पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सेवा प्रदाता क्षमता निर्माण योजना शुरू की है। योजना, उसके उद्देश्यों, वित्त, लाभार्थियों आदि से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है। आवेदन करने की प्रक्रिया, आवेदन करने का स्थान, संबंधित प्राधिकरण और अधिकारियों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
त्योहारी सीजन और वैक्सीनेशन की रफ्तार देश की इकोनॉमी में हुआ सुधार, जानें आगे कैसी रहेगी चाल?
By: पीटीआई, एजेंसी | Updated at : 07 Nov 2021 10:53 PM (IST)
इंडियन इकोनॉमी (फाइल फोटो)
India’s Economic Recovery : देशभर में औसत दिशात्मक सूचकांक संकेतक के साथ व्यापार कोरोना महामारी को हराने के लिए तेजी से टीकाकरण अभियान चल रहा है. त्योहारी सीजन में वैक्सीनेशन में काफी तेजी देखी गई है. इसके अलावा उपभोक्ता और उद्योग की धारणा में सुधार से भारतीय अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार ने हाल के महीनों में रफ्तार पकड़ी है. उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई (PHDCCI) औसत दिशात्मक सूचकांक संकेतक के साथ व्यापार ने रविवार को इस बारे में जानकारी दी है.
131 पर पहुंचा सूचकांक
पीएचडीसीसीआई (PHDCCI) अर्थव्यवस्था जीपीएस सूचकांक अक्टूबर में बढ़कर 131 पर पहुंच गया है. इससे पिछले महीने यह 113.1 पर था. चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह अप्रैल-अक्टूबर के दौरान यह 114.8 रहा है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 78.7 रहा था.
औसत दिशात्मक सूचकांक संकेतक के साथ व्यापार
आज दुनिया के 191 देशों और क्षेत्रों के लिए मानव विकास सूचकांक जारी किया गया है जिसमें भारत को 132वें पायदान पर जगह दी गई है। इस इंडेक्स में भारत को कुल 0.633 अंक दिए गए हैं जो भारत को मध्यम मानव विकास वाले देशों की श्रेणी में रखता है। वहीं 2019 में भारत को कुल 0.645 अंक दिए गए थे । यह गिरावट स्पष्ट तौर पर दर्शाती है कि कोरोना महामारी ने देश में लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनस्तर को बुरी तरह प्रभावित किया है।
गौरतलब है कि सिर्फ भारत ही औसत दिशात्मक सूचकांक संकेतक के साथ व्यापार नहीं दुनिया के 90 फीसदी देशों ने इस बार जारी मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में कमी दर्ज की है। यह स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि दुनिया सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में एक बार फिर पिछड़ रही है।
अनुमोदित इनबाउंड टूर ऑपरेटरों के लिए दिशा निर्देश
पर्यटन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित इनबाउंड टूर ऑपरेटर (आईटीओ) के रूप में अपनी मान्यता बनाये रखने, इसके नवीकरण और विस्तार के लिए दिशानिर्देश दिया गया है। इसके लिए लगने वाले शुल्क, शर्तों और आवेदन-केन्द्रों की जानकारी दी गई है। प्रयोक्ता आवेदन प्रपत्र डाउनलोड कर सकते हैं और आवश्यक प्रलेखों की सूची देख सकते हैं।
पर्यटन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित इनबाउंड टूर ऑपरेटर (आईटीओ) के रूप में अपनी मान्यता बनाये रखने, इसके नवीकरण और विस्तार के लिए दिशानिर्देश दिया गया है। उपयोगकर्ता इसके आवेदन के लिए लिए पात्रता, शुल्क और केंद्रों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। प्रयोक्ता आवेदन प्रपत्र डाउनलोड कर सकते हैं और आवश्यक प्रलेखों की सूची देख सकते हैं।
ट्रैवल एजेंटों के औसत दिशात्मक सूचकांक संकेतक के साथ व्यापार लिए दिशानिर्देश
