Multibagger Stock Tips: बैंकिंग सेक्टर का ये शेयर करवा सकता है शानदार कमाई, क्या खरीदा आपने?

Share Market News: बैंक ने अच्छी कमाई की सूचना दी है. बैंक ने हाई राइट-ऑफ और मजबूत रिकवरी/अपग्रेड्स द्वारा एडेड एसेट की क्वालिटी में सुधार भी दिखाया है.

By: ABP Live | Updated at : 18 Dec 2021 02:09 PM (IST)

Edited By: Taruna

Multibagger Stock Tips: अगर आप बैंकिंग सेक्टर के किसी शेयर में पैसा लगाना चाहते हैं तो यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का स्टॉक आपको मुनाफा दे सकता है. ब्रोकिंग फर्म (Broking firm) मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) ने अच्छे लाभ के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) के शेयर पर दांव लगाया है. ब्रोकरेज फर्म ने सरकारी स्वामित्व वाले बैंक के स्टॉक पर 65 रुपये का टारगेट प्राइस (Target Price) निर्धारित किया है.

यूनियन बैंक ने अच्छी कमाई की सूचना दी है, जो डीएचएफएल रेजोल्यूशन से रिकवरी द्वारा समर्थित है. बैंक ने हाई राइट-ऑफ और मजबूत रिकवरी/अपग्रेड्स द्वारा एडेड एसेट की क्वालिटी में सुधार भी दिखाया है.

क्या कहना है ब्रोकरेज फर्म का?
मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, रिटेल और एग्री द्वारा संचालित FY22 के लिए एडवांस बुक 6-8% बढ़ने की संभावना है, जो 12-13% का मजबूत ट्रैक्शन (traction) दिखाना जारी रखेगा. मोतीलाल ओसवाल ने कहा, "हालांकि, कॉरपोरेट एडवांस (corporate advances) में गिरावट के कारण ऋण वृद्धि कम रही, जबकि खुदरा, कृषि और एमएसएमई (रैम) सेगमेंट में मामूली ग्रोथ रिकवरी देखी गई.

कुल मिलाकर, मैनेजमेंट ने संकेत दिया कि एसेट क्वालिटी में सुधार जारी रहेगा, इसमें स्लिपेज ट्रेंड (slippage trend) में मॉडरेशन से मदद मिलेगी जबकि स्ट्रेस्ड एसेट रिजॉल्यूशन (stressed asset resolutions) से ज्यादा रिकवरी होगी.

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ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि हम FY22E/FY23E के लिए क्रेडिट कोस्ट 2.2%/1.9% और FY24E तक RoA/RoE 0.8%/14.2% होने का अनुमान लगाते हैं. हम 65 रुपये (0.7x Sep'21 ABV) के टारगेट प्राइस के साथ खरीदें रेटिंग बनाए रखते हैं."

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

Published at : 18 Dec 2021 स्लिपेज ऑन क्या है? 03:03 PM (IST) Tags: Stock Market Multibagger stocks sharekhan Multibagger stocks 2021 हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

महामारी से इनकम गिरी तो NPA हो गए गोल्‍ड लोन अकाउंट, जानें क्‍या कहते हैं निजी बैंक

Gold: गोल्ड की अस्थिर कीमतों के बीच महामारी की दूसरी लहर ने प्राइवेट बैंकों के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो को प्रभावित किया है

  • Anto T Joseph
  • Publish Date - July 27, 2021 / 05:16 PM IST

महामारी से इनकम गिरी तो NPA हो गए गोल्‍ड लोन अकाउंट, जानें क्‍या कहते हैं निजी बैंक

ये लोन अधिक आसान भुगतान शर्तों के साथ भी आते हैं. लोन लेने वालों के पास समान मासिक किश्तों में भुगतान करने या एकमुश्त भुगतान करने का विकल्प होता है.

Gold स्लिपेज ऑन क्या है? Loan: महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर घरेलू आय में अचानक हुई गिरावट के कारण निजी बैंकों द्वारा दिए गए गोल्ड लोन स्लिपेज ऑन क्या है? में अधिक डिफॉल्ट हुए हैं. ICICI बैंक, HDFC बैंक, फेडरल बैंक और CSB बैंक जैसे लीडिंग प्राइवेट बैंकों ने पहली तिमाही की आय की रिपोर्ट में खास तौर से गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में अपने रिटेल लोन में हाई स्ट्रेस रिपोर्ट किया है. यह 2021-22 की पहली तिमाही में अधिकांश बैंकों के अच्छे मुनाफे की रिपोर्ट के बावजूद है. जून में समाप्त तिमाही के लिए बैंक का गोल्ड लोन स्लिपेज 50 करोड़ रुपये था, जो पोर्टफोलियो का लगभग 0.3% था. इसने तिमाही में 200 करोड़ रुपये का गोल्ड लोन रीस्ट्रक्चर भी किया.

