सीएसआईआर के अध्यक्ष कौन है?

इसे सुनेंरोकेंवैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), जो विविध विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अपने अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास ज्ञान आधार के लिए जाना जाता है, एक समकालीन अनुसंधान एवं विकास संगठन है।

सीएसआईआर का मुख्यालय कहाँ है?

इसे सुनेंरोकेंवैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), 1860 के सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम XXI के अन्तर्गत 12 मार्च, 1942 को पंजीकृत सोसाइटी है जिसका मुख्यालय अनुसंधान भवन, 2 रफी अहमद किदवई मार्ग, नई दिल्ली – 110 001 पर है। भारत के प्रधानमंत्री सीएसआईआर के अध्यक्ष तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री इसके उपाध्‍यक्ष सीएसआईआर की महत्वपूर्ण उपलब्धियां होते हैं।

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष कौन हैं?

इसे सुनेंरोकेंसही उत्‍तर भारत के प्रधान मंत्री है। भारत के प्रधान मंत्री वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष हैं।

सीएसआईआर की स्थापना कब हुई?

26 सितंबर 1942वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद–मुख्यालय (सीएसआईआर–मुख्यालय) / स्थापना की तारीख और जगह

केंद्रीय यांत्रिक इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान कहाँ है?

इसे सुनेंरोकेंउद्योगों के लिए स्वदेशी मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए, फरवरी 1958 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी के विकास के विशेष कार्य सहित दुर्गापुर में केन्द्रीय मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई, ताकि यह अनुसंधान एवं विकास आत्मनिर्भरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।

भारत का प्रथम वैज्ञानिक शोध संस्थान का नाम क्या है?

इसे सीएसआईआर की महत्वपूर्ण उपलब्धियां सुनेंरोकेंप्रथम भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर की स्थापना जे सी घोष द्वारा की गई थी, जो 1939-48 के दौरान भा वि सं के निदेशक रहे। इस दौरान ही, संस्थान में अभियांत्रिकी में त्वरित गति से अनुसंधान कार्य किया गया। भारत के अधिकांश प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, छात्र या शिक्षक के रूप में संस्थान से जुड़े रहे हैं।

सीरी कहाँ स्थित है?

इसे सुनेंरोकेंसीएसआईआर-केन्‍द्रीय इलेक्‍ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्‍थान (सीएसआईआर-सीरी), पिलानी (राजस्‍थान) देश का एक प्रमुख संस्‍थान है और वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), नई दिल्‍ली की एक घटक राष्‍ट्रीय प्रयोगशाला है, जो इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) की उन्‍नति के लिए भारत …

भारत के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान कौन कौन से हैं?

भारत के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान एवं उनकी उपलब्धियां

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO)
  • वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)
  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)
  • भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (ICMR)
  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन DRDO.
  • राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला

देश के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान और मुख्यालय कहाँ स्थित है?

भारत के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान और उपलब्धि

  • खगोल ताराभौतिकी एवं संबंधित भौतिकी में शोधकार्य को समर्पित है।
  • 1786 में स्थापित
  • संस्थान का मुख्यालय कोरमंगला, बेंगलूर में
  • संस्थान की प्रमुख प्रेक्षण सुविधायें कोडैकनाल, कावलूर, गौरीबिदनूर एवं हान्ले में स्थापित हैं।

अंतरिक्ष प्रयोगशाला क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअहमदाबाद में स्थित, भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) मुख्य रूप से अंतरिक्ष विभाग द्वारा सहयोग प्राप्त एक स्वायत्त संस्था है। यह प्रायोगिक एवं सैद्धांतिक भौतिक विज्ञान, खगोल विज्ञान व खगोल भौतिकी, पृथ्वी व ग्रह संबंधित तथा वायुमंडल विज्ञान के क्षेत्र में बुनियादी अनुसंधान में संलग्न एक प्रमुख संस्थान है।