पर्यटन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित ट्रैवल एजेंट या एजेंसी के रूप में अपनी मान्यता बनाये रखने, इसके नवीकरण और विस्तार के लिए दिशानिर्देश दिया गया है। आवेदन करने के लिए केन्द्रों के बारे औसत दिशात्मक सूचकांक संकेतक के साथ व्यापार में जानकारी दी गई है। इससे संबंधी शर्तों एवं लगने वाले शुल्क के बारे में भी जानकारी दी गई है। प्रयोक्ता आवेदन प्रपत्र डाउनलोड कर सकते हैं और इसके लिए आवश्यक प्रलेखों की सूची देख सकते हैं।
पर्यटन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित घरेलू टूर ऑपरेटर के रूप में अपनी मान्यता बनाये रखने, इसके नवीकरण और विस्तार के लिए दिशानिर्देश दिया गया है। उपयोगकर्ता इसके आवेदन के लिए लिए पात्रता, शुल्क और केंद्रों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। प्रयोक्ता आवेदन प्रपत्र डाउनलोड कर सकते हैं और इसके लिए आवश्यक प्रलेखों की सूची देख सकते हैं।
एडवेंचर टूर ऑपरेटर के लिए दिशानिर्देश
पर्यटन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित एडवेंचर टूर ऑपरेटर (एटीओ) के रूप में अपनी मान्यता बनाये रखने, इसके नवीकरण और विस्तार के लिए दिशानिर्देश दिया गया है। उपयोगकर्ता इसके आवेदन के लिए लिए पात्रता, शुल्क और केंद्रों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। प्रयोक्ता आवेदन प्रपत्र डाउनलोड कर सकते हैं और इसके साथ संलग्न करने वाले प्रलेखों की सूची देख सकते हैं।
पर्यटन मंत्रालय द्वारा क्षेत्रीय स्तर के पर्यटक गाइड के चयन और गाइड लाइसेंस प्रदान करने के लिए दिशा निर्देश यहाँ दिया गया है। दिशा निर्देशों के उद्देश्यों, व्यापकता, पर्यटक गाइड बनने के लिए पात्रता, राज्य स्तरीय गाइड बनने के लिए पात्रता, आयु सीमा, अधिवास प्रमाण आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई है। उपयोगकर्ता पर्यटक गाइड के लिए चयन की प्रक्रिया, प्रवेश परीक्षा, योग्यता सूची, परामर्श, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आदि से संबंधित जानकारी प्राप्त कर.
होटलों के वर्गीकरण वर्गीकरण और पुनः वर्गीकरण एवं होटल के अनुमोदन के लिए योजना के बारे में जानकारी
पर्यटन मंत्रालय द्वारा परिचालित होटलों के वर्गीकरण के लिए शुरू की गई स्वैच्छिक योजना के बारे में जानकारी दी गई है। परियोजना के अनुसार होटल के अनुमोदन के लिए शर्तें, परिचालित होटलों के वर्गीकरण और पुनः वर्गीकरण, बार लाइसेंस और मलजल उपचार संयंत्र के लिए दिशानिर्देश से संबंधित जानकारी प्रदान की गई है। उपयोगकर्ता प्रपत्र डाउनलोड कर सकते हैं।
होटल प्रबंधन एवं खानपान प्रौद्योगिकी और अनुप्रयुक्त पोषाहार संस्थान(आइएचएम),खाद्य शिल्प संस्थान (एफसीआई), भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान (आईआईटीटीएम), राष्ट्रीय होटल प्रबंधन एवं खानपान प्रौद्योगिकी परिषद (एनसीएचएमसिटी), आईटीआई, पॉलिटेक्निक संस्थानों, विश्वविद्यालयों, सरकारी कॉलेजों, सरकारी व्यावसायिक स्कूलों और सार्वजनिक उपक्रमों जैसे संस्थानों के लिए वित्तीय सहायता योजना की जानकारी प्राप्त करें। यह योजना केन्द्र सरकार द्वारा.
मानव विकास सूचकांक में भारत 132वें स्थान पर, वैश्विक स्तर पर 32 साल में पहली बार जोरदार गिरावट
नई दिल्ली : वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान मानव विकास में वैश्विक गिरावट के बीच मानव विकास सूचकांक में भारत 191 देशों में 32वें स्थान पर पहुंच गया है. हालांकि 90 प्रतिशत देशों ने 2020 या 2021 में अपने मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) मूल्य में कमी दर्ज की है, जो सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति विपरीत है. मानव विकास (एक राष्ट्र के स्वास्थ्य, शिक्षा और औसत आय का एक उपाय) लगातार दो साल (2020 और 2021) में घट गया है, जो पिछले पांच साल की प्रगति को प्रभावित करता है. यह वैश्विक गिरावट के अनुरूप है, जो यह दर्शाता है कि दुनिया भर में मानव विकास 32 वर्षों में पहली जोरदार गिरावट दर्ज की गई.
