” परिवाद से इस संहिता अर्थात दंड प्रक्रिया संहिता के अधीन मजिस्ट्रेट द्वारा कार्यवाही किए जाने की दृष्टि से मौखिक या लिखित रूप में उससे किया गया यह अभिकथन अभिप्रेरित है कि किसी व्यक्ति ने चाहे वह ज्ञात हो या अज्ञात हो अपराध किया है किंतु इसके अंतर्गत पुलिस रिपोर्ट नहीं है।”

परिवाद क्या होता है? what is complaint and it’s meaning

जब भी कोई अपराध घटित होता है, उस अपराध से पीड़ित या व्यथित व्यक्ति के पास अपराध विधि को गतिशील करने व अपराधी को दंड दिलाने के उद्देश्य से उस अपराध के घटित होने की सूचना देने के दो विकल्प मौजूद होते हैं

परिवाद को दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा (2d) में परिभाषित किया गया है जो कि इस प्रकार है

” परिवाद से इस संहिता अर्थात दंड प्रक्रिया संहिता के अधीन मजिस्ट्रेट द्वारा कार्यवाही किए जाने की दृष्टि से मौखिक या लिखित रूप में उससे किया गया यह अभिकथन अभिप्रेरित है कि किसी व्यक्ति ने चाहे वह ज्ञात हो या अज्ञात हो अपराध किया है किंतु इसके अंतर्गत पुलिस रिपोर्ट नहीं है।”

पुलिस रिपोर्ट परिवाद कब मनी जाती है ?

इस संबंध में दंड प्रक्रिया संहिता1973 की धारा 2(d) के स्पष्टीकरण को देख लेते हैं जो कि इस प्रकार है – ऐसे किसी मामले में अन्वेषण के पश्चात किसी असऺज्ञेय अपराध का किया जाना प्रकट करता है, पुलिस अधिकारी द्वारा की गई रिपोर्ट परिवाद समझी जाएगी और वह पुलिस अधिकारी जिसके द्वारा रिपोर्ट की गई है परिवादी समझा जाएगा।

इसको जानने से पहले सऺज्ञेय (cognizable) और असऺज्ञेय (Non cognizable) अपराध व मामले कौन से होते है , इन्हें जान लेते है :-

सऺज्ञेय अपराध व मामले – दोनों को ही दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की कौन कर सकता है माइनिंग? धारा 2(c) में परिभाषित किया गया है –

सऺज्ञेय अपराध (cognizable offence):-

अभिप्रेत है जिसमें, पुलिस अधिकारी प्रथम अनुसूची के या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अनुसार वारण्ट के बिना गिरफ्तार कर सकता है; ।

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    अर्थात सामान्य भाषा में कहें तो ये गम्भीर प्रकृति के अपराध होते है, जैसे हत्या, रेप आदि। FIR केवल संज्ञेय मामलों की ही दर्ज होती है। और

    असऺज्ञेय अपराध (Non cognizable offence):

    असंज्ञेय अपराधों में सामान्यतः परिवाद दायर होता है लेकिन जब इनकी सूचना पुलिस को दी जाती है तो वह NCR अर्थात असंज्ञेय रिपोर्ट के रूप में दर्ज होती है।

    अब हम समझते है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 2(d) के स्पष्टीकरण को (पुलिस रिपोर्ट परिवाद कब मानी जाती है)

    कोई ऐसा मामला कौन कर सकता है माइनिंग? अर्थात संज्ञेय मामला था, पुलिस अधिकारी ने उसमें इन्वेस्टिगेशन ( investigation) किया और पुलिस अधिकारी ने यह पाया कि, यह अपराध संज्ञेय ना होकर असंज्ञेय अपराध है और उस पुलिस ऑफिसर ने धारा 173(2) के अधीन मजिस्ट्रेट को को रिपोर्ट भेज दी, तब उसकी वह रिपोर्ट परिवाद मानी जाएगी और पुलिस अधिकारी परिवादी समझा जाएगा।

    परिवाद कौन दायर करता है?(who files complaint)

    सामान्य नियम तो यही है, कि परिवाद ऐसा कोई भी व्यक्ति दायर कर सकता है, जिसको अपराध के बारे में जानकारी है।

    परिवाद दायर करने वाले को परिवादी और जब परिवाद एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा दायर किया जाता है तो उन्हें संयुक्त परिवादी कहते हैं।

    लेकिन कुछ अपराध ऐसे होते कौन कर सकता है माइनिंग? हैं जिनमें परिवाद केवल वही व्यक्ति दायर कर सकते हैं जो कि परिवाद दायर करने के लिए स्पेसिफाइड होते हैं।

    जैसे- विवाह विरुद्ध अपराध, मानहानि का अपराध आदि। ऐसे कौन कर सकता है माइनिंग? अपराध होते हैं जो सामान्य नियम के अपवाद स्वरूप होते हैं ।

    परिवाद से आप क्या समझते हैं एवं इसे कौन दायर कर सकता है साथ ही उन परिस्थियो को भी बताएं जिनमें पुलिस रिपोर्ट परिवाद में परिवर्तित हो जाती है?

