Stochastic Indicator kya hai? jaane Stochastic Indicator kaha use hota hai
Stochastic Indicator एक बहुत ही उपयोगी इंडिकेटर है, यह यू कहे टेक्निकल एनालिसिस करने में Stochastic Indicator उपयोग बहुत ज्यादा किया जाता है। हम लोग आज इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे कि Stochastic Indicator का हम उपयोग कैसे कर सकते है तथा इसकी सहायता से हम अपनी ट्रेडिंग को कैसे बेहतर बना सकते है।
कैसे बनता है Stochastic Indicator :
Stochastic Indicator रिसेंट प्राइस की जानकारी तथा रिसेंट हाई,लो की जानकारी ले कर हमे किसी भी स्टॉक के momentum की जानकारी देता है। Stochastic Indicator हम ये नही पता लगा सकते की ये किस ओर मूव करे गा ये हमे momentum बताया है और ये ऊपर था नीचे किसी ओर हो सकता है।
Stochastic Indicator 2 लाइनों से बना होता है। लाइन 1 को %K लाइन कहा जाता है और दूसरी लाइन को %D लाइन कहा जाता है %k का 3 दिन का सिम्पल मूविंग एवरेज ही %D लाइन है।
Stochastic Indicator का उपयोग कर ट्रेडिंग को कैसे बेहतर बनाए :
अब सवाल यह उठता है कि हम अपनी ट्रेडिंग को बेहतर बनाने के लिए Stochastic आरएसआई का उपयोग कैसे कर सकते हैं। जैसा कि पहले बताया गया है, Stochastic Indicator का उपयोग करते टाइम ट्रेडर डी लाइन पर अधिक ध्यान देते हैं।
Stochastic indicator 0 से 100 के बीच में ही मूव करता है। 2 लाइनों में से %K लाइन %D लाइन से तेज है। जब डी लाइन्स ओवरबॉट जोन यानी 80 से ऊपर पहुंच जाती हैं तो ट्रेडर बिक्री के मौके तलाशते हैं। इसी तरह, जब डी लाइन 20 से नीचे चली जाती है तो उस ज़ोन को ओवरसोल्ड ज़ोन कहा जाता है, और वहाँ, ट्रेडर्स खरीदने के अवसरों की तलाश करते हैं।
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नोट : यह एक और ध्यान देने वाली बात है कि आप लोग केवल Stochastic indicator का उपयोग कर के किसी स्टॉक को खरीद या बेच नही सकते है एंट्री लेने के लिए आप Pivot Points Standard को देख सकते है या Fibonacci Retracement लेवल टेस्ट करे आदि, आप अपने हिसाब से देखे जो आप को अच्छा लगे।
जैसा कि ऊपर दिए गए उदाहरण में दिखाया गया है, जब डी लाइन ओवरबॉट ज़ोन में होती है, तो स्टॉक को बेचा जा सकता है जब स्टॉक नीचे चला जाता है और डी लाइन 20 अंक से नीचे पहुंच जाती है, तो स्टॉक को खरीदा जा सकता है इस चित्र के माध्यम से हम ने आप को यही समझने की कोसिस की है आशा है आप लोगो को समझ में आया होगा।
Stochastic Indicator से लाभ:
टेक्निकल एनालिसिस करने में उपयोग होने वाले सभी इंडिकेटरो में सबसे आसान इंडिकेटर में से एक है , आम तौर पर, सभी indicator को सेटिंग संशोधन की थोड़ी आवश्यकता होती है लेकिन हम इसकी डिफ़ॉल्ट सेटिंग्स को बदले बिना स्टोचास्टिक इंडिकेटर का उपयोग कर सकते हैं।
Stochastic इंडिकेटर का एक और फायदा यह है कि इसके द्वारा उत्पन्न सिग्नल विश्वसनीय होते हैं और लाइव बाजारों में आसानी से देखे जा सकते हैं। जिसे हम अपनी ट्रेडिंग में लॉस को कम kar सकते है
जैसा कि प्रत्येक Indicator की कुछ सीमाएँ होती हैं, यहाँ Stochastic Indicator की कुछ सीमाएँ हैं –
जैसा कि मैंने पहले बताया है केवल Stochastic Indicator का उपयोग स्टॉक को खरीदने और बेचने के लिए नहीं किया जा सकता है। इसके लिए आप को कई सारी और जानकारी की आवश्कता होती है आप लोग केवल Stochastic Indicator का उपयोग कर के कोई पोजिशन न बनाए Pivot Points Standard, आदि देखे।
इसके अलावा, जब Stochastic Indicator ओवरबॉट या ओवरसोल्ड ज़ोन में पहुँच जाता है, तो कोई ब्रह्म नियम नहीं है कि वह गलत नही हो सकता
