स्थिर सिक्कों के प्रकार

एक थैले में तीन प्रकार के सिक् .

एक थैले में तीन प्रकार के सिक्के- एक रूपये, 50 पैसे और 25 पैसे के कुल 175 सिक्के है। यदि प्रत्येक प्रकार के सिक्को की कुल कीमत बराबर है, तब थैले में कुल धन है-

Updated On: 27-06-2022

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80 रूपये 180 रूपये 75 रूपये 175 रूपये

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नमस्कार लिखित प्रश्न क्या है एक थैले में तीन प्रकार के सिक्के हैं एक रुपए का 50 पैसे और 25 पैसे के कुल कितने हैं देखिए यहां पर एक चक्कर क्यों यदि प्रत्येक प्रकार के सिक्कों की कुल कीमत बराबर है तब खेल में कुल धन कितना होगा लेके पहला जो विकल्प दिया कितना ₹10 दिया दूसरा जो दिया कितना दिया देखो 180 दिया है तीसरा जो दिया वह ₹75 दिया और चौथा जो भी कर दिया वह 175 तो दिखे पहले हम क्या करेंगे जो चीजें हमें ज्ञात करनी है वह हमें मां हम क्या करेंगे हम मान लेंगे लेकिन यहां पर हमें पता नहीं है कि ₹1 के कितने सिक्के हमें यह भी पता नहीं कि 50 वर्षीय कितने से क्या और यह भी पता नहीं कि पच्चीस पैसे के कितने सिक्के हैं तो हम क्या करेंगे वह मान लो ठीक है तुम मान लो मान लो एक रुपए के सिक्के जो हैं

वह कितने एक्स वैसे ही जो 50 पैसे के सिक्के हैं जो 50 पैसे के जो सिक्के हैं वह हम कितने मान लेते हैं देखे यहां पर इसके जो सिक्के हैं वह क्या है वह और 25 पैसे की जो सिर्फ वह मान लीजिए कि वह आपके क्या हैं ठीक है तो पहले पहले उसके अनुसार क्या है यहां पर एक जमा हुआ है जमाल सेट यह कितना वसीयत का 175 वां चाहिए हमारा पहला समीकरण अब देखिए यहां पर क्या बोला है क्या कि प्रत्येक सिखों की जो कुल कीमत है वह क्या है बराबर है तो देखे इसका क्या मतलब है आगे बढ़ते हैं तो देखे यहां पर पहले मैं बोलता हूं कि ₹1 के जो सिक्के में है ना एक रुपए के

सिक्के सिक्के का जोधाना होगा कुल धन जो होगा वह कितना हो जाएगा दिखी 1 गुना हमने उसके कितने सिक्के माने एक तो यह हमारा एक रुपए के सिक्के हैं वैसे ही 50 पैसे के सिक्के में 50 पैसे के सिक्के में जो धन होगा वह कैसे हो जाएगा देखते यह 50 पैसे आएंगे या जो हमारा यह किस में आया देखे यह रुपए में आया और यह कितने पैसे में तो इसको अगर अगर रुपए में बदलना है तो कैसे करना पड़ेगा 100 से भाग करना पड़ेगा गुना भैया का कितना जाएगा दिखाया जाएगा बाय बटे दो आ जाएगा यह आपका इतने रुपए उसमें 50 पैसे के सिक्के गए उसमें होगा वैसे ही 25 पैसे के सिक्के का जो धन होगा 25 पैसे के सिक्के का

