म्यूचुअल फंड को सीनियर सिटिजन्स के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में देखा जाता है, जिन्हें निवेश में फ्लेक्सिबिलिटी की जरूरत होती है.

फिजिकल गोल्ड के मुकाबले Digital Gold खरीदना कितना सही है? जानिए इसके फायदे और नुकसान

अगर आप सोना खरीदना चाहते हैं तो Digital gold एक अच्छा विकल्प है. इसमें 24 कैरेट की शुद्धता का भरोसा मिलता है. इसके अलावा इसे खरीदना और बेचना भी बहुत आसान है.

भारत गोल्ड का बहुत बड़ा कंज्यूमर है. अपने देश में फिजिकल गोल्ड की मांग ज्यादा है और हर पर्व त्योहार पर इसे खरीदना शुभ माना जाता है. हालांकि, अब डिजिटल गोल्ड के प्रति भी आकर्षण बढ़ा है. इसमें आपको 24 कैरेट का शुद्ध सोना ऑनलाइन मिलता है. इसे पेटीएम, गूगल पे, फोनपे, MMTC जैसे कई प्लैटफॉर्म्स से खरीदा जा सकता है. डिजिटल गोल्ड के कई फायदे हैं. Credence Wealth Advisors के फाउंडर कीर्तन ए शाह ने कहा कि कई मायनों में डिजिटल गोल्ड खरीदना बेहतर होता है.

डिजिटल गोल्ड खरीदने के फायदे

आप एक रुपए का भी डिजिटल गोल्ड खरीद सकते हैं. इसमें 24 कैरेट प्योरिटी की शुद्धता होती है. इसमें आपको सोना अपने पास रखने का झंझट नहीं होता है. अगर आप इसे बेचते हैं तो तुरंत आपके अकाउंट में पैसा मिलेगा. यह बहुत ज्यादा लिक्विड होता है.

डिजिटल गोल्ड के नुकसान

हालांकि, डिजिटल गोल्ड के कुछ नुकसान भी होते हैं. डिजिटल गोल्ड पर 3 फीसदी का जीएसटी लगता है. इसका मतलब अगर आप 10 हजार रुपए का सोना खरीदते हैं तो आपके अकाउंट में केवल 9700 रुपए का सोना आएगा. इसके अलावा 2-3 फीसदी चार्ज स्टोरेज, इंश्योरेंस और ट्रस्टी फीस के रूप में कट जाती है. इसके लिए भी कोई रेगुलेटर नहीं है.

हाइली लिक्विड होता है डिजिटल गोल्ड

डिजिटल गोल्ड काफी लिक्विड होता है. ऐसे में इसका इस्तेमाल कोलैट्रल के रूप में हो सकता है. अगर इसे गिरवी रखते हैं तो लोन आसानी से मिल जाता है. पेपर वर्क का झंझट नहीं रहता है.

2 लाख रुपए तक की है लिमिट

इन्वेस्टमेंट लिमिट की बात करें तो एक प्लैटफॉर्म पर अधिकतम 2 लाख रुपए का डिजिटल गोल्ड जमा रखा जा सकता है. चूंकि इसे सिक्यॉर्ड और इंश्योर्ड वॉल्ट में रखा जाता है, ऐसे में कई प्लैटफॉर्म पर स्टोरेज टाइम की लिमिट भी होती है. कुल मिलाकर फिजिकल गोल्ड के मुकाबले इसमें निवेश करना आसान होता है और यह हाई लिक्विड भी होता है.

Mutual Fund for Senior Citizens : म्यूचुअल फंड में निवेश सीनियर सिटिजन्स के लिए कितना सही, कैसे बनाएं रिस्क और रिटर्न में बेहतर तालमेल?

म्यूचुअल फंड में निवेश सीनियर सिटिजन्स के लिए कितना सही और बेहतर विकल्प है. साथ ही आप कैसे रिस्क और रिटर्न में बेहतर तालमेल बैठा सकते हैं.

Mutual Fund for Senior Citizens : म्यूचुअल फंड में निवेश सीनियर सिटिजन्स के लिए कितना सही, कैसे बनाएं रिस्क और रिटर्न में बेहतर तालमेल?

म्यूचुअल फंड को सीनियर सिटिजन्स के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में देखा जाता है, जिन्हें निवेश में फ्लेक्सिबिलिटी की जरूरत होती है.

