2. Business to Business (B2B)

ई-कॉमर्स (E-commerce)

ई-कॉमर्स क्या है ई-कॉमर्स कितने प्रकार के होते हैं?

क्या कभी आपने इंटरनेट के माध्यम से कुछ सामान खरीदा है? या कुछ बेचा हो? अगर हाँ तो इसका मतलब आपने ई-कामर्स क्या इलेक्ट्रानिक वाणिज्य में भाग लिया है। ई-कामर्स एक ऐसी कार्यप्रणाली है जिसके द्वारा इंटरनेट का प्रयोग करते हुए सामान खरीदते तथा बेचते हैं। वाणिज्य का प्रयोग सदियों से वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीददारी के लिए जाना जाता है परन्तु आज के युग में इसका स्वरूप पूर्णतया बदल चुका है। इसे अब आन लाइन सुविधा के साथ अच्छी तरह से किया जा रहा है। इस तरह के ऑनलाइन वाणिज्य को ई-काॅमर्स या ‘‘इलेक्ट्रानिक कामर्स’’ कहा जाता है। इसके द्वारा हम घर बैठे ही राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय वस्तुओं का आसानी से खरीद और बेच कर सकते हैं। आज यह सभी देशों के बाजारों का महत्वपूर्ण अंग है।

ई-कामर्स का प्रारम्भ 1990 का दशक माना जाता है और आज इसका प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। इस समय लगभग हर कम्पनी की अपनी अलग ऑनलाइन उपस्थिति हैं तथा वह अपनी दमदार पहचान बनाने में जुटी है, देखा जाए तो ई-कामर्स एक आवश्यकता भी बन गई है। आज घरेलू सामान से लेकर, कपड़ा, किताबें, फर्नीचर, बिल्स, फोन चार्ज यात्रा टिकट मनोरंजन, सब कुछ ऑनलाइन है। आज बड़ी-बड़ी कम्पनियां जैसे पेटीएम अमेजाॅन, फ्लिपकार्ट इस प्रकार की सुविधाएं दे कर रही है। जिसमें आप जहां चाहे वहां सामान मंगवा सकते हैं। इस तरह से ई-कामर्स के जरिये धन का आदान प्रदान भी किया जा सकता है।

ई-कॉमर्स क्या है

इलेक्ट्रानिक कामर्स एक प्रकार की बिक्री-खरीददारी का माडल है जिसमें इंटरनेट का उपयोग किया जाता है। इसके दो आधारभूत प्रकार है: व्यवसाय से व्यवसाय (B.2.B) और व्यवसाय से उपभोक्ता (B.2.C), B.2.B में कम्पनियाँ अपने आपूर्तिकर्ताओं, वितरकों एवं दूसरे सहयोगियों के साथ इलैक्ट्रानिक नेटवर्क के माध्यम से व्यापार करती है एवं B.2. में कम्पनियाँ अपने उत्पादों एवं सेवाओं को अपने उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रानिक नेटवर्क के माध्यम से उपलब्ध कराती है या बेचती है। हालांकि इसके बाद कई दूसरे तरह के ई-कामर्स माॅडल भी चर्चा में है जैसे कि C.2. C (उपभोक्ता-से-उपभोक्ता), C.2.B (उपभोक्ता-से-व्यवसाय), सी .2.A (बिजनेस-टू-एडमिनिस्ट्रेशन) एवं C.2.A (उपभोक्ता-से-एडमिनिस्ट्रेशन) आदि।

ई-कामर्स की अवधारणा का आशय इंटरनेट अर्थव्यवस्था एवं डिजिटल अर्थव्यवस्था से है। इंटरनेट अर्थव्यवस्था का आशय ऐसी अर्थव्यवस्था से है जिसमें राजस्व उत्पन्न करने के लिए इंटरनेट का उपयोग किया जाता है। जबकि डिजिटल अर्थव्यवस्था कम्प्यूटर, साफ्टवेयर और डिजिटल नेटवर्क जैसी डिजिटल तकनीकों पर आधारित है। ई-कामर्स का विकास इलेक्ट्रानिक डाटा इंटरचेज के बाद हुआ। पहले कंपनियां इसका उपयोग व्यावसायिक दस्तावेजों के आदान-प्रदान के लिए करती थी। धीरे-धीरे इसका प्रारूप बदला और कम्पनियों में इसका उपयोग सामान खरीदने एवं बेचने के लिए करना आरम्भ कर दिया। अब यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया।

