Top 5 Crypto: दुनिया की इन टॉप 5 क्रिप्टोकरंसी का मुनाफा देखकर उड़ जाएंगे होश, 520000 % तक चढ़ी कीमतें

अब सवाल उठता है कि इतनी कानूनी अड़चनों के बाद भी लोग बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी में पैसा क्यों झोंक रहे हैं?

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: January 06, 2022 17:25 IST

Top 5 Crypto: दुनिया की इन टॉप 5. - India TV Hindi

Top 5 Crypto: दुनिया की इन टॉप 5 क्रिप्टोकरंसी का मुनाफा देखकर उड़ जाएंगे होश, 5 लाख प्रतिशत तक चढ़ी कीमतें

Highlights

  • भारत में फिलहाल दुनिया के सबसे ज्यादा 10 करोड़ से ज्यादा क्रिप्टो निवेशक है।
  • बिटकॉइन और एथेरियम से लेकर डॉगकोइन तक, हजारों अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी हैं
  • बिनांस जैसी क्रिप्टो करेंसी ने 5.2 लाख प्रतिशत का रिटर्न दिया है

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य फिलहाल अधर में है। आरबीआई क्रिप्टो के खिलाफ है और सरकार इसे बैन करने की धमकी कई बार दे चुकी है। संसद के शीत सत्र में क्रिप्टो पर कानून लाने की बात भी हुई, लेकिन यह फिलहाल टल गया। इस उहापोह की स्थिति के बाद भी देश में क्रिप्टो करेंसी में निवेश लगातार बढ़ रहा है। भारत में फिलहाल दुनिया के सबसे ज्यादा क्रिप्टो निवेशक है। इनकी संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है। क्रिप्टो निवेशकों की औसतन उम्र 24 साल है। यह देश की करीब 7 प्रतिशत जनसंख्या के बराबर है। इन 10 करोड़ निवेशकों ने 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है।

अब सवाल उठता है कि इतनी कानूनी अड़चनों के बाद भी लोग बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी में पैसा क्यों झोंक रहे हैं, तो इसका एक लाइन का सीधा जवाब है, क्रिप्टोकरेंसी पर मिलने वाला मुनाफा। जहां शेयर और म्युचुअल फंड जैसे जोखिम वाले निवेश निवेशकों को 20 से 30 प्रतिशत का रिटर्न देते हैं, वहीं बिनांस जैसी क्रिप्टो करेंसी ने 5.भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? 2 लाख प्रतिशत का रिटर्न दिया है। यह आंकड़ा इतना बड़ा है कि आप कैल्कुलेटर पर इसकी गणना भी नहीं कर सकते। दुनिया में बिटकॉइन और एथेरियम से लेकर डॉगकोइन और टीथर तक, हजारों अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी हैं। आज हम इन क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट कैप के आधार पर टॉप 5 किप्टो करेंसी के बारे में बता रहे हैं:

बिटकॉइन (BTC)

मार्केट कैप: $882 बिलियन से अधिक

बिटकॉइन क्रिप्टो की दुनिया की पहली डिजिटल करेंसी है। इसकी शुरुआत 2009 में हुई थी। दरअसल बिटकॉइन (BTC) ही मूल क्रिप्टोकरेंसी है। दूसरी क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही, बीटीसी एक ब्लॉकचेन पर चलता है, दूसरे शब्दों में कहें तो हजारों कंप्यूटरों के नेटवर्क में वितरित एक लेज़र लॉगिंग लेनदेन पर बिटकॉइन काम करता है। इसकी कीमतें बीते 5 साल में आसमान छू चुकी हैं। मई 2016 में, आप लगभग 500 डॉलर में एक बिटकॉइन खरीद सकते थे। 3 जनवरी, 2022 तक, एक बिटकॉइन की कीमत $46,000 से अधिक पहुंच गई थीं। ग्रोथ की बात करें तो बीते 6 साल में यह करीब 9,200% की ग्रोथ दे चुका है।

एथेरियम (ETH)