Mutual Fund for Senior Citizens : सफलता के लिए यह जरूरी है कि कि आपका पैसा आपके लिए काम करें, चाहे आप की उम्र कुछ भी हो. सीनियर सिटिजन्स के लिए सबसे विकल्प को कितना खरीदना है बड़ी बाधा उनकी बढ़ती उम्र होती है. इसलिए यह जरूरी है कि वे समझदारी से निवेश करें. मौजूदा समय में सीनियर सिटिजन्स के लिए निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं. आज हम आपको ये बताने वाले हैं कि म्यूचुअल फंड में निवेश सीनियर सिटिजन्स के लिए कितना सही और बेहतर विकल्प है. साथ ही आप कैसे रिस्क और रिटर्न में बेहतर तालमेल बैठा सकते हैं.

सीनियर सिटीजन के लिए हैं कई म्यूचुअल फंड

मौजूदा समय में म्यूचुअल फंड विकल्प को कितना खरीदना है में निवेश और एनएफओ के सदस्यता की संख्या समान रूप से बढ़ रही है. म्यूचुअल फंड के बारे में एक आम गलत धारणा यह है कि विकल्प को कितना खरीदना है वे सीनियर सिटिजन्स के लिए जोखिम भरा होता है. लेकिन मौजूदा वक्त में ऐसे कई म्यूचुअल फंड हैं, जिन्हें खास तौर पर सीनियर सिटिजन्स की जरूरतों और कम जोखिम को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है.

RD और FD में मिलता है कम रिटर्न

देश में फिक्स्ड डिपॉजिट और रिकरिंग डिपॉजिट(RD) जैसे ट्रेडिशनल फाइनेंशियल स्कीम मौजूद हैं, लेकिन मौजूदा वक्त में इन स्कीम में सबसे कम रिटर्न मिल रहा है. इस स्कीम में किया गया निवेश मुद्रास्फीति से प्रभावित होता है, जिसकी वजह से आपको उम्मीद के मुताबिक अच्छा रिटर्न नहीं मिल पाता है.

म्यूचुअल फंड देता है फ्लेक्सिबिलिटी

म्यूचुअल फंड का मकसद निवेशकों के निवेश में विविधता लाना और पैसे को स्टॉक, बॉन्ड, ईटीएफ और बॉन्ड जैसी प्लान में निवेश कराना है. इनका प्रदर्शन बाजार से प्रभावित होता है. म्यूचुअल फंड निवेशकों की मेहनत की कमाई को पेशेवरों द्वारा निवेश बेनिफिट्स के लिए किया जाने वाला इन्वेस्टमेंट हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) या एकमुश्त भुगतान के जरिए किया जा सकता है. म्यूचुअल फंड को सीनियर सिटिजन्स के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में देखा जा सकता है, जिन्हें निवेश में फ्लेक्सिबिलिटी की जरूरत होती है. इसके साथ ही एमएफ सीनियर सिटिजन्स के निवेश को मुद्रास्फीति के असर से भी बचाता विकल्प को कितना खरीदना है है.

लॉन्ग टर्म में मिलेगा ज्यादा रिटर्न

आमतौर पर सीनियर सिटिजन्स जोखिम भरे प्लान में निवेश नहीं करते हैं, जिसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि वो पहले ही रिटायर हो चुके हैं और मार्केट से जुड़े नुकसान नहीं उठाना चाहते हैं. वे हमेशा ऐसे प्लान में निवेश करना चाहते हैं, जो उन्हें गारंटीड रिटर्न का वादा करता है. इसके चलते ही वो पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट, बैंक डिक्स्ड डिपॉजिट या फिर नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश को प्राथमिकता देते हैं. हालांकि एमएफ भी सीनियर सिटिजन्स के लिए फायदेमंद होते हैं और उनके लिए एक बेहतर विकल्प बन सकते हैं. यह सच है कि मार्केट शॉर्ट टर्म की अवधि में आपको नुकसान दिखाई दे, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह आपको एक अच्छा रिटर्न देता है.

म्यूचुअल फंड निवेशक को कभी भी अपना निवेश वापस लेने का अधिकार देता है, जबकि यह विकल्प एनपीएस या किसी स्कीम में नहीं होता है. यानी सीनियर सिटिजन्स अपनी जरूरत के हिसाब से कभी भी अपना निवेश वापस पा सकते हैं. इसके अतिरिक्त म्यूचुअल फंड सीनियर सिटिजन्स को जरूरत के हिसाब से सभी परिसंपत्ति asset में अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करने की भी छूट देता है.