जो धन होगा वह कितना हो जाएगा देखिए हम इसको किसने लेले रुपैया में ले रहे हैं तो 25 बटे 100 किया नहीं तो पैसे में आ जाएगा ठीक है इसको गुणा करें कि इससे तो इसका करेंगे तो बच्चे से कम 2525 अगर ऐसा होता है तो यह कहेगा जेट बटे चार इतने रुपए आ जाएगा ठीक है अब देखिए हमें जो दी गई है वह क्या है जो यह तो धन्य है हमारे सिक्कों के वह क्या है बराबर है इसका अर्थ के 1 से बराबर क्या है आपका भाई बटे दो है स्थिर सिक्कों के प्रकार बराबर के हैं या फिर जाट बटे दो अब इसको आगे हल करते देखे यहां से मैं क्या करता हूं देखो सभी को एक्सक्यूज मे क्या करूंगा तो देखें सबसे पहले यहां पर इन दोनों को अगर लेता हूं मैं तो यहां से क्या आएगा 1 से बराबर कराया जाएगा भाई बटे दो इसका अर्थ क्या है सिवाय का मान जो है वह क्या होगा तो एक सौदा यदि मैं हिंदू स्थितियों को लेता हूं तो देख इधर से क्या जाएगा देखिए एक्स =

पर आएगा डेट बताइए इसका अर्थ क्या है किस डेट का मान जाएगा वह क्या आएगा 4X आएगा यह ध्यान रखिए अभी आपको क्या नाम है यह आपके भाई का माल मिल गया यहां पर झटका मार अब यह पहली जो स्थिति है उसमें रखेंगे तो जो पहला है ठीक है पहले से क्या मिलेगा लेकिन एक सर्वे से रहेगा बाय की जगह पर क्या आएगा आपका देखें तो एक साथ जाएगा और जेड की जगह पर क्या जाएगा आपका सारे और बराबर कितना देखो 175 आगे बढ़ते हैं इसको हल करते हैं यहां से एक समान मिल जाएगा मैं तो यहां पर अगर इसको हल करते हैं तो क्या मिल रहा है देखिए एक समान यहां पर 1 + 2 + 4 तो यह कितना हो गया आपका साथ एक बराबर क्या होगा 175 तो एक्स का मान क्या होगा 175 बेटे साथ 1 का मान कितना हो गया इस सरकार ने 14 और 3 बच्चे का साथ पर्दे पर एक्स का मान क्या हो गया आपका यहां पर तो

इसका अर्थ क्या है कि एक रुपए के सिक्के ₹1 के जो सिक्के हैं वह कितने हो गए 25 सो जा अभी ₹2 के जेवर यह 50 पैसे के सिक्के 50 पैसे मतलब यह कि जो सीखते हैं मैं तो यहां पर हम सिक्के लेते हैं कितने 50 पैसे की जो सिक्के हैं वह कितने आ जाएंगे देखें 50 पैसे के सिक्के वह कितने देंगे देखे हमारा क्या तब आए थे और भाई हमारे कितना है लिखित दो वैसे मतलब क्या हुआ 2 * 25 प्लॉट के आगे आ सकें वैसे ही 25 पैसे के सिक्के आएंगे वह क्या तुम्हारे जैकेट क्या होता 4 गुना क्या था एक से अधिक कि यहां पर चार गुना क्या है एक से तो यहां से तो यह कितना हो जाएगा आपका इतना जाएगा देखे या जाएगा आपका तो यह आपका क्या हो गया उसके सिक्के आगे अब हमें क्या चाहिए उसका कुल धन ज्ञात करना है तो कुल धन कैसे ज्ञात करेंगे अब

देखिए अब हम कल बात कर लेते हैं तो कुल धन लेकिन ₹1 के कितने सिक्के हो गया और के 25 + 50 से 50 पैसे मतलब रुपए में क्या होगा 50 बैठे तो उसकी कितने यहां पर दिखे 50 + अभी 25 वर्ष के बच्चे से क्या होगा रुपए में 25 घंटे शौक और उसकी कितने आगे आपके यहां से कि यहां से सुनने से यह सन्निकट होगा यह सुनना चाहिए खटोला यहां पर 25th आ गया यहां पर भी कितने पास हूं थोड़ा पास करके 25 साल की यह सबसे सॉफ्ट जाएगा कि यहां पर भी कितना आएगा 25 इसका अर्थ क्या है कि यहां पर कितना आ जाएगा यह पचहत्तर इसका मतलब क्या है कि कुल धन जो है वह कितना आगे आपका ₹75 इसका अर्थ क्या है कि कौन सा विकल्प आपका सही है जो आप का विकल्प सही है वह आपका कौन सा है देखे तीसरा विकल्प जो है वह सही वाक्य के दो विकल्प हैं

