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जीवन बदल देंगी निवेश पर पांच किताबें
सफल निवेश मुख्य रूप से दृढ़ता, धैर्य एवं अनुशासन पर निर्भर है। धन सृजन में समय सबसे महत्त्वपूर्ण कारक है, क्योंकि यह कंपाउंडिंग के जादुई लाभ लाता है, जो मूल रूप से ब्याज पर ब्याज देकर इसे तीव्र गति प्रदान करता है। बेंजामिन फ्रेंकलिन ने कहा है कि ज्ञान में निवेश सर्वोत्तम ब्याज देता है। चाहे आप निवेश शुरू करना चाहते हैं या पहले से निवेश कर रहे हैं अथवा किसी विषय पर विस्तृत शोध करना चाहते हैं या जीवन के सिद्धांतों को सीखना चाहते हैं, तो ऐसे महान लोगों के जीवन या लेखनी के सबक से सीखने से बेहतर कोई तरीका नहीं है, जिन्होंने किताबों के माध्यम से यह ज्ञान साझा किया है
लेखक : करुणेश देव
कुछ प्रभावशाली पुस्तकें, जो निवेशकों को प्रदान करती हैं ठोस आधार
- जॉर्ज क्लैसन की ‘दि रिचेस्ट मैन इन बेबीलॉन’ : यदि आप अपनी निवेश यात्रा प्रारंभ कर रहे हैं अथवा निवेश की मूल बातों पर फिर से काम करना चाहते हैं या दीर्घकालिक संपत्ति निर्माण के सबसे बुनियादी व सबसे महत्वपूर्ण नियमों को ताजा करना चाहते हैं, तो यह पुस्तक आपके लिए अत्यंत आवश्यक है। यह पुस्तक निवेश के उन नियमों पर जोर देती है, जिनके बारे में हम सब जानते हैं, लेकिन फिर भी इनका पालन नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए अपनी कमाई का कम से कम दस प्रतिशत बचाएं। अपने आवश्यक खर्चों को अपनी इच्छाओं के साथ भ्रमित न करें इत्यादि। इसमें यह समझया गया है कि अपनी भविष्य की आय सुनिश्चित करने के लिए आज मेहनत करें तथा अपने कौशल में सुधार लाने का प्रयास करें। इस विषय में विलंब तथा सुस्ती दोनों से ही बचें, क्योंकि यह शिथिलता की भावना आपको सफलता के पूर्ण मापक पर पहुंचने नहीं देगी।
- नेपोलियन हिल की ‘थिंक एंड ग्रो रिच’ : नेपोलियन हिल एक अमरीकी लेखक थे, जो व्यक्तिगत-सफलता साहित्य की आधुनिक शैली के शुरुआती निर्माताओं में से एक हैं। थिंक एंड ग्रो रिच अब तक की सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तकों में से एक है। हिल ने अपने जीवनकाल के दौरान धनी तथा अत्यंत सफल व्यक्तियों पर व्यापक शोध किया था, यह जानने के लिए उनकी सफलता के क्या कारण हैं। इन व्यक्तियों की टिप्पणियो, विचारों और अनुसंधान से व्यक्तिगत उपलब्धि तथा सफलता पाने के लिए हिल ने इन्हें 13 सिद्धांतों के रूप में प्रकाशित किया। इनमें इच्छा, विश्वास, विशिष्ट ज्ञान, संगठित योजना, दृढ़ निश्चय और छठी इंद्री जैसे विषयों पर विशेष रूप से चर्चा की गई है।
- रॉबर्ट कियोसाकी की ‘रिच डैड पुअर डैड’ : इस पुस्तक में वित्तीय साक्षरता के महत्त्व पर बल दिया गया है तथा वित्तीय स्वतंत्रता को प्रमुख लक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया गया है। लेखक ने उन निवेशों की वकालत की है, जो निवेशक के लिए नियमित आय प्रवाह प्रदान करते हैं तथा जो लाभांश प्रदान करते हैं। साथ ही कियोसाकी ने टैक्स प्लानिंग के महत्व पर भी प्रकाश डाला है।