डेट म्यूचुअल फंड में करें निवेश

पहले पांच सालों के लिए सीनियर सिटिजन्स को डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए. आप अगले पांच सालों के रेगुलर खर्चों के लिए अपनी जरूरत के पैसे को बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. एक लार्ज कैप इक्विटी फंड का इस्तेमाल उन फंडों के लिए किया जा सकता है, जिनकी दस साल बाद जरूरत होगी. रिटायरमेंट के बाद निवेश से पहले आपको किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लेनी चाहिए, ताकि वो आपको आप की जरूरत के हिसाब से कम जोखिम वाला में निवेश स्कीम के बारे में बता सके.

मौजूदा वक्त में बैंक सीनियर सिटिजन्स को फिक्स्ड डिपॉजिट पर 3% से 7% तक का ब्याज दे रहे हैं. सरकार ने हाल ही में पोस्ट ऑफिस में सीनियर सिटिजन्स की सेविंग स्कीम की ब्याज दरों को बढ़ाकर 7.6% कर दिया है. वहीं नेशनल पेंशन स्कीम में निवेशकों को 9% से 12% तक तक का ब्याज मिल रहा है.

FD के मुकाबले में डेट फंड में मिलेगा बेहतर रिटर्न

हर म्युचुअल फंड में एक अलग तरह का जोखिम होता है और वह उसी हिसाब से निवेशक को रिटर्न देता है. म्यूच्यूअल फंड में रिटर्न मार्केट से जुड़ा होता है, इसलिए यह कभी भी निर्धारित रिटर्न नहीं देता. हालांकि यह आपको ज्यादा रिटर्न हासिल करने का विकल्प देता है. अगर आप रिटायर हो चुके हैं और शॉर्ट टर्म में निवेश करना चाहते हैं, तो आप अच्छी क्रेडिट रेटिंग वाली कंपनियों के शॉर्ट-टर्म बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं. बैंक FD के मुकाबले में ये डेट फंड आपको बेहतर रिटर्न दे सकते हैं.

मौजूदा म्युचुअल फंड टैक्स रुल्स के अनुसार जब आप उन्हें भुनाते हैं तो आपको अपने निवेश पर पूंजीगत बेनिफिट्स टैक्स का भुगतान करना होगा. डेट फंड और डेट-ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड्स के लिए 3 साल से कम समय के लिए निवेश शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) के अधीन हैं और आपको अपने आयकर ब्रैकेट के अनुसार टैक्स का भुगतान करने की जरूरत है. भुनाए गए निवेश को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) के रूप में माना जाता है, अगर बेनिफिट्स कम से कम 3 साल की स्कीम में निवेश पर मिला है तो इंडेक्सेशन के बाद LTCG पर 20% टैक्स लगता है.

सस्‍ती कीमत में खरीदना चाहते हैं इलेक्ट्रिक बाइक, ये विकल्‍प हो सकते हैं बेहतर; सिंगल चार्ज में 200 KM तक की रेंज

कंपनियों ने बजारों में स्‍वैपेबल तकनीक वाले ई स्‍कूटर्स से लेकर हाइटेक फीचर्स और अधिक रेंज देने वाले ई- बाइक को पेश किया है। अगर आप एक ई-बाइक खरीदने का प्‍लान बना रहे हैं तो आपके लिए यहां बेस्‍ट ऑप्‍शन बताया जा रहा है, जो आपको बजट में अधिक रेंज देगी और साथ ही आधुनिक फीचर्स से भी लैस होगी।

सस्‍ती कीमत में खरीदना चाहते हैं इलेक्ट्रिक बाइक, ये विकल्‍प हो सकते हैं बेहतर; सिंगल चार्ज में 200 KM तक की रेंज

ये हो सकते हैं आपके लिए इलेक्ट्रिक बाइक का विकल्‍प, जानें रेंज और कीमत (फोटो सोर्स- Oben Rorr)