ई-कॉमर्स के प्रकार

जब हम ई-कामर्स की बात करते हैं, तो हमारे मन में जो छवि उभरती है वह उत्पादक व उपभोक्ता के मध्य आनलाइन व्यापारिक लेन-देन की ही होती है जो कि कुछ हद तक सही भी है, ई-कामर्स को छह प्रमुख प्रकारों में विभाजित किया गया है जिनकी अपनी-अपनी कुछ विशेषताएं हैं-

  1. व्यवसाय से व्यवसाय (B 2 B) बिजनेस-टू-बिजनेस
  2. व्यापार-टू-उपभोक्ता (B 2 C) या बिजनेस-टू-कस्टूमर
  3. उपभोक्ता-टू-उपभोक्ता (C 2 C) या कस्टूमर-टू-कस्टूमर
  4. उपभोक्ता-टू-व्यवसाय (C 2 B) या कस्टूमर-टू-बिजनेस
  5. व्यापार-टू-प्रशासन (B 2 A) या बिजनेस-टू-एडमिनिस्ट्रेशन
  6. उपभोक्ता-टू-प्रशासन (C 2 A) या कस्टूमर-टू-एडमिनिस्ट्रेशन

1. व्यवसाय से व्यवसाय (B 2 B) बिजनेस-टू-बिजनेस

जब दो या दो से अधिक कम्पनियाँ आपस में सामान अथवा सेवाओं का लेन-देन इलेक्ट्रानिक तरीके से करते हैं तो इस तरह के ई-कामर्स को व्यवसाय से व्यवसाय (B 2 B) बिजनेस-टू-बिजनेस कहते हैं।

E Commerce क्या है ? कितने प्रकार का होता है ? इसके फायदे और नुकसान

What is E Commerce Full Information in Hindi:- क्या आप जानते है की E Commerce क्या होता है ? अगर नहीं तो आपको ई-कॉमर्स के बारे में पता होना जरूरी है। क्योंकि वर्तमान समय में ई-कॉमर्स का इस्तेमाल बहुत ही ज्यादा होने लगा है। हो सकता है कि आप भी ई-कॉमर्स सर्विसेज का इस्तेमाल करते हो। या अगर ना भी करते हो तो आपने ई-कॉमर्स शब्द को भी कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा।

इसलिए आपको पता होना चाहिए कि आखिर की ई-कॉमर्स क्या होता है ? इसका मतलब क्या होता है ? ई-कॉमर्स की फुल फॉर्म क्या है ? ई कॉमर्स कितने प्रकार का होता है ? ई कॉमर्स के फायदे और नुकसान क्या है ? तो अगर आप इन सवालों के जवाब जानना चाहते हैं ? तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं। यहां पर आपको ई-कॉमर्स के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में मिलने वाली है।

E- Commerce क्या है ? इसकी Full Form क्या है ?

E- Commerce का पूरा नाम Electronic Commerce होता है। ई-कॉमर्स का मतलब होता है इंटरनेट के माध्यम से कोई भी सामान ऑनलाइन खरीदना और बेचना। यानी कि हम अपने मोबाइल और कंप्यूटर से ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से जब भी कुछ सामान या सर्विस खरीदते हैं या बेचते हैं, तो उसी को E- Commerce कहते हैं। Amazon, Flipkart जैसी सभी कंपनियां जो की ऑनलाइन सामान बेचती और खरीदती है, वे सभी ई-कॉमर्स कंपनियां ही है।

ई-कॉमर्स चार प्रकार के होते हैं। चलिये हम आपको बारी बारी से इनके बारे में बता देते है।

1. Business to Consumer (B2C)

इसमें व्यापारी डायरेक्ट अपने ग्राहकों को समान बेचता है। जैसे कि मान लीजिये की कोई मोबाइल बेचने वाली कंपनी है जोकि एक व्यापारी कंपनी है और वह अपने मोबाइल को ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से अपने ग्राहकों को बेचती है। कोई भी ग्राहक ऑनलाइन उनकी वेबसाइट पर जाकर उनके मोबाइल को ऑनलाइन खरीद सकता है। Amazon, Flipkart इसके सबसे अच्छे उदाहरण है।