गुप्त साम्राज्य के सिक्के

गुप्त साम्राज्य ने 320 से 480 ई तक राज्य किया। राजवंश की स्थापना चंद्रगुप्त प्रथम ने की थी उन्होंने गुप्त युग को अपना नाम दिया, जो कई शताब्दियों तक उपयोग में रहा। इस वंश में समुद्रगुप्त, चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य, स्कंदगुप्त जैसे महान सम्राट हुए।

गुप्त सिक्का डिजाइनों की पसंद के पीछे मुख्य उद्देश्य राजनीतिक प्रचार में से एक रहा है। राजा को हमेशा उन तरीकों से दिखाया जाता है जो एक महान शासक और वीर योद्धा राजा के रूप में अपनी स्थिति पर जोर देते हैं।

गुप्तकालीन सिक्के की शुरुआत राजवंश के तीसरे शासक चंद्रगुप्त प्रथम द्वारा जारी किए गए सोने में एक उल्लेखनीय श्रृंखला के साथ हुई, जिसने एक ही प्रकार- राजा और रानी – को जारी किया, जिसमें चंद्रगुप्त और उनकी रानी कुमारदेवी के चित्रों को दर्शाया गया था। यह बहुत संभावना है कि उनके वीर पुत्र समुद्रगुप्त ने इन सिक्कों का खनन किया। हालांकि यह अत्यधिक बहस का मुद्दा है। एक सिक्का है जहाँ चंद्रगुप्त और कुमारदेवी को (बिना प्रभामंडल के) दिखाया गया है। चंद्रगुप्त अपनी रानी कुमारदेवी को एक अंगूठी (या सिन्दूर लगा रहे हैं) भेंट कर रहे हैं। ब्राह्मी लिपि में चन्द्र को राजा के बाएँ हाथ के नीचे लिखा गया है जबकि श्री-कुमरदेवी को रानी के दाहिने हाथ के पास लिखा गया है। सिक्के का उल्टा शेर पर बैठी देवी अंबिका को दर्शाता है।इस शानदार सोने के सिक्के को जारी करते समय अपने माता-पिता के प्रति उनका स्नेह प्रदर्शित किया जाता है। यह सिक्का भारतीय संख्यात्मकता में एक दुर्लभ और बहुत खास है।

समुद्रगुप्त के सिक्के हमें गुप्तों के शक्तिशाली साम्राज्य, और उसकी अर्थव्यवस्था की शुरुआत के बारे में बहुत सारी जानकारी देते हैं। समुद्रगुप्त ने अपने लिए 8 विभिन्न प्रकार के सिक्के जारी किए। वे संख्यात्मक शब्दों में मानक, आर्चर, बैटल एक्स, चंद्रगुप्त- I, कचा, टाइगर, लिरिस्ट और असमेधा प्रकार के रूप में जाने जाते हैं। वे समुद्रगुप्त की विजय और उसकी सर्वोपरि शक्ति के संकेत हैं।

विक्रमादित्य या चंद्रगुप्त- II ने कई प्रकार के सिक्के जारी किए । लेकिन चंद्रगुप्त II के केवल दो प्रकार के सिक्के बंगाल से ज्ञात हैं। उ उनका छत्र (छाता) एक वेदी पर धूप अर्पित करते हुए एक राजा को चित्रित करता है, जबकि एक परिचारक उसके ऊपर एक छत्र रखता है और कमल पर एक देवी खड़ी है जिसे हुबली जिले से खोजे गए एकल नमूने से जाना जाता है। उनके शेर-कातिलों, हॉर्समैन, काउच, स्टैंडर्ड, चक्रवृक्ष और सोफे पर किंग और क्वीन बंगाल में नहीं पाए गए स्थिर सिक्कों के प्रकार हैं। चंद्रगुप्त- II ने चांदी के सिक्के भी जारी किए, संभवतः उस क्षेत्र के लिए जिसे पश्चिमी क्षत्रपों से जीता गया था।

