देश को चाहिए 10 हजार अंबानी और 20 हजार अडानी… नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत ने ऐसा क्यों कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया में होनेवाली G20 बैठक में हिस्सा लेने बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है? वाले हैं. इसके बाद दिसंबर से भारत G20 की अध्यक्षता करेगा.

NewDelhi : भारत को विकास के लिए एक अंबानी और एक अडानी नहीं बल्कि 10 हजार अंबानी और 20 हजार अडानी की जरुरत है. नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत ने यह बात जी-20 देशों की एक बैठक में कही. बता दें कि पीएम मोदी चाहते हैं कि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बन जाये. इस लक्ष्य तक पहुंचने का एक फॉर्मूला नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत ने अंबानी और अडानी का नाम लेकर सुझाया. उन्होंने अंबानी और अडानी के नाम का बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है? इस्तेमाल एक संकेत के तौर पर किया.

निजी सेक्टर विकास नहीं करेगा तो फिर भारत की ग्रोथ संभव नहीं है

अमिताभ कांत का मानना है कि देश में प्राइवेट सेक्टर के बिना विकास करना बेहद मुश्किल है. इसकी वजह है कि अगले 30 से 40 साल भारत को विकसित बनाने के लिए 9 से 10 फीसदी की तेज रफ्तार से तरक्की करनी होगी. कहा कि यह तभी संभव है जब हर साल की विकास दर अगले साल 30-40 फीसदी की दर से बढ़े. यानी अगर इस साल 7 फीसदी विकास दर रहती है तो फिर इसका 30 फीसदी यानी 2.1 फीसदी अगले साल बढ़ना जरूरी है. लेकिन ये तभी मुमकिन है, अगर निजी सेक्टर और सरकार मिलकर इस दिशा में काम करें. उन्होंने कहा कि अगर निजी सेक्टर विकास नहीं करेगा और समृद्ध नहीं होगा तो फिर भारत की ग्रोथ संभव नहीं है.

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भारत की रियल जीडीपी का आकार करीब 150 लाख करोड़ रुपए है

भारत की रियल जीडीपी का आकार करीब 150 लाख करोड़ रुपए है. वहीं अडाणी की कुल नेटवर्थ हुरुन रिच लिस्ट के हिसाब से 10,94,400 करोड़ रुपये है. वहीं अंबानी की कुल नेटवर्थ इस लिस्ट के मुताबिक 7,94,700 करोड़ रुपये है. 1 साल पहले तक अंबानी देश के बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है? सबसे अमीर शख्स थे और तब उनकी कुल नेटवर्थ 9 राज्यों की GDP से भी ज्यादा थी. ऐसे में इस तरह के ज्यादा से ज्यादा उद्योगपतियों की संख्या बढ़ने पर भारत के लिए भी विकसित देश बनना आसान हो जाएगा.

जी-20 की पहली बार अध्यक्षता करेगा भारत

नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत ने जी-20 की बैठक में कहा कि ये देशों का ही नहीं कारोबारियों का भी संगठन है. 1 दिसंबर से भारत अगले 1 साल के लिए जी-20 देशों की अध्यक्षता करेगा और अमिताभ कांत को भारत ने इसके लिए शेरपा नियुक्त किया है जो पीयूष गोयल की जगह लेंगे. इस बीच जी-20 देशों के कारोबारियों को संबोधित करते हुए अमिताभ कांत ने कहा कि हमें मौकों को फायदा उठाना होगा. अपने-अपने सेक्टर में विस्तार करना होगा क्योंकि ये एक ऐसा मौका है, जो हमें दोबारा नहीं मिलेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया में होनेवाली G20 बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं. इसके बाद दिसंबर से भारत G20 की अध्यक्षता करेगा. G20 में ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, रूस, अमेरिका जैसे विकसित देश शामिल हैं. अगले साल 2023 में G20 का आयोजन भारत में होगा. इस आयोजन को सफल करने के लिए सरकार ने अभी से कोशिशें शुरु कर दी हैं.