गोल्ड लोन स्लिपेज

कई बैंक अपने रिटेल कस्टमर को – जिन्होंने अपने सोने के गहनों को क्विक फंडिंग के लिए गिरवी रखा था उन पर एक सीमा से अधिक लोन चुकाने के लिए दबाव नहीं डालना चाहते थे.

फेडरल बैंक के MD & CEO, श्याम श्रीनिवासन ने कहा “लॉकडाउन और ग्राहकों के सामने आने वाली चुनौतियों को देखते हुए, हम ग्राहकों को भुगतान करने के लिए पुश नहीं करना चाहते थे. इसलिए, यदि वो पेमेंट नहीं कर सके, तो वे या तो रीस्ट्रक्चर हो गए या NPA बन गए”

200 करोड़ रुपये का गोल्ड लोन रीस्ट्रक्चर

जून में समाप्त तिमाही के लिए बैंक का गोल्ड लोन स्लिपेज 50 करोड़ रुपये था, जो पोर्टफोलियो का लगभग 0.3% था. इसने तिमाही में 200 करोड़ रुपये का गोल्ड लोन रीस्ट्रक्चर भी किया.

ICICI बैंक ने पहली तिमाही में 7,200 करोड़ रुपये की गिरावट देखी, जिसमें रिटेल सेगमेंट 6,700 करोड़ रुपये का था. एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर संदीप बत्रा ने कहा, ‘इनमें से 1,130 करोड़ रुपये ज्वैलरी लोन से आए. उन्होंने कहा कि ज्वेलरी लोन स्लिपेज ऑन क्या है? पूरी तरह सुरक्षित हैं.

हालांकि, सोना एक सेफ कॉलेटरल होने के कारण, बैंक इस स्लिपेज (गिरावट) को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हैं. CSB बैंक, जो गोल्ड लोन को एक महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो के रूप में गिनता है, ने भी गोल्ड लोन में तनाव में वृद्धि देखी. पहली तिमाही के दौरान कुल 423 करोड़ रुपये की गिरावट में, गोल्ड लोन 337 करोड़ रुपये रहा.

सेंट्रल बैंक द्वारा 90% से 75% के लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो होने के बाद बैंक ने गोल्ड लोन बुक में खराब लोन में वृद्धि को देखते हुए अपनी गोल्ड लोन पॉलिसी को बदल दिया था. बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वो महामारी के मद्देनजर ग्राहकों पर दबाव नहीं बनाना चाहते थे, इसके बावजूद कलेक्शन 20% तक गिर गया था.

गोल्ड लोन में पॉजिटिव ग्रोथ

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के जुलाई बुलेटिन के अनुसार, 2021-22 के पहले दो महीनों में गोल्ड की ज्वेलरी पर लोन में पॉजिटिव ग्रोथ रिपोर्ट की गई थी, जबकि बैंकों के पर्सनल लोन में मामूली गिरावट दर्ज की गई थी.

आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 21 मई को गोल्ड ज्वैलरी लोन 2.3% बढ़कर 62,101 करोड़ रुपये हो गया.
सोने की ऊंची कीमतों ने लोगों को अपनी ज्वैलरी गिरवी रखकर फंड जुटाने में मदद की थी क्योंकि दूसरी लहर में लॉकडाउन ने कई लोगों को बेरोजगार कर दिया था.

आश्चर्यजनक रूप से, चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में क्रेडिट कार्ड का आउटस्टैंडिंग लगभग 10.4 प्रतिशत गिरकर 21 मई को 1,04,475 करोड़ रुपये हो गया था. दूसरे पर्सनल लोन, जो बैंकों के लिए पर्सनल लोन पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, में भी गिरावट दर्ज की गई 1.6% गिरकर ये 7,77,567 करोड़ रुपये हो गया.

इसी तरह, फिक्स्ड लोन भी 7% गिरकर 66,510 करोड़ रुपये हो गया. पिछले कुछ महीनों में डिफॉल्ट बढ़ने के कारण हाई प्राइज वाले प्योर-प्ले पर्सनल लोन को लेकर बैंक सतर्क हो गए हैं.

