Technical View: निफ्टी 17500 के ऊपर टिका तो इसमें दिख सकता है 17900 का लेवल

एक्सपर्ट्स के मुताबिक निफ्टी को 17,500-17,400 के स्तर पर अच्छा सपोर्ट मिल रहा है। अगर यह आने वाले सत्रों में 17,500 के लेवल को होल्ड करता है तो इंडेक्स आसानी से 17,700-17,900 के स्तर तक पहुंच सकता है

बैंक निफ्टी को 41,250 और 41,500 के स्तर पर पहुंचने के लिए 40,500 के लेवल के ऊपर टिकना होगा। जबकि नीचे की तरफ इसमें 40,500 और 40,250 पर सपोर्ट नजर आ रहा है

शुक्रवार 21 अक्टूबर को निफ्टी50 ने पॉजिटिव शुरुआत की। लेकिन यूरोपीय बाजारों में कमजोरी ने वीकली बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न सत्र के दूसरे हिस्से में सेंटीमेंट्स को प्रभावित किया। लंबे वीकेंड से पहले सावधानी दिखाते हुए इंडेक्स अंततः सकारात्मक रूप से सपाट बंद हुआ। इसमें लगातार छठे सत्र के लिए अपट्रेंड में बढ़ोत्तरी नजर आई। बैंकों ने बाजार को हरे निशान में बंद होने में मदद की।

निफ्टी ने डेली चार्ट पर एक छोटा बेयरिश कैंडल बनाया क्योंकि इसकी क्लोजिंग इसकी ओपनिंग से कम स्तरों पर हुई। एक्सपर्ट्स ने कहा कि निफ्टी को अब 17,500-17,400 के स्तर पर अच्छा सपोर्ट मिल रहा है। इसलिए अगर यह आने वाले सत्रों में वीकली बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न 17,500 के लेवल को होल्ड करता है तो इंडेक्स आसानी से 17,700-17,900 के स्तर तक चढ़ सकता है।

वहीं वीकली बेसिस पर देखें तो निफ्टी50 ने एक अच्छा बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न बनाया है। इससे ये पता चलता है कि इसमें 17,900 पर अगला पड़ाव होने जा रहा है। इंडेक्स ने अपने पिछले हफ्ते के सभी नुकसानों की भरपाई की। ये पिछले कारोबारी हफ्ते के दौरान 2.27 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ।

BULLISH AND BEARISH HARAMI CANDALISTIC PATTERN IN HINDI

Bullish Harami candle कैंडल एक कैंडलेस्टिक पेटर्न है यह दो प्रकार की होती है जिन्हें आप ऊपर वाली इमेज में देख सकते हैं। bullish harami candle दो शब्द से मिलकर बनी है. Bullish और harami यह जापानी शब्द है जिसका अर्थ गर्भवती महिला ऐसा होता है। और हमें ऊपर वाली इमेज में ऐसा ही दिखता है इसमें पहली कंडल मा है और दूसरी कैंडल बच्चा है।

Bullish harami candle एक बुलिश कैंडलेस्टिक पेटर्न है यानी कि यह तेजी दर्शाती है जब यह कैंडल बनती है तब शेयर में मंदी का समय खत्म हो गया और तेजी की शुरुआत हो गई है ऐसा दर्शाती है।

Bullish harami candle दो कैंडल स्टिक पैटर्न से मिलकर बनती है पहले कैंडल लॉन्ग बेरिश यानि की लंबी मंदी की कैंडल वह लाल रंग की होती है। दूसरी कैंडल स्मॉल बुलिश कैंडल होती है वीकली बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न यह की तेजी की कैंडल होती है वह हरे रंग की होती है।यह कैंडल हमेशा चार्ट में लंबी गिरावट में बनती है यानी की बोटम पर बनती है।

चार्ट में आप देख सकते हैं कि मार्केट में यह कैंडल कैसे दिखती है। पहली कैंडल हमेशा लॉन्ग बेरिश(लंबी मंदी) की कैंडल होनी चाहिए। दूसरी कैंडल हमेशा पहली के close प्राइज से या gape up ओपन होना चाहिए। जब दूसरी कैंडल close हो तब पहले कैंडल के open प्राइस या बराबर प्राइस के नीचे close होना चाहिए। यानी

यहां ध्यान दें कि दूसरी कैंडल हमेशा पहले कैंडल के open प्राइस और close प्राइस के बीच में होनी चाहिए।दूसरी कैंडल हमेशा स्मॉल बुलिश यानी कि छोटी तेजी की कैंडल होनी चाहिए। यहां पर वॉल्यूम बढ़ते हुए क्रम में होना चाहिए।यहां पर पहले केंद्र पुलिस मरूबोझू भी हो सकती है।

पुलिस आरा में कैंडल सभी चार्ट में दिखाई देने वाली आम कैंडल है. यह कैंडल इंडियन स्टॉक मार्केट कमोडिटी एक्सचेंज फॉर एक्सचेंज सभी बाजार में बनने वाले आम कैंडल है.