राष्ट्रीय संस्थान/संगठन

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research- CSIR) भारत का सबसे बड़ा अनुसंधान एवं विकास (R&D) संगठन है। CSIR एक अखिल भारतीय संस्थान है जिसमें 37 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, 39 दूरस्थ केंद्रों, 3 नवोन्मेषी परिसरों और 5 इकाइयों का एक सक्रिय नेटवर्क शामिल है।

किसानों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करें: नायडू ने सीएसआईआर से कहा

नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) से कहा कि वह खुद को नये अंदाज में पेश कर भविष्य की ओर बढ़े तथा किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए नये नवाचार, तकनीक और समाधान पेश करे।नायडू ने यहां सीएसआईआर के 80वें स्थापना दिवस समारोह में सीएसआईआर प्रयोगशालाओं और संस्थानों से उन चुनौतियों का समाधान करने का आग्रह किया जिनके लिए दीर्घकालिक वैज्ञानिक और तकनीकी समाधान की आवश्यकता होती है।नायडू ने सीएसआईआर से कृषि अनुसंधान पर अधिक ध्यान देने और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए नये नवाचार,

नायडू ने यहां सीएसआईआर के 80वें स्थापना दिवस समारोह में सीएसआईआर प्रयोगशालाओं और संस्थानों से उन चुनौतियों का समाधान करने का आग्रह किया जिनके लिए दीर्घकालिक वैज्ञानिक और तकनीकी समाधान की आवश्यकता होती है।

नायडू ने सीएसआईआर से कृषि अनुसंधान पर अधिक ध्यान देने और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए नये नवाचार, तकनीक और समाधान पेश करने के लिए कहा। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, दवा प्रतिरोध, प्रदूषण, महामारी और महामारी के प्रकोप जैसी चुनौतियों का जिक्र किया जिन पर वैज्ञानिक समुदाय को ध्यान देने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि कोविड -19 महामारी एक आकस्मिक संकट है, इसके अलावा कई अन्य चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर जैसे संस्थानों को किसी भी अचानक और अप्रत्याशित समस्या को दूर करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

नायडू ने कहा, ‘‘सीएसआईआर की प्रत्येक प्रयोगशाला को नयी अनुसंधान परियोजनाओं पर एक स्पष्ट रूपरेखा के साथ आना चाहिए जो विभिन्न चुनौतियों का समाधान करे और मानवता के बड़े हित में योगदान करने की कोशिश करता है।"

उन्होंने कहा कि भारत ने विज्ञान की दुनिया में अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, महासागर विज्ञान और रक्षा अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

उन्होंने उल्लेख किया कि भारत में अनुसंधान और विकास में उद्योगों द्वारा निवेश नगण्य है, नायडू ने कॉरपोरेट और उद्योगों से प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने, महत्वपूर्ण अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की पहचान करने और उनमें निवेश करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे न केवल वित्तपोषण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि गुणवत्ता और नवाचार दोनों में सुधार होगा।’’

महामारी के खिलाफ लड़ाई में धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ देश की लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए वैज्ञानिक और चिकित्सा बिरादरी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सीएसआईआर के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने समाधान विकसित करने के लिए अथक प्रयास किया - चाहे वह निदान हो, टीके हों, दवाएं, अस्थायी अस्पताल और चिकित्सा सहायक उपकरण हों।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि टीके की 85 करोड़ खुराक देना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

उन्होंने कहा कि यह काफी हद तक भारत के स्वदेशी टीके, कोवैक्सीन और भारत में निर्मित कोविशील्ड जैसे अन्य टीकों से सुगम हुआ। युवा वैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान करने वाले उपराष्ट्रपति ने स्कूली बच्चों के लिए सीएसआईआर इनोवेशन अवार्ड सहित विभिन्न पुरस्कारों के विजेताओं की सराहना की।

इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि वह चाहते हैं कि सीएसआईआर और सभी विज्ञान विभाग विचार-मंथन करें और अगले दस वर्षों में आवश्यक विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचारों का एक खाका तैयार करें, यदि भारत को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी रहना है तो।

किसानों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करें: नायडू ने सीएसआईआर से कहा

नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) से कहा कि वह खुद को नये अंदाज में पेश कर भविष्य की ओर बढ़े तथा किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए नये नवाचार, तकनीक और समाधान पेश करे।नायडू ने यहां सीएसआईआर की महत्वपूर्ण उपलब्धियां सीएसआईआर के 80वें स्थापना दिवस समारोह में सीएसआईआर प्रयोगशालाओं और संस्थानों से उन चुनौतियों का समाधान करने का आग्रह किया जिनके लिए दीर्घकालिक वैज्ञानिक और तकनीकी समाधान की आवश्यकता होती है।नायडू ने सीएसआईआर से कृषि अनुसंधान पर अधिक ध्यान देने और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए नये नवाचार,

नायडू ने यहां सीएसआईआर के 80वें स्थापना दिवस समारोह में सीएसआईआर प्रयोगशालाओं और संस्थानों से उन चुनौतियों का समाधान करने का आग्रह किया जिनके लिए दीर्घकालिक वैज्ञानिक और तकनीकी समाधान की आवश्यकता होती है।

नायडू ने सीएसआईआर से कृषि अनुसंधान पर अधिक ध्यान देने और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए नये नवाचार, तकनीक और समाधान पेश करने के लिए कहा। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, दवा प्रतिरोध, प्रदूषण, महामारी और महामारी के प्रकोप जैसी चुनौतियों का जिक्र किया जिन पर वैज्ञानिक समुदाय को ध्यान देने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि कोविड -19 महामारी एक आकस्मिक संकट है, इसके अलावा कई अन्य चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर जैसे संस्थानों को किसी भी अचानक और अप्रत्याशित समस्या को दूर करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

नायडू ने कहा, ‘‘सीएसआईआर की प्रत्येक प्रयोगशाला को नयी अनुसंधान परियोजनाओं पर एक स्पष्ट रूपरेखा के साथ आना चाहिए जो विभिन्न चुनौतियों का समाधान करे और मानवता के बड़े हित में योगदान करने की कोशिश करता है।"

उन्होंने कहा कि भारत ने विज्ञान की दुनिया में अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, महासागर विज्ञान और रक्षा अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

उन्होंने उल्लेख किया कि भारत में अनुसंधान और विकास में उद्योगों द्वारा निवेश नगण्य है, नायडू ने कॉरपोरेट और उद्योगों से प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने, महत्वपूर्ण अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की पहचान करने और उनमें निवेश करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे न केवल वित्तपोषण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि गुणवत्ता और नवाचार दोनों में सुधार होगा।’’

महामारी के खिलाफ लड़ाई में धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ देश की लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए वैज्ञानिक और चिकित्सा बिरादरी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सीएसआईआर के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने समाधान विकसित करने के लिए अथक प्रयास किया - चाहे वह निदान हो, टीके हों, दवाएं, अस्थायी अस्पताल और चिकित्सा सहायक उपकरण हों।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि टीके की 85 करोड़ खुराक देना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

उन्होंने कहा कि यह काफी हद तक भारत के स्वदेशी टीके, कोवैक्सीन और भारत में निर्मित कोविशील्ड जैसे अन्य टीकों से सुगम हुआ। युवा वैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान करने वाले उपराष्ट्रपति ने स्कूली बच्चों के लिए सीएसआईआर इनोवेशन अवार्ड सहित विभिन्न पुरस्कारों के विजेताओं की सराहना की।

इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि वह चाहते हैं कि सीएसआईआर और सभी विज्ञान विभाग विचार-मंथन करें और अगले दस वर्षों में आवश्यक विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचारों का एक खाका तैयार करें, यदि भारत को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी रहना है तो।

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