‘आधार’ में नाम-पता सिर्फ इतने रुपये में करें अपडेट, जानें पूरी प्रक्रिया

आधार (Aadhaar) इस समय हमारी पहचान का एक प्रमुख दस्तावेज बन गया है। इसके बिना कोई भी वित्तीय काम करना आसान नहीं है। बैंक में अकाउंट (Bank Account) खुलवाने से लेकर किसी सरकारी योजना (Government Schemes) का लाभ लेने तक के लिए आधार की जरूरत पड़ती है। देश के किसी भी नागरिक को उसके जीवनकाल में आधार एक ही बार जारी किया जाता है।

नई दिल्ली। आधार (Aadhaar) इस समय हमारी पहचान का एक प्रमुख दस्तावेज बन गया है। इसके बिना कोई भी वित्तीय काम करना आसान नहीं है। बैंक में अकाउंट (Bank Account) खुलवाने से लेकर किसी सरकारी योजना (Government Schemes) का लाभ लेने तक के लिए आधार की जरूरत पड़ती है। देश के किसी भी नागरिक को उसके जीवनकाल में आधार एक ही बार जारी किया जाता है। नागरिकों को आधार जारी करने का काम UIDAI करती है। कई बार हमारे आधार पर हमसे जुड़ी गलत जानकारियां प्रिंट हो जाती हैं।

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प्रिंट होने का मतलब है कि आधार के डेटा बेस में भी गलत जानकारी ही स्टोर होगी। ऐसे में UIDAI इसे सुधार या अपडेट कराने की सुविधा देती है। आप अपने आधार में आसानी से नाम-पता अपडेट करवा सकते हैं।

कितनी लगती है फीस?

UIDAI ने बताया कि आप आसानी से डेमोग्राफिक विवरण (नाम, पता, जन्म की तारीख, लिंग, मोबाइल व ईमेल) 50 रुपये का शुल्क देकर अपडेट करवा सकते हैं। बायोमेट्रिक अपडेट के लिए आपको 100 रुपये का भुगतान करना होगा। यदि आपसे अतिरिक्त शुल्क लिया जाता है, तो आप नीचे दिया गए लिंक (https://resident.uidai.gov.in/file-complaint) का इस्तेमाल कर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

आप ऑनलाइन भी नाम पता अपडेट करवा सकते हैं, लेकिन बायोमेट्रिक अपडेट पास के आधार केंद्र में जाना होगा। नए नियम के तहत किसी भी नागरिक को आधार नंबर प्राप्त करने के 10 साल बाद उसे अपडेट करवाना होगा।

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ऑनलाइन ऐसे करें एड्रेस अपडेट

आधार सेल्फ सर्विस अपडेट पोर्टल पर जाएं और ‘प्रोसीड टू अपडेट एड्रेस’ विकल्प पर क्लिक करें।

आधार नंबर, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ओटीपी का उपयोग करके लॉग इन करें।

‘एड्रेस अपडेट करने के लिए आगे बढ़ें’ पर क्लिक करें।

12 अंकों का आधार नंबर दर्ज करें और ‘ओटीपी भेजें’ पर क्लिक करें।

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ओटीपी दर्ज करें और लॉगिन करें।

‘अपडेट न्यू एड्रेस प्रूफ’ विकल्प को सलेक्ट करने के बाद नया पता दर्ज करें।

इसके बाद एड्रेस प्रूफ के रूप में जमा किए जाने वाले दस्तावेज सलेक्ट करें।

एड्रेस प्रूफ की स्कैन कॉपी अपलोड करें और ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक करें।

आधार अपडेट रिकवेस्ट स्वीकार हो जाएगा और एक 14-अंक अपडेट रिकवेस्ट नंबर जेनरेट हो जाएगा।

दो बार ही कर सकते हैं बदलाव

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आधार कार्ड (Aadhar card) में 12 अंकों की एक विशिष्ट संख्या होती है जिससे संबंधित नागरिक की जानकारियों का पता चलता है। इसमें एड्रेस, माता-पिता का नाम, उम्र समेत कई डिटेल्स होते हैं। UIDAI ने किसी भी आधारकार्ड होल्डर (Aadhar Card Holder)के लिए एड्रेस बदलने के लिए लिमिट तय कर रखी है। UIDAI के अनुसार कोई आधारकार्ड होल्डर (Aadhar Card Holder) अपने आधार डेटा में जीवनभर में सिर्फ दो बार ही आपना नाम बदलवा सकता है। साथ ही आधार में आप सिर्फ एक बार ही अपनी जन्मतिथि बदलवा सकते हैं। आधार डेटा में आप बार-बार अपना नाम नहीं बदल सकते हैं।