- पीटर लिंच की ‘बीटिंग दि स्ट्रीट’ : पीटर लिंच बहुत ही सफल स्टॉक मार्केट निवेशकों और म्यूचुअल फंड मैनेजरों में से एक हैं। अमरीका के सबसे बड़े म्यूच्यूअल फंड्स में से एक फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स में एक प्रशिक्षु के रूप में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी। फिडेलिटी में रहते हुए लगभग 11 साल बाद उन्हें उसके मैगलन फंड का प्रबंधन सौंपा गया, जिसे उन्होंने अप्रत्याशित गति से बढ़ाया तथा इस दौरान इस फंड ने प्रति वर्ष औसतन 29 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया। ‘बीटिंग दि स्ट्रीट’ पाठक को यह समझाने का प्रयास करती है कि स्टॉक को खरीदने या बेचने का निर्णय कैसे और कब लिया जाए। यह पुस्तक अत्यंत सरल भाषा में रची गई है तथा किसी नए निवेशक के लिए बहुत सार्थक सिद्ध होगी।
- बेंजामिन ग्राहम की ‘दि इंटेलिजेंट इन्वेस्टर’ : हालांकि यह पुस्तक 1949 में लिखी गई थी, किंतु उस समय और आज में निवेश की बुनियादी बातों में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है। इसे वॉरेन बफेट ने निवेश की सर्वश्रेष्ठ पुस्तक के रूप में सुझाया है। बेंजामिन ग्राहम को ‘मूल्य निवेश का जनक’ माना जाता है। ग्राहम ने विभिन्न निवेशों के विषय में विस्तार से बताया है तथा ये समझाया है कि इन पर मौलिक विश्लेषण कैसे करना चाहिए। उन्होंने पोर्टफोलियो के प्रबंधन के विभिन्न तरीकों तथा पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की है तथा इस विषय पर सकारात्मक और रक्षात्मक दृष्टिकोण दोनों प्रस्तुत किए हैं।
और अंत में
निवेश व जीवन के सरल नियमों को समझने, इनका पालन करने या कार्यान्वित करने के लिए आपको अत्यंत प्रतिभाशाली होने की आवश्यकता नहीं है। यह पुस्तकें मूलतः अमरीका के लेखकों द्वारा रचित हैं, लेकिन ये समझ और प्रभाव में सार्वभौमिक हैं। ये किसी एक काल खंड अथवा एक विशेष वर्ग के लिए नहीं, अपितु आम आदमी और छोटे व बड़े हर तरह के निवेशक के लिए उतनी ही सार्थक हैं।
संपर्कः [email protected]
नोट : यहां दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य से दी गई है। किसी भी निवेश से पहले उसकी पूरी जानकारी अवश्य लें।
“Rich Dad Poor Dad” free summery in Hindi || रिच डैड, पुअर डैड फ्री बुक डाउनलोड ||
रिच डैड, पुअर डैड एक ऐसी किताब जिसने लाखों लोगों को अमीर बनाया है, एक ऐसी किताब जिसमे अमीरों की सारी सेक्रेट्स बताई गई है। जिससे अमीर, आमिर बनते हैं, और गरीब, गरीब ही रह जाते हैं। अगर आप भी जानना चाहते है, वो सारी सीक्रेट्स तो अभी “Rich Dad Poor Dad” बुक को फ्री में डाउनलोड करें और पढ़ें।