ई-कॉमर्स के प्रकार

लास ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म वे स्पेन के सभी हिस्सों में अच्छी तरह से जाने जाते हैं, हालांकि, अगर आप इनमें से एक स्टोर खोलने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको इसके बारे में बहुत सोचना होगा। व्यापार का प्रकार जो आपके उत्पाद या सेवा के आधार पर आपके प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से किया जाएगा, कुछ प्रकार के वाणिज्य हो सकते हैं ग्राहकों को पेश करने के लिए बेहतर विकल्प और व्यवसाय के प्रबंधन और आपूर्ति का सबसे अच्छा तरीका है।

के विकल्पों का विश्लेषण करते हैं ई-कॉमर्स का प्रकार कि हम स्पेन में कई प्लेटफार्मों के भीतर पा सकते हैं।

पहला प्रकार जिसे हम विश्लेषण करेंगे वह है समूह खरीद; इनमें, उत्पादों को दो तरीकों से पेश किया जाता है, सबसे पहले, यह हमारे विशिष्ट ग्राहक के लिए है; हालांकि, कई उपयोगकर्ताओं के लिए यह अलग और आकर्षक बनाता है कि अगर लोगों का एक समूह उस से खरीदना पाया जाता है स्टोर छूट प्राप्त की जाती है; यह शिपिंग लागत के मामले में मालिक को सुविधा प्रदान करता है, क्योंकि अलग-अलग पते पर भेजने के बजाय, पूरे आदेश को एक ही पते पर भेजा जा सकता है।

इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स की परिभाषा

अप्रत्यक्ष कृपादान! यह मुहावरा तो आपने सुना ही होगा। और यह महामारी के दौरान ऑनलाइन व्यवसायों के लिए उपयुक्त है। जबकि बड़े पैमाने पर व्यवसायों को बंद करने के लिए मजबूर किया गया था, यह मोटे और पतले समय के दौरान खड़ा था। इसका जबरदस्त विस्तार हुआ। हाँ, आप सही सोच रहे हैं। यह कोई और नहीं बल्कि एक ऑनलाइन बिजनेस उर्फ ई-कॉमर्स है।

Electronic Commerce

इस महामारी के दौरान, कई लोगों ने इस बदलाव को स्वीकार किया है और वास्तव में ऑनलाइन व्यापार की सराहना की है। और अब खरीदारी के लिए यह नया सामान्य है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में ई-कॉमर्स के 12.2% बढ़ने की उम्मीद है। इस लेख में, आप ई-कॉमर्स की परिभाषा, प्रकार, पेशेवरों और विपक्षों के बारे में जानेंगे।

ई-कॉमर्स के प्रकार

मुख्य रूप से चार प्रकार के ई-कॉमर्स व्यवसाय अत्यधिक बढ़ रहे हैं:

1. व्यवसाय-से-उपभोक्ता (बी2सी)

ई-कॉमर्स के इस मॉडल में, उत्पादों और सेवाओं को व्यापार के माध्यम से सीधे अंतिम उपभोक्ता को ऑनलाइन बेचा जाता है। उदाहरण के लिए, अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट। वे सीधे अंतिम उपभोक्ता को उत्पाद बेचते हैं।

2. बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी)

इसका मतलब है कि उत्पादों और सेवाओं को एक व्यवसाय से दूसरे व्यवसाय में बेचा जाता है। उदाहरण के लिए, Amazon अपनी साइट पर अन्य व्यावसायिक उत्पाद बेचता है। इसका मतलब है कि वे निर्माता या थोक व्यापारी से उत्पाद को उपभोक्ता को बेचते हैं। मैन्युफैक्चरर्स और Amazon के बीच किया गया बिजनेस बिजनेस-टू-बिजनेस ई-कॉमर्स का बेहतरीन उदाहरण है।

3. उपभोक्ता से उपभोक्ता (C2C)

