Bitcoin किस देश की करेंसी है | Bitcoin का मालिक कौन है
चलिए जानते हैं कि Bitcoin का मालिक कौन है और Bitcoin किस देश की करेंसी है Bitcoin का नाम तो आपने कई बार सुना होगा बहुत लोगों को तो इसके बारे में जानते भी होंगे आपके मन में एस्से जुड़े कई कन्फ्यूजन भी होंगे तो आइए इस पोस्ट के माध्यम से आज आपके मन में सारे कंफ्यूजन को दूर करने की कोशिश करेंगे
Bitcoin एक ऐसी मुद्रा है जिसे हम देख नहीं सकते हैं नहीं छू सकते हैं क्योंकि यह एक डिजिटल करेंसी है यह केवल कंप्यूटर या ऑनलाइन माध्यम से ही देखा या एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा सकता है Bitcoin एक ऐसी करेंसी है जिसके माध्यम से हम अपने पैसे को पूरे दुनिया में कहीं भी भेज सकते हैं Bitcoin के ऊपर किसी भी सरकार या किसी भी संस्था का कोई प्रतिबंध नहीं है
Bitcoin को हम डिजिटल माध्यम से खरीद या बेच सकते हैं जैसे कि हम पेटीएम में पैसे को लोड करते हैं और उससे कोई सामान खरीदते हैं उसी तरह से Cripto wallate में इससे हम पैसे से खरीद सकते हैं और एक जगह से दूसरे जगह भेज सकते हैं
बहुत सारे लोग आजकल Bitcoin में इन्वेस्टमेंट भी कर रहे हैं इसमें जब Bitcoin का दाम कम रहता है तो इसे खरीद लेते हैं और जब Bitcoin का दाम बढ़ जाता है तो इसे बेच देते हैं यह काम ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा है जिसके लिए कई प्लेटफार्म उपलब्ध है जैसे बाइनेंस वजीरएक्स इत्यादि
Table of Contents
Bitcoin का मालिक कौन है
Bitcoin को बनाने वाला Satoshi Nakamoto है। लेकिन बिटकॉइन का कोई मालिक नहीं है क्योंकि यह एक ओपन सोर्स डिजिटल करेंसी है और यह एक इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर की जाने वाली करेंसी है जिसे डिजिटल पायलट की माध्यम से हम एक जगह से दूसरे जगह भेज सकते हैं या एक डिजिटल वायलेट में स्टोर करके इसको रख सकते हैं
2022 में Bitcoin के दाम में काफी बढ़ोतरी हो गई है 1 बिटकॉइन के दाम की बात करें तो भारतीय रुपए में इसका दाम 2500000 रुपए के बराबर है कुछ ऐसी वेबसाइट भी है जिसके जरिए माइनिंग करके हम बिटकॉइन को बना भी सकते हैं तथा बिटकॉइन बनाने के बाद इसे हम अपने बैलट में स्टोर करके रख सकते हैं और बाद में इसे बेच भी सकते हैं
Bitcoin किस देश की करेंसी है
Bitcoin को बनाने वाले व्यक्ति जो कि जापान के रहने वाले है परंतु Bitcoin को किसी देश की करेंसी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह एक डिजिटल करेंसी है और यह डिस्टैली कहीं भी भेजा जा सकता है Bitcoin की शुरुआत 3 जनवरी 2009 को सतोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति द्वारा की गई थी इसके बाद ऑनलाइन के माध्यम से यह करेंसी पूरे विश्व में फैल गई है
अब तो आप जान ही गए होंगे की Bitcoin किस देश की करेंसी है और Bitcoin का मालिक कौन है यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आया होगा इस पोस्ट से संबंधित अगर कोई सवाल या सुझाव आपके मन में आते हैं तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमें बता सकते हैं और इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें धन्यवाद
