रिशाल जी से यह पूछने पर की बिजनेस लोन कहां से प्राप्त किया तो उन्होंने बताया कि उनको ZipLoan कंपनी से 7.5 लाख रुपये का बिजनेस लोन सिर्फ 3 दिन में मिला।
ट्रेडर्स के लिए बिजनेस लोन
ट्रेडर एक ऐसा कारोबार है जिसमे पूरा बिजनेस ही पैसे पर आधारित होता है। पैसे पर बिजनेस आधारित होने का मतलब है कि ट्रेडर्स थोक के मात्रा में प्रोडक्ट खरीदते हैं और उसे रिटेल दुकानदारों को बेच देते हैं। थोक में प्रोडक्ट खरीदने के लिए ट्रेडर्स में क्या क्या आता है? ट्रेडर्स कारोबारियों को एकमुश्त धन की जरूरत पड़ती है।
दिल्ली के चाँदनी चौक इलाके में लेडिज सूट के ट्रेडर्स व्यपारी रिशाल बताते हैं कि, “ट्रेडर्स चलाने के लिए वक्त पर धन होना एक जरूरी शर्त है। वक्त पर धन की जरूरत बिजनेस लोन के जरिये पूरी होती है”। यह पूछने की बिजनेस लोन के जरिये ही क्यों तो बताते हैं-
“बिजनेस लोन बहुत आसानी से मिल जाता है। बिजनेस लोन मिलने में अधिक समय भी नही लगता है। ऐसे में जब हमें पैसों की जरूरत होती है हम बिजनेस लोन लेते हैं और जब हमें हमारी पेमेंट मिलती है तो हम बिजनेस लोन की रकम वापस कर देते हैं”।
ZipLoan से ट्रेडर्स के लिए बिजनेस लोन
भारत में ट्रेडर्स में क्या क्या आता है? अब वह दिन लद गयें जब कारोबारी अधिक सूद पैसे सूदखोरों से पैसा लेते थे। अब सरकारी, प्राइवेट बैंकों के साथ ही गैर- बैंकिंग संस्थान (एनबीएफसी) कंपनियों से बहुत आसानी से बिजनेस लोन मिल तरह है।
एनबीएफसी कम्पनियां टेक्नोलॉजी आधारित होने के चलते लोन का प्रोसेस बहुत तेजी से पूरा करती हैं। देश की प्रमुख एनबीएफसी कंपनी ZipLoan से ट्रेडर्स कारोबारियों को 1 से 7.5 लाख तक का बिजनेस लोन सिर्फ 3 दिन में मिलता है।
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ZipLoan के बिजनेस लोन का प्रमुख लाभ और विशेषताएं
आरबीआई से पंजीकृत एनबीएफसी ZipLoan द्वारा ट्रेडर्स कारोबारियों के परेशानियों को समझा जाता है। उनके आर्थिक समस्या का समाधान के लिए 1 से 7.5 लाख तक का बिजनेस बहुत ही आसान प्रक्रिया के ट्रेडर्स में क्या क्या आता है? तहत दिया जाता है। ZipLoan से मिलने वाला बिजनेस लोन विशेषताएं निम्न हैं:
न्यूनतम कागजातों पर ट्रेडर्स में क्या क्या आता है? लोन | ZipLoan द्वारा ट्रेडर्स कारोबारियों के समय की कीमत को समझा जाता है। जितने समय में कारोबारी कागजी दस्तावेज इक्कठा करेंगे उतने समय में वह अपने बिजनेस में नई डील बना सकते हैं। |
ZipLoan द्वारा सिर्फ 4 कागजी दस्तावेजों पर ट्रेडर्स कारोबारियों को बिजनेस लोन दिया जाता है:
ट्रेडर्स कारोबारियों के लिए बिजनेस लोन की न्यूनतम पात्रता
अधिक से अधिक ट्रेडर्स कारोबारी को बिजनेस लोन मिलना सुनिश्चित करने के लिए ZipLoan द्वारा बिजनेस लोन देने की न्यूनतम पात्रता तय की गई है। पात्रता निम्न है:
- बिजनेस कम से कम दो साल पुराना हो
- बिजनेस की सालाना टर्नओवर 10 लाख से अधिक हो
- पिछले साल की फाइल आईटीआर 1.5 लाख से अधिक से हो
- घर या बिजनेस की जगह में से कोई एक खुद के नाम पर हो (यह ब्लड रिलेशन से संबंधित होने पर भी मान्य किया जाता है)
सिर्फ 3 दिन में बिजनेस लोन
ZipLoan कारोबारियों की जरूरत को समझता है। कारोबारी को जितना जल्दी पैसा मिलता है, कारोबारी उतना ही जल्दी अपना बिजनेस बढ़ाता है। इसलिए ZipLoan द्वारा सिर्फ 3 दिन* में बिजनेस लोन दिया जाता है।
प्री पेमेंट चार्जेस फ्री बिजनेस लोन
अक्सर ट्रेडर्स कारोबारी को माल खरीदने के लिए तत्काल पैसों की जरूरत होती है। हालाँकि कारोबारियों को जल्दी ही मुनाफा हो जाता है। जब कारोबारियों को मुनाफा या बेचे गये माल का पेमेंट मिल जाता है तो वह बिजनेस लोन की ब्याज से बचने के लिए लोन की रकम समय से पहले एक ही दिन में चुकाना चाहते हैं।
Demat और Trading अकाउंट में क्या फर्क होता है? स्टॉक ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो समझ लें ये कैसे होते हैं अलग
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दो अलग-अलग चीजें होती हैं. डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या शेयर को रख सकते हैं, वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट से आप ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.