अगर और जानना चाहते हैं की रिच डैड पुअर डैड नामक इस पुस्तक को क्यों पढ़ना चाहिए? क्या ये सच में आमिर बना सकती है? तो रुकिए और इस “Rich Dad Poor Dad” book की Free Summery पढ़िए, और उसके बाद dicide कीजिये की आपको इसे पढ़ना चाहिए या नहीं।
Table of Contents
रॉबर्ट कियोसाकी के लिखे इस बुक को उन्होंने सभी माता-पिता को समर्पित किया है वो कहते है की “ यह पुस्तक सभी माता-पिताओं को समर्पित है क्योंकि वहीं बच्चों के सबसे महत्वपूर्ण शिक्षक होते हैं।”
इस पुस्तक में रॉबर्ट कियोसाकी ने अपने दो पिताओं के बारे में जिक्र किया है, उनके एक पिता जो की अमीर हैं वही दूसरे गरीब। वैसे उनके अपने एक ही पिता हैं, उनके दूसरे पिता जिनके बारे में उन्होंने इस पुस्तक में जिक्र किया है, वो उनके दोस्त के पिता थे।
“रिच डैड पुअर डैड” में रॉबर्ट बताते है की मेरे अपने पिता बहुत पढ़े-लिखे थे। उनके पास बहुत सारी डिग्रियां थी, वही अमीर पिता के पास नहीं थी, किन्तु वे धनवान थे। रॉबर्ट कियोसाकी के अनुसार उनके दोनों पिताओं ने अपनी जिंदगी में बहुत कड़ी मेहनत की, दोनों सफल भी रहें, यहाँ तक की दोनों ने बहुत पैसे भी कमाए। परन्तु उनमे से एक हमेशा पैसों के लिए परेशान रहा। वही दूसरा हवाई के सबसे आमिर लोगों में शामिल हो गया।
रॉबर्ट कियोसाकी के इस पुस्तक में कुल 9 अध्याय है और हर अध्याय में सबक दिया गया है जिसे आपको पालन करना अगर सच में आप भी अमीर बनना चाहते है तो।
अध्याय 1
सबक 1 : अमीर लोग पैसों के लिए काम नहीं करते
गरीब और मध्यमवर्गीय लोग पैसों लिए काम करते हैं, जबकि अमीर लोग पैसे से अपने लिए काम कराते हैं।
अब आप इस विचार को पढ़ने के बाद सोच रहे होंगे की लेखक ने ऐसा क्यों कहा है ? इसे जानने के तो लिए आपको इस पुस्तक को पढ़ना पड़ेगा।
अध्याय 2
सबक 2 : आर्थिक साक्षरता क्यों सिखाये
आप इस अध्याय में जानेगे की संपत्ति और दायित्व में क्या अंतर होता है? संपत्ति और दायित्व का अंतर जानना कितना जरुरी है। पैसे कमाने से ज्यादा पैसे बचाना क्यों जरुरी है ? आप पैसे कैसे बचा सकते हैं?
वित्तीय साक्षरता में सबक
कूड़ा बीनने वालों को पढ़ाने वाले स्कूलों से लेकर, आदिवासी युवाओं की करियर काउंसलिंग तक। ग्रामीण लड़कियों को प्रोग्रामिंग सिखाने से, रटने से दूर ले जाने वाले साक्षरता कार्यक्रम के बारे में। न केवल ग्रामीण शिक्षा, बल्कि सीखने के विषय में नवीनतम जानकारी पढ़ें।
ग्रामीण भारत में हैंडलूम क्या केवल गरीबी बुनने में सक्षम हैं?
हमें इस बात पर विचार करने की जरूरत है, कि जो कभी ख़ुशियाँ, संस्कृति और आय बुनता था, वो हैंडलूम (हथकरघा) क्यों आज केवल गरीबी बुनता है? यदि कुछेक बाहरी तत्वों को छोड़ दें, तो यह क्यों हमारे ग्रामीण लोगों की आजीविका को बनाए रखने में असमर्थ है?