आपके जेब में रखी नोट फिट है या अनफिट? कैसे करें पहचान? जानिए क्या कहता है करेंसी में कंफ्यूजन RBI
कई बार लोगों को कंफ्यूजन होती है कि उनकी जेब में रखी नोट फिट है या अनफिट? असली है या नकली? इसकी पहचान करने में बहुत परेशानी होती है। इसीलिए आरबीआई ने निर्देश दिया है कि अब बैंकों को समय-समय पर नोटों की प्रामाणिकता की जांच करनी होगी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों से कहा है कि वे हर तिमाही में मशीनों से नोटों की जांच करें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि करेंसी नोट निर्धारित पैरामीटर के अनुरूप हैं या नहीं। आरबीआई ने नोटों की स्थिति के लिए 11 मानक निर्धारित किए हैं और इसलिए बैंकों को नोट सॉर्टिंग मशीनों के बजाय नोट फिट सॉर्टिंग मशीनों का उपयोग करने का निर्देश दिया है।
एक फिट नोट के लिए कंडीशन
'नोट सॉर्टिंग मशीन - ऑथेंटिकेशन एंड फिटनेस सॉर्टिंग पैरामीटर्स' सर्कुलर में आरबीआई ने कहा कि एक फिट नोट वह नोट है, जो वास्तविक है और पर्याप्त रूप से साफ है, जिससे उसके मूल्य को आसानी से पता किया जा सके और रीसाइक्लिंग के लिए उपयुक्त हो।
अनफिट नोट की कंडीशन
वहीं, एक अनफिट नोट के बारे में आरबीआई ने कहा कि एक अनफिट नोट वह है, जो अपनी फिजिकल कंडीशन के कारण रीसाइकिल करने के लिए उपयुक्त नहीं है या एक श्रृंखला से संबंधित है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सिक्वेंस वाइज जारी किया जाता है।
बैंकों को देनी होगी नोटों के कंडीशन की जानकारी
आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे नोट प्रोसेसिंग मशीन/नोट सॉर्टिंग मशीन द्वारा समय-समय पर नोटों की प्रामाणिकता की जांच करेंगी। कोई भी नोट, जिसमें असली नोट की सभी विशेषताएं नहीं पाई जाती हैं, उसे मशीन द्वारा संदिग्ध/अस्वीकार के रूप में कैटिगराइज किया जाएगा। सर्कुलर के अनुसार, बैंकों को हर तीन महीने में करेंसी नोटों की फिटनेस रिपोर्ट आरबीआई को भेजनी होगी। बैंकों को अनुपयुक्त पाए गए नोटों की संख्या और उचित रखरखाव के बाद फिर से जारी किए जा सकने वाले नोटों के बारे में आरबीआई को सूचित करना होगा।
आरबीआई के अनुसार फिजिकल डिफेक्ट वाले नोटों को निम्नलिखित मानदंडों के अनुसार अनुपयुक्त के रूप में क्रमबद्ध किया जाना चाहिए।
Soiling
यह पूरे नोट में या कुछ भाग में गंदगी को दिखाता है। गंदी नोट, नोट की उम्र और उसमें आए पीलेपन व नोट के बाहरी चिह्नों को दर्शाता है। नोट में आई सोइलिंग के कारण नोट को नुकसान पहुंचता है।
Limpness
यह नोट की संरचनात्मक खराबी से संबंधित है। नोट में लिंपनेस के परिणामस्वरूप नोट पेपर में कड़कपन खत्म हो जाता है। कागज की बहुत कम कड़कपन वाले नोटों को अनुपयुक्त के रूप में क्रमबद्ध किया जाएगा।
Dog-ears