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शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो आपको यह पता होना चाहिए कि आपके पास इसके लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट अकाउंट रखना स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए सबसे पहली शर्त है. इसके अलावा एक ट्रेडिंग अकाउंट भी है, जिसकी जरूरत आपके इन्वेस्टमेंट नेचर के हिसाब से पड़ती है. डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दो अलग-अलग चीजें होती हैं. डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या शेयर को रख सकते हैं, वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट से आप ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. इनका फर्क, इनका काम और इनका रोल समझना जरूरी है.
Demat Account क्या होता है?
डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है, जहां आप अपने शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होल्ड करके रख सकते हैं. डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है. डीमैट अकाउंट खोलने पर आपको एक ट्रेडर्स में क्या क्या आता है? एक डीमैट नंबर दिया जाता है जिससे आप अपना ट्रेड उसमें सेटल कर सकते हैं.
इसका काम कुछ-कुछ बैंक अकाउंट जैसा होता है, जहां आप अपना पैसा डिपॉजिट और विदड्रॉ कर सकते हैं. इसी तरह इस अकाउंट में सिक्योरिटी रखी जाती है और जरूरत पड़ने पर डेबिट और क्रेडिट किया जाता है.
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कोई शेयर हो, ऐसा कोई जरूरी नहीं है. आपके अकाउंट में ज़ीरो बैलेंस हो तो भी कोई दिक्कत नहीं है.
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है?
डीमैट अकाउंट के उलट अगर आपको स्टॉक ट्रेडिंग करनी है तो आपको इसके लिए ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ेगी. स्टॉक मार्केट में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयर में निवेश करना हो तो आप ट्रेडर्स में क्या क्या आता है? इस अकाउंट से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रेडिंग कर सकते हैं.
1. डीमैट अकाउंट आपके शेयर और असेट को डिमैटिरियलाइज्ड फॉर्म में रखने वाला अकाउंट होता है, जबकि ट्रेडिंग अकाउंट को आपके बैंक और डीमैट अकाउंट के बीच का लिंक माना जा सकता है.
2. डीमैट अकाउंट जहां बस असेट स्टोर करने के लिए खुलवाया जाता है, इससे कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता. वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट ट्रेड ट्रांजैक्शन करने के काम आता है.
3. डीमैट अकाउंट पर इन्वेस्टर्स को सालाना चार्ज देना होता है. ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, लेकिन चार्ज कंपनी पर भी निर्भर होता है कि वो आपसे चार्ज लेगी या नहीं.
डीमैट अकाउंट के बिना ट्रेडिंग अकाउंट, और ट्रेडिंग अकाउंट के बिना डीमैट अकाउंट रख सकते हैं?
आमतौर पर डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं. स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए ये दोनों ही अकाउंट जरूरी है. जब एक निवेशक शेयरों ट्रेडर्स में क्या क्या आता है? में ट्रेड करता है तो ये शेयर स्टोर करने के लिए उसे डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है.
हालांकि, अगर ट्रेडर बस ट्रेडिंग कर रहा है, जैसे कि वो इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग कर रहा है, तो वो ट्रेडिंग अकाउंट से भी हो जाता है, इसमें डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ती है.
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
इंट्राडे ट्रेडिंग को हम डे ट्रेडिंग भी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद लेता
है और उसी दिन में अपने शेयर को फायदे या नुकसान में बेच देता है। आसान शब्दों में कहें तो एक ट्रेडर 1 दिन में समान खरीदता है और उसी दिन में अपना सामान बेच देता है।
इसे कहते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग। इंट्राडे ट्रेडिंग का मकसद अचानक आई उछाल या गिरावट का लाभ उठाना होता है जिससे ट्रेडर समय रहते ही मुनाफा कमा सके।
इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर हर ट्रेडर्स में क्या क्या आता है? बार लाभ ही कमाए ऐसा संभव नहीं है ट्रेडर को इसमें नुकसान भी हो सकता है।
ट्रेडिंग में सबसे मुश्किल इंट्राडे ट्रेडिंग होती है इसलिए इसको अच्छी तरह स्टॉक मार्केट सीखने के बाद ही करना शुरू करना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक अपने पास रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है
पोजीशन ट्रेडिंग से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने के लिए शेयर की डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।
ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे पहले हमें स्टॉक ब्रोकर के पास जाना पड़ेगा। स्टॉक ब्रोकर हमारा ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट कर बैठे ऑनलाइन खोला जा सकता है।
नीचे हमने मशहूर स्टॉक ब्रोकर के लिंक दिए हैं जिन पर क्लिक करके आप अपना डिमैट अकाउंट घर से ही 15 मिनट में खोल सकते हैं।
भारत के मशहूर स्टॉक ब्रोकर:
फिर इसके बाद शेयर को बेचने और खरीदने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करवाने जरूरी है जिसके लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट के साथ अपना एक बैंक अकाउंट भी लिंक करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर हम कभी पैसों की जरूरत हो तो हम ट्रेडिंग अकाउंट में से बैंक अकाउंट में पैसा जमा ट्रेडर्स में क्या क्या आता है? ट्रेडर्स में क्या क्या आता है? करवा सकें।
यह जरूरी नहीं है कि हम अपना कोई नया बैंक अकाउंट ही खुलवाएं बैंक में अगर हमारे पास अपना कोई पुराना खाता भी है तो हम उसको भी लिंक करवा सकते हैं। इससे हमारे शेयर का जो Dividend होगा उसके हकदार हम होंगे और उसकी राशि हमारे इसी बैंक अकाउंट में जाएगी।
शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद
- News18Hindi
- Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST
मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों ट्रेडर्स में क्या क्या आता है? के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.
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