Risk Management

म्यूच्यूअल फंड स्कीम में इन्वेस्ट करने से पहले समझ लें म्यूच्यूअल फण्ड से जुड़े सभी रिस्क

दोस्तों हम बचपन से ही अपने पेरेंट्स को फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश करते हुए देखते आ रहे है। लेकिन आज के समय में फिक्स्ड डिपाजिट में गिरते इंटरेस्ट रेट की वजह से इसने क्रेज इतना ज्यादा नहीं रहा। आज के समय में निवेश के इंस्ट्रूमेंट में म्यूच्यूअल फण्ड काफी फेमस है। आपने ये तो ज़रूर सुना होगा की : ‘म्यूच्यूअल फंड्स, मार्केट रिस्क्स के अधीन होते हैं,’ लेकिन क्या आप इन मार्केट रिस्क्स से वाकिफ हैं जो आपके इन्वेस्टमेंट्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं? परिणामस्वरूप आपके फाइनैंशल लक्ष्यों को भी? क्या आपको पता है कि किस कैटिगरी का म्यूच्यूअल फंड, आपकी रिस्क प्रोफाइल के लिए सबसे सूटेबल है?

किसी भी निवेश में दो चीजें सबसे ज्यादा मायने रखती हैं – रिस्क और रिटर्न। कहा जाता है कि जितना निवेश में रिस्क होगा उतना ही रिटर्न मिलेगा। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है कि हाई रिस्क प्रोडक्ट में निवेश किया है तो आपको गारंटीड ज्यादा रिटर्न मिलेगा। कभी-कभी हाई रिस्क निवेश में आपको हाई लॉस Market रिस्क क्या होता है भी हो सकता है।

आज हम बात जानेगे म्यूच्यूअल फंड से जुड़े हुए रिस्क के बारे में। तो चलिए शुरू करते है।

दोस्तों म्यूचुअल फंड में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। अपनी उम्र, आर्थिक स्थिति और भविष्य मे कितनी ग्रोथ चाहते हैं ये सब ध्यान में रखकर ही अपनी रिस्क उठाने की क्षमता तय करें। ज्यादा रिस्क झेलने वाले व्यक्ति इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं वहीं जो लोग ज्यादा रिस्क नहीं चाहते वह बैलेंस्ड फंड जिसमे डेट और इक्विटी दोनों शामिल होते हैं उसमें निवेश करते हैं।

हर म्यूच्यूअल फंड कैटिगरी में अलग-अलग तरह का रिस्क होता है। उदाहरण के लिए, डेट फंड्स से जुड़े रिस्क, इक्विटी फंड्स से जुड़े रिस्क से अलग होते हैं। इसके अलावा एक ही म्यूच्यूअल फंड कैटिगरी में अलग-अलग प्रकार की स्कीम्स में अलग-अलग प्रकार के रिस्क हो सकते हैं।

म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने से पहले आपको इसमें जुड़े रिस्क के बारे में पता होना चहिये। सबसे पहले आता है –

मार्किट रिस्क – मार्केट रिस्क उस रिस्क को कहते हैं जो किसी इन्वेस्टर को होता है मार्केट की खराब परफॉर्मेंस की वजह से। बहुत सारे फैक्टर होते हैं जो मार्केट की परफॉर्मेंस को अफेक्ट करते हैं। उदाहरण के लिए इन्फ्लेशन, नेचुरल डिजास्टर, रिसेशन, पोलिटिकल अनरेस्ट, फ्लकचुएशन ऑफ इंटरेस्ट रेट्स इत्यादि। मार्केट रिस्क को सिस्टमैटिक रिस्क भी कहते हैं। अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करके भी इस रिस्क से नहीं बचा जा सकता। मार्केट रिस्क के समय इन्वेस्टर सिर्फ और सिर्फ हालात के सही होने का इंतजार कर सकता है।