आधार की अनिवार्यता बनी कल्याण योजनाओं की पहुंच में बाधक
सरकारी योजनाओं के फर्जी लाभार्थियों को बाहर करने के उद्देश्य से, ‘आधार’ को राशन कार्ड और वित्तीय साक्षरता में सबक बैंक खातों के साथ जोड़ने से, लॉकडाउन के दौरान बहुत से लोगों को बेहद जरूरी प्रावधानों से वंचित कर दिया है
लंबाणी कशीदाकारी ने बनाई, फैशन की एक पहचान
कर्नाटक के लंबाणी आदिवासी समुदाय की विशिष्ट कसुति केल्सा (एक तरह की कढ़ाई) से सजी आधुनिक पोशाकों ने पारम्परिक शिल्प को जीवित रखने और फलने-फूलने में स्थानीय महिलाओं की मदद की है
लॉकडाउन से, खानाबदोश (घुमन्तु) चरवाहों के रास्तों में आई, नई कठिनाइयाँ
ग्रीष्मकालीन चरागाहों की ओर प्रवास और संयोगवश पहले लॉकडाउन के उसी समय होने और आवाजाही पर भारी प्रतिबंधों के कारण, चरवाहों को भेदभाव के अलावा, चरागाहों, पानी और चारे का अभाव झेलना पड़ा
थार रेगिस्तान की महिला कारीगरों ने, कशीदाकारी के माध्यम से मुसीबतों से पाया छुटकारा
1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान से विस्थापन की परवाह किए बिना और अब निर्दयी थार रेगिस्तान के बीकानेर जिले में रहने वाली महिलाओं ने, गरिमापूर्ण जीवन यापन के लिए पारम्परिक कशीदाकारी के अपने कौशल का उपयोग किया
ऑनलाइन कक्षाएं, ग्रामीण लड़कियों की शिक्षा का अंत है
घर में एकमात्र मल्टीमीडिया फोन के इस्तेमाल के लिए लड़कों को वरीयता मिलने के कारण, गरीब ग्रामीण परिवारों की लड़कियों ने पढ़ाई छोड़ दी, और खुद को जल्द शादी की स्थिति के हवाले कर दिया
मलमल को पुनर्जीवित करके बंगाल के बुनकरों ने बुनी सफलता
सदियों से मशहूर, महीन सूत से बने कपड़े, मलमल के पुनरुद्धार से, अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे पश्चिम बंगाल के पारम्परिक कताई और बुनाई करने वाले कारीगरों के जीवन में आर्थिक स्थिरता का संचार हुआ।
उपचार और जागरूकता से महिलाओं को मिली, एनीमिया से निपटने में मदद
व्यापक रूप से परीक्षण, प्रभावितों का इलाज, और कुपोषण से मुक्ति के लिए भोजन सम्बन्धी आदतों के बारे में जागरूकता के कारण महिलाओं में एनीमिया के प्रसार में कमी और स्वास्थ्य में सुधार हुआ है
कामरूप की महिलाओं द्वारा एरी रेशम का पुनरुद्धार
असम के कई हिस्सों वित्तीय साक्षरता में सबक में, पारम्परिक एरी रेशम बुनकरों को बाजारों के साथ जोड़कर , गैर-लाभकारी संगठन, ‘ग्रामीण सहारा’ ने हजारों ग्रामीण महिलाओं को अपनी घरेलू आय बढ़ाने में मदद की है।
Rural India is a buzzing place that deserves more attention. There are hardships, but there is also change and vibrancy. Read about it all here on Village Square.
अपने शुरुआती 20 के दशक में सबसे बड़ी वित्तीय गलतियों से कैसे बचें?
20 के दशक में कई लोग इसे बजट को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन के रूप में देखते हैं। इसका मतलब है कि रातों-रात उनके खाते से ओवरड्राइंग नहीं करना और समय पर किराए का भुगतान करना। जैसे-जैसे वे बड़े होंगे, उन्हें एहसास होगा कि पैसे को कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है – खुश घंटे से परे।
आपकी मेहनत की कमाई कहां जा रही है? आप भविष्य के लिए कैसे योजना बना रहे हैं?