मुझे उम्मीद है कि इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको Stochastic Indicator के बारे में कुछ जानकारी प्रदान की तथा जाना हम इसका उपयोग कैसे कर सकते है और इसका असर हमारी ट्रेडिंग में किस प्रकार से होता है। यदि आप टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न indicator के बारे में अधिक जानने में रुचि रखते हैं, तो आप NIFTYCHARTING में क्लिक कर के जान सकते है और अपनी ट्रेडिंग को अच्छा बना सकते है।
धन्यवाद
Sensex 250 अंक से ज्यादा टूटा- Nifty 17,700 के ऊपर हुआ बंद, पावर शेयरों में रही सबसे ज्यादा हलचल
कारोबार के अंत में सेसेंक्स 254.33 अंक यानी 0.43 फीसदी टूटकर 59,413.27 के स्तर पर बंद हुआ।
बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई थी और कारोबारी दिन में इसमें निचले स्तर से हल्की रिकवरी देखने को मिली लेकिन अंत में दिन भर के उतार-चढ़ाव के बीच बाजार लाल निशान में बंद हुआ। मिड और स्मॉलकैप शेयरों में आज खरीदारी देखने को मिली।
वहीं Demand बढ़ने की उम्मीद से energy शेयरों में आज भी तूफानी तेजी देखने को मिल रही है। coal india में intraday में 10% का uper circuit लगा। NTPC और POWER GRID भी 4 से 5% उछले है।
कारोबार के अंत में सेसेंक्स 254.33 अंक यानी 0.43 फीसदी टूटकर 59,413.27 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 37.30 अंक यानी 0.21 फीसदी गिरकर 17,711.30 के स्तर पर बंद हुआ।
विजय केडिया (Vijay Kedia) के पोर्टफोलियो में शामिल एलेकॉन इंजीनियरिंग (Elecon Engineering) के शेयर ने साल 2021 में 300 पर्सेंट का रिटर्न दिया है। शेयर बाजार के जानकारों के मुताबिक, चार्ट पैटर्न पर यह मल्टीबैगर स्टॉक अभी भी बुलिश है और मीडियम-टर्म में 240 रुपये प्रति शेयर के भाव तक जा सकता है।
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हालांकि 190 से 200 रुपये के बीच यह शेयर मामूली रेजिस्टेंस का सामना कर रहा है। एक्सपर्ट ने निवेशकों को विजय केडिया के पोर्टफोलियो वाले इस शेयर को मौजूदा स्तर पर खरीदने की सलाह दी है क्योंकि 149 रुपये के स्तर पर इसके पास मजबूत सपोर्ट बेस है।
जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान घरों की बिक्री में 113 पर्सेंट का उछाल आया है। देश के शीर्ष सात शहरों में जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान 62,800 यूनिट्स की बिक्री हुई है। पिछले साल की इसी तिमाही में इन शहरों में सिर्फ 29,520 यूनिट्स की बिक्री हुई थी। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक की रिपोर्ट से इसका पता चलता है।
रिपोर्ट में बताया गया कि 62,800 यूनिट्स की कुल बिक्री में सबसे सबसे ज्यादा 33 पर्सेंट मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन (MMR) और उसके बाद 16 पर्सेंट बिक्री दिल्ली-एनसीआर में हुई है। इसके अलावा नए प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग भी सितंबर तिमाही में 98 पर्सेंट बढ़कर 64,560 यूनिट्स रही, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 32,530 यूनिट्स थी।
Aditya Birla Sun Life AMC IPO में निवेश करना चाहिए या नहीं, जानिए क्या कह रहे है एक्सपर्ट्स
कम से कम 13 एनलिस्ट और ब्रोकरेज हाउस इस आईपीओ में पैसे लगाने की सलाह दे रहे है। इनका कहना है कि अच्छे वैल्यूशन, बाजार में अच्छी पैठ,जोरदार ब्रैंड इमेज,म्यूचुअल फंड प्रोडक्ट में अच्छी ग्रोथ की संभावना, बढ़ती वित्तीय और निवेश जगरूकता, कंपनी का मजबूत वितरण नेटवर्क कुछ ऐसी वजहें हैं जो निवेश के लिए इसको एक बेहतर निवेश विकल्प बनाती हैं।
