जानिए चालू और बचत खाते के फायदे (फोटो-Freepik)

हमारा संविधान: अनुच्छेद-19 (1) (6) व्यापार, व्यवसाय और व्यापार या पेशा का अधिकार

वीडियो: क्या कुछ व्यापारों पर सरकार एकाधिकार कर सकती है? क्या शराब का व्यापार, मूल अधिकार माना जा सकता है? क्या कोई व्यक्ति पटाखे बनाने की फैक्ट्री को मूल अधिकार के रूप में मांग कर सकता है? क्या शैक्षणिक संस्थान चलाने वाले व्यापार कर रहे है? इन सभी सवालों पर हमारा संविधान क्या कहता है समझा रही हैं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल.

मुद्रा और साख

बैंक निम्नलिखित कर्ज़दारो को निम्नलिखित कारणों से उधार देने के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं:

(i) बैंकों को उचित दस्तावेज और ऋणाधार के रूप में ऋण के खिलाफ सुरक्षा की आवश्यकता है। कुछ व्यक्ति इन आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल होते हैं।

(ii) वो कर्ज़दार जिन्होंने पिछली ऋण का भुगतान नहीं किया है, हो सकता है कि बैंक उन्हें और अधिक उधार देने के लिए तैयार न हों।

(iii) बैंक उन उद्यमियों को उधार देने के लिए तैयार नहीं होंगे जो उच्च जोखिम वाले व्यापार में निवेश करने जा रहे हैं।

10 रुपये के नोट पर निम्न पंक्ति लिखी होती है, “मैं धारक स्विंग व्यापारी क्यों विफल होते हैं को दस रुपये अदा करने का वचन देता हूँ।“ इस कथन के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर का दस्तखत होता है। यह कथन दर्शाता है कि रिजर्व बैंक ने उस करेंसी नोट पर एक मूल्य तय किया है जो देश के हर व्यक्ति और हर स्थान के लिये एक समान होता है।

भारतीय रिजर्व बैंक ऋण के औपचारिक स्रोतों के कामकाज की निगरानी करता है। उदाहरण के लिए, हमने देखा की बैंक अपनी जमा का एक न्यूनतम नकद हिस्सा अपने पास रखते हैं। आर.बी.आई. नज़र रखता हैं कि बैंक वास्तव में नकद शेष बनाए हुए हैं। आर.बी.आई. इस पर भी नज़र रखता हैं कि बैंक केवल लाभ अर्जित करने वाले व्यावसायियों और व्यापारियों को ही ऋण मुहैया नहीं करा रहे, बल्कि छोटे किसानों, छोटे उद्योगों, छोटे कर्ज़दारों इत्यादि को भी ऋण दे रहे हैं । समय समय पर, बैंकों द्वारा आर.बी.आई.को यह जानकारी देनी पड़ती है कि वे कितना और किनको ऋण दे रहे हैं और उसकी ब्याज की दरें क्या है?

निम्नलिखित कारणों से भारतीय रिजर्व बैंक का अन्य बैंकों की गतिविधियों पर नज़र रखना आवश्यक है:
(i) भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केंद्रीय बैंक है। यह भारत के बैंकिंग सेक्टर के लिये नीति निर्धारण का काम करता है।

(ii) यह लोगों की बैंक में जमा राशि की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।

(iii) यह पूरे देश में आर्थिक आंकड़ों के संग्रह में मदद करता है।

(iv) बैंकों की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करके रिजर्व बैंक न केवल बैंकिंग और फिनांस को सही दिशा में ले जाता है बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था को भी सुचारु ढंग से चलने में मदद करता है।

जिस व्यक्ति के पास मुद्रा है, वह इसका विनिमय किसी भी वस्तु या सेवा खरीदने के लिए आसानी से कर सकता है। आवश्यकताओं का दोहरा सयोंग विनिमय प्रणाली की एक अनिवार्य विशेषता है। जहाँ मुद्रा का उपयोग किये बिना वस्तुओं का विनिमय होता है। इसकी तुलना में ऐसी आर्थव्यवस्था जहाँ मुद्रा का प्रयोग होता स्विंग व्यापारी क्यों विफल होते हैं है, मुद्रा महत्वपूर्ण मध्यवर्ती भूमिका प्रदान करके आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की ज़रूरत का खत्म कर देती है।