कंसंट्रेशन रिस्क

कंसंट्रेशन का मतलब होता है किसी एक चीज पर फोकस करना। इन्वेस्टमेंट करते समय पर अपना सारा पैसा किसी एक स्कीम पर कंसंट्रेट कर देना कभी भी एक अच्छा ऑप्शन नहीं होता। ऐसा करने से अगर आप किस्मत वाले हुए तो आपको प्रॉफिट बहुत ज्यादा हो सकता है लेकिन लॉसेस होने के भी इतने ही ज्यादा चांसेस होते हैं। कंसंट्रेशन रिस्क को कम करने के लिए आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं। एक ही सेक्टर में कंसंट्रेटिंग और इन्वेस्टिंग में बहुत रिस्की होता है। आप अपने पोर्टफोलियो को जितना डायवर्स करेंगे आपका उतना ही रिस्क कम होगा।

इंटरेस्ट रेट रिस्क

इंटरेस्ट रेट रिस्क जुड़ा होता है इंटरेस्ट रेट चेंज से। इंटरेस्ट रेट चेंज डिपेंड करते हैं कि मार्केट में कितना क्रेडिट अवेलेबल है और कितनी डिमांड है। यह दोनों एक दूसरे से जुड़े होते है। अगर आपके इन्वेस्टमेंट पीरियड के दौरान इंटरेस्ट रेट बढ़ता है तो इससे आपकी Market रिस्क क्या होता है सिक्योरिटीज के प्राइस में रिडक्शन होगी। उदाहरण के लिए एक व्यक्ति तय करता है कि वह अपने ₹100 रूपये 5 परसेंट के इंटरेस्ट रेट के हिसाब से कुछ सालों के लिए इन्वेस्ट करेगा। अगर किसी कारणवश इंटरेस्ट रेट चेंज होता है और 5 परसेंट की बजाय 6 परसेंट हो जाता है तो उसके निवेश किये गए ₹100 तो उसे तुरंत वापस नहीं मिलेंगे क्योंकि उसका जो रेट है वह फिक्स है। यहां पर सिर्फ एक ही ऑप्शन है उसके पास और वह है उसकी बांड की मार्केट वैल्यू को बेचने का। वही अगर इंटरेस्ट रेट कम होकर 4 परसेंट हो जाता है तो आप अपने ज्यादा इंटरेस्ट रेट वाली इन्वेस्टमेंट को ज्यादा प्राइस पर बेच सकते है।

क्रेडिट रिस्क

क्रेडिट रिस्क वह रिस्क होता है जब किसी स्कीम का इस्सुएर उस स्कीम में प्रॉमिस किए गए इंटरेस्ट को पे ना कर पाए। दोस्तों जनरली एजेंसीज जो इन्वेस्टमेंट्स को हैंडल करती हैं उनका एक रेटिंग क्राइटेरिया होता है। तो जब भी कोई इन्वेस्टर निवेश करें तो वह रेटिंग जरूर चेक करें और हाई रेटिंग वाली फर्म्स के साथ ही निवेश करें। किसी भी डेट फंड में इन्वेस्ट करने से पहले आपको क्रेडिट रेटिंग जरूर देखना चाहिए। एएए सबसे हाई रेटिंग होती है और c सबसे लो क्रेडिट होती है। जब भी आप निवेश करें क्रेडिट रेटिंग को ध्यान में रखकर निवेश करें।

लिक्विडिटी रिस्क

लिक्विडिटी रिस्क का मतलब है इन्वेस्टर अपनी एसेट्स को डिजायर्ड प्राइस पर लिक्विडेट ना कर पाए। दोस्तों लिक्विडिटी रिस्क होता है डिमांड और सप्लाई की कंडीशन की वजह से , इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी की वजह से , क्रेडिट रेटिंग चेंज होने की वजह से। लिक्विडिटी रिस्क को काम करने का सबसे अच्छा तरीका है की आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करे और अपने निवेश करने के लिए फण्ड को बहुत ही ध्यान से चुने।

दोस्तों स्मॉल-कैप इक्विटी फंड्स में, लॉन्ग-टर्म इक्विटी फंड से ज्यादा मार्केट रिस्क होता है। इंटरेस्ट रेट रिस्क, क्रेडिट रिस्क, लिक्विडिटी रिस्क, मुद्रास्फीति रिस्क, कीमत उतार-चढ़ाव रिस्क, एकाग्रता रिस्क, इत्यादि म्यूच्यूअल फंड्स इन्वेस्टमेंट से जुड़े कुछ आम रिस्क हैं।आप रिस्क को ख़त्म नहीं कर सकते, लेकिन सही स्ट्रैटिजी अपनाने और म्यूच्यूअल फंड्स का स्मार्ट चुनाव करने पर, रिस्क को काफी हद तक कम करने में मदद मिल सकती है।

तो दोस्तों ये हमने आज आपको बताया म्यूच्यूअल फण्ड से जुड़े हुए रिस्क के बारे में। दोस्तों उम्मीद करते है की आपको हमारी आज का आर्टिकल अच्छा लगा होगा। तो इसे अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर कीजिये। धन्यवाद्।

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Why is Risk Management Important in Trading Market?