मार्केट कैप: $447 बिलियन से अधिक

बिटकॉइन के बाद क्रिप्टो कारोबार में एथेरियम सबसे चर्चित नाम है। क्रिप्टोक्यूरेंसी और ब्लॉकचैन प्लेटफॉर्म दोनों पर एथेरियम प्रोग्राम डेवलपर्स का पसंदीदा बना हुआ है। इथेरियम ने भी जबरदस्त ग्रोथ देखी है। अप्रैल 2016 से जनवरी 2022 तक, इसकी कीमत लगभग 11 डॉलर से बढ़कर 3,700 डॉलर से अधिक हो गई। ग्रोथ के भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? पैमाने पर देखें तो यह 33,500% चढ़ चुका है।

बिनेंस कॉइन(बीएनबी)

मार्केट कैप: $86 बिलियन से अधिक

बिनेंस कॉइन, क्रिप्टोकरेंसी का एक रूप है जिसका उपयोग आप Binance पर व्यापार करने और शुल्क का भुगतान करने के लिए कर सकते हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक है। 2017 में इसे लॉन्च किया गया था। अब, इसका उपयोग व्यापार, पेमेंट प्रोसेसिंग या यहां तक ​​कि यात्रा बुकिंग के लिए भी किया जा सकता है। 2017 में इसकी कीमत सिर्फ $0.10 थी; वहीं 3 जनवरी, 2022 तक, यह लगभग 520,000% की ग्रोथ के साथ 520 डॉलर का हो गया है।

कार्डानो (ADA)

मार्केट कैप: $44 बिलियन से अधिक

कार्डानो क्रिप्टो करेंसी ने भी बीते कुछ वर्षों में खूब सुर्खियां बटोरी हैं। अन्य प्रमुख क्रिप्टो कॉइन की तुलना में कार्डानो के एडीए टोकन में अपेक्षाकृत मामूली वृद्धि हुई है। 2017 में, ADA की कीमत $0.02 थी। वहीं 3 जनवरी 2022 तक इसकी कीमत $1.34 थी। इस तरह अपनी शुरुआत के बाद से यह 6,600% की ग्रोथ दे चुका है।

एक्सआरपी (XRP)

मार्केट कैप: $39 बिलियन से अधिक

इसे डिजिटल टेक्नोलॉजी और पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनी, रिपल जैसे फाउंडर्स ने तैयार किया था। 2017 की शुरुआत में, XRP की कीमत $0.006 थी। 3 जनवरी, 2022 तक, इसकी कीमत $0.83 तक पहुंच गई। इस प्रकार यह क्रिप्टो 5 साल में 13,700% से अधिक की ग्रोथ दे चुका है।

आशिमा गोयल : भारत में क्रिप्टो पर 'पूरी तरह बैन लगाना मुश्किल होगा', क्रिप्टोकरंसी को कानूनी दर्जा नहीं दिया जा सकता

सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो बिल लाने की योजना बनाई थी। इस बिल को स्वीकृति के लिए कैबिनेट के पास भेजा गया है। ऐसी रिपोर्ट है कि इस बिल में देश में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरंसीज पर बैन लगाना शामिल है

देश की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मेंबर आशिमा गोयल का मानना है कि क्रिप्टो से जुड़ी एक्टिविटीज पर देश में पूरी तरह बैन लगाना मुश्किल होगा। उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि किसी क्रिप्टोकरंसी को कानूनी दर्जा नहीं दिया जा सकता क्योंकि इससे उसके गैर कानूनी इस्तेमाल की आशंका होगी। केंद्र सरकार क्रिप्टो से जुड़ा कानून लाने की तैयारी कर रही है। इससे पहले यह अफवाह थी कि देश में क्रिप्टोकरंसीज पर पूरी तरह रोक लगाई जा सकती है। क्रिप्टोकरंसीज पर दुनिया भर में किसी वित्तीय संस्था का नियंत्रण नहीं है और इस वजह से भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? इसकी विदेश में आसानी से ट्रांजैक्शंस की जा सकती हैं।

गोयल ने कहा कि देश में क्रिप्टोकरंसीज को पेमेंट के विकल्प के तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। उनका कहना था कि डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल एसेट्स को क्रिप्टो टोकन कहा जाना चाहिए और इन टोकन को रेगुलेट करने की जिम्मेदारी देश की अथॉरिटीज के पास होनी चाहिए। गोयल का मानना है कि क्रिप्टो से जुड़ी बड़ी ट्रांजैक्शंस की ऐसे इनवेस्टर्स की ही अनुमति दी जानी चाहिए जिन्हें जोखिमों की भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? जानकारी है।

सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो बिल लाने की योजना बनाई थी। हालांकि, इसे टाल दिया गया है। इस बिल को स्वीकृति के लिए कैबिनेट के पास भेजा गया है। ऐसी रिपोर्ट है कि इस बिल में देश में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरंसीज पर बैन लगाना शामिल है। इसमें नियमों के उल्लंघन को गैर जमानती अपराध ठहराना भी है। इस सप्ताह की शुरुआत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सरकार से क्रिप्टो से जुड़ी एक्टिविटीज पर पूरी तरह रोक लगाने का निवेदन किया था। RBI को क्रिप्टोकरंसीज के प्राइस में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव और इसका गलत इस्तेमाल किए जाने जैसी आशंकाएं हैं। देश में क्रिप्टो सेगमेंट में ट्रेडिंग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। Watcher Guru और BrokerChoose जैसी रिसर्च फर्मों की स्टडीज के अनुसार, दुनिया में सबसे अधिक क्रिप्टो ट्रेडर्स भारत में हैं। इनकी संख्या लगभग 10 करोड़ हो सकती है।

पिछले वर्ष सितंबर में अल साल्वाडोर ने बिटकॉइन को कानूनी दर्जा दिया था। ऐसा करने वाला वह दुनिया का पहला देश था। हालांकि, चीन जैसे देशों में क्रिप्टोकरंसीज को लेकर सख्ती बढ़ रही है। चीन ने माइनिंग सहित क्रिप्टो से जुड़ी सभी एक्टिविटीज पर रोक लगा दी है।

Digital Currency News: Sebi, RBI को सशक्त बनाएगा नया Cryptocurrency Bill, शीतकालीन सत्र में होगा पेश

डिंपल अलावाधी

Digital Currency News: सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' पेश करेगी।

Digital Currency News

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? कहा कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने की सरकार की कोई योजना नहीं है।
  • उन्होंने पहले कहा था कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद संसद में क्रिप्टो बिल पेश किया जाएगा।
  • सरकार ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लिए कानूनी ढांचे पर व्यापक विचार-विमर्श किया है।

Digital Currency News: जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने जा रहा है। सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' (The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) पेश करेगी। नया क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency bill) नियामकों और सरकारी एजेंसियों को सशक्त बनाएगा। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और कर विभाग क्रिप्टो एक्सचेंजों के निवेशकों का KYC डेटा देख सकेंगे।

इकोनॉमिक टाइम्स ने एक रिपोर्ट में दो लोगों का हवाला देते हुए कहा कि, 'नए नियम के तहत क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को केवाईसी डेटा को सरकार के साथ साझा करना होगा, इसमें मुख्य रूप से उनके निवेशकों का विवरण शामिल होगा।

एक समान केवाईसी प्रक्रिया होगी लागू
बिजनेस डेली ने सूत्रों के हवाले से कहा कि, नया क्रिप्टोकरेंसी फ्रेमवर्क एक समान केवाईसी प्रक्रिया को लागू करेगा, जिसका हर एक्सचेंज को पालन करना होगा। मौजूदा समय में अलग अलग क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में अलग-अलग केवाईसी प्रक्रियाएं हैं।

सरकार में कई लोगों को डर है कि कई क्रिप्टोकरेंसी निवेशक न केवल प्लेटफॉर्मों पर, बल्कि कई बैंकों और एनबीएफसी के साथ भी खातों का संचालन कर रहे हैं, जहां उनका पैसा जमा होता है। मालूम हो कि 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ था।

पायलट के तौर पर डिजिटल करेंसी लॉन्च कर सकता है RBI
सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कईं बार क्रिप्टोकरेंसी पर चिंता जताई है। अगले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में केंद्रीय बैंक पायलट के तौर पर डिजिटल मुद्रा (digital currency) लॉन्च कर सकता है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी- सीबीडीसी (CBDC) एक कानूनी टेंडर का डिजिटल रूप होगा, जो फिएट मुद्रा के समान है। सीबीडीसी का इस्तेमाल हम सामान्य रुपये-पैसे के रूप में कर सकेंगे। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा था कि दिसंबर तक सीबीडीसी के सॉफ्ट लॉन्च की उम्मीद है। हालांकि इस पर कोई आधिकारिक समयसीमा नहीं बताई गई है।