उदहारण: जूता निर्माता के लिए ज़रूरी नहीं रह जाता की वो ऐसे किसान को ढूंढे, जो न केवल उसके जूते ख़रीदे बल्कि साथ-साथ उसको गेहूँ भी बेचे। उससे केवल अपने जूते के लिए खरीददार ढूँढ़ना हैं। एक बार उसने जूते, मुद्रा में बदल लिए तो वह बाज़ार में गेहूँ या अन्य कोई वस्तु खरीद सकता है।

बैंक अपनी जमा राशि का केवल एक छोटा हिस्सा अपने पास नकद के रूप में रखते हैं। बैंक जमा राशि के एक बड़े भाग को ऋण देने के लिए इस्तेमाल करते हैं। विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के लिए ऋण की भारी मांग रहती है। बैंक जमा राशि का लोगों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

इस तरह , बैंक जिनके पास अतिरिक्त राशि है (जमाकर्ता) एवं जिन्हें राशि की ज़रूरत है (कर्जदार) के बीच मध्यस्थता का काम करते हैं।

बैंक जमा पर जो ब्याज देते हैं उससे ज़्यादा ब्याज ऋण पर लेते हैं। कर्जदारों के लिए गए ब्याज और जमाकर्ताओं को दिए गए ब्याज के बीच का अंतर बैंकों की आय का प्रमुख स्त्रोत है।

यह बिल्कुल सही हैं की उच्च जोखिम वाली परिस्थितियों में ऋण कर्जदार के लिए समस्याएँ हल करने की बजाए और समस्याएँ खड़ी कर सकता हैं।

(i) उधारकर्ता को मूलधन के साथ-साथ उधारदाताओं को ब्याज पर भी ब्याज का भुगतान करना था।

(ii) उधारकर्ता अदालती ऋण लेने वाले के खिलाफ अपने मूलधन और ब्याज को पुनः प्राप्त करने के लिए जा सकते हैं।

(iii) कभी-कभी, ऋणदाता बैंक या सहकारी सोसायटी या क्रेडिट की कोई अनौपचारिक एजेंसी के साथ गठित संपार्श्विक के रूप में सुरक्षा या परिसंपत्तियों को बेच सकता है।

फेल होने पर न मानें हार

विफलता सफलता की सीढ़ी है बजाय यह समझने के कुछ विद्यार्थी असफल होने पर हार मान बैठते हैं और आगे प्रयत्न ही नहीं करते. एक बार फेल होने का मतलब यह नहीं कि सफलता पर फुलस्टौप लग गया है.

आप किसी परीक्षा में शामिल हुए और उस का परिणाम आप के पक्ष में नहीं आया अर्थात आप फेल हो गए, तो इस से निराश न हों और न ही आगे पढ़ने का विचार छोड़ें, क्योंकि ऐसा करना बुद्धिमानी नहीं है. फेल होने पर हार नहीं माननी चाहिए. कुछ विद्यार्थी फेल होने का सदमा बरदाश्त नहीं कर पाते और उन के मन में असफलता के कारण बारबार आत्महत्या के विचार आने लगते हैं. कुछ कायर किस्म के परीक्षार्थी इस छोटी सी असफलता की वजह से सुसाइड तक कर लेते हैं, जोकि निंदनीय है. माना कि अच्छा परीक्षा परिणाम न आने पर आप टूट जाते हैं. ऐसे में आप या तो खुद को कोसते हैं या फिर मूल्यांकनकर्ता को, लेकिन ऐसा करने से कुछ हासिल नहीं होता. परीक्षा में अंक उसी के मिलते हैं जो आप ने कौपी में लिखा है. अत: मूल्यांकनकर्ता को कोसने से कुछ नहीं होगा.

फेल होने पर क्या करें

हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती. दुनिया का सब से छोटा जीव है चींटी. वह अपने लक्ष्य की प्राप्ति की खातिर दीवार पर बारबार चढ़ती है, गिरती है, फिर चढ़ती है. उस का यह सिलसिला तब तक अनवरत जारी रहता है, जब तक वह अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेती. जब चींटी जैसा छोटा सा जीव कभी हिम्मत नहीं हारता, तो फिर आप तो इंसान हैं. एकदो बार की असफलता मात्र से हार कैसे मान सकते हैं? ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो विज्ञान विषय ले कर परीक्षा देते हैं लेकिन पास नहीं हो पाते. इस के बाद वे वाणिज्य विषय का विकल्प चुनते हैं, लेकिन उस में भी सफल नहीं हो पाते. फिर कला या सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में कोशिश करते हैं लेकिन यहां भी उन्हें सफलता नहीं मिलती. अंतत: वे हार मान लेते हैं. काश, वे एक ही मैदान में यानी एक विषय से परीक्षा देते और एकदो बार की विफलता से विचलित न होते तो अवश्य सफल हो सकते थे.