अधिकांश एनालिस्ट का मानना की इस आईपीओ में लिस्टिंग गेन तो सीमित हो सकता है।लेकिन लंबी अवधि में ये शेयर निवेशकों को जोरदार कमाई कराएगा। गौरतलब है कि ये इश्यू 29 सितंबर को यानी आज खुला और 1 अक्टूबर को बंद होगा। Aditya Birla Sun Life AMC का इश्यू पहले दिन अब तक 11% सब्सक्राइब हुआ है। कंपनी इश्यू से 2770 करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी में है। इसका इश्यू प्राइस 695-712 रुपए है।
इस आईपीओ पर अपनी राय देते हुए KRChoksey Research का कहना है कि इंडस्ट्री के 40x के P/E को देखते हुए इस आईपीओ का वैल्यूएशन काफी अच्छा नजर आ रहा है। Aditya Birla Sun Life AMC का लॉन्ग टर्म आउटलुक काफी अच्छा दिख रहा है। जिसको ध्यान में रखते हुए इस आपीओ में सब्सक्राइब (subscribe) करने की सलाह होगी।
बाजार में शानदार रिकवरी देखने को मिली है। निफ्टी नीचे से 150 प्वाइंट सुधरा है। वही मिडकैप नीचे से करीब 600 प्वाइंट सुधरा है।
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हालांकि कई तकनीकी संकेतक हैं, जिनका मूल्यांकन करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है कि क्या स्टॉक भारी है, सापेक्ष शक्ति सूचकांक (आरएसआई) सबसे लोकप्रिय है जे वेलेस वाइल्डर जूनियर द्वारा विकसित, आरएसआई स्टॉक की कीमत में परिवर्तन की गति का एक माप है और इसका इस्तेमाल चलने वाले रुझानों की ताकत और अधिक लागत वाली लागत या ओवरलेस्ट स्थितियों को मापने के लिए किया जाता है। आरएसआई एक रेंज-बाउंड थरथरेटर है, जिसका अर्थ है कि वह 0 से 100 के बीच अंतर्निहित सुरक्षा प्रदर्शन के आधार पर उतार-चढ़ाव करता है।
चूंकि आरएसआई की गणना औसत नुकसान की औसत हानि के आधार पर निर्भर करती है, यह व्याख्या करने के लिए एक असामान्य रूप से सरल मीट्रिक है यदि आरएसआई उपायों 0, तो हर एक सत्र के दौरान शेयर की कीमतें कम हो गई हैं कुछ पेशेवर प्लेटफार्मों के लिए, इसका मतलब होगा कि स्टॉक 200 दिनों या उससे ज्यादा के लिए लगातार नीचे चला गया है। क्योंकि प्रकृति अस्थिरता को अपमानित करती है, जब तक कि कोई स्टॉक वास्तव में मृत्यु सर्पिल में नहीं है, यह अत्यधिक संभावना नहीं है हालांकि, वाइल्डर ने एक ओवरसोल सुरक्षा को दर्शाते हुए 30 से नीचे एक आरएसआई माना, इसलिए अधिकांश विश्लेषकों और निवेशक इस सीमा को एक संकेत के रूप में उपयोग करते हैं कि एक नीचे की प्रवृत्ति विस्तारित अवधि के लिए प्रभाव में रही है और बाजार में स्वाभाविक रूप से बाज़ार के रूप में तेजी से उलट हो सकता है खुद को ठीक करने के लिए शुरू होता है
ओवरलेस्ट स्थितियों का आकलन करने के लिए एक अन्य लोकप्रिय माप उपकरण स्टॉकेस्टिक इंडिकेटर है सापेक्षिक लाभों और नुकसानों को मापने के बजाय, यह मीट्रिक सत्र की समाप्ति मूल्य की एक विशिष्ट अवधि के दौरान इसकी कुल रेंज की तुलना करता है। चूंकि स्टॉक डाउनथ्रेंड में अपट्रेंड और निकटतम स्तरों में अपने ऊंचा के निकट बंद होती हैं, इसलिए समापन कीमतें, जो कुल व्यापार सीमा के सापेक्ष इन चरम सीमाओं से निकलती हैं, प्रवृत्ति थकावट के संकेत के रूप में व्याख्या की जाती हैं। आरएसआई की तरह, स्टेचैस्टल वैल्यू 0 से 100 तक होती है और 20 से कम मूल्यों को एक ओवरोल स्टॉक का संकेत मिलता है।
प्रत्येक विधि में ताकत और कमजोरियां हैं सबसे तकनीकी संकेतक की तरह, वे सबसे मजबूत हैं जब अग्रसारण में इस्तेमाल किया गया था और अन्य उपकरणों के साथ संयोजन किया गया था जो इष्टतम व्यापार प्रविष्टि बिंदु स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
यदि आपके स्टॉक में से कोई एक विभाजन करता है, तो क्या यह बेहतर निवेश नहीं करता है? यदि आपके स्टॉक में से कोई एक 2-1 का विभाजन करता है, तो क्या आपके पास दो बार जितने शेयर होंगे? क्या कंपनी की कमाई का आपका हिस्सा दो बार बड़ा नहीं होगा?