उपभोक्ता-से-उपभोक्ता ई-कॉमर्स का अर्थ है एक उपभोक्ता से दूसरे उपभोक्ता को उत्पाद खरीदना और बेचना। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति ईबे या ओएलएक्स जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसी अन्य उपभोक्ता को अपनी अलमारी बेचता है, तो इसे उपभोक्ता-से-उपभोक्ता मॉडल के रूप में जाना जाता है।

इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के पेशेवरों और विपक्ष

जैसे हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं और हर चीज के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। ई-कॉमर्स का भी यही हाल है। यहां इसके पेशेवरों और विपक्षों की सूची दी गई है।

पेशेवरों

ऑनलाइन व्यापार करने के बहुत सारे स्पष्ट और स्पष्ट लाभ नहीं हैं। आप उन्हें अपने लाभ के लिए उपयोग कर सकते हैं यदि आप जानते हैं कि वे वास्तव में क्या हैं। ई-कॉमर्स के पेशेवरों की सूची यहां दी गई है:

  • विक्रेता और खरीदार के बीच की दूरी मिट गई है। स्थान अब कोई मायने नहीं रखता। विविध स्थानों के लोग अपनी सेवाओं के पैकेज बुक कर सकते हैं।
  • कोई भौतिक दुकानें नहीं होने के कारण लागत में अत्यधिक कटौती हुई है और इसलिए नहींरखरखाव खर्च.
  • ई-कॉमर्स 24x7 खुला रहता है, जिससे उपभोक्ताओं को पसंदीदा समय पर अपने घरों में आराम से चीजें खरीदने का विकल्प मिलता है।
  • कोई बिचौलिया या व्यापारी नहीं है जो लागत कम करता है और उत्पादों या सेवाओं को तेजी से वितरित करने में मदद करता है।
  • यह ट्रैक करने योग्य है क्योंकि ऑनलाइन साइटें वेबसाइट की पहुंच को संकलित और विश्लेषण करने के लिए डेटा एकत्र कर सकती हैं, यह उपयोगकर्ता के अनुकूल है, किस स्थान पर अधिक लक्षित दर्शक हैं, उनकी अपेक्षाएं क्या हैं और कितना व्यवसाय बढ़ा है।
  • एक बात निश्चित है: यह हमेशा के लिए चलेगा क्योंकि सभी कंपनियों को महामारी के दौरान बंद करने के लिए मजबूर किया गया था, फिर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ा है,अर्थव्यवस्था फलफूल रहा है

ई-कॉमर्स के प्रकार

व्यवसाय से व्यवसाय (Business to Business E-commerce)

दो व्यवसायिक कंपनियों के बीच आपसी लेंन-देंन से सम्बंधित है जिसमे कोई कंपनी कॉमर्स का प्रकार अपना खुद का उत्पाद ना बना कर दूसरी कंपनी से खरीद कर बेचता है उसे व्यवसाय से व्यवसाय ई-कॉमर्स या Business to Business E-commerce भी कहते है |

व्यापार से उपभोक्ता (Business to Consumer E-commerce)

कंपनी अपने बनाये उत्पाद एवं सेवाएं सीधे उपभोक्ता को वेबसाइट के माध्यम से बेचता है, जिसमे उपभोक्ता उत्पाद के विषय में जानकारी लेकर उत्पाद का आर्डर करके घर में सामान प्राप्त करता है इस इलेक्ट्रानिक लेंन-देंन को व्यापार से उपभोक्ता ई-कॉमर्स या Business to Consumer E-commerce भी कहते है, जैसे Flipkart, Amazon आदि |

3.उपभोक्ता से उपभोक्ता (Consumer to Consumer E-commerce )

दो उपभोक्ताओं के बीच सेवाओं और सुविधाएं का इलेक्ट्रानिक लेंन-देंन किसी कॉमर्स का प्रकार तीसरे पक्ष के माध्यम से किया जाता है, जिसमे एक उपभोक्ता सामान बेचता है और दूसरा खरीदता है कॉमर्स का प्रकार जैसे olx ,Quicker, eBay आदि, इसे उपभोक्ता से उपभोक्ता ई-कॉमर्स या Consumer to Consumer E-commerce भी कहते है |

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