहीं मिलता.जबकि ऐसा भी होता है कि शेयर दूसरे एक्सचेंज से सस्ते तो मिल जाते हैं पर जितनी मात्रा में शेयर चाहिए वो नहीं मिल पाते.
शेयर का बेहतर भाव मिले
हालांकि रेगुलेटर (SEBI) की हमेशा से यही मंशा यही है कि अगर एक्सचेंज पर व्यापार करने के लिए टिप्स और ट्रिक्स किसी निवेशक को उसके शेयर का बेहतर भाव मिल सकता है तो जरूर मिलना चाहिए.और ब्रोकर्स को बेस्ट प्राइस और ऑपरच्यूनिटी देना चाहिए.सेबी बेस्ट प्राइस एक्सिक्यूशन की मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा के लिए कई साल से काम कर रही है. लेकिन अब तक इस पर बात आगे नहीं बढ़ पाई थी. अब वर्किग ग्रुप की तय समय सीमा में सिफारिशें आने के बाद जल्द अंतिम नियम आने की उम्मीद है.
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सैद्धांतिक तौर पर बेस्ट प्राइस एक्सिक्यूशन में शेयर की कीमत (Share Market), शेयर खरीद की लागत, सौदों की स्पीड, सेटलमेंट के साइज और सौदा पूरा हो पाने के कितने आसार हैं इस पर फोकस किया जाता है. लेकिन कई बार व्यवहारिक दिक्कतों की वजह से बेस्ट प्राइस एक्सिक्यूशन का उतना फायदा नहीं मिल पाता जितना फायदा मिलने की गुंजाइश होती है.
कैसे समझें बेस्ट प्राइस एक्सिक्यूशन का फायदा
उदाहरण के तौर पर 10,000 शेयर खरीदे
एक्सचेंज A पर भाव ₹112.25
एक्सचेंज B पर भाव ₹112.50
एक्सचेंज A पर लागत ₹11,22,500
एक्सचेंज B पर लागत ₹11,25,000
बचत ₹2500
करीब 22 शेयर और मिल जाएंगे @112.25.
एक्सचेंज पर व्यापार करने के लिए टिप्स और ट्रिक्स
IFSCA ने अंतर्राष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज का पायलट रन लॉन्च किया
18 अगस्त, 2021 को, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) के अध्यक्ष इंजेती श्रीनिवास ने ‘इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज’ का पायलट रन/सॉफ्ट लॉन्च किया। एक्सचेंज को IFSCA के स्थापना दिवस यानी 1 अक्टूबर, 2021 को लाइव होने की योजना थी।
- बुलियन एक्सचेंज: यह खरीदारों और विक्रेताओं के लिए सोने और चांदी के व्यापार के लिए एक बाजार है।
- बुलियन एक्सचेंज सभी प्रतिभागियों को एक्सचेंज पर व्यापार करने के लिए टिप्स और ट्रिक्स सर्राफा व्यापार करने के लिए एक एकीकृत साझा पारदर्शी मंच (बुलियन मार्केट) प्रदान करेगा।
बुलियन क्या है?
बुलियन भौतिक सोने और चांदी के शुद्ध रूप को संदर्भित करता है जिसे अक्सर बार, सिक्कों आदि के रूप में रखा जाता है।
i. बजट 2020-21 में, वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने GIFT सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी), गांधीनगर, गुजरात में IFSC में एक ‘इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज’ स्थापित करने की घोषणा की।
ii. उसके बाद, दिसंबर 2020 में, सरकार ने IFSCA अधिनियम, 2019 के तहत बुलियन स्पॉट डिलीवरी अनुबंध और बुलियन डिपॉजिटरी रसीद को वित्तीय उत्पादों और बुलियन-संबंधित सेवाओं के रूप में वित्तीय सेवाओं के रूप में अधिसूचित किया।
iii. IFSCA ने IFSCA (बुलियन एक्सचेंज) विनियम 2020 को मंजूरी दे दी है, जो बुलियन एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन (CC), डिपॉजिटरी और वॉल्ट और अन्य संबंधित प्रावधानों से निपटेगा।
प्रमुख बिंदु:
a.गेटवे: इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज ‘भारत में बुलियन आयात के लिए गेटवे’ के रूप में कार्य करेगा। घरेलू खपत के लिए सभी बुलियन आयात एक्सचेंज के माध्यम से किए जाएंगे।
b.होल्डिंग कंपनी और सहायक कंपनियां:
i. IFSC, GIFT सिटी में इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज की स्थापना और संचालन के लिए ‘इंडिया इंटरनेशनल बुलियन होल्डिंग IFSC लिमिटेड’ ( IIBH ) नामक एक होल्डिंग कंपनी का गठन किया गया था।
ii. IIBH का गठन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE), मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (MCX), इंडिया आईएनएक्स इंटरनेशनल एक्सचेंज (INDIA INX) (IFSC) लिमिटेड, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) के माध्यम से किया गया था।
iii. IFSCA ने अपनी सहायक ‘इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज IFSC लिमिटेड’ के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज (बुलियन एक्सचेंज और बुलियन CC सहित) स्थापित करने के लिए IIBH के आवेदन को मंजूरी दे दी है।
iv. CDSL-IFSC, एक विदेशी डिपॉजिटरी, को वॉल्ट मैनेजर के प्रबंधन के लिए एक्सचेंज के लिए बुलियन डिपॉजिटरी के रूप में नियुक्त किया गया था।
c. इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज प्रभावी मूल्य खोज, सोने की गुणवत्ता में आश्वासन प्रदान करेगा और वित्तीय बाजारों के अन्य क्षेत्रों के साथ एकीकरण का निर्माण करेगा।
ध्यान दें – लंदन बुलियन मार्केट वैश्विक व्यापार के लिए
प्राथमिक बुलियन बाजार है।
हाल के संबंधित समाचार:
17 मई, 2021 को, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने भारत में गोल्ड एक्सचेंज के लिए प्रस्तावित ढांचे का विवरण देते हुए एक परामर्श पत्र जारी किया और SEBI(वॉल्ट मैनेजर्स) विनियम, 2021 के मसौदे को वॉल्ट मैनेजर्स के गोल्ड एक्सचेंज-संबंधित व्यवसाय को विनियमित करने के लिए जारी किया।
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) के बारे में:
स्थापना – 27 अप्रैल, 2020 IFSCA अधिनियम, 2019 के तहत
मुख्यालय – GIFT सिटी, गांधीनगर, गुजरात
अध्यक्ष – इंजेती श्रीनिवास
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