पेटीएम की परेशानियां टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप से जुड़े कुछ बड़े मुद्दों पर भी रोशनी डालती हैं, शेयर्स की कीमतों का निर्धारण जिनके बारे में जानकार लाल झंडी शेयर्स की कीमतों का निर्धारण दिखाते रहे हैं. शेयर बाजारों में स्टार्ट-अप को नाप-जोख के तमाम पैमानों पर लगातार खोजबीन का सामना करना होता है कि अपनी मार्केट हिस्सेदारी बढ़ाते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में उनका दबदबा कितना है, उन्हें कितनी पूंजी सुलभ है और घाटा उठाते रहने की उनकी क्षमता कितनी है. निवेशकों को यह भी जानना होता है कि कितने समय में इन स्टार्ट-अप से मुनाफे मिलने की उम्मीद है. इन पहलुओं पर स्पष्टता नहीं होने से मूल्य निर्धारण कम होता है. फिर डिजिटल भुगतान क्षेत्र में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है.

पेटीएमः यह तो सोचा ही न था

Penny Stock- पेनी स्टॉक

क्या होते हैं पेनी स्टॉक?
पेनी स्टॉक (Penny Stock) मार्केट ट्रेडेड सिक्योरिटी (प्रतिभूति) के रूप हैं, जो न्यूनतम प्राइसिंग आकर्षित करते हैं। ये प्रतिभूतियां आम तौर पर निम्न बाजार पूंजीकरण दरों वाली कंपनियों द्वारा ऑफर की जाती हैं। इसलिए कंपनी के बाजार पूंजीकरण के हिसाब से इन्हें नैनो-कैप स्टॉक, माइक्रो-कैप स्टॉक और स्मॉल कैप स्टॉक भी कहा जाता है। किसी कंपनी की बाजार पूंजीकरण दर का निर्धारण, उसके शेयरों की वर्तमान कीमत के प्रॉडक्ट या स्टॉक्स और बकाया शेयरों की संख्या के आधार पर किया जाता है। उदाहरण केा लिए शेयरों की एनएवी x बकाया शेयरों की संख्या।

इस कारक के आधार पर कंपनियों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या बांबे स्टॉक एक्सचेंज जैसे मान्यताप्राप्त स्टाॅक एक्सचेंजों में इंडेक्स्ड अर्थात अनुक्रमित किया जाता है। पेनी स्टॉक लिस्ट अक्सर ऐसे शेयर्स की कीमतों का निर्धारण स्टॉक एक्सचेंजों या कम ज्ञात स्टॉक एक्सचेंजों के निम्न खंडों में पाए जाते हैं। निम्नलिखित टेबल बाजार पूंजीकरण दरों के आधार पर कंपनियों के वर्गीकरण को प्रदर्शित करती है.

शेयर से आपका क्या तात्पर्य है और यह कैसे काम करता है?

What do you mean by shares and how does it work?

एक शेयर को किसी कंपनी या वित्तीय परिसंपत्ति शेयर्स की कीमतों का निर्धारण में ब्याज के स्वामित्व की इकाई के रूप में वर्णित किया जा सकता है। सरल शब्दों में, जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी के शेयरों का अधिग्रहण करता है, तो वे उस कंपनी के मालिक बन जाते हैं। ये शेयर जोखिम का एक तत्व लेकर चलते हैं लेकिन उच्चतम रिटर्न देते हैं।

उदाहरण के लिए: यदि किसी कंपनी के 10,000 शेयर बकाया हैं और किसी व्यक्ति ने उस कंपनी के 1,000 शेयर खरीदे हैं, तो यह माना जाएगा शेयर्स की कीमतों का निर्धारण कि वह उस कंपनी की संपत्ति का 10% हिस्सा होगा। (1,000 / 10,000 = 10%)

ऐसे शेयरों के मालिकों को शेयरधारकों के रूप में जाना शेयर्स की कीमतों का निर्धारण जाता है।

पेटीएमः यह तो सोचा ही न था

क्या से क्या हो गया पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 29 मार्च 2022,
  • (अपडेटेड 29 मार्च 2022, 8:58 PM IST)

पेटीएम को कभी भारत के वित्तीय क्षेत्र में स्टार्ट-अप की सबसे बड़ी कहानियों में से एक बताया गया था. आज यह शेयर्स की कीमतों का निर्धारण आइपीओ के बाद हर दांव गलत पड़ने वाली दास्तान में तब्दील होती मालूम देती है. इसकी स्थापना नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान के पोस्टर बॉय के तौर पर सुर्खियों में आए विजय शेखर शर्मा ने की थी. आज पेटीएम महज पांच महीने पहले नवंबर 2021 में शेयर बाजार में पहला कदम रखने से पहले की शेयर्स की कीमतों का निर्धारण गई उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हाथ-पैर मार रही है. फिलहाल यह कंपनी तमाम किस्म की मुश्किलों से घिरी है. आरबीआइ ने इसकी आइटी (सूचना प्रौद्योगिकी) प्रणालियों के ऑडिट का आदेश दिया है और इसके पूरा होने तक नए ग्राहकों की 'ऑनबोर्डिंग' यानी पंजीकरण पर अस्थायी रोक लगा दी है.

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