असफलता को बनाएं सफलता की सीढ़ी

यदि आप किसी परीक्षा में असफल हुए हैं तो उसी असफलता को अपनी सफलता की सीढ़ी बनाएं. जी हां, स्विंग व्यापारी क्यों विफल होते हैं सफलता की राह असफलता से ही निकलती है. आवश्यकता केवल अपनी कमजोरी को पहचानने और उस के अनुसार अपनी पढ़ाई में स्विंग व्यापारी क्यों विफल होते हैं बदलाव लाने की है. कुछ छात्र फेल हो जाने पर सोचते हैं कि अब कुछ नहीं हो सकता, लेकिन फेल होने से दुनिया खत्म नहीं हो जाती, इसलिए आंखों के सामने अंधियारा न लाएं. हर रात के बाद सुबह होती है, जो आशा की एक नई किरण ले कर आती है. आप सुबह होने का इंतजार कीजिए. प्रयास निरंतर जारी रखिए. आप के प्रयास जरूर एक दिन सफल होंगे. ऐसे बहुत से उदाहरण हैं, जो बच्चे शुरुआत में पढ़ाई में बहुत कमजोर यानी फिसड्डी थे, लेकिन जब उन्होंने मन पढ़ने में लगाया तथा पढ़ाई को गंभीरता से लिया और उस के बाद वे न केवल उत्तीर्ण हुए बल्कि फर्स्ट भी आने लगे, यदि एकदो बार फेल होने से वे अपनी पढ़ाई छोड़ देते तो उन का भविष्य या कैरियर स्विंग व्यापारी क्यों विफल होते हैं चौपट हो जाता. सफलता के लिए एक बार नहीं, बारबार कोशिश करनी पड़ती है.

कारण व समाधान ढूंढ़ें

क्या आप जानते हैं कि हम फेल क्यों होते हैं? इस का सब से बड़ा कारण विषयों का गलत चयन है. कई बार आप पेरैंट्स या अन्य किसी के दबाव में आ कर या किसी की देखादेखी ऐसे विषयों का चुनाव कर लेते हैं जिन में या तो आप की रुचि नहीं है या फिर वे इतने कठिन हैं कि उन्हें समझ पाना आप के सामर्थ्य के बाहर है. ऐसे में आप का फेल होना तय है. इसलिए समझदारी इसी में है कि विषयों का चयन बिना किसी दबाव के अपनी रुचि और सामर्थ्य के अनुसार करें. अपने मन मुताबिक विषयों को यदि आप चुनते हैं तो आप को सफलता अवश्य मिलेगी और आगे चल कर आप अच्छा कैरियर बना सकते हैं. एकदो बार की विफलता से हताश हो कर अपने उत्साह में कमी नहीं आने देनी चाहिए. यदि आप में आगे बढ़ने का उत्साह बरकरार है, तो आप फेल होने पर भी हार नहीं मानेंगे और पास हो कर ही दम लेंगे.

VIDEO : फंकी पाइनएप्पल नेल आर्ट

ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTube चैनल.

सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट, जानिए किसमें खाता खोलना होगा बेहतर

सेविंग अकाउंट या बचत खाता लोगों को पैसे जमा करने के साथ ही पैसे सेव और समय के साथ अपने धन को बढ़ाने या बनाने में मदद करने के साथ-साथ खाताधारकों को अन्य लेनदेन करने और बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करता है।

सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट, जानिए किसमें खाता खोलना होगा बेहतर

जानिए चालू और बचत खाते के फायदे (फोटो-Freepik)

देश के सभी बैंक लोगों को कई तरह के खाते खोलने का विकल्‍प देते हैं। इसमें सबसे ज्‍यादा सेविंग और करंट अकाउंंट में खाता सबसे अधिक खोला जाता है, लेकिन ज्‍यादातर लोगों को इन दो अकाउंट को लेकर कंफ्यूजन होता है कि किसमें आपको अधिक फायदा मिलेगा और कौन आपके लिए बेहतर विकल्‍प हो सकता है। हालांकि दोनों प्रकार के खातों के अलग-अलग फायदे हैं।