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ट्रेडिंग मार्केट में जोखिम प्रबंधन क्यों महत्वपूर्ण है?

Why is Risk Management Important in Trading Market?

ट्रेडिंग की दुनिया में गुप्त मंत्र है, “कोशिश करके नियंत्रणीय स्थिति को बढ़ाओ और खुदको बेकाबू होने से बचाओ ” . उपरोक्त उदहारण पहली बार हमें बेतुका लग सकता है, लेकिन अगर हम इसके बारे में सोचते हैं, तो यह बहुत मायने रखता है। यदि हमें बाजार की उचित समझ है, व्यापार के लिए एक निर्धारित नियम है, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से व्यापार में उचित जोखिम प्रबंधन है, तो यह उन कारकों को बढ़ाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा, जिन्हें हम नियंत्रित कर सकते हैं और पर्याप्त रिटर्न उत्पन्न करने की हमारी संभावना को बढ़ा सकते हैं।

अब, इस राइट-अप के माध्यम से, हम ट्रेडिंग के जोखिम प्रबंधन (Risk Management) पहलू को समझने की कोशिश करेंगे।

जोखिम प्रबंधन क्या है? What is Risk Management?

इसे सरल शब्दों में कहें तो, व्यापार के संदर्भ में जोखिम प्रबंधन (Risk Management) किसी भी व्यापार से जुड़े जोखिम की पहचान, प्रबंधन और नियंत्रण की प्रक्रिया है। जोखिम को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में सक्षम होने का सीधा सा मतलब है कि कोई व्यक्ति घटना के भविष्य के परिणामों को जितना संभव हो सके नियंत्रित करने में सक्षम है।

हम व्यापार से जुड़े जोखिम को पूरी तरह से समाप्त करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, लेकिन हम इसके प्रभाव को कम करने में सक्षम हो सकते हैं।

जोखिम प्रबंधन मूल्यांकन और रणनीतियाँ : Risk Management Assessment and Strategies

निम्नलिखित कुछ कारक हैं जो व्यापार (Trading) करते समय जोखिम का आकलन करने में हमारी सहायता करते हैं:

  • संदर्भ को समझने के लिए: मौजूदा व्यापार व्यवस्था को समझें और सोचे की कौन से परिदृश्य विचाराधीन व्यापार की ओर ले जा रहे हैं। और अगर हम ऐसा करने Market रिस्क क्या होता है में सक्षम हैं तो हम व्यापार के साथ आने वाले जोखिम को समझने में सक्षम होंगे।
  • जोखिम परिदृश्य: व्यापार की पहचान हो जाने के बाद, हमारे लिए यह समझना महत्वपूर्ण हो जाता है कि किन परिस्थितियों में व्यापार गलत हो सकता है और इससे जुड़े जोखिम को भी समझना जरुरी है।
  • जोखिम की पहचान: इसका तात्पर्य उन विभिन्न कारकों से है जो बाजार से जुड़े जोखिम को लाते हैं और ये व्यापार की दुनिया को कैसे प्रभावित करते है। कारक ब्याज दरें बदल सकते हैं , केंद्र सरकार कुछ भी कदम उठा रही है जिसका बाजार पर प्रभाव पड़ता है या इसके कारन बाजार में एक साधारण व्यापार युद्ध हो सकता है।

व्यापार निर्णय लेने से पहले, इन सभी कारकों का आकलन किया जाना चाहिए। और, अगर हम इन परिदृश्यों को संभालने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं, तो हम विभिन्न उत्पादों जैसे डेरिवेटिव, जोखिम में विविधता लाने आदि के व्यापार के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे।