Bullish harami candle बनने के बाद जो दूसरा कैंडल बने वह बुलिस या फिर gape up ओपन होना चाहिए।आप इसको इंट्राडे चार्ट, डेली चार्ट, वीकली चार्ट, मंथली चार्ट में अच्छी तरह से काम करती है। अगर आप इसे इंट्राडे चार्ट में यूज करते हैं तो 5 मिनट और 10 मिनट के टाइम फ्रेम में देख सकते हैं।अगर आप पोजीशनल ट्रेड करना चाहते हैं तो डेली या फिर वीकली चार्ट में देख सकते हैं।

Bullish harami candle in Hindi

मान लो चार्ट में जैसे दिखाया वैसे कल अगर बुलिश हरामी कैंडल बनता है और आज की कैंडल gape up open होती है तो भाव उसका भाव बुलिश हरामि कैंडल के पहले वीकली बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न कैंडल के high के ऊपर close हो तो buy करना चाहिए।

Bullish harami candle में नई कैंडल का भाव बुलिश हरामि कैंडल के पहले कैंडल के high के ऊपर close होना जरूरी है अगर ऐसा नहीं होता तो यह सही से काम नहीं करता।

Bullish harami candle के बाद जो कैंडल ओपन हुई है वह gape up या फिर उसके बराबर ओपन हुई हो। अब आप चार्ट में देखिए कि bullish harami candle के बाद दूसरी के कैंडल gape up ओपन हुई है तो यह हां पर हम buy कर सकते हैं।bullish harami candle के बाद की कैंडल का भाव ली हरामी कैंडल के पहले कैंडल के high के ऊपर जब तक close नहीं हो जाता तब तक कोई खरीदारी नहीं करना चाहिए।

बुलिश हरामि कैंडल के पहले कैंडल के low प्राइज के ऊपर हम स्टॉपलॉस लेना जरुरी है। जब तक चार्ट में कोई ट्रेंड बदलने वाला सिग्नल नहीं मिलता तब तक हमें प्रॉफिट बुकिंग नहीं करना है। आप उपर वाले फोटो में देख सकते हैं।

(2)Bearish Harami Candle(बेरिश हरामी कैंडल)

Bearish harami candle in Hindi,

Bearish harami candle in Hindi

Bearish harami candle एक कैंडलेस्टिक पेटर्न है।वह दो प्रकार की होती है वह आप ऊपर वाले इमेज में देख सकते हैं।bearish harami candle मंदी को दर्शाती है यानी कि अब शेयर में तेजी का समय खत्म हो गया अब मंदी की शुरुआत हो चुकी है।bearish harami candle मे पहली कैंडल हमेशा लंबी तेगी की कैंडल यानी कि बुलिश कैंडल यह हरे रंग की होती है।और दूसरी कैंडल स्मॉल bearish मतलब के मंदी की कैंडल यह लाल रंग की होती है।

Bearish harami candle में पहली कैंडल long bulish यानी कि लंबी तेजी की कैंडल होती है।इसमें दूसरी कैंडल पहली कैंडल के close प्राइस या gape up होती है।इसमें दूसरी कैंडल पहली कैंडल के open प्राइस क्या बराबर प्राइस पर बंद होना चाहिए यानी कि दूसरी कैंडल पहली कैंडल के बीच में होती है।

यह कैंडल चार्ट मे लम्बी तेजी के बाद बनती है। bearish harami candle के बाद की कैंडल gape down open होनी चाहिए। वॉल्यूम भी होना चाहिए।

यह कैंडल intraday,डेली,मंथली, चार्ट मे दिखाई अच्छे से काम करती है। यदि आप intraday करते है तो 5मिनिट,15मिनिट के चार्ट पर अछेसे काम करती है। अगर आप पोजीशनल ट्रेड करते है तो 1Day, 1week के चार्ट मे अच्छे ऐ काम करती है।

(iv)sell के लिए नयी कैंडल को bearish harami candle के दूसरी कैंडल के open प्राइज के निचे close होना चाहिए।

Bearish harami candle in Hindi

आपको sell के लिए यह देख ना है की नयी कैंडल Bearish harami candle के दूसरी कैंडल के निचे या फिर gape down open होनी चाहिए।

मानलो अगर कल चार्ट मे bearish harami candle बनी है तो आज की नयी कैंडल gape down होनी चाहिए लेकिन यहाँ पे gape down open नहीं हुयी है तो हमें यह देखना है की वह candle का भाव bearish harami candle के पहली candle के open प्राइज के निचे close होना चाहिए तब ही sell करें।

यहाँ पे bearish harami candle के पहली कैंडल के low प्राइज के ऊपर stop lose रखना जरुरी है। जब तक चार्ट मे कोई ट्रेंड बदलने वाला वाला सिग्नल ना दिखाई दे तबतक प्रॉफिट बुकिंग नहीं करना है।

इनसाइड बार क्या है? – What is Inside Bar?