एक्सिस बैंक को पहली तिमाही में 1370 करोड़ का मुनाफा

प्राइवेट बैंक एक्सिस बैंक को पहली तिमाही में 1370 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। बैंक के नतीजे एनालिस्ट के अनुमान के मुताबिक नहीं रहे हैं। यहां जानिए इन नतीजों से बैंक पर क्या असर होगा।

Axis Bank

नई दिल्ली: एक्सिस बैंक को पहली तिमाही में 1370 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। वहीं बैंक की शुद्ध ब्याज से आय 5844 करोड़ रुपए रही। ग्रॉस एनपीए 5.26 फीसदी से घटकर 5.25 फीसदी हो गया। एक्सिस बैंक का नेट एनपीए 11037 करोड़ रुपए रहा। वहीं नेट इंटरेस्ट मार्जिन 3.33 फीसदी से बढ़कर 3.34 फीसदी हो गया। बैंक की लोन ग्रोथ 13 फीसदी रही। ग्रॉस स्लिपेज 4798 करोड़ रहा।

एक्सिस बैंक की फी इनकम 26 फीसदी और रिटेल फीस 28 फीसदी बढ़ी है।बैंक के मुताबिक इस तिमाही में उसने अतिरिक्त 994 करोड़ रुपए की अतिरिक्त प्रोविजनिंग की है। बैंक की अभी प्रोवेजनिंग 2358 करोड़ रुपए है।

बैंक की डोमेस्टिक लोन ग्रोथ 19 फीसदी रही है। वहीं रिटेल रिटेल लोन बुक 22 फीसदी बढ़ी है। बैंक का रिटेल एडवांस 52 फीसदी की दर से बढ़ा है। सालाना आधार पर मोबाइल बैंकिंग पर खर्च 73 फीसदी ब़ा है। वहीं क्रेडिट कार्ड पर भी खर्च में कुल 29 फीसदी की बढ़ोती हुई है। बैंक का शेयर आज 2.48 फीसदी गिरकर 702.4 रुपए पर आ गया।

एक्सिस बैंक ने पहली तिमाही में 44 नई बैंक ब्रांच जोड़ी है। बैंक के पास पहले से ही 4094 ब्रांच का नेटवर्क है। 30 जून 2019 तक बैंक के पास 11950 एटीएम थे।
एक्सिस बैंक का मोबाइल ट्रांजैक्शन 151 फीसदी तक बढ़ गया।

इस तिमाही में कई बैंकों के एनपीए में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि एक्सिस बैंक ने अपने एनपीए को पिछली तिमाही के आधार बरकरार रखा है। निवेशकों को कमजोर नतीजों की उम्मीद थी इसलिए शेयर में आज गिरावट देखी गई। आज कई बैंकों के शेयर में गिरावट रही।

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PNB पर मिल सकता है 24% रिटर्न, J.P. Morgan ने दिया 72 का टार्गेट

PNB पर मिल सकते हैं 24% तक के शानदार रिटर्न

Punjab National Bank का शेयर आज NSE पर 58.15 पर बंद हुआ है, जबकि J.P. Morgan ने अपना टार्गेट ₹34 से बढ़ा कर ₹72 का दिया है जोकि यहाँ से 24% ऊपर है। J.P. Morgan ने यह टार्गेट अपनी अंडरवेट की रेटिंग को बढ़ाकर ओवर वेट करते हुए दिया है।

ब्रोकरेज की Research report

J.P. Morgan के अनुसार, बैंक की दूसरी तिमाही से पता चलता है कि नेट स्लिपेज नकारात्मक क्षेत्र में आ गई है और रिकवरी की गति नए non-performing loan (NPL) निर्माण को पीछे छोड़ रही है। साथ ही, कॉर्पोरेट ऋणों में न्यूनतम स्ट्रेस है।

निजी बैंकों में सख्त जमा के माहौल में पूंजी और तरलता CET-1 के साथ 10.9 प्रतिशत और LCR पर 160 प्रतिशत के साथ यथोचित रूप से सहज है। J.P. Morgan का मानना है कि सीमित नए स्ट्रेस गठन और सिस्टम ग्रोथ आउटलुक में सुधार के साथ, यह ट्रेंड निकट अवधि में जारी रह सकती है।

