शेयर बाजार में ट्रेडिंग शार्ट टर्म के लिए होता है इसलिए यह बहुत ही ज्यादा रिस्की होता है, लेकिन अगर आपके पास नॉलेज है और टेक्निकल एनालिसिस की समझ है तो आप मोटा मुनाफ़ा बहुत ही कम समय यानि 5 से 10 मिनट में कमा सकते हैं. ट्रेडिंग करते समय एक छोटी सी भी ग़लती आपके कैपिटल को ख़त्म कर सकती है.

trading aur investing kya hai aur dono me kya antar hai?

Investing और Trading में अंतर (Hindi)|

Investing और Trading शेयर बाजार के दो पहलू हैं इन्वेस्टमेंट के लिए आपको लम्बी अवधि और एक धैर्य mindset की जरुरत पड़ती हैं पर ट्रेडिंग की लिए आप शार्ट टर्म के लिए कर सकते हैं पर इसमें जोखिम ज्यादा हैं पर अपने स्किल्स और नॉलेज को अच्छा करके आप इसमे शरुवात कर सकते हैं । तो आईये जानते हैं संक्षेप में Investing और Trading के बारे में !!

Table of Contents

What is Investing in Stock Market (Hindi)

किसी भी निवेश से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि आखिर आप निवेश करना क्यों चाहते हैं और किस एसेट क्लास में निवेश करना चाहते हैं। निवेश के कई विकलप हैं जैसे रियल एस्टेट , गोल्ड या फिर कोई गवर्मेंट स्कीम पर इस ब्लॉग में हम जानेगे स्टॉक मार्किट में निवेश क्या होता हैं ? Stock मार्किट में निवेश की सबसे महत्वपूर्ण बात यहाँ हैं की आप किस अवधि के लिए पैसा लगाना चाहते हैं और कितना पैसा लगाना चाहते हैं अपने फाइनेंसियल गोल को ध्यान में रखते हुए।

निवेश लंबी अवधि का दृष्टिकोण लेता है चाहे निवेश के लिए लंबे समय के लिए स्टॉक में निवेश किया गया हो क्योंकि निवेश के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है। निवेशक धीरे-धीरे समय की अवधि में धन का निर्माण करते हैं। निवेश में आम तौर पर कई साल लगते हैं क्योंकि यह कई लाभों के साथ आता है जैसे कि लाभांश, स्टॉक स्प्लिट बोनस आदि। निवेशक को डाउनट्रेंड चक्र या साइडवेज मार्केट में धैर्य की आवश्यकता होती है। क्यूंकि आपका निवेश उस कंपनी की ग्रोथ से जुड़ा हैं जिसका आपने स्टॉक ले रखा हैं और इकनॉमिक एक्टिविटी आदि पर निर्भर करता हैं इसलिये इसमें समय लग सकता हैं ।

Stock Market में निवेश कैसे करें|How to start Investing in Stock Market

अगर आप नए इन्वेस्टर हैं और स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले आपको उसके बारे में अच्छे से जानकारी जुटानी चाहिए। निवेश आप लम्बी अवधी और छोटी अवधि के लिए भी कर सकते हैं और पैसे को एकमुश्त या सिप के माध्यम से भी निवेश कर सकते हैं अपने वित्तीय लक्ष्य को जानना सबसे महत्वपूर्ण बातों में से एक है।एक योजना बनाएं और दूसरा उसका पालन करने के लिए पर्याप्त अनुशासन बरतें।दूसरों को देखकर पैसा न लगाएं और स्टॉक की कीमत का सही आंकलन करें , वैल्यू देखें क्यूंकि इन्वेस्टर लम्बे समय के लिए निवेश करते हैं

वहीं शेयर मार्केट में जिस कंपनी में आप अपने पैसों को इन्वेस्ट करने वाले हैं, पहले उसके फंडामेंटल, ट्रैक रिकॉर्ड, हिस्ट्री चार्ट, मार्केट परफॉर्मेंस आदि चीजों के बारे में अच्छे से जान ले और कम कर्ज वाली कंपनियों का चुनाव करें आप इसके लिए किसी विशेषज्ञ की सहायता भी ले सकते हैं।

फंडामेंटल एनालिसिस का क्या फायदा हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस यह फायदा हैं की, शेयर की intrinsic Value यानि की शेयर की वर्तमान कीमत को देखकर भविष्य मे शेयर कैसे प्रदर्शन कर सकता हैं उसकी जानकारी मिलती हैं ।

जैसे कोई डॉक्टर हमारी बॉडी चेकअप करते हैं, ब्लडटेस्ट, उरिन टेस्ट, ब्लड प्रेशर इत्यादि तो इससे हमे पता चलता हैं की हमे कोई बीमारी तो नहीं या हम कितने तंदरुस्त हैं।