ट्रेडिंग में जोखिम प्रबंधन का महत्व : Importance of Risk Management in Trading

  • ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण बात है, “अपने व्यापार की योजना बनाएं और अपनी योजना का व्यापार करें”
    उचित जोखिम प्रबंधन निवेश (Investment) और व्यापार दोनों पर लागू होता है, लेकिन यदि आप एक व्यापारी हैं तो यह सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है। एक निवेशक के पास अपने पक्ष में समय होता है क्योंकि वह बाजार की दिशा में आगे बढ़ने के लिए धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करने में सक्षम होता है। लेकिन अगर आप एक व्यापारी हैं, तो आप आदर्श रूप से चाहते हैं कि व्यापार आपके पक्ष में जितनी जल्दी हो सके आगे बढ़े। और अगर ऐसा नहीं होता है, तो जोखिम प्रबंधन (Risk Management) सामने आ जाता है।

यदि बाजार को आपके वास्तविक लक्ष्य से पहले कड़ा प्रतिरोध (Support) मिल रहा है, तो अपने मुनाफे को बुक करने में कोई बुराई नहीं है और अगले ट्रेडिंग अवसर की प्रतीक्षा करें। याद रखें, “हाथ में लाभ, किताबों में लाभ से बेहतर है”

समापन का वक्त :

जोखिम प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण कौशल है जो किसी भी व्यापारी के पास होना चाहिए। यह ट्रेडों को खोजने की कला से अधिक महत्वपूर्ण है। एक छूटा हुआ व्यापार अवसर इसमें व्यापार और खराब जोखिम प्रबंधन लेने से काफी बेहतर है।

इसलिए, बाजार में सभी नए अनुभवी व्यापारियों को यह सलाह दी जाती है कि एक लंबे और लाभदायक व्यापारिक करियर के लिए किसी को व्यापार के प्रबंधन की कला में महारत हासिल करनी चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण रूप से अपनी व्यापारिक पूंजी का प्रबंधन करना चाहिए।

Risk Management क्या हैं ? Stock Market में रिस्क को कैसे मैनेज करे ?

Risk Management

Risk Management

What is Risk Management in Stock Market / Stock Market में रिस्क को कैसे मैनेज करे

आज के आर्टिकल में हम Risk Management के बारे में जानकारी लेते हैं | रिस्क मैनेजमेंट क्या होता है ?? स्टॉक मार्केट में रिस्क को कैसे मैनेज करते हैं ?? यह हम आपको इस आर्टिकल के द्वारा बताएंगे | रिस्क मैनेजमेंट यह एक तरह का प्रोसेस है जिसमें हम जान सकते हैं की एक विशेष ट्रेड में कितनी रिस्क है और उस रिस्क को कम करने के लिए स्ट्रैटेजिस बनाते हैं जिसकी वजह से हमारे रिटर्न अच्छे आते हैं |

स्टॉक मार्केट में रिस्क मैनेजमेंट यह इंपॉर्टेंट फेक्टर है | रिस्क मैनेजमेंट का उपयोग करके हम लोग कम कर सकते हैं | बहुत से ट्रेडर अपने अकाउंट से इसको देखे बिना ट्रेडिंग की शुरुआत करते हैं | तथा एक ट्रेड में बहुत ज्यादा पैसे कमाने की कामना करते हैं| इस प्रकार के ट्रेड को Gambling कहा जाता है| यदि आप रिस्क मैनेजमेंट के बिना ट्रेडिंग करते हो तो आप के लॉक होने के चांसेस बढ़ जाते हैं| Long Term Return को ध्यान में रखते हुए आप अगर रिस्क मैनेजमेंट रूल Market रिस्क क्या होता है का पालन करते हो तो आपका प्रॉफिट बढ़ जाता है | रिस्क मैनेजमेंट केवल आपके कैपिटल को ही प्रोटेक्ट नहीं करता बल्कि Long Term Investment में आपको अच्छा प्रॉफिट भी देता है | हम सब जानते हैं पैसों से ही पैसा बनाता है | लेकिन ट्रेडिंग स्टार्ट करने से पहले आपको स्टॉक मार्केट के बारे में और स्टॉक मार्केट के व्यवहारो के बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है | Stock Market में काम करने के लिए रिस्क मैनेजमेंट के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए तथा उसका सख्ती से पालन करना चाहिए | जैसे आपकी ट्रेडिंग अकाउंट में ( Demat Account ) 10,000 rs है और आप 2% का रिस्क लेते हैं तो एक ट्रेड में लॉस होने पर आपके अकाउंट में से 200 rs कम होंगे और अगर आप 10% का रिस्क लेते हैं तो आपके अकाउंट में से 1000 rs कम होंगे | इस प्रकार आप 2% और 10% Market रिस्क क्या होता है के रिस्क का अंतर समझ सकते हैं | आप कितना रिस्क ले सकते हो उसके हिसाब से ट्रेड करना चाहिए | ताकि आपको कम से कम लॉस हो और आपका प्रॉफिट बढ़ता जाए |