दुर्भाग्य से, नहीं। यह मामला समझने के लिए, आइए शेयर के विभाजन के यांत्रिकी की समीक्षा करें। असल में, कंपनियां अपने शेयरों को विभाजित करना चुनती हैं ताकि वे अपने शेयरों की ट्रेडिंग कीमत को कम कर सकें, जो कि ज्यादातर निवेशकों द्वारा सहज समझा जाता है। मानव मनोविज्ञान यह है कि यह क्या है, अधिकांश निवेशक अधिक आरामदायक खरीदारी कर रहे हैं, कहते हैं, $ 100 स्टॉक के 10 शेयरों के विरोध में 100 शेयरों के 100 शेयर।
मैंने हाल ही में शादी की है और अब हम (एक साथ) के पास दो घर हैं (उसका और मेरा)मुझे कैसे पता चलेगा कि कोई स्टॉक अपट्रेंड है? । मैं केवल 13 महीनों के लिए ही रहता था और सोच रहा था कि अगर पूंजीगत लाभ कर के लिए कोई छूट थी, अगर हम दो संपत्तियों को उचित रूप से नहीं दे सकते हैं?
संयुक्त राज्य कर टैक्स कोर्ट के पूर्व वकील-सलाहकार और कैलिफोर्निया फर्म लारसेन गोल्डरिंग और ज़ीटलर के लिए वर्तमान कर वकील, जेरेड आर कैलिस्टर के अनुसार, क्योंकि आपने एक साल से अधिक समय तक अपने घर का स्वामित्व लिया है , किसी भी लाभ को दीर्घकालिक पूंजी लाभ के रूप में माना जाएगा, और केवल 15% की पसंदीदा दर के अधीन हैं।
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कुछ सबसे लोकप्रिय ओसीलेटरर्स का पता लगाया गया है जो अतिरिक्षित परिस्थितियों को मापने के लिए उपयोग किया जाता है, दोनों सीमाबद्ध और अनबाउंड हैं, और विश्लेषकों द्वारा इसका अनुवाद कैसे किया जाता है।
इन कारणों से हिचकोले खा रहा है भारतीय Stock Market, कब आएगी स्थिरता? जानिए
स्टॉक मार्केट की इस अस्थिरता के कई घरेलू और वैश्विक कारण हैं.
फिलहाल भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में काफी अस्थिरता है. सोमवार को जहां सेंसेक्स (Sensex) में 1000 अंकों से ऊपर क . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : February 08, 2022, 18:48 IST
नई दिल्ली. Stock Market : भारतीय शेयर बाजार कई दिनों से हिचकोले खा रहा है. बाजार में स्थिरता नहीं आ रही है. इस सप्ताह के पहले कारोबारी दिन यानी, सोमवार को बीएसई का सेंसेक्स 1023 अंक गिर गया और एनएसई में भी 302.70 अंक टूट गया. मंगलवार को भी दिनभर उतार-चढ़ाव होता रहा. मंगलवार को भी शुरुआती कारोबार में दोनों बेंचमार्क सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) में लगभग 1 फीसदी की गिरावट देखने को मिली.
शरुआती गिरावट के बाद वापसी करते हुए बाजार हरे निशान में आया और फिर गिरावट देखने को मिली. सेशन के अंत में दोनों इंडेक्स लगभग 0.3 फीसदी मजबूत होकर बंद हुए. इस तरह बाजार लगातार हिचकोले खा रहा है. बाजार जानकारों का कहना है कि वैश्विक और कुछ घरेलू कारणों से बाजार में अस्थिरता बनी हुई है. आइए जानते हैं इन कारणों के बारे में.
केंद्रीय बैंकों का सख्त रुख
कई देशों के केंद्रीय बैंकों (Central Banks) द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने और अमेरिका और भारतीय रिजर्व बैंक के देर-सवेर ब्याज दरों में बदलाव की संभावनाओं ने निवेशकों की नींद उड़ा रखी है. अभी जारी हुई अमेरिकी जॉब रिपोर्ट से पता चलता है कि नवंबर और दिसंबर को 7,09,000 ज्यादा नौकरियां पैदा हुई. एनालिस्ट्स का कहना है कि यूएस फेड मार्च में ब्याज दरें बढ़ाने की तैयारी कर रहा है और यह जॉब रिपोर्ट से अमेरिकी सेंट्रल बैंक पर ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव और बढ़ेगा.