Inside-Bar

इस आर्टिकल क्व माध्यम से आप जानेगे की इनसाइड बार क्या होता है?(What is Inside Bar) और कैसे काम करता है?

इनसाइड बार पैटर्न क्या है?- What is the Inside Bar Pattern?

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इनसाइड बार(Inside Bar) पैटर्न(Pattern) एक कैंडलस्टिक पैटर्न(Candlestick Pattern) है, जहां प्राइस(Price) पूरी तरह से पिछले कैंडलस्टिक(candlestick) के अंदर रहता है।

एक इनसाइड बार(Inside Bar) के लिए एक कैंडल(Candle) का हाई(High) और लौ(Low) दोनों तभी मान्य माना जाता है जब वह पिछले कैंडलस्टिक(candlestick) के अंदर होता है

कैंडलस्टिक्स (candlestick) के विक्स (Wicks) को लेकर अक्सर कन्फूजन (Confusion) होता है।

इनसाइड बार कैंडलस्टिक (Inside Bar Candlestick) में विक्स को भी ध्यान में रखा जाता है। इसका मतलब यह है कि कैंडल(Candle) के विक्स सहित हाई और लौ, पिछले कैंडलस्टिक के हाई और लौ के भीतर होना चाहिए।

क्या इनसाइड बार बुलिश या बेयरिश है?- Is the Inside Bar Bullish or Bearish?

इनसाइड बार एक अनिर्णय या इन-डिसिशन (In-Decision) कैंडलस्टिक पैटर्न (Candlestick Pattern) है।

प्राइस पिछले सेशन के हाई और लौ को तोड़ने में सक्षम नहीं होता है तभी इनसाइड बार बनता है।

क्या इनसाइड बार एक ट्रेंड कॉन्टीनुअशन पैटर्न है? -Is the Inside Bar Trend continuation Pattern?

यह तभी पता वीकली बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न चलता है जब –

  1. यदि कोई इनसाइड बार एक स्ट्रांग ट्रेंड में बनता है, उदाहरण के लिए एक हायर हाई या अप ट्रेंड है, तो यह ट्रेंड्स के साथ प्राइस कॉन्टिनुएस(Continues) रखने से पहले एक ठहराव या पॉज(Pause) का संकेत दे सकता है।
  2. इसका सीधा मतलब है की वोलटिलती कंट्रक्शन (Volatility Contraction) होने के कारण प्राइस का मूवमेंट स्माल रेंज में चलता है।

क्योंकि एक स्ट्रांग ट्रेंड में इनसाइड बार प्राइस एक्शन (Price Action) में एक पॉज को रिप्रेजेंट करता है। किसी भी ट्रैड में एंट्री करने के लिए इनसाइड बार(Inside Bar) के ब्रेकआउट के साथ कन्फर्मेशन का वेट करते है। यह तब होता है जब प्राइस इनसाइड बार(Inside Bar) को हाई या लौ की डायरेक्शन में तोड़ती है।

क्या इनसाइड बार एक रिवर्सल पैटर्न है? – Is the Inside Bar Reversal Pattern?

यदि एक इनसाइड बार एक स्विंग पॉइंट(Swing Point) और मेजर सपोर्ट(Support) या रेजिस्टेंस (Resistance) एरिया में बनता है, तो इसका मतलब ट्रेंड में बदलाव या रिवर्सल हो सकता है और प्राइस द्वारा मदर कैंडल के लौ के ब्रेकडाउन पर इसका कन्फर्मेशन हो जाता है।

कहां से ट्रेड करें और किस टाइम फ्रेम पर ?- Where to trade and what time frame ?

Inside-Bar

डेली टाइम फ्रेम (Daily Time Frame) पर इनसाइड बार रिवर्सल और साप्ताहिक या वीकली टाइम फ्रेम (Weekly Time Frame) पर ब्रेकआउट (Breakouts) सबसे अच्छा काम करता है।

यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक इनसाइड बार(Inside Bar) का ट्रेड न करें क्योंकि इससे खराब ट्रेड हो सकते हैं।

ट्रेड लेने से पहले अन्य द्वारा भी कन्फर्मेशन कर लेना बेहतर रहता है।

इसे मंथली या मासिक से 1 मिनट के चार्ट तक सभी टाइम फ्रेम पर यूज़ कर सकते हैं। हायर टाइम फ्रेम बेहतर होता है।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि इनसाइड बार फोरेक्स मार्किट(Forex market), इक्विटी(Equity), कमोडिटी (Commodity) या किसी अन्य मार्किट का ट्रेड करने का एक लाभदायक या प्रॉफिटेबल तरीका हो सकता है।

हालाँकि, यह एक ऐसा सेटअप नहीं है जो अक्सर मिलता है। यही कारण है कि मार्किट में ट्रेड के लिए केवल इनसाइड बार कैंडलस्टिक पैटर्न का उपयोग करने पर ही निर्भर नहीं रहा जा सकता है।

वीकली बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न

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