भारतीय बाजारों में इन दिनों इलेक्ट्रिक बाइक और ई- स्‍कूटर का क्रेज बढ़ा है। जिस कारण से स्‍वदेशी से लेकर विदेशी कंपनियां भी इसमें दिलचस्‍पी दिखा रही है। कंपनियों ने बजारों में स्‍वैपेबल तकनीक वाले ई स्‍कूटर्स से लेकर हाइटेक फीचर्स और अधिक रेंज देने वाले ई- बाइक को पेश किया है। अगर आप एक ई-बाइक खरीदने का प्‍लान बना रहे हैं तो आपके लिए यहां बेस्‍ट ऑप्‍शन बताया जा रहा है, जो आपको बजट में अधिक रेंज देगी और साथ ही आधुनिक फीचर्स से भी लैस होगी।

Oben Rorr
इस लिस्‍ट में पहला नाम Oben Rorr इलेक्ट्रिक बाइक का है, विकल्प को कितना खरीदना है जिसे हाल ही में लॉन्‍च किया गया है। जिसकी एक्‍स शोरूम दिल्‍ली की कीमत 1.02 लाख रुपये है। यह IPMSM Motor टाइप के साथ 10 kW का पावर जनरेट करता है। यह 4.4 kwh की बैटरी पैक देता है, जो 2 घंटे में पूरी तरह से चार्ज हो जाता है। इसपर तीन साल की वारंटी भी दी जा रही है। इसकी रेंज 200km सिंगल चार्ज पर है, जो 100KMPH की टॉप स्‍पीड पर देगी। यह विकल्प को कितना खरीदना है विकल्प को कितना खरीदना है स्‍टालिश आकार में डिजाइन की गई बाइक है, जो शानदार लुक्‍स देती है।

Tork Kratos
इस इलेक्ट्रिक बाइक की शुरूआती कीमत 1.02 लाख है, जो अधिकतम 1.17 लाख रुपये की कीमत में आ जाती है। हालाकि राज्‍य के सब्सिडी के बाद यह और भी कम हो सकती है। यह 4500 W का मोटर पावर जनरेट करता है। जिस कारण यह 180 km की रेंज सिंगल चार्ज पर देता है, वहीं 105 kmph की टॉप स्‍पीड भी दी जा रही है। इसका वजन 140 Kg है, इसकी बैटरी 4 kWhr के साथ आती है, जो चार्ज करने में 4-5 घंटे का समय लगती है। यह भी एक स्‍टाइलिश बाइक है।

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Komaki Ranger
यह एक प्रीमियम बाइक है, लेकिन इसके साथ ही यह एक स्‍टाइलिश बाइक भी है। जो एक अवेंजर बाइक जैसी देखने में लगती है। इसे आप 1.68 लाख रुपये में एक्‍स शोरूम दिल्‍ली के अनुसार खरीद सकते हैं। यह 4000 W का पावर देती है, जो 72V/ 50 Ah की लिथियम आयन बैटरी से संचालित है। इसे 200 km किलोमीटर तक सिंगल चार्ज में दौड़ाया जा सकता है।

Festive Season में मिलेगा घर खरीदने का सुनहरा मौका, ये पांच तैयारियां आपको सस्ते में दिलाएगा Flat

Festive Season: आज से 5 साल पहले तक रेडी टू मूव प्राॅपर्टी के बहुत ही सीमित विकल्प खरीदारों के पास थे। इसकी वजह थी उस समय में काफी संख्या में प्रोजेक्ट अंडरकंस्ट्रक्शन थे।

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 12, 2022 12:32 IST

Festive season home buying - India TV Hindi

Photo:INDIA TV Festive season home buying

Highlights

  • डेवलपर्स एक से बढ़कर एक आकर्षक स्कीम लाॅन्च करेंगे
  • त्योहारी सीजन में घर खरीदना सबसे शुभ माना जाता है
  • कुछ बातों का ख्याल कर रखकर अच्छी प्रॉपर्टी वाजिब कीमत में खरीद सकते हैं

Festive Season गणेश चतुर्थी विकल्प को कितना खरीदना है के साथ शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में पूरे देश में शरद नवरात्रि, दशहरा, शिवरात्रि, धनतेरस, Diwali, भाई दूज जैसे त्योहारों की धूम रहेगी। इस अवसर को भुनाने के लिए डेवलपर्स एक से बढ़कर एक आकर्षक स्कीम लाॅन्च करेंगे। यह भी मान्यता है कि त्योहारी सीजन में घर खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। हमारे धर्म शास्त्रों में भी इस अवधि को सबसे शुभ मुहूर्त माना गया है। इस दौरान सबसे ज्यादा घर की खरीदारी होती है। अगर आप इस मौके में सपने का आशियाना लेना चाहते हैं तो कुछ बातों का ख्याल कर रखकर अच्छी प्रॉपर्टी वाजिब कीमत में खरीद सकते हैं।