यदि आप उन सवालों का जवाब नहीं दे सकते हैं, तो यह वास्तविकता की जाँच का समय है। ऐसा करने में एक बजट आपकी मदद कर सकता है। यह जरूरतों और चाहतों को ट्रैक करेगा – आपके द्वारा हर दिन की जाने वाली गैर-जरूरी खरीदारी को उजागर करना।
भविष्य के लिए योजना बनाने के लिए बिलों, ऋणों और बचतों के बीच धन को कैसे विभाजित किया जाता है, इस पर नज़र रखना शुरू करें – न कि केवल वर्तमान के लिए।
इससे कैसे बचें
अपनी आय और व्यय का अनुमान लगाकर एक बजट बनाएं। आय व्यय से अधिक होनी चाहिए – जिसमें ऋण चुकाना, बचत में योगदान करना और भविष्य में निवेश करना शामिल है। यदि ऐसा नहीं होता है, तो गैर-आवश्यक वस्तुओं को घटाकर अपना बजट समायोजित करें।
नंबर 2: वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करने में विफल।
बचत हमारे वित्त के लिए संरचना बनाती है। यह हमें उन लक्ष्यों को निर्धारित करने और प्राथमिकता देने की अनुमति देता है जो हमारी छोटी और लंबी अवधि की वित्तीय सफलता को प्रभावित करेंगे। वित्तीय लक्ष्यों के बिना हमारे सपने अधूरे और पहुंच से बाहर रह जाते हैं।
वित्तीय लक्ष्य या तो अल्पकालिक हो सकते हैं – जैसे आपातकालीन निधि या लैपटॉप के लिए बचत – या दीर्घकालिक, जैसे डाउन पेमेंट या सेवानिवृत्ति निधि के लिए बचत।
एक लक्ष्य चुनें, कोई भी लक्ष्य। आरंभ करना आपके सपनों को हकीकत में बदलने का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इससे कैसे बचें
वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित करने और प्राप्त करने के लिए एक रोड मैप बनाएं। शेष धन को लक्ष्य की ओर लगाने के लिए खर्चों को छाँटें। एक बार एक लक्ष्य पूरा हो जाने के बाद, गति बनाए रखें और अगले पर आगे बढ़ें।
नंबर 3: क्रेडिट कार्ड ऋण लेना।
सभी ऋण समान नहीं बनाए जाते हैं। वास्तव में, अधिकतम-आउट क्रेडिट कार्ड ले जाने के लिए सबसे खराब ऋण बोझों में से एक हैं – ब्याज और शुल्क के कारण।
एक कारण है कि क्रेडिट कार्ड कंपनियां क्रेडिट कार्ड ऑफ़र के साथ युवाओं को क्यों भरती हैं। कम शुल्क, प्रारंभिक दरों और अन्य भत्तों के वादों द्वारा बीस-somethings आसानी से लुभाए जाते हैं।
दुर्भाग्य से, कई क्रेडिट के प्रबंधन के लिए आवश्यक वित्तीय जिम्मेदारी के लिए अपर्याप्त हैं। क्रेडिट कार्ड ऋण उच्च शेष राशि और न्यूनतम भुगतान का एक चक्र है। क्रेडिट का दुरुपयोग आपके क्रेडिट स्कोर को खराब कर सकता है और इसे ठीक होने में सालों लग सकते हैं।
इससे कैसे बचें
अंगूठे का एक अच्छा नियम क्रेडिट का उपयोग नहीं करना है जब तक कि आप इसे हर महीने पूरा भुगतान नहीं कर सकते। क्या क्रेडिट कार्ड का कर्ज पहले ही बढ़ चुका है? इसे जल्द से जल्द भुगतान करने के लिए एक आक्रामक योजना बनाएं।
अंक 4: कमाई से ज्यादा खर्च करना।
कपड़े, छुट्टियां और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी विलासिता की चीजों पर अधिक खर्च करना लुभावना हो सकता है। जब आपकी तनख्वाह उन गैर-जरूरी चीजों को कवर नहीं करती है, तो यह आपको उच्च-ब्याज विकल्पों पर भरोसा करने के लिए मजबूर कर सकती है। नमस्ते ऋण!
एक प्रमुख वित्तीय साक्षरता पाठ यह सीख रहा है कि अपने साधनों के भीतर कैसे रहना है। आप जितना कमाते हैं उससे ज्यादा खर्च नहीं करना चाहिए। मूल रूप से, आय में व्यय शामिल होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है, तो अधिक खर्च करना बंद करें और अपना बजट बदलें।
इससे कैसे बचें
अपने साधनों के भीतर रहकर खुद को कर्ज से मुक्त करें। दुकान की तुलना करें, उधार लें और नई खरीदारी को सीमित करें। सबसे बढ़कर, शून्य को भरने के तरीके के रूप में महंगी वस्तुएं न खरीदें। आपके पास जो कुछ है उसके लिए आभारी होना सीखना नकारात्मक खर्च करने की आदतों को शुरू करने से पहले रोक सकता है।
संख्या 5: बचत शुरू नहीं करना।
सेविंग स्टार्ट शुरुआती सालों में होनी चाहिए। बहुत से युवा बचत शुरू करने के लिए संघर्ष करते हैं क्योंकि भविष्य बहुत दूर लगता है।
वास्तव में, वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने का एकमात्र तरीका जल्द से जल्द बचत करना है। यह मुख्य रूप से चक्रवृद्धि ब्याज के लाभों के कारण है। चक्रवृद्धि ब्याज ब्याज पर अर्जित ब्याज है। यह धन को बढ़ने में मदद करता है, लेकिन कई वर्षों के बाद ही।
एक आपातकालीन निधि में पैसा अलग रखने से न केवल चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ मिलेगा, बल्कि अप्रत्याशित खर्चों के मामले में एक सुरक्षा जाल भी बनेगा।
यहां कुछ प्रकार की अप्रत्याशित लागतें हैं जिनके लिए आपको तैयारी करनी चाहिए: चिकित्सा, दंत चिकित्सा, या दृष्टि व्यय, कार की मरम्मत, घर की मरम्मत, इलेक्ट्रॉनिक्स प्रतिस्थापन, कर।
यदि आपके पास पैसा नहीं बचा है, तो आप अंततः गंभीर वित्तीय संकट में पड़ जाएंगे। ये अप्रत्याशित लागत अपरिहार्य हैं। क्रेडिट का उपयोग करने या चिकित्सा खर्चों के लिए ऋण लेने जैसे उच्च लागत वाले विकल्प के लिए तैयारी करना और उससे बचना सबसे अच्छा है।
लगभग सभी के जीवन में 20 का दशक एक सुंदर और जीवन बदलने वाला युग है। किशोरावस्था समाप्त होने के साथ, लोग अपना पहला कदम कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की दुनिया में रखना शुरू कर देते हैं। 20 का दशक भी है जब आप आने वाले दशकों के लिए योजना बनाना शुरू करते हैं। पारिवारिक जिम्मेदारियों के अलावा इस उम्र में आपको आर्थिक जिम्मेदारियां भी उठानी पड़ सकती हैं।
लेकिन 20 का दशक भी एक उम्र है जब हम पैसे की बहुत सारी गलतियाँ करते हैं, खासकर जब से हम पैसे को संभालने के लिए नए हैं। आइए एक नज़र डालते हैं कुछ ऐसी अक्सर होने वाली पैसों की गलतियों पर जिनसे आपको 20 साल की उम्र में बचना चाहिए।
Banking Fraud से बचाएगा ये Rap Video! जागरुकता फैलाने के सिए RBI का अनूठा अंदाज
Reserve Bank Of India आए दिन बैंकिंग फ्रॉड्स (Banking Frauds) को लेकर ग्राहकों को चेतावनी जारी करता है, लेकिन कुछ लोग इस पर ध्यान देते हैं और कुछ नहीं, लेकिन इस बार रिजर्व बैंक ने ऐसा तरीका निकाला है, जिससे लोग रिजर्व बैंक की बात सुने बिना रह नहीं पाएंगे.