अगर आप नोट में 100 मिमी² से अधिक भाग को बुरी तरह से मोड़ देते हैं, जिससे नोट की कंडशन खराब हो जाती है या 5 मिमी से ज्यादा नोट का किनारा मुड़ जाता है, तो ऐसी स्थिति में न्यूनतम लंबाई के कारण नोट को अनुपयुक्त के रूप में क्रमबद्ध किया जाएगा।
Holes
8 मिमी² से अधिक क्षेत्रफल वाले छेद वाले नोटों को अनुपयुक्त के रूप में क्रमबद्ध किया जाएगा।
Stains
गंदगी के कारण खराब हुई नोट को भी उपयोग के लिए अनुपयुक्त माना जाएगा।
Graffiti
ग्रैफिटी नोट के जान-बूझकर किए गए ग्राफिक परिवर्तन को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, आंकड़े या अक्षर अगर बदल जाते हैं तो ग्रैफिटी के मामले में फिटनेस सॉर्टिंग मानदंड स्टेन्स के लिए समान होंगे।
Crumples/Folds
अगर फोल्ड्स के परिणामस्वरूप मूल नोट की लंबाई या चौड़ाई में कमी आती है, तो टूटे हुए/फोल्ड किए गए नोटों को अनफिट के रूप में सॉर्ट किया जाएगा।
Decolouration
यदि स्याही आंशिक रूप से या पूरी तरह से उसके बेस से गायब है, तो ऐसी नोट अनुपयुक्त होगी
Repair
चिपकाई (टेप/ कागज / गोंद) गई नोट भी अनफिट श्रेणी के अंतर्गत आएगी।
केंद्रीय बैंक ने मापदंडों को निर्धारित करते हुए कहा कि एक नोट को रीसाइक्लिंग के लिए उपयुक्त माने जाने वाले सभी फिटनेस मापदंडों से गुजरना होगा। आरबीआई ने कहा कि नोटों को केवल तभी रिसाइकल या पुन: जारी किया जा करेंसी में कंफ्यूजन सकता है, जब उनका मूल्यांकन इन मानकों के अनुसार वास्तविक और फिटनेस के रूप में किया जाता है।
सुर्खियां: इंडियन करेंसी रखने के जुर्म में नेपाल में बिहार का युवक गिरफ्तार, शहाबुद्दीन ने दी APO को धमकी
नेपाल में भारतीय करेंसी रखने के जुर्म में बिहार के युवक की गिरफ्तारी, सीवान APO को शहाबुद्दीन की धमकी और 10वीं में गेस् . अधिक पढ़ें
- News18 Bihar
- Last Updated : December 15, 2018, 16:40 IST
नेपाल में भारत के 2000, 500 और 200 रुपये के नोट बैन कर दिए गए हैं. नेपाल के पर्सा जिले में इसके कारण बिहार के एक युवक की गिरफ्तारी भी की गई है. दैनिक जागरण ने इसे अपनी दूसरी लीड बनाई है. अखबार ने लिखा है कि नेपाल सरकार के इस फैसले का पर्यटन और व्यापार के मोर्चे पर काफी नुकसान होगा.
बिहार में पहली बार 9वीं और 10वीं क्लास में अतिथि शिक्षकों की बहाली की जाएगी. बिहार सरकार ने ये फैसला किया है कि ये ठीक उसी तरह होगा जैसे प्लस टू स्तर पर गेस्ट टीचर्स की सेवा ली जाती है. इसी के साथ सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि अनुकंपा पर बहाल अप्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा खत्म नहीं की जाएगी. प्रभात खबर ने इस खबर को प्रथम पृष्ठ पर जगह दी है.
सीवान कोर्ट के एपीओ को धमकी दिए जाने की खबर को प्रभात खबर ने पहले पन्ने पर प्रकाशित किया है. लोक अभियोजक रामराज प्रसाद ने सीवान कोर्ट में लिखित जानकारी करेंसी में कंफ्यूजन दी है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान शहाबुद्दीन ने कहा है कि मुझे कंटेम्ट ऑफ कोर्ट का डर नहीं है और मैं चार साल बाद फिर जेल से बाहर आ जाऊंगा.