बीमारियों से घिरी सुधा जी को घरेलू नुस्खों में मिला सटीक इलाज

आम तौर पर हमारे या आपके दिमाग में बुढ़ा, बुजुर्ग या बुढ़ापे की जो एक इमेज है वो 50 साल से शुरू हो जाती है अक्सर हम यही कल्पना करते हैं कि अगर किसी की उम्र 60 या 70 के बीच की हो या उससे ज्यादा तब तो वो उम्र के उस पड़ाव पर पहुच ही चुका होगा जहां उसे किसी ना किसी सहारे की जरूरत पड़ेगी ही लेकिन इस थयुरो को हरियाणा के कुरुक्षेत्र की रहने वाली सुधा जी ने बदल कर रख दी है। सुधा जी 70 साल की हैं लेकिन बुढ़ापा और उनका दूर दूर तक ताल्लुक नहीं है।सुधा जी की ये प्रेरणा दायक कहानी उन सभी को पढ़नी चाहिए जो उम्र के आगे घुटने टेक चुके हैं।

हरियाणा के कुरुक्षेत्र की रहने वाली 70 साल की सुधा जी अपने आप में ही एक मिसाल हैं।सुधा जी को देख कर नारी शक्ति का आभास होता है। सुधा जी एक पढ़ी-लिखी सुशिक्षित और कुशल गृहणी है। अपने बेटों और बेटियों की सुपरमॉम हैं तो अपने बहुओं के लिए Iron lady हैं। सुधा जी ऊर्जावान, तेजस्वी, आत्मविश्वासी महिला हैं जिन्होंने अपने बच्चों को ना सिर्फ अच्छी परवरिश दी बल्कि उन्हें जीवन में एक मुकाम पर पहुंचाने में कामयाब हुईं। सुधा जी अपने जीवन में संघर्ष कामयाबी और ना जाने कितने पड़ाव से गुजर कर अब उम्र (70)के इस पड़ाव पर आ चुकी हैं, जहां शरीर में बाहरी ही नहीं अंदरूनी तौर पर भी कई बदलाव आते हैं। इस उम्र में ज्यादातर लोगों को बुढ़ापे से होने वाली समस्याओं से गुजरना पड़ता है। बुढ़ापा आते ही शरीर का मेटावॉलिजम कमजोर हो जाता है साथ ही बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। https://bit.ly/3QRwslX

एक वक्त आया जब सुधा जी का शरीर बीमारियों का घर हो गया। सरवाइकल, बीपी, कोलेस्ट्रॉल, थायरॉइड युरिक एसिड का बढ़ना और ना जाने कितनी बीमारियों ने उन्हें घेर लिया। उम्र बढ़ रही तो चेहरे पर झुर्रियां और बालों का सफेद होना भी तय ही था। सुधा जी अपने जिन-जिन तकलीफों से गुजर रहीं थी उसका वो नियमित रूप से इलाज भी करवा रहीं थीं, लेकिन उन्हें वो फायदा ही नहीं हुआ। उन्होंने भी सोच लिया था कि ये उम्र का तकाजा है,अब ऐसे ही उन्हें जिंदगी गुजारनी है, लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था, और ऊपर वाले ने भी उन्हें अभी दूसरों की सेवा के लिए स्वस्थ रखना था। https://bit.ly/3SSJ1zr

सुधा जी का एक दिन टीवी के माध्यम से हकीम सुलेमान खान साहब से जुड़ना हुआ, और उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई। उन्होंने पहले हकीम साहब द्वारा बताए घरेलू नुस्खों को अपनाया जिससे उन्हें काफी आराम मिला, वक्त गुजरता गया और वो हर नुस्खों को आजमाती गईं। आज सुधा जी को देखने वाले ये कह ही नहीं सकते है कि उनकी उम्र 70 साल की हैं, वो हर तरह से फिट और चुस्त हैं।सुधा जी बताती हैं कि उनके सेहत का राज सिर्फ और सिर्फ हकीम साहब का बताया गया घरेलू नुस्खा है ।सुधा जी ने हकीम साहब के नुस्खे से अपने घर में ही कई लोगों का इलाज किया। सुधा जी बताती हैं कि उनके बेटे को कान की समस्या इतनी बढ़ गई थी कि डॉक्टर ने ऑपरेशन तक के लिए कह दिया था हालंकि उन्होंने हकीम साहब द्वारा बताए गए नुस्खों से अपने बेटे को बिलकुल ठीक कर लिया। सुधा जी हकीम साहब के नुस्खों से इतनी प्रभावित हैं कि वो अब कोई भी नुस्खा अपने तक नहीं रखती बल्कि जरूरतमंदों तक पहुंचाने का काम कर रही हैं। नुस्खा और दवाई अब उनके रिश्तेदार और पड़ोसी भी इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे उन्हें काफी हद तक फायदा पहुंचा है।