वैसे ही फंडामेंटल एनालिसिस के जरिये हम जान पाते हैं की, कंपनी की वर्त्तमान में क्या स्तिति हैं और भविष्य क्या हो सकता हैं ।

फंडामेंटल एनालिसिस के जरिये आप एक अच्छी कंपनी और एक ख़राब कंपनी के बीच अंतर जान सकते हैं ।

फंडामेंटल एनालिसिस सीखने के लिए क्या जरूरी हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस सिखने के लिए जरूरी नहीं हैं की आप CA हो या बोहोत पढे लिखे हो ।

इंटरनेट की दुनिया मे आज हर कोई फंडामेंटल एनालिसिस सिख सकता हैं, चाहे वह पढ़ा लिखा हो या नहीं ।

सिर्फ आप को शेयर बाजार सीखने मे रुचि होनी चाहिए ।

मौलिक विषलेशन मे आप क्या देखते हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस को हिंदी मे मौलिक विषलेशन कहते हैं ।

मौलिक विषलेशन हम देखते हैं –

  • कंपनी की वर्षीक रिपोर्ट (Annual Report)
  • लाभ और हानि खाता (Profit & Loss Statement)
  • तुलन पत्र (Balance Sheet)
  • नकद प्रवाह विवरण (Cash Flow Statement)
  • Financial Ratio analysis
  • Equity Research
  • DCF (Discounted Cash flow)
  • Industry Analysis
  • कंपनी का मैनेजमेंट

इत्यादि चीजे हम मौलिक विषलेशन करते समय देखते हैं ।

(स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करे इसकी विस्तार मे जानकारी आने वाले आर्टिकल मे दी जाएगी । )

निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस करना क्यों जरूरी है (Why it is important to do technical analysis before टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है investing)

  • एक सफल निवेशक बनने के लिए टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) करना बेहद जरूरी है। क्योंकि आप स्टॉक का जितना टेक्निकल एनालिसिस करेगे उतना ही सफल निवेशक बनेंगे।
  • शॉर्ट टर्म में स्टॉक कितना बेहतरीन प्रदर्शन करेगा इसके लिए टेक्निकल एनालिसिस (technical analysis) करना जरूरी होता है। ऐसे में स्टॉक, इंडेक्स, इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट, टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस जरूरी करे।
  • शेयर बाज़ार में तुक्का काम नहीं करता। शेयर मार्केट टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है में बिना टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) किए निवेश करना शराब पीकर गाड़ी चलाने के बराबर है। इसलिए शेयर बाज़ार में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस करना आवश्यक होता है।
  • बगैर जानकारी के शेयर बाज़ार में निवेश करना, घाटे का सौदा होता है। इसलिए शेयर मार्केट (Share market) में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस अवश्य करना चाहिए। ताकि आपको शेयर मार्केट के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल सके और आप अपने निवेश पर अच्छा लाभ प्राप्त कर सके।

अंतिम शब्द

दोस्तों हमने इस आर्टिकल (What is technical analysis in hindi – टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है और निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए) के माध्यम बताया है कि टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) क्या होता है शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए। इसके फायदे क्या है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा।

अगर ये पोस्ट (What is technical analysis in hindi – टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है और निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए) आपको पसंद आयी है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कीजिये और अपने फ़ेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम और लिंकडिन अकाउंट के माध्यम से सोशल मीडिया पर भी शेयर करे और इस ब्लॉग को आगे बढ़ने में मदद करे। ऐसे ही बैंकिंग और फाइनेंस से जुड़ी खबरों के बारे में जानने के लिए हमारे वेबसाइट से जुड़े रहे। बहुत जल्द मिलते हैं एक नए आर्टिकल के साथ नमस्कार।

fundamental analysis

what is fundamental analysis

what is fundamental analysis

आज हम आपको फंडामेंटल स्टॉक के बारे में | तो बने रहे हमारे पेज पर |

फंडामेंटल एक ऐसा स्टॉक हे जो आपको व्यवसाय में मदद रूप हो सकते हे या आपको किसीभी चीज में मदद के सहारे चलता हे इसी लिए फंडामेंटल दवरा उसकी निति बदल सी जाने लगती है इसी लिए इस स्टॉक को मदद के रूप में जना जाता है |