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Cryptocurrency क्या है – संक्षिप्त जानकारी।

Cryptocurrency kya hai

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में जानने से पहले यह जान लेते हैं करेंसी क्या होती है। करेंसी एक प्रकार की मुद्रा प्रणाली है। ऐसी मुद्रा प्रणाली जो धन के रूप में इस्तेमाल की जाती हो, देश की सरकार द्वारा उसे मान्यता मिली हो, जिसका कोई मूल्य हो और जिसके माध्यम से वस्तुओं को ख़रीदा या बेचा जा सके।

दुनिया में प्रारंभ में कोई मुद्रा या करेंसी प्रचलन में नहीं थी। उस समय वस्तु विनिमय प्रणाली का चलन था। इसी प्रणाली द्वारा खरीदने और बेचने का काम होता था। वस्तु विनिमय प्रणाली में एक वस्तु देकर दूसरी वस्तु ली जाती थी। इसके बाद सिक्कों का दौर आया। विभिन्न प्रकार की धातुओं के सिक्कों के द्वारा लेन – देन होने लगा।

सिक्कों के बाद कागज़ के नोट आये जिससे हमारे लेन – देन का तरीका बिलकुल बदल गया। इन सब प्रणालियों के अलावा भी एक मुद्रा है, जिसे क्रिप्टोकरेंसी के नाम से जाना जाता है, जो वर्तमान में धीरे – धीरे प्रचलित हो रही है।

क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं

क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल (DIGITAL) मुद्रा है। यह एक ऐसी मुद्रा प्रणाली है जो ब्लोकचेन (BLOCKCHAIN) तकनीक पर आधारित है। अर्थात यह एक ऐसी तकनीक पर आधारित है जिसमे बहुत से ब्लोक होते हैं जो एक दुसरे से जुड़े होते हैं। क्रिप्टो-करेंसी एक पियर टू पियर (PEER TO PEER) धन प्रणाली है।

पियर टू पियर प्रणाली से तात्पर्य है जिसमे एक कंप्यूटर सिस्टम से दुसरे कंप्यूटर सिस्टम में डाटा भेज सकते भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? हैं बिना किसी केंद्रीकृत सर्वर के माध्यम से। यह मुद्रा प्रणाली कंप्यूटर अल्गोरिथम पर आधारित है, अर्थात शारीरिक रूप से इसका अस्तित्व नहीं है, यह सिर्फ आंकड़ों के रूप में ऑनलाइन रहती है।

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल या क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य

क्रिप्टोकरेंसी का भी बाकि करेंसी की तरह मूल्य है। क्रिप्टो-करेंसी से भी हम सामान खरीदने और बेचने का कार्य कर सकते हैं। इसका हम कहीं निवेश भी कर सकते हैं। लेकिन जैसा की उपरोक्त वर्णित है यह एक डिजिटल मुद्रा है इसलिए हम इसको छू नहीं सकते इसलिए इसको हम तिजोरी या बैंक के लॉकर इत्यादि में नहीं रख सकते।

क्रिप्टो-करेंसी की मूल्य की बात करें तो इसकी कीमत बाकी मुद्राओं से बहुत ज्यादा है। कुछ श्रेष्ठ क्रिप्टो-करेंसी की बात करें तो इनकी कीमत डॉलर से भी हजारों गुना ज्यादा है। लेकिन क्रिप्टो-करेंसी का मूल्य घटता बढ़ता रहता है। क्रिप्टो-करेंसी बाजार में उतार चढाव आते रहते हैं, इसलिए इसकी कीमत दिन में ही कई बार बदलती रहती है।

क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है

जैसा की हमने आपको बताया क्रिप्टोकरेंसी ब्लोकचेन (Cryptocurrency block chain)तकनीक पर आधारित है। इसमें जब भी कोई लेन – देन होता है तो उसका रिकॉर्ड रख लिया जाता है, और इनको बड़े पावरफुल कंप्यूटरों की निगरानी में रखा जाता है। इस प्रक्रिया को क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग कहा जाता, और जो ये काम करता है उसे माइनर कहते हैं।