बिहार सरकार के पूर्व मुख्य सचिव को झारखंड हाईकोर्ट द्वारा सभी आरोपों से बरी किए जाने की खबर को दैनिक भास्कर ने पहले पन्ने पर प्रकाशित किया है. इस फैसले में कहा गया है कि दुबे के विरुद्ध ऐसे तथ्य नहीं मिले हैं जिससे उन्हें आरोपी बनाया जाए. गौरतलब है कि दुबे को दुमका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में आरोपी बनाया गया था.
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प्रेग्नेंसी के लिए लेना है आईवीएफ का सहारा तो यहां दूर करें ये सभी कंफ्यूजन
In vitro fertilization (IVF): फर्टिलिटी का कम होना आज के समय में एक सामान्य बात बनती जा रही है. ज्यादातर युवा कपल इस समस्या का सामना कर रहे हैं. इसके कई कारणों में से कुछ कारण लाइफस्टाइल (Lifestyle) से जुड़े हैं, जिन्हें आप एक हेल्दी रुटीन (Healthy routin) को फॉलो करते हुए दूर कर सकते हैं. यानी महिला और पुरुष दोनों की फर्टिलिटी (Fertility) बढ़ाने में ये सामान्य चीजें बहुत लाभकारी हैं. जैसे.
महिलाओं के शरीर में 35 की उम्र के बाद एग का बनना कम हो जाता है. जबकि पुरुषों में 50 साल की उम्र के बाद शुक्राणुओं की गुणवत्ता कम हो जाती है.
जब आप किसी फर्टिलिटी क्लीनिक में जाते हैं तो जाते ही आपको आईवीएफ ट्रीटमेंट नहीं दिया जाता. बल्कि सबसे पहले एग की जांच की जाती है और फेलोपियन ट्यूब, गर्भाशय की थैली की जांच की जाती है. यानी महिला के गर्भाशय की गहन जांच की जाती है और देखा जाता है कि कोई समस्या तो नहीं है. इसके बाद पुरुष के शुक्राणुओं की जांच की जाती है और उनकी क्वालिटी का स्तर जांचा जाता है.
इन दोनों की जांच के बाद यह देखा जाता है कि क्या इस समस्या को दवाओं से ठीक किया जा सकता है या नहीं किया जा सकता. दवाओं से ठीक होने की संभावना होती है तो दवाई दी जाती है और यदि ऐसा नहीं होता है तो इंट्रा यूरेटाइन इनसेमिनेशन (IUI) तकनीक के माध्यम से पति के शुक्राणओं को पत्नी के गर्भाशय में रखते हैं. ताकि भ्रूण के बनने की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके. यदि सफलता मिल जाती है तो ठीक है और यदि सफलता नहीं मिलती है तब अंतिम विकल्प के रूप में आईवीएफ तकनीक का उपयोग किया जाता है.
सरकार ने क्रिप्टो से होने वाली आय पर लगाया टैक्स, क्रिप्टो निवेशकों को बजट से क्या मिला? जानें
कहते हैं नो रिस्क नो गेम. यानि बिना जोखिम लिए मुनाफा नहीं होता. ऐसा ही एक निवेश का माध्यम है क्रिप्टो करेंसी. जिसमें जोखिम तो काफी है लेकिन मुनाफा तगड़ा है. दुनिया के अलग अलग देशों में क्रिप्टो करेंसी को अलग अलग नियम हैं. भारत में इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. इसको लेकर शीतकालीन सत्र में सरकार एक बिल लाने वाली थी, लेकिन वो बिल संसद में पेश नहीं हो सका. इधर सरकार ने आज बजट के दौरान क्रिप्टो निवेशकों के लिए एक बड़ी घोषणा कर दी. ऐसे में सात सवाल इसी मुद्दे पर होंगे.
The government made a big announcement for crypto investors during the budget. The government decided to tax the income from crypto. Watch full video for full details.
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