    Career in Mining Engineering: माइनिंग में आज भी इंजीनियरिंग की भारी कमी, जानें कैसे करें कोर्स, कहां मिलेगी जॉब

    टाइम्स नाउ डिजिटल

    Career in Mining Engineering: माइनिंग इंजीनियरिंग के तहत पर्यावरण के अनुकूल तकनीक से पृथ्‍वी के अंदर मौजूद खनिजों का खनन और शोध किया जाता है। इस क्षेत्र में आज भी इंजीनियर्स की भारी कमी है। छात्र 12वीं के बाद इस फील्‍ड से संबंधि कोर्स कर हाई लेवल पोस्‍ट की जॉब हासिल कर सकते हैं।

    Mining Engineering

    • माइनिंग इंजीनियरिंग में किया जाता है खनिजों का खनन व शोधन
    • 12वीं के बाद कोर्स करने के लिए क्‍लीयर करना पड़ता है प्रवेश परीक्षा
    • इस फील्‍ड में आज भी इंजीनियर्स की भारी कमी, जॉब की भरमार

    Career in Mining Engineering: इंडिया में खनिज संपदा की भरमार है। निकिल व लौह अयस्क से लेकर विभिन्न धातुओं, पेट्रोलियम व सोने एवं हीरे से भरपूर खदानें देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में मौजूद हैं। इन खनिजों को निकालने में सबसे अहम भूमिका ट्रेंड माइनिंग इंजीनियर्स की होती है। देश में ऐसे इंजीनियर्स की आज भी भारी कमी है। यही कारण है कि इस फील्‍ड में हमेशा डिमांड बनी रही है। माइनिंग इंजीनियर गहरी खानों से खनिज को वैज्ञानिक तौर तरीकों से निकालने, एकत्रण, प्रसंस्करण और शुद्ध करने का कार्य करते हैं। आसान शब्‍दों में हम कह सकते हैं कि माइनिंग इंजीनियरिंग के तहत पर्यावरण के अनुकूल तकनीक से पृथ्‍वी के अंदर मौजूद खनिजों का खनन और शोध किया जाता है। इस क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसर की कमी नहीं है।

    कोर्स व योग्‍यता

    माइनिंग इंजीनियरिंग से संबंधित कोर्स के लिए 12वीं कक्षा के बाद जेईई, जेईई मेंस, जेईई एडवांस व कैट जैसी प्रवेश परीक्षाएं पास करनी होती हैं। इसके बाद छात्र माइनिंग इंजीनियरिंग के कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। माइनिंग इंजीनियर में डिप्लोमा इन माइनिंग इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन माइनिंग एंड सर्वेइंग, बेचलर ऑफ माइनिंग इंजीनियरिंग, बेचलर ऑफ माइनिंग इंजीनियरिंग, बीई एंड बीटेक माइनिंग इंजीनियरिंग जैसे कोर्स उपलब्‍ध हैं।

    कोर्स के साथ ट्रेनिंग जरूरी

    इंजीनियरिंग का यह एक ऐसा फील्‍ड है इसमें ट्रेनिंग बहुत जरूरी है। इसके कोर्स में क्लासेज में ज्यादा ट्रेनिंग पर फोकस किया जाता है। इसके सिलेबस में मैथ्स, साइंस, सर्वेइंग, जियोलॉजी, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, मेटाफेरस माइनिंग, मैकेनिकल ट्रेनिंग, माइनिंग इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, सर्फेस माइनिंग, ब्लास्टिंग टेक्नीक्स इन माइन, कंप्यूटर एप्लिकेशन इन माइनिंग लैब्स, माइंस मशीनरी आदि की जानकारी दी जाती है।

    जॉब ऑप्‍शन - Jobs in Mining Engineering

    संबंधित कोर्स करने के बाद छात्र माइनिंग सेक्टर से जुड़े सरकारी व प्राइवेट संस्थानों में जॉब हासिल कर सकते हैं। सरकारी क्षेत्र की माइनिंग कंपनियों में युवा ग्रेजुएशन के बाद असिस्टेंट कौन कर सकता है माइनिंग? मैनेजर, माइनिंग इंजीनियर, क्वॉलिटी टेक्नीशियन, आर एंड डी इंजीनियर आदि के पद पर कार्य कर सकता है। वहीं एकेडेमिक्स या टीचिंग में जाने के लिए कम से कम मास्टर्स डिग्री इसी विषय में करनी आवश्यक है। माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स के बाद छात्र टाटा स्टील, रियो टिनटो, कोल इंडिया लिमिटेड, वाइजैग स्टील, एचजेडएल, एचसीएल, इलेक्ट्रोस्टील, मोनेट इस्पात, वेदांता, द इंडियन ब्यूरो ऑफ माइनिंग, जियॉलजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, आईपीसीएल, नालको, अडानी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियां में जॉब कर सकते हैं।

    क्रॉस्ड चेक: मतलब और प्रकार | Crossed Cheque: Meaning and Types | Hindi | Banking

    Read this article in Hindi to learn about the meaning and types of crossed cheque.

    रेखांकित चैक का अर्थ (Meaning of Crossed Cheque):

    जब किसी चैक पर बांई ओर के ऊपरी हिस्से में दो आडी रेखाएं खींच दी जाती हैं तो उसे रेखांकित चैक कहते है । रेखांकित चैक की यह विशेषता है कि उसका भुगतान नकद में नहीं दिया जाता है बल्कि चैक में लिखी हुई रकम आदाता (Payee) के या आदाता के आदेश प्राप्त व्यक्ति के खाते में जमा कर दी जाती है ।

    आदाता बