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India Ratings: बड़ा झटका! घर खरीदना होगा और महंगा 12 फीसदी तक बढ़ सकते हैं दाम
By: ABP Live | Updated at : 25 Apr 2022 10:42 PM (IST)
घर खरीदना होगा महंगा (फाइल फोटो)
India Ratings: घर खरीदने वालों को बड़ा झटका लग सकता है. चालू वित्त वर्ष में कीमतें और रेटिंग कीमतें और रेटिंग घरों की कीमतों में इजाफा देखने को मिलेगा. घर की कीमतों (Home prices Rise) में 8 फीसदी का इजाफा होगा. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (India Ratings Agency) ने इस बारे में जानकारी दी है. बता दें यह इजाफा अंतिम उपयोगकर्ताओं से मांग में बढ़त की वजह से हो सकता है.
रेटिंग एजेंसी ने जारी किया बयान
रेटिंग एजेंसी ने सोमवार को एक बयान में जानकारी दी है कि, ‘‘घरों की बिक्री में आया उछाल और बढ़ी हुई मांग अंतिम उपयोगकर्ता की वजह से है इसलिए कीमतों में वृद्धि देखने को मिलेगी. बीते वित्त वर्ष में अखिल भारतीय स्तर पर घरों की कीमतें छह फीसदी तक बढ़ी थीं.’’
Petrol-Diesel Price Outlook: अभी नहीं थमेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम, 25 रुपए तक महंगा हो सकता है फ्यूल
Petrol Price Outlook: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में भारी तेजी से कंपनियों के मार्जिन पर दबाव बढ़ा है. तेल कंपनियां लगातार महंगा दाम पर क्रूड ऑयल खरीद रही हैं.
Petrol Price Outlook: पेट्रोल-डीजल के दाम में इन दिनों तेजी दिखाई दे रही है. पिछले 7 दिनों में 6 बार पेट्रोल-डीजल के प्राइस (Petrol-Diesel Price) में बड़ा चेंज दिखा है. पेट्रोल 4 रुपए महंगा हुआ है. वहीं, डीजल का भाव 4.10 रुपए प्रति लीटर चढ़ा है. राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में दाम 100 रुपए के करीब है. वहीं, देश के कुछ हिस्सों में पेट्रोल का भाव 100 रुपए प्रति लीटर से भी ज्यादा चल रहा है. जानकारों के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों में तेजी अभी नहीं रुकेगी. इसमें आने वाले दिनों में भी लगातार इजाफा हो सकता है.
कब-कब कितने बढ़ रहे हैं दाम
बता दें, देश में करीब साढ़े चार महीने कीमतें और रेटिंग तक पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ था. मार्च के महीने में ही तेल के दाम चढ़ने शुरू हुए हैं. नवंबर 2021 के बाद 22 मार्च 2022 को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पहली बार 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़तोरी की गई. फिर 23 मार्च को पेट्रोल-डीजल के भाव में 80-80 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ. इसके बाद 24 मार्च को कोई इजाफा नहीं किया गया. वहीं, 25 मार्च को फिर इसमें 80-80 पैसे की बढ़ोतरी हुई. 26 मार्च को भी 80 पैसे की बढ़ोतरी की गई. इसके बाद रविवार को 50 पैसे और सोमवार को 30-35 पैसे का इजाफा किया गया.
क्रिसिल रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को पिछले 4 महीने में बढ़ा नुकसान हुआ है. कीमतें स्थिर रहने की वजह से उनके मार्जिन पर दबाव बढ़ा है. इस नुकसान की भरपाई के लिए पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों में कम से कम 15 से 20 रुपए का इजाफा करना होगा. हालांकि, रिपोर्ट की मानें तो डीजल की कीमतों में करीब 25 रुपए और पेट्रोल में करीब 23 रुपए की बढ़ोतरी से ही उनके नुकसान की भरपाई कीमतें और रेटिंग हो सकती है. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में भारी तेजी कीमतें और रेटिंग से कंपनियों के मार्जिन पर दबाव बढ़ा है. तेल कंपनियां लगातार महंगा दाम पर क्रूड ऑयल खरीद रही हैं. बता दें, भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी तेल इंपोर्ट करता है और देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय दर से जुड़ी हैं.