1. बजट में ही विकल्प का चयन करें

आज से 5 साल पहले तक रेडी टू मूव प्राॅपर्टी के बहुत ही सीमित विकल्प खरीदारों के पास थे। इसकी वजह थी उस समय में काफी संख्या में प्रोजेक्ट अंडरकंस्ट्रक्शन थे लेकिन अब बहुत सारे प्रोजेक्ट बन कर तैयार हो गए हैं। इसके विकल्प को कितना खरीदना है चलते बाजार में बड़ी संख्या में रेडी टू मूव फ्लैट हैं। यह घर खरीदारों को व्यापक विकल्प उपलब्ध करा रहा है। आप इस मौके का विकल्प को कितना खरीदना है फायदा उठाकर अफोर्डेबल से लेकर लक्गजरी फ्लैट की खरीदारी वाजिब कीमत में कर सकते हैं। हालांकि, यह तब होगा जब आप पहले से अपनी बजट के अनुसार प्रॉपर्टी सर्च करेंगे।

2. बजट बनाएं औैर रिसर्च शुरू का दें

किसी भी तरह की खरीदारी चाहे वह कार, टीवी या घर ही क्यों न हो पहले से किया गया रिसर्च फायदेमंद होता है। इसलिए, कभी भी आंख मूंद कर घर खरीदने के लिए डेवलपर के ऑफिस में न जाएं। पहले आॅनलाइन और आॅफलाइन रिसर्च करें और जिस लोकेशन और प्रोजेक्ट में फ्लैट लेने की सोच रहे हैं वहां की रेट की जानकारी जुटाएं। आपकी तैयारी जितनी अधिक विकल्प को कितना खरीदना है होगी, लाभ उठाने का मौका उतना ही अधिक होगा। इसके साथ ही अपना बजट तय कर लें। यह आपको लोकेशन और एरिया की चुनाव में मदद करेगा। आपको पता होगा कि आप कितनी कीमत का फ्लैट ढूढ़ रहें हैं। ऐसे में आप उसी प्रॉपर्टी में रिसर्च करेंगे जो आपके बजट में होगा।

3. जरूरत के अनुसार ऑफर चुनें

प्राॅपर्टी की बिक्री बढ़ाने के लिए त्योहारी सीजन में अधिकांश डेवलपर्स तरह-तरह के ऑफर लेकर आएंगे। कोई टीवी, फ्रीज, कार, फ्री रजिस्ट्री या कैश डिस्काउंट ऑफर करेगा। घर खरीदने का फैसला ऑफर के लालच में नहीं करें। आप छोटे लाभ के लिए अपना बड़ा नुकसान कर लेंगे। दूसरा आप वही ऑफर चुनें जो आपकी जरूरत के अनुसार फिट बैठता हो। अगर आपके पास पहले से घर में उपलब्ध सभी समान हो तो आप कैश डिस्काउंट लेना बेहतर होगा।

4. सस्ते होम लोन लेनेका मौका

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल रेपो रेट में तीन बार बढ़ोतरी की है। इसके बावजूद भी अभी होम लोन की दर बहुत सस्ती है। देश के तमाम बैंक करीब आठ फीसदी के आसपास पर होम लोन दे रहे हैं। ऐसे में अभी से आप सस्ते ब्याज दर पर होम लोन पास ले सकते हैं। आप अभी भी रिसर्च कर सस्ते ब्याज दर पर होम लोन प्राप्त कर सकते हैं। सस्ते होम लोन आपाको बड़ी बचत कराने का काम करता है।

5. प्राॅपर्टी की कीमत में बहुत बढ़ोतरी नहीं

बीते कुछ सालों में प्राॅपर्टी की कीमत बढ़ी है लेकिन महंगाई के मुकाबले कम ही बढ़ोतरी हुई है। यानी यह मौका सस्ती प्राॅपर्टी खरीदने के लिए बेहतरीन है। ऐसे में अगर आप और कीमत घटने का इंतजार कर रहे हैं तो यह करना गलत होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में कीमतें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं। एक दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले समय में घर की खरीदारी बढ़ने वाली है। यह सब कारक प्रॉपर्टी की मांग बढ़ाएंगे। ऐसे में यह मौका छूटने नहीं दें।

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