जीवन प्रत्याशा में वैश्विक गिरावट दर्ज
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मानव विकास सूचकांक की हालिया गिरावट में एक बड़ा योगदान जीवन प्रत्याशा में वैश्विक गिरावट दर्ज की गई है, जो 2019 में 72.8 वर्ष से घटकर 2021 में 71.4 वर्ष हो गया है. पिछले दो वर्षों में दुनिया भर में अरबों लोगों पर कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध का विनाशकारी प्रभाव पड़ा है. कोरोना महामारी के दौरान व्यापक सामाजिक और आर्थिक बदलाव देखे गए. वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध ने दुनिया को एक खतरनाक मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से गुरुवार को पेश की गई मानव विकास रिपोर्ट (अनसर्टेन टाइम्स-अनसेटल्ड लाइव्स : शेपिंग औसत दिशात्मक सूचकांक संकेतक के साथ व्यापार अवर फ्यूचर इन ए ट्रांसफॉर्मिंग वर्ल्ड) के अनुसार अनिश्चितता की परतें ढेर हो रही हैं और अभूतपूर्व औसत दिशात्मक सूचकांक संकेतक के साथ व्यापार तरीके से जीवन को अस्थिर करने वाला दौर जारी है. यूएनडीपी के प्रशासक अचिम स्टेनर ने कहा कि दुनिया भर के लोग लगातार संकटों का सामना कर रहे हैं. हमारे जीवन जीने औसत दिशात्मक सूचकांक संकेतक के साथ व्यापार की लागत बढ़ गई है और ऊर्जा संकट लगातार बढ़ता ही जा रहा है. हालांकि, ऊर्जा संकट जीवाश्म ईंधन को सब्सिडी देने जैसे त्वरित सुधारों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आकर्षक है. तत्काल राहत रणनीति दीर्घकालिक प्रणालीगत परिवर्तनों में देरी कर रही है, जो हमें करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम इन चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक रूप से असक्षम हो गए हैं. अनिश्चितता के इस दौर में आम चुनौतियों से निपटने के लिए हमें परस्पर संबंधों को मजबूत बनाते हुए वैश्विक एकजुटता की एक नई भावना पैदा करने की आवश्यकता है.
मानव विकास श्रेणी में भारत मध्यम स्तर पर
यूएनडीपी की रिपोर्ट के अनुसार, इन अन्तर्विभाजक संकटों ने भारत के विकास पथ को वैसे ही प्रभावित किया है, जैसे विश्व के अधिकांश हिस्सों में किया है. भारत का एचडीआई मान 0.633 देश को मध्यम मानव विकास श्रेणी में रखता है, जो 2020 औसत दिशात्मक सूचकांक संकेतक के साथ व्यापार की रिपोर्ट में इसके 0.645 के मूल्य से कम है. एचडीआई मानव विकास के 3 प्रमुख आयामों पर प्रगति को मापता है - एक लंबा और स्वस्थ जीवन, शिक्षा तक पहुंच और एक सभ्य जीवन स्तर. इसकी गणना 4 संकेतकों का उपयोग करके की जाती है, इसमें जन्म के समय जीवन प्रत्याशा, स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष, स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष और प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय शामिल हैं.
वैश्विक रुझानों की तरह भारत के मामले में भी मानव विकास सूचकांक में 2019 में 0.645 से 2021 में 0.633 तक की गिरावट दर्ज की गई. इसमें जीवन प्रत्याशा को 69.7 से घटकर 67.2 वर्ष तक हो जाने जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. भारत में स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 11.9 वर्ष हैं और स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष 6.7 वर्ष हैं. सकल राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति स्तर 6,590 डॉलर है.
अंत तक CHZ पर टिके रहें, या बेच दें?
इसके अलावा 57,000 थे अंतर विनिमय अंतर्वाह और बहिर्वाह के बीच। 620,000 पर एक्सचेंज इनफ्लो के साथ, इसका मतलब था कि बिकवाली के दबाव की उच्च संभावना थी। हालांकि, अंदर और बाहर की आपूर्ति के औसत दिशात्मक सूचकांक संकेतक के साथ व्यापार बीच मामूली अंतर से बिकवाली को बेअसर करने का मौका मिल सकता है।
चार घंटे के चार्ट पर संकेतों के अनुसार, डायरेक्शनल मूवमेंट इंडेक्स (DMI) की स्थिति के कारण CHZ की राहत की संभावना न्यूनतम थी। DMI के आधार पर, CHZ के लाल निशान में बने रहने की संभावना थी। ऐसा इसलिए था क्योंकि 45.68 पर औसत दिशात्मक सूचकांक (पीला) मूल्य में गिरावट के निरंतर नियंत्रण का समर्थन करता था।
एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (EMA) पर एक नज़र ने यह भी संकेत दिया कि CHZ में और गिरावट आने की संभावना है। ऐसा इसलिए था क्योंकि 50 ईएमए (नारंगी) 20 ईएमए (नीला) से ऊपर स्थित था। इसलिए, अल्पावधि में गिरावट के रुकने की संभावना नहीं थी।
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