J.P. Morgan ने कहा कि पीएनबी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट मेट्रिक्स अन्य PSU बैंकों की तुलना में हैं, लेकिन रिटर्न ऑन असेट (ROA) हाई प्रोविजंस के कारण भौतिक रूप से कम है। जैसे-जैसे प्रोविजंस कम होने लगेंगे, यह अंतर कम होना शुरू हो सकता है। बैंक वर्तमान में 0.9 गुना PBV के लंबे औसत चक्र के मुकाबले 0.6 गुना F24E प्राइस से बुक वैल्यू (PBV) पर कारोबार कर रहा है।

Disclaimer: The views and investment tips expressed on Admotag Finance are not that of the website or its management. These reports are taken from the Research reports of Brokerages Houses. Admotag Finance advises users to check with certified experts before taking any investment decisions.​

SBI का मुनाफा दूसरी तिमाही में 66.7% बढ़ा, NPA में गिरावट

SBI Q2 Results: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने बताया कि सितंबर 2021 को खत्म हुई तिमाही में उसका नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 66.7 फीसदी बढ़कर 7,626.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.

SBI का मुनाफा दूसरी तिमाही में 66.7% बढ़ा, NPA में गिरावट

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने बताया कि सितंबर 2021 को खत्म हुई तिमाही में उसका नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 66.7 फीसदी बढ़कर 7,626.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.

SBI Q2 Results: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने बुधवार को बताया कि सितंबर 2021 को खत्म हुई तिमाही में उसका नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 66.7 फीसदी बढ़कर 7,626.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इस तिमाही में बैंक का प्रदर्शन मजबूत रहा है. समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की एसेट क्वालिटी मजबूत रही, क्योंकि उसका कुल नॉन-परफॉर्मिंग लोन का रेश्यो सुधार के साथ 4.90 फीसदी पर पहुंच गया है. इससे पिछली तिमाही में यह रेश्यो 5.32 फीसदी पर रहा था. इसी समय नेट NPA रेश्यो 1.52 फीसदी पर रहा. इससे पिछली तिमाही में यह 1.77 फीसदी पर रहा था.

आय में भी इजाफा

समीक्षाधीन तिमाही में, SBI की नेट इंट्रस्ट इनकम (NII) सालाना आधार पर 29 फीसदी के उछाल के साथ 31,183.9 करोड़ रुपये पर पहुंच गई.

सितंबर तिमाही के लिए स्लिपेज रेश्यो 0.66 फीसदी पर रहा है. इससे पहले जून तिमाही में यह 2.47 फीसदी पर था. यानी इसमें गिरावट आई है. प्रोविजन कवरेज रेश्यो (PCR) 87.68 फीसदी पर रहा है. सरकारी बैंक ने एक बयान में कहा कि क्रेडिट कॉस्ट सालाना आधार पर 51 बेसिस प्वॉइंट्स गिरकर 0.43 फीसदी पर पहुंच गई है.

बैंक ने बताया कि तिमाही के लिए उसका घरेलू नेट इंट्रस्ट मार्जिन (NIM) 3.50 फीसदी पर रहा है. इसमें सालाना आधार पर 16 बेसिस प्वॉइंट्स का उछाल आया है. तिमाही के लिए उसकी कुल जमा राशि में 9.77 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. करंट अकाउंट डिपॉजिट्स में 19.20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि सेविंग बैंक डिपॉजिट सालाना आधार पर 10.55 फीसदी बढ़ी है.

होम लोन की संख्या भी बढ़ी

बैंक ने कहा कि जबकि बैंक एडवांसेज सालाना आधार पर 6.17 फीसदी बढ़ी है, जिसमें मुख्य भूमिका पर्सनल रिटेल एडवांसेज (सालाना आधार पर 15.17 फीसदी की ग्रोथ) और फॉरन ऑफिस एडवांसेज (सालाना आधार पर 16.18 फीसदी की ग्रोथ) की रही है. घरेलू एडवांसेज की ग्रोथ सालाना आधार पर 4.61 फीसदी पर रही है.

SBI ने कहा कि होम लोन में सालाना आधार पर 10.74 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. बैंक ने बताया कि यह बैंक के घरेलू एडवांसेज का 24 फीसदी रहा है. उसने कहा कि कॉरपोरेट बॉन्ड्स में ग्रोथ को शामिल करते हुए, लोन की बुक सालाना आधार पर 6.21 फीसदी बढ़ी है.

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