वहीं Bank of England ने हाल ही में ब्याज दरें बढ़ाई हैं. Bank of Canada अगले महीने ब्याज दरों में बढ़ोतरी के लिए कमर कस रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि European Central Bank इसी साल कभी भी ब्याज दरों में परिवर्तन कर सकता है. अब सभी की नजरें वीरवार को आने मुझे कैसे पता चलेगा कि कोई स्टॉक अपट्रेंड है? वाले अमेरिका के इनफ्लेशन डेटा पर टिकी हैं. विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के ब्याज दरों में परिवर्तन करने या बदलाव की संभावनाओं से निवेशक चिंतित हैं और वो बार-बार बिकवाली कर रहे हैं.
आरबीआई की पॉलिसी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की बाई मंथली पॉलिसी मीटिंग आज से शुरू हो गई. यह 10 फरवरी को अपना फैसला सुनाएगी. एनालिस्ट्स का अनुमान है कि आरबीआई रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी करेगा. कई एनालिस्ट्स का अनुमान है कि आरबीआई अगली मीटिंग में रिवर्स रेपो रेट में 20-35 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी के साथ 3.55 – 3.6 फीसदी कर सकता है. इन संभावनाओं के चलते बड़े निवेशक अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं. इससे बाजार गति नहीं पकड़ रहा और बीच-बीच में गिर रहा है.
क्रूड ऑयल में लगी आग
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में सर्द मौसम और दुनिया के बड़े उत्पादकों मुझे कैसे पता चलेगा कि कोई स्टॉक अपट्रेंड है? के बीच मौजूदा राजनीतिक खींचतान के चलते क्रूड (Crude Oil) 90 डॉलर से ऊपर पहुंच गया है, जो लगभग सात साल का ऊपरी स्तर है. क्रूड इस साल 20 फीसदी चढ़ चुका है. बाजार विश्लेषकों का मानना है कि इस साल यह 100 डॉलर प्रति बैरल (Crude oil Price) तक भी जा सकता है. क्रूड में तेजी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक है. अगर घरेलू बाजार में क्रूड के कारण ईंधन के दाम बढेंगे तो महंगाई बढ़ेगी. इसका सीधा असर खपत पर होगा. क्रूड के बढ़ते दामों से रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) पर मॉनिटरी पॉलिसी में सख्ती के लिए दबाव बढ़ता है.
FII और DII द्वारा बिकवाली
विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (Foreign Portfolio Investors-FPI) बिकवाल बने हुए हैं. जनवरी में एफआईआई ने 4.45 अरब डॉलर और फरवरी में 1.17 अरब डॉलर की बिकवाली की है. पिछले दो से तीन सत्रों में घरेलू संस्थागत निवेशक (Domestic Institutional Investors-DII) भी बिकवाली कर रहे हैं. वो लगभग 1,000 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं. बड़े निवेशकों की इस तरह बिकवाल बनने से बाजार दबाव में है. आम निवेशक घरेलू संस्थागत निवेशकों और विदेशी निवेशकों के बाजार से निकलने का अनुसरण ही करता है और उनका बाजार पर आत्मविश्वास डगमगाता है.
दिसंबर तिमाही के मिले-जुले नतीजे
दिसंबर तिमाही (Q3 Results) नतीजों में मिलाजुला ट्रेंड दिखा है. सामूहिक रूप से देखें तो कोई बड़ा अपट्रेंड दिसंबर तिमाही में नजर नहीं आया है. ब्रोकरेज फर्म जेफ्रीज इंडिया (Jefferies India) ने वित्त वर्ष 2022 के लिए 55 फीसदी कंपनियों की अर्निंग्स को डाउनग्रेड किया है. कई कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की कीमतों में दहाई अंकों में बढ़ोतरी के चलते मार्जिन पर दबाव कम हो गया है. बिल्डिंग मैटेरियल फर्म्स सुप्रीम और फिनोलेक्स के वॉल्यूम में 15-18 फीसदी की कमी आई है. जेफ्रीज ने कहा कि सीमेंट, स्टील और जेनेरिक फार्मा कंपनियों पर इनपुट कॉस्ट बढ़ने से दबाव बना हुआ है. तिमाही नतीजों भी बाजार के लिए सकारात्मक नहीं है और इनसे बाजार में स्थिरता आने की बजाय अस्थिरता ही बढ़ी है.
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