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नई दिल्ली: Reserve Bank Of India: बैंकिंग फ्रॉड्स (Banking Frauds) के बढ़ते खतरों को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) विज्ञापनों, ट्वीट्स, SMS, रिकॉर्डेड वॉयस कॉल्स और तमाम दूसरे तरीकों से समय-समय पर ग्राहकों को अलर्ट करता रहता है, लेकिन इस बार रिजर्व बैंक ने खाताधारकों को बैंकिंग धोखाधड़ी से बचाने के लिए एक नायाब और नए जमाने का तरीका निकाला है. रिजर्व बैंक ने खाताधारकों को एक म्यूजिकल रैप (RAP) वीडियो के जरिए बैंकिंग लेन-देन को लेकर सावधान किया है.
बैंकिंग फ्रॉड से बचाने के लिए RBI का रैप वीडियो
इस वीडियो में बताया गया है कि जरा सी सावधानी से कैसे आप बड़ी मुश्किल से बच सकते हैं. रैप वीडियो में खाताधारकों से PIN, OTP, बैंक खाते से जुड़ी जानकारियों किसी से भी शेयर नहीं करने के लिए कहा गया है. ऐसी किसी भी कॉल्स से सावधान रहने के लिए कहा गया जो आपसे आपकी वित्तीय साक्षरता में सबक वित्तीय जानकारियां मांगते हैं.
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RBI का वित्तीय साक्षरता सप्ताह
Reserve Bank of India ने इसे अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है, और लिखा है कि अपन कार्ड को ब्लॉक करें अगर वो खो गया है, चोरी हो गया है. RBI ने लोगों को जागरुक बनाने के लिए सोशल मीडिया (Twitter और Facebook) पर अभियान चला रखा है, ये रैप वीडियो उसी कैंपेन का हिस्सा है. आपको बता दें कि 2016 से हर साल रिजर्व बैंक Financial Literacy Week (FLW) का आयोजन करता है, जिसमें वो पूरे देश में लोगों को वित्तीय शिक्षा से जुड़े संदेश भेजता है.
RBI कैंपेन को बड़े पैमाने पर चलाएगी
हर साल इस वित्तीय साक्षरता सप्ताह की एक थीम होती है, इस साल इसकी थीम है 'Credit Discipline and Credit from Formal Institutions'. इस साल वित्तीय साक्षरता सप्ताह 8 फरवरी से लेकर 12 फरवरी तक मनाया गया. बैंकों को भी सलाह दी गई है कि वो अपने ग्राहकों और लोगों तक सूचनाएं पहुंचाएं और जागरुकता फैलाएं. RBI ने कहा कि फरवरी में जरूरी वित्तीय जागरुकता संदेशों को आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा. इसके लिए मास मीडिया कैंपेन की शुरुआत की जाएगी.
बैंकिंग फ्रॉड की डरावनी तस्वीर
दरअसल, देश में बैंकिंग फ्रॉड के आंकड़े बेहद डराने वाले हैं. 2019-20 में बैंक फ्रॉड दोगुने से भी ज्यादा बढ़े हैं. 2018-19 में जहां 71543 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड हुए थे, वो 2019-20 में 159 परसेंट बढ़कर 1.85 लाख करोड़ रुपये पहुंच गए. RBI की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019-20 में बैंकिंग फ्रॉड के कुल 8707 केस दर्ज हुए, जबकि इसके पिछले साल ये 6799 केस थे, यानी 28 परसेंट केस बढ़े. RBI इसमें उन्हीं फ्रॉड्स को शामिल करता है जो 1 लाख या इससे ऊपर होते हैं.
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