Kevin O’Leary ने FTX में निवेश क्यों किया? | CZ का विवरण

Kevin O’Leary ने FTX

क्रिप्टो एक्सचेंज FTX के नतीजे ने कई प्रमुख आंकड़ों के नामों का खुलासा किया है जो प्रायोजन सौदों या निवेशकों के रूप में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसमें शामिल थे।

हाल ही में, शार्क टैंक स्टार Kevin O'Leary ने CNBC के साथ एक साक्षात्कार में खुलासा किया कि उसने लगभग 15 मिलियन डॉलर खो दिए हैं जो अब दिवालिया क्रिप्टो एक्सचेंज FTX ने उसे अपने आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में भुगतान किया था।

Kevin O'Leary ने सहमति व्यक्त की कि जोड़ने से पहले सौदे की कुल राशि लगभग $15 मिलियन थी: "मैंने क्रिप्टोकरंसी में लगभग $9.7 मिलियन का निवेश किया है। मैंने यही सोचा था कि मैं हार गया। मुझे यकीन नहीं है। सब कुछ शून्य पर है।

हालाँकि, वह अभी भी व्यापक क्रिप्टो उद्योग के बारे में आशावादी है। उन्होंने हाल ही में ट्वीट किया कि "यह संपूर्ण FTX क्रिप्टो की दीर्घकालिक क्षमता के संदर्भ में कुछ भी नहीं बदलता है।" क्रिप्टोकरंसी उद्योग के प्रति सकारात्मक रवैया दिखाने के बावजूद, Binance के सीईओ CZ ने Kevin O'Leary की आलोचना की।

CZ ने Kevin O'Leary की आलोचना की

09 दिसंबर को, Binance सीईओ CZ ने एक ट्विटर थ्रेड में FTX और सैम बैंकमैन-फ्राइड के साथ O'Leary के कनेक्शन की आलोचना की। CZ ने दावा किया कि O'Leary, जो कभी क्रिप्टोकरंसी को लेकर शंका थी, उन्होंने अब-निष्क्रिय एक्सचेंज से $15 मिलियन का भुगतान प्राप्त करने के बाद अपना रास्ता बदल लिया है।

CZ ने बताया कि कंपनी 1.5 साल पहले जुलाई 2021 में क्रिप्टो एक्सचेंज FTX से बाहर निकल गई थी। तब से, FTX ने कई कंपनियों में $5.5 मिलियन से अधिक का निवेश किया है। FTX ने मियामी स्टेडियम, विभिन्न सुपर बाउल विज्ञापनों, बेसबॉल रेफरी और फॉर्मूला वन रेसिंग जैसी खेल साझेदारी पर भी पैसा खर्च किया।

सैम बैंकमैन-फ्राइड ने बड़े राजनीतिक चंदे भी दिए और हाई-एंड रियल एस्टेट खरीदे। उन्होंने अपने हेज फंड Alameda Research के माध्यम से ग्राहकों के धन का गलत इस्तेमाल हुआ।

हालांकि, O'Leary ने अभी भी SBF के लिए अस्पष्ट समर्थन व्यक्त किया है, यह दावा करते हुए कि वह यह नहीं समझता है कि लोग कैसे "कोशिश करने से पहले ही कह सकते हैं कि वह दोषी है।" CZ ने आगे कहा कि O'Leary SBF को संदेह का लाभ देने के लिए वह केवल एक "पोस्टर चाइल्ड" था जिसका उपयोग धोखाधड़ी को वैध बनाने के लिए किया जाता था।