एक स्टॉक के फंडामेंटल ऐसे कारक हैं जिन्हें अंतर्निहित कंपनी के मूल्य या व्यवसाय के रूप में मूल्य में योगदान करने के लिए माना जाता है। बुनियादी बातों में मापने योग्य, मात्रात्मक डेटा (जैसे नकदी प्रवाह और ऋण-से-इक्विटी अनुपात) और गुणात्मक, स्थितिजन्य कारक (जैसे व्यवसाय मॉडल और प्रतिस्पर्धी) शामिल हो सकते हैं।

ट्रेडिंग क्या होता है? What’s Trading in Stock Market Hindi

Table of Contents

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या है? इसे जानने से पहले हमें शेयर मार्केट क्या है? यह जानना ज़रूरी है, तो “जहाँ पर कंपनियों के शेयर्स अथवा हिस्सेदारी की ख़रीद या बिक्री होती है उसे शेयर मार्केट(Share Market) या शेयर बाजार कहते हैं.”

अब बात आती है ट्रेडिंग क्या होता है? अगर आसान शब्दों में समझें की ट्रेडिंग का क्या मतलब होता है तो किसी भी वस्तु की सेवा का ख़रीद और बिक्री करके मुनाफ़ा कमाना ही ट्रेडिंग कहलाता है. यदि दूसरे शब्दों में समझें तो शेयर मार्केट में किसी भी कंपनी के शेयर्स को एक दिन से एक वर्ष तक होल्ड करके रखने की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं.

trading

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं? Types of Trading in Stock Market Hindi

स्टॉक मार्केट(Stock Market) में ट्रेडिंग को मुख्यतः चार पार्ट में डिवाइड किया गया है.

  1. इंट्राडे ट्रेडिंग
  2. स्कैल्पिंग ट्रेडिंग
  3. स्विंग ट्रेडिंग
  4. पोजिसनल ट्रेडिंग

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? What’s Intraday Trading in Hindi

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? शेयर मार्केट में जब किसी स्टॉक को एक दिन के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) कहा जाता है, इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको एक ही दिन के अंदर स्टॉक को ख़रीदना और बेचना पड़ता है अगर आपने इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी भी एक ही दिन में नहीं बेचा तो आपका ब्रोकर उसे बेच देगा फिर चाहे आपको मुनाफ़ा हुआ रहे या फिर नुकसान. केवल एक दिन में ख़रीदने और बेचने की वजह से इसे डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है, इसमें रिस्क और मुनाफ़ा दोनों ही बहुत ही ज्यादा होता है.

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या अंतर है? Trading vs Investing in Hindi

अगर बहुत ही सरल शब्दों में समझें तो ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में मुख्य अंतर यही होता है की ट्रेडिंग में किसी भी शेयर को बहुत ही शार्ट टर्म के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है और इन्वेस्टिंग में किसी कंपनी के शेयर को लॉन्ग टर्म के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है. इसके अलावा भी आइये जानते है ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या फ़र्क होता है?

ट्रेडिंग इन्वेस्टिंग
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कम समय के लिए होता है जैसे- कुछ मिनट, कुछ घंटे, एक दिन, कुछ हफ़्तों या फिर एक वर्ष तकशेयर मार्केट में इन्वेस्टिंग लॉन्ग टर्म के लिए होता है जैसे- एक वर्ष से कई सालों तक
शेयर मार्केट के किसी भी स्टॉक में ट्रैड करने के लिए स्टॉक बहुत ही कम पैसों में मिल टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है जाता है.इन्वेस्टिंग में किसी शेयर्स को पूरा ख़रीदना पड़ता है क्योंकि वह लंबे समय तक होल्ड पर होता है.
ट्रेडिंग में किसी भी स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस करना होता है जबकिइन्वेस्टिंग में किसी भी स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस करना पड़ता है.
ट्रेडिंग में ट्रेडर बहुत ही कम समय में बहुत ही ज्यादा पैसा कमाते है.इन्वेस्टिंग में इन्वेस्टर को ज्यादा रिटर्न पाने के लिए लंबे समय तक शेयर को होल्ड करके रखना पड़ता है.
इसमें जितना कम समय में अच्छा मुनाफ़ा होता है उतने ही कम समय में पैसा भी डूब जाता है. यानी रिस्क ज्यादा होता है.इसमें इन्वेस्टर लॉन्ग टर्म के लिए किसी भी स्टॉक को होल्ड करके रखता है इसलिए पैसे डूबने का रिस्क बहुत ही कम हो जाता है.
ट्रेडिंग में कम समय के अन्दर किसी भी स्टॉक को ख़रीदने और बेचने वालों को ट्रेडर कहा जाता है.इन्वेस्टिंग में लंबे समय तक किसी भी स्टॉक को होल्ड रखने वालों को इन्वेस्टर कहा जाता है.
रेटिंग: 4.62
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 565