इसके बाद ब्लोकचेन में रिकॉर्ड उस लेन – देन को एक ब्लॉक में रखा जाता है जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी माइनर की होती है। माइनर उस लेन – देन को सुरक्षित रखने के लिए एक क्रिप्टोग्राफिक पहेली को हल करके एक कोड का पता लगते हैं, जिसका पता लगने के बाद उसे ब्लोकचेन में जोड़ा जाता है। इसके बाद नेटवर्क में उपस्थित दुसरे कंप्यूटर द्वारा उसको सत्यापित किया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी के लाभ

  1. यह एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है इसलिए इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं
  2. इसमें फ्रॉड की सम्भावना बहुत कम है
  3. इसमें निवेश करना फायदेमंद भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? है क्योंकि इसकी कीमतों में बहुत उछाल होता है
  4. इस मुद्रा को संभालने के लिए बैंक की आवश्यकता नहीं है
  5. इसको खरीदना बेचना और इसमें निवेश करना आसान है
  6. यह एक सुरक्षित मुद्रा है
  7. क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 24 घंटे ऑनलाइन खुला रहता है

क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान

  1. क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी मुद्रा है जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, इसलिए इसकी कीमतों में स्थिरता नहीं होती। इसकी कीमतों में उतर चढाव लगा ही रहता है यहाँ तक की इसकी कीमतें एक दिन में ही कई बार बदल जाती हैं
  2. इस मुद्रा का इस्तेमाल अवैध कार्यों में किया जा सकता है
  3. यह एक डिजिटल मुद्रा है और ऑनलाइन उपलब्ध है इसलिए इसको हैक किया जा सकता है
  4. यह मुद्रा सब देशों में वैध नहीं है, बीटकोइन की प्रसिद्धी के कारण कुछ देशों ने इसको मान्यता दे दी है लेकिन अब भी बहुत देशों में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं मिली है
  5. क्रिप्टोकरेंसी कोई भौतिक मुद्रा नहीं है अर्थात इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, इसलिए इस मुद्रा पे भरोसा करना मुश्किल है।

क्या क्रिप्टोकरेंसी कानूनी है ?

क्रिप्टोकरेंसी को सीधे शब्दों में कहे तो अब तक कानूनी मान्यता नहीं मिली है। पूरी दुनिया के कुछ देशों ने ही इसको मान्यता दी है, जबकि दुनिया के बहुत से देशों में तो ऐसी कोई मुद्रा भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? होती है ये भी नहीं पता है। लेकिन धीरे धीरे क्रिप्टो-करेंसी का प्रचलन बढ़ रहा है, दिन प्रतिदिन हम क्रिप्टोकरेंसी से सम्बंधित खबर सुनते हैं। जिस गति से क्रिप्टो-करेंसी का इस्तेमाल बढ़ रहा है, उसको देखते हुए हम कह सकते हैं की आने वाले समय में क्रिप्टो-करेंसी हर जगह पूर्ण रूप से मान्य होगी।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को अवैध घोषित किया गया था, लेकिन अब भारत में क्रिप्टो-करेंसी को मान्य दे दी गई है। क्रिप्टो-करेंसी मुद्रा प्रणाली में उपस्थित जोखिम को देखते हुए भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कमर कस ली है ताकि इसको हैक होने से बचाया भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? जा सके।

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने भारतीय निवेशकों के निवेश की सुरक्षा के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भी सोंपे हैं। आने वाले समय में किसी संसद के सत्र में भारत सरकार क्रिप्टो-करेंसी या डिजिटल मुद्रा से सम्बंधित कोई विधेयक पास कर सकती है। क्रिप्टो-करेंसी को लेकर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया और भारत सरकार का रुख सख्त हुआ है, क्योंकि पिछले कुछ समय से भारत में क्रिप्टो-करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या में बहुत इजाफा हुआ है।

भारत में तक़रीबन 1.5 करोड़ निवेशक हैं जो किसी न किसी क्रिप्टो-करेंसी विनमय में पंजीकृत हैं। भारत में बढ़ते हुए निवेशकों की संख्या के कारण भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया सचेत है और निवेशकों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रही है।

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