सेविंग अकाउंट या बचत खाता (Savings account)

सेविंग अकाउंट या बचत खाता लोगों को पैसे स्विंग व्यापारी क्यों विफल होते हैं जमा करने के साथ ही पैसे सेव और समय के साथ अपने धन को बढ़ाने या बनाने में मदद करने के साथ-साथ खाताधारकों को अन्य लेनदेन करने और बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करता है। इसे ज्‍यादातर सैलरी पाने वाले लोगों द्वारा यूज में लाया जाता है। इसमें सीमित संख्या में निकासी होती है, जिसे बैंक द्वारा निर्धारित किया जा सकता है (आमतौर पर, 3 और 5 के बीच) बिना अतिरिक्त शुल्क के निकासी की जा सकती है।

बचत खाता पर ब्‍याज की भी सुविधा दी जाती है। वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 2.75 प्रतिशत से 4 प्रतिशत और निजी बैंकों में 2.75 प्रतिशत से 6.75 प्रतिशत के बीच है। वहीं कुछ बैंकों ने बचत खाते को आरबीआई के रेपो रेट से जोड़ा है, जिससे जब रेपो रेट में संशोधन होगा ब्‍याज दर बढ़ेगी।

Mainpuri By-Election: शिवपाल के करीबी, तीन हथियारों के मालिक, जानिए कितनी प्रॉपर्टी के मालिक हैं डिंपल के खिलाफ लड़ रहे BJP उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य

T20 World Cup: फिक्सिंग इस वजह से हुई थी, सबको डर था…, पाकिस्तान की हार के बाद जावेद मियांदाद ने फोड़ा ‘बम’

Raj Yog: समसप्तक राजयोग बनने से इन 3 राशि वालों की चमक सकती है किस्मत, ग्रहों के सेनापति मंगल देव की रहेगी विशेष कृपा

चालू खाता (Current account)

एक चालू खाता भी बचत खाते की तरह एक प्रकार का जमा खाता है, लेकिन ज्‍यादा पैसों की लेनदेन के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह खाता ज्‍यादातर व्यवसायों, उद्यमियों, संस्थानों और अन्य बड़ी संस्थाओं द्वारा खोला जाता है, जो प्रतिदिन के हिसाब से अधिक लेनदेन करते हैं। हालांकि, बचत खाते के विपरीत, एक चालू खाता शून्य-असर वाले ब्याज खाते हैं, लेकिन खाताधारकों को एक ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान किया जाता है।

जानिए कौन सा होगा बेहतर?

ब्याज दरें: बचत खातों में खाते में जमा राशि पर अलग-अलग ब्याज दरें होती हैं। कई डिजिटल बचत खाते भी हैं, जो बैंकों द्वारा सुरक्षा के आश्वासन के साथ उच्च ब्याज दरों पर स्विंग व्यापारी क्यों विफल होते हैं पेश किए जाते हैं। चालू खातों में जमा धन पर कोई ब्याज नहीं मिलता है।

न्यूनतम शेष और अतिरिक्त शुल्क: बचत और चालू खातों दोनों पर रखरखाव और निकासी से जुड़े शुल्क होंगे। वे बैंक के आधार पर अधिक या कम हो सकते हैं। हालांकि यह आवश्यक है कि आप न्यूनतम शेष राशि को जानते हैं, जिसे बनाए रखने की आवश्यकता है, और यदि आप इसे बनाए रखने में विफल रहते हैं तो जुर्माना लगाया जाता है।

जबकि बचत खातों में न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकताएं कम होती हैं, चालू खातों में अधिक न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकताएं होती हैं। चालू खातों के साथ आपको ओवरड्राफ्ट शुल्कों को भी ध्यान में रखना पड़ सकता है।

लेन-देन की संख्या: बचत खातों में सीमित संख्या में मुफ्त लेनदेन होते हैं, जिसके बाद शुल्क लागू हो सकते हैं, जबकि चालू खातों में किए जा सकने वाले लेनदेन की संख्या पर कोई सीमा नहीं होती है।

रेटिंग: 4.20
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 322