Binance CEO ने आगे कहा कि Binance के FTX से बाहर निकलने के बाद, SBF ने मुख्य रूप से मीडिया, नीति निर्माताओं और केविन जैसी मशहूर हस्तियों में दोस्तों में निवेश किया। Binance CEO का मानना है कि SBF ने क्रिप्टो उद्योग में उनकी और अन्य लोगों की आलोचना करके जनता की राय में हेरफेर किया।

CZ ने FTX की तुलना Binance से की, यह दावा करते हुए कि कहा दसवां हिस्सा होने के बावजूद, वे मार्केटिंग, पार्टियों और यात्राओं पर 100 गुना अधिक खर्च करते हैं। CZ ने तब कहा था कि मार्केटिंग पर कम खर्च करने के बावजूद इसका कई न्यायालयों में एक गढ़ है और इसके पास किसी भी अन्य क्रिप्टो एक्सचेंज की तुलना में अधिक नियामक लाइसेंस हैं। बड़ा क्रिप्टो समुदाय वर्तमान में इस ट्विटर थ्रेड पर Kevin की टिप्पणी की प्रतीक्षा कर रहा है। हालाँकि, CZ थ्रेड FTX पतन में एक नया अध्याय जोड़ता है, जिसके बारे में विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें कई और लिंक हैं।

पोल से पता चलता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था उथली मंदी की ओर बढ़ रही है: यहां इसका मतलब है

पोल से पता चलता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था उथली मंदी की ओर बढ़ रही है: यहां इसका मतलब है

रॉयटर्स के एक नए सर्वेक्षण से पता चलता है कि अर्थशास्त्रियों के एक बड़े बहुमत ने कहा कि संयुक्त राज्य की अर्थव्यवस्था आगामी वर्ष में कुछ समय के लिए एक छोटी और उथली मंदी की ओर बढ़ रही है। यह तब आता है जब देश में बढ़ती मुद्रास्फीति देखी जा रही है जो चार दशक के उच्च स्तर पर थी, फेडरल रिजर्व ने इस साल की शुरुआत से इसका मुकाबला करने के लिए कई ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की।

मंदी और उथली मंदी क्या है?

मंदी अलग-अलग डिग्री में हो सकती है और अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव छोड़ सकती है; आम तौर पर जब एक अर्थव्यवस्था नकारात्मक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगातार दो तिमाहियों का सामना करती है, तो यह कहा जा सकता है कि एक देश मंदी का सामना कर रहा है। हालाँकि, चर्चा के आसपास कई अतिरिक्त सूत्र और जटिलताएँ हैं।

उदाहरण के लिए, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, COVID-19-प्रेरित मंदी केवल दो महीने तक चला जो अप्रैल 2020 में आर्थिक गतिविधि में गिरावट के बाद रिकॉर्ड पर सबसे छोटे चक्रों में से एक है। (एनबीआर)।

अन्य संकेतकों में, NBER गैर-कृषि पेरोल, खुदरा बिक्री और औद्योगिक उत्पादन के लिए खाता है, हालांकि, निजी गैर-लाभकारी अनुसंधान समूह ने यह भी कहा कि उपायों और संकेतकों के बारे में “कोई निश्चित नियम” नहीं हैं जो प्रक्रिया में जानकारी का योगदान करते हैं या वे कैसे हैं उनके निर्णयों में भारित।

मंदी की समूह की परिभाषा “आर्थिक गतिविधि में महत्वपूर्ण गिरावट है जो अर्थव्यवस्था में फैली हुई है और जो कुछ महीनों से अधिक समय तक चलती है,” वे यह भी मानते हैं कि इस मंदी की गहराई, प्रसार और अवधि को व्यक्तिगत रूप से पूरा करने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, एनबीईआर ने कहा, “एक मानदंड द्वारा प्रकट की गई चरम स्थिति आंशिक रूप से दूसरे से कमजोर संकेतों को ऑफसेट कर सकती है।”

विशेष रूप से, आधिकारिक कॉल यह दर्शाता है कि मंदी की घटना पहले ही घटित होने के बाद कम से कम एक वर्ष या उससे अधिक समय तक एक अर्थव्यवस्था में मंदी देखी जा रही है। इसलिए, एक अन्य दृष्टिकोण, जो मंदी की शुरुआत का निर्धारण करने पर अधिक केंद्रित है, रोजगार-आधारित सहम नियम है, जो कहता है कि जब बेरोजगारी दर का तीन महीने का रोलिंग औसत अपने निचले स्तर से आधा अंक बढ़ जाता है, तो एक अर्थव्यवस्था मंदी में प्रवेश कर जाती है। .