डीजल के बराबर हो जाएगी CNG की कीमत? रेटिंग एजेंसी ICRA ने जताई ये आशंका
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। CNG Price Hike: अधिकतर लोग पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से CNG गाड़ियों की ओर रुख कर रहे हैं। CNG की कम कीमत और इनसे मिलने वाली बेहतर माइलेज से प्रति किमी ईंधन की खपत कम होती है और इसका फायदा कम खर्च के रूप में दिखता है। पर रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने अनुमान लगाया है कि CNG की बढ़ती कीमतों की वजह से इससे मिलने वाला लाभ ग्राहकों को नहीं मिल रहा और इसकी मांग कम हो रही है।
ICRA ने जताई आशंका
ICRA के मुताबिक, गैस की बढ़ती कीमतों ने चालू वित्त वर्ष में कमर्शियल वाहनों में सीएनजी की पैठ को कम कर दिया है। बढ़ती कीमतों की कीमतें और रेटिंग कीमतें और रेटिंग वजह से CNG का इस्तेमाल 16 प्रतिशत के उच्चतम स्तर से घटाकर 9 से 10 प्रतिशत हो गया है।
इक्रा ने आगे कहा पिछले एक साल में वैश्विक ऊर्जा की कीमतों में तेजी आने के कारण सीएनजी की कीमत में 70 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसने ईंधन और डीजल के बीच की खाई को कम कर दिया है और CNG ईंधन की डिमांड को कम किया है। इसका सबसे ज्यादा असर एमसीवी ट्रक सेग्मेंट में दिखाई दे रहा है।
CNG गाड़ियों के डिमांड में भी आई है कमी
बढ़ती कीमतों का असर सिर्फ CNG की बिक्री में गिरावट के रूप में ही नहीं देखा गया है, बल्कि इसका असर CNG गाड़ियों पर भी पड़ रहा है।
इक्रा की रिपोर्ट के मुताबिक, मालवाहक सेगमेंट में मध्य श्रेणी के वाणिज्यिक वाहनों (MPV) में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई है। कीमतें और रेटिंग CNG से चलने वाले वाहनों का प्रतिशत वित्त वर्ष 2022 में 38 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2023 के पहले आठ महीनों में 27 प्रतिशत रह गया है।
Fitch Ratings: फिच ने भारत की सावेरन रेटिंग आउटलुक में किया संशोधन, नकारात्मक से बदलकर स्थिर किया
फिच रेटिंग्स ने शुक्रवार को कहा कि उसने भारत की सॉवरेन रेटिंग के आउटलुक को नकारात्मक से बदलकर स्थिर कर दिया है। इसका कारण बताते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि देश में तेजी से आर्थिक सुधार के कारण मध्यम अवधि के दौरान वृद्धि में गिरावट का जोखिम कम हो गया है। हालांकि, रेटिंग एजेंसी ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को 'बीबीबी' पर कायम रखा।
शुक्रवार को जारी अपनी रिपोर्ट में रेटिंग एजेंसी ने कहा कि आउटलुक में संशोधन हमारे इस विचार को प्रदर्शित करती है कि वैश्विक जिंस कीमतों में तेजी के झटकों के बावजूद भारत में आर्थिक सुधार और वित्तीय क्षेत्र की कमजोरियों में कमी के कारण मध्यम अवधि के दौरान वृद्धि में गिरावट का कीमतें और रेटिंग जोखिम कम हुआ है। हालांकि, एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले यह अनुमान 8.5 प्रतिशत जताया गया था।
विस्तार
फिच रेटिंग्स ने शुक्रवार को कहा कि उसने भारत की सॉवरेन रेटिंग के आउटलुक को नकारात्मक से बदलकर स्थिर कर दिया है। इसका कारण बताते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि देश में तेजी से आर्थिक सुधार के कारण मध्यम अवधि के दौरान वृद्धि में गिरावट का जोखिम कम हो गया है। हालांकि, रेटिंग एजेंसी ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को 'बीबीबी' पर कायम रखा।
शुक्रवार को जारी अपनी रिपोर्ट में रेटिंग एजेंसी ने कीमतें और रेटिंग कहा कि आउटलुक में संशोधन हमारे इस विचार को प्रदर्शित करती है कि वैश्विक जिंस कीमतों में तेजी के झटकों के बावजूद भारत में आर्थिक सुधार और वित्तीय क्षेत्र की कमजोरियों में कमी के कारण मध्यम अवधि के दौरान वृद्धि में कीमतें और रेटिंग गिरावट का जोखिम कम हुआ है। हालांकि, एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले यह अनुमान 8.5 प्रतिशत जताया गया था।
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कितनी बढ़ जाएगी कीमत?
रिपोर्ट्स की मानें तो नए नॉर्म्स की वजह से एयर कंडीशनर्स की कीमत में 7 से 10 परसेंट का इजाफा होगा. हालांकि, इस बारे में एसी मैन्युफैक्चर्र्स ने कोई ठोस जानकारी नहीं दी है.
नई गाइडलाइन्स में मैन्युफैक्चर्र्स को एसी के डिजाइन में भी बदलाव करने के लिए कहा गया है. कंपनी को नए नियम के मुताबिक, एयरफ्लो को बढ़ाना होगा. साथ ही कॉपर ट्यूब का सर्फेस एरिया बढ़ाना होगा और ज्यादा इफिसियंट कंप्रेशर देना होगा. इससे एसी एनर्जी कीमतें और रेटिंग इफिसियंसी बढ़ेगी.
कब से कब तक लागू रहेंगे नए नियम?
BEE चाहता है कि भारत में मौजूद एसी पहले से ज्यादा स्मार्ट और कम एनर्जी यूज करने वाले हों. जैसे ही नए नियम लागू होंगे, 30 जून 2022 से पहले के मैन्युफैक्चर्ड एसी की रेटिंग एक्सपायर हो जाएगी.
ध्यान दें कि नए एनर्जी इफिसियंसी नॉर्म्स 1 जुलाई 2022 से 31 दिसंबर 2024 तक लागू रहेंगे. इसके बाद नए नॉर्म्स लागू हो जाएंगे और रेटिंग को एक स्टार कम कर दिया जाएगा.
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