कुमारगुप्त- I ने विभिन्न प्रकार के सिक्के जारी किए, जैसे, आर्चर, स्वॉर्ड्समैन, अश्वमेध, घुड़सवार, शेर कातिलों, बाघ कातिलों, मोर, प्रताप और हाथी सवार प्रकार। कुमारगुप्त ने अपने लंबे शासनकाल के दौरान चांदी के सिक्कों का भी खनन किया। कुमारगुप्त- I के सिक्के का वजन लगभग 8.3 ग्राम है, जो दीनार का सिक्का है, जिसका अनुवाद `विक्टरियस ने अपनी योग्यता के आधार पर किया है। महेंद्र हिंदू देवता इंद्र (स्वर्ग के शासक) के पुत्र हैं। राजा के मालिक का नाम, कुमार, जो स्वयं युद्ध का देवता है, स्कंद, जिसे कार्तिकेय के नाम से भी जाना जाता है, का एक वैकल्पिक नाम है। सिक्के के डिजाइन इस कल्पना को और आगे ले जाते हैं। सिक्के की पीठ पर, कार्तिकेय को एक वेदी पर चढ़ाते हुए, अपने पर्वत, मोर पर बैठा दिखाया गया है। मोर्चे पर, राजा, जो इस प्रकार जुड़ा हुआ है, न केवल उसके नाम से, बल्कि उसके कार्यों से, युद्ध के देवता के साथ, मोर को खिला रहा है।

स्कंदगुप्त ने तीन प्रकार के सोने के सिक्के जारी किए, जैसे, तीरंदाज, राजा और लक्ष्मी और हॉर्स मैन टाइप।

स्थिर सिक्कों के प्रकार

एक व्यक्ति के पर्स में 20 पैसे .

एक व्यक्ति के पर्स में 20 पैसे तथा 25 पैसे के सिक्के हैं । उसके पास कुल रु 11.25 हैं। जिनमें सिक्कों की संख्या 50 है। उसके पास दोनों प्रकार के कितने - कितने सिक्के हैं?

Updated On: 27-06-2022

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Aap ko kya acha nahi laga

हमारे पास ही सवाल की एक व्यक्ति कितने वर्ष में 20 वर्ष तक 25 पैसे के सिक्के हैं उसके कुल रुपए 11 रुपए 25 पैसा है यानी कि 1125 पैसा है जिनमें से सिक्कों की संख्या 50 थी इस प्रकार के दोनों के दोनों मिलाकर 20 पैसे के सिक्के के सिक्के बराबर अतः इसलिए 25 को सिर कोचिंग किसी के बराबर आएंगे यहां पर 50 है तो फिर तो 50 - 2 जाएगा तो हमारे पास यानी कि हमारे पास दिया है कि 20 पशु 25 पैसे के सिक्के हैं टोटल ₹11 प्रतीत होता है कि 1125 एक्सेस

की है 25 पैसे वाले 50 - 1 सिक्के हैं यहां सब लोग को 5 से भाग लेते हैं इतिहास 4X आएगा 5 गुण 50 आइसो माइनस 5 एक्स बराबर यहां आएगा हम लोग का यहां पर हम लोग का आशीर्वाद करेंगे तो 225 आएगा यानी कि मैं यहां पर 250 महीने 225 बराबर 5 एक्स माइनस 4 एक्स एन एक्स का मान आ गया बच्चे तो यहां पर दोनों सिक्खों की बराबर बराबर संख्या होगी यानी कि 20 पैसे वाली पिक वाले सिक्कों की संख्या को की संख्या