रिस्क मैनेजमेंट में Risk Reward Ratio वह पैरामीटर है जो ट्रेडर ट्रेड करते समय रीवार्ड के प्रोपोर्शन में रिस्क भी उठाता है | अगर आप 100 rs का रिस्क उठाते हो उसके बदले 100 rs कमाना चाहते हो तो इसे 1:1 का Reward Ratio कहते हैं | जैसे कि यदि आप 200 rs का रिस्क उठाते हो और 400 rs कमाना चाहते हो तो इसे 1:2 का Reward Ratio कहते हैं | इसी प्रकार यदि आप 500 rs का रिस्क उठाते हैं तथा 1500 rs का Market रिस्क क्या होता है reward चाहते हैं तो इसे 1:3 का Reward Ratio कहते हैं |

Share Market Tips : यह है बिना रिस्क के शेयर मार्केट से प्रॉफिट कमाने का तरीका

नमस्कार दोस्तों, आजकल ऑनलाइन पैसा कमाने के बहुत सारे रास्ते हैं. कुछ लोग पैसे लगाकर ऑनलाइन पैसे कमाते हैं तो कुछ लोग अपनी मेहनत लगाकर ऑनलाइन पैसे कमाते हैं .जो लोग पैसे लगाते हैं वह जल्दी पैसे कमा लेते हैं और जो लोग मेहनत लगाते हैं उनको पैसे कमाने में थोड़ा टाइम लगता है-Share Market Tips

Share Market For Beginners

आज मैं आपको कुछ ऐसी Share Market Tips बताऊंगा जिससे आप बिना रिस्क के स्टॉक मार्केट से प्रॉफिट कमा सकते हैं. कुछ लोगों को सवाल रहता है की Stock Trading Kaise Kare या Share Market Ae Paise Kaise Kamaye आज मैं आपको यहां पर आपके हर सवाल का जवाब दूंगा.

Share Market Tips

फिलहाल भारत में इन्वेस्टमेंट का कल्चर काफी तेजी से बढ़ रहा है आज मैं आपको Share Market के बारे में बताऊंगा. कुछ लोग Stock Market का नाम सुनते ही भाग जाते हैं क्योंकि इसे स्कैम या जुवा समझते हैं. दोस्तों शेयर मार्केट कोई फ्रॉड, स्कैम या जुवा नहीं है यह एक सिस्टमैटिक बिजनेस है. शेयर मार्केट की वजह से ही भारत की बड़ी-बड़ी कंपनियों का काम चलता है और स्टॉक मार्केट भारत की जीडीपी (GDP) में भी योगदान करता है.

Share Market क्या है

सबसे पहले मैं आपको बता दू की Share क्या होता है, Share एक हिस्सा है, Share वो हिस्सा है जो कंपनी के मालिको के द्वारा जारी किए गए दस्तावेज की तरह होते है आप जिस कंपनी से जितने share खरीदोगे आप उतने प्रतिशत उसके मालिक बन जाओगे जिसे Share Market से खरीदा जाता है।

अगर हम European Countries की बात करें तो वहां पर 70% व्यक्ति शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं जबकि भारत में मुश्किल से 5 परसेंट लोग शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं. अगर सोच समझकर शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की जाए तो आप अच्छा Profit कमा सकते हैं.