यह नियम एक पूर्व फेड अर्थशास्त्री क्लाउडिया साहम द्वारा बनाया और नामित किया गया था और इसका उपयोग मंदी की शुरुआत को निर्धारित करने के लिए किया जाता था, जो आधिकारिक कॉलों की तुलना में तेज है। COVID-19-प्रेरित मंदी के पूर्वोक्त उदाहरण के विपरीत, कुछ अन्य मंदी अर्थव्यवस्था के लिए गहरी और भयावह हो सकती हैं जैसे कि ग्रेट मंदी या मंदी जिसका प्रभाव इतना प्रतिकूल था कि श्रम को पुनर्जीवित करने में कथित तौर पर एक दशक या उससे अधिक समय लग गया। मंडी।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था के एक में प्रवेश करने की अटकलें “उथली मंदी” पिछले कुछ महीनों से है, यह वह जगह है जहां आर्थिक विकास केवल मामूली और सीमित समय के लिए सिकुड़ता है। यह फेड द्वारा ब्याज दरों में लगातार 375 आधार अंकों की बढ़ोतरी के बाद आया है, जो इस साल की शुरुआत में मार्च में पहली बार हुई थी, जिसने आसन्न मंदी के बारे में चिंता जताई है।

रॉयटर्स पोल: अधिकांश अर्थशास्त्री उथली और छोटी मंदी की उम्मीद करते हैं

रॉयटर्स ने 2 से 8 दिसंबर के बीच 84 अर्थशास्त्रियों का सर्वेक्षण किया, जिन्होंने सर्वसम्मति से फेड से 14 दिसंबर को ब्याज दर में 50 आधार अंकों की वृद्धि की उम्मीद की। चूंकि मुद्रास्फीति की दर केंद्रीय बैंक के दो प्रतिशत लक्ष्य से काफी ऊपर चल रही है। हालांकि, ब्याज दरों में 75 आधार अंकों की बढ़ोतरी के बाद लगातार चौथी बारअर्थशास्त्रियों का मानना ​​है कि यह इस बार 4.25 प्रतिशत से 4.50 प्रतिशत की “थोड़ी नरम” बढ़ोतरी होगी।

अर्थशास्त्री जो एक समूह के रूप में मंदी के अपने पूर्वानुमान के साथ धीमे हो सकते हैं, जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, ने यह भी कहा है कि आगामी एक या दो वर्षों में मंदी की संभावना कम से कम 70 प्रतिशत है जो पिछले सर्वेक्षण से सात प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट कहा। इसके अलावा, 48 अर्थशास्त्रियों में से 35 ने कहा कि मंदी उथली और छोटी होगी, जबकि आठ अर्थशास्त्रियों ने कहा कि यह लंबी और उथली होगी और चार ने कहा कि कोई मंदी नहीं होगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति कम से कम 2026 तक फेड के लक्ष्य से अधिक रहने की उम्मीद है, और जबकि श्रम बाजार मजबूत बना हुआ है, बड़ा जोखिम यह था कि दरें उम्मीद से अधिक और बाद में चरम पर होंगी। जबकि कुछ अर्थशास्त्री उम्मीद कर रहे हैं कि फेड फंड की दर अगले साल की शुरुआत में 4.75 प्रतिशत से पांच प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, 72 में से कम से कम 24 ने कहा कि उनका मानना ​​​​है कि यह अधिक हो जाएगा।

यह एक धीमी अर्थव्यवस्था के संकेतों बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है? के बीच आता है विशेष रूप से आवास बाजार जो अमेरिका में 2008 की मंदी का केंद्र था। कथित तौर पर, नौ महीने के लिए सीधे घर की बिक्री में कमी आई है। इसके अतिरिक्त, तिमाही (जीडीपी) पूर्वानुमान प्रदान करने वाले 45 अर्थशास्त्रियों में से 27 ने आगामी वर्ष में लगातार दो तिमाहियों या उससे अधिक के लिए आर्थिक विकास में संकुचन का अनुमान लगाया है।

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