बराबर आएगी 25 और यही बराबर होगी 25 पैसे वाले सिक्कों की संख्या में की संख्या

RBI ने कहा- दस के सभी सिक्के वैध, नहीं लेने पर दर्ज होगा राजद्रोह का मामला

उल्लेखनीय है कि दस रुपये के सिक्कों के लेनदेन को लेकर लोगों के बीच अक्सर विवाद खड़ा हो जाता है. ज्यादातर लोगों का कहना है कि दस पत्ती वाला वहीं सिक्का मान्य है जिसमें 10 का अंक नीचे की तरफ लिखा है और दूसरी तरफ शेर का अशोक स्तंभ अंकित है.

दस रुपये के सिक्का

BHASHA

  • 09 अप्रैल 2017,
  • (अपडेटेड 09 अप्रैल 2017, 6:40 PM IST)

देश में दस रुपये के विभिन्न प्रकार के सिक्कों पर जनता के बीच भ्रम की स्थिति को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि कोई भी सिक्का अमान्य नहीं है और सभी सिक्के चलन में हैं. ये समय-समय पर जारी किए गए अलग अलग डिजाइनों के सिक्के हैं. बैंक का कहना है कि शेरावाली की फोटो वाला सिक्का, संसद की तस्वीर वाला सिक्का, बीच में संख्या में 10 लिखा हुआ सिक्का, होमी भाभा की तस्वीर वाला सिक्का, महात्मा गांधी की तस्वीर वाला सिक्का सहित अन्य सभी सिक्के मान्य हैं. केंद्रीय बैंक के अनुसार इन सिक्कों को विभिन्न विशेष मौकों पर जारी किया गया है.

उल्लेखनीय है कि दस रुपये के सिक्कों के लेनदेन को लेकर लोगों के बीच अक्सर विवाद खड़ा हो जाता है. ज्यादातर लोगों का कहना है कि दस पत्ती वाला वहीं सिक्का मान्य है जिसमें 10 का अंक नीचे की तरफ लिखा है और दूसरी तरफ शेर का अशोक स्तंभ अंकित है. केंद्रीय बैंक के एक अधिकारी ने इस संबंध में भाषा से बातचीत में स्पष्ट किया गया कि दस स्थिर सिक्कों के प्रकार रुपये के सभी सिक्के वैध हैं.

कॉरपोरेट मामलों के वकील शुजा ज़मीर ने कहा 'भारत की वैध मुद्रा को लेने से इनकार करने पर राजद्रोह का मामला बनता है और जो ऐसा करता है उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (1) के तहत मामला दर्ज हो सकता है क्योंकि मुद्रा पर भारत सरकार वचन देती है, इसको लेने से इनकार करना राजद्रोह है.' राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में दस रूपये के सिक्को को लेकर भ्रम की स्थिति है और कई दुकानदार और लोग इन सिक्कों को लेने से कतरा रहे हैं.

सबसे ज्यादा विवाद उस स्थिर सिक्कों के प्रकार सिक्के पर है जिसके बीच में 10 लिखा है और इसे नकली कहा जा रहा है. लेकिन आरबीआई की ओर से भाषा को भेजे एक ईमेल में जानकारी दी गयी है कि यह सिक्का 26 मार्च 2009 को जारी किया गया था. आरबीआई ने कहा है कि केंद्रीय बैंक ने वक्त वक्त पर आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक थीम पर सिक्के जारी किए हैं और सिक्कों में 2011 में रुपये का चिन्ह शामिल करने के बाद बदलाव आया.

सिक्के लंबे समय तक सही रहते हैं इसलिए यह मुमकिन है कि बाजार में अलग-अलग डिजाइन और छवि के सिक्के हों, जिनमें बिना रुपये के चिन्ह वाले सिक्के भी शामिल हैं. हालांकि आरबीआई ने किसी का भी लीगल टेंडर वापस नहीं लिया है और सारे सिक्के वैध हैं.

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