कुछ लोग बिना सीखे या समझे ही Stock Market में आ जाते हैं और लाखों का नुकसान कर बैठते हैं और फिर अफवाह फैलाते हैं कि शेयर मार्केट में सिर्फ लॉस होता है, जबकि ऐसा नहीं है सच्चाई यह है कि जिन लोगों को शेयर मार्केट में Loss होता है उनको शेयर मार्केट की बिल्कुल भी नॉलेज नहीं है. वह अपनी गलतियों की वजह से नुकसान उठाते हैं.

यह हो सकता है कि आप पूरे महीने शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं और आपको एक-दो दिन घाटा हो जाए तो कोई नई बात नहीं है, लेकिन अगर आपको हर रोज घाटा ही हो रहा है तो यह आपकी गलती है ना कि Share Market की| अगर आपको शेयर मार्केट की ज्यादा नॉलेज नहीं है या फिर नॉलेज होते हुए भी आप लॉस उठा रहे हैं तो मेरे पास आपके लिए एक आसान सा तरीका है.

Kaizen Trading

Stock Trading Kaise Kare

आप टेलीग्राम पर Kaizen Trading चैनल को ज्वाइन कर सकते हैं. कायजन Market रिस्क क्या होता है ट्रेडिंग के पास अपनी एक Research Team है वह प्रॉपर तरीके से एनालिसिस करने के बाद ही चैनल में कोई शेयर खरीदने या बेचने के लिए कहते हैं. इसलिए आपको वहां पर नुकसान होने की गुंजाइश बहुत बहुत कम हो जाती है. दोस्तों यह Best Option Trading Telegram Channel हैं.

Kaizen Trading Channel को ज्वाइन करने के लिए आपको कोई फीस भी नहीं देनी है. Kaizen Trading सबसे ज्यादा Options Trading की Tips शेयर करते हैं जिसमें बहुत जल्दी पैसा बनता है. Option Trading Tips में आपको यह बताया जाता Market रिस्क क्या होता है है कि आपको कोनसा Call या Put कोनसी Strick Price का, किस समय और किस प्राइस पर खरीदना और बेचना है साथ ही आपको Stop loss लगाना भी बताया जाता है.

दोस्तों मैं तो यह कहूंगा एक बार आप Kaizen Trading Channel ज्वाइन कर लो उसके बाद दो-तीन दिन तक Channel में नजर बनाए रखो और देखो कि प्रॉफिट हो रहा है या नहीं, अगर आपको लगे कि सच में प्रॉफिट हो रहा है तो आप उनके Premium Channel को ज्वाइन कर सकते हो और प्रॉफिट कमा सकते हो.

Kaizen Trading में जिस Option Trading Strategies का उपयोग किया जाता है वह बहुत ही जबरदस्त है, इसमें आपको लॉस होने के चांस बहुत ही कम है. Option Trading को Futures and Options या F&O भी कहा जाता हैं.

Upstox Pro

Share Market Me Paisa Kaise Lagaye | Share कहा से खरीदें

Share खरीदने के लिए आपको Demate Trading खाता खुलवाना होगा जो आप किसी भी बैंक, कंपनी या दलाल के पास आसानी से खुलवा सकते है वैसे आज हर काम इंटरनेट से ऑनलाइन हो जाता है आप चाहे तो घर बैठे Upstox Pro में फ़्री ऑनलाइन डेमेट ट्रेडिंग एकाउंट खुलवा सकते है। इसके लिए आपको यहां क्लिक करना है.

अगर आप ऐसा करते हैं तो धीरे-धीरे आप खुद भी ट्रेनिंग सीख जाएंगे| टेलीग्राम पर मौजूद किसी भी ट्रेडिंग चैनल में सबसे ज्यादा बढ़िया Kaizen Trading ही है यह लोग हर रोज अपने प्रॉफिट के स्क्रीनशॉट Channel में शेयर करते हैं | Market रिस्क क्या होता है अगर आपको उसके बारे में ज्यादा जानकारी चाहिए तो आप इस लिंक पर क्लिक करके कायजन ट्रेडिंग चैनल को चेक कर सकते हैं | अगर Article पसंद आया हो तो क्रप्या Like, Share और Comment करे.

धन्यवाद

नोट: यदि आप KAiZEN TRADING टेलीग्राम चैनल के मेंबर्स के प्रॉफिट देखना चाहते हैं तो Kaizen Trading Channel में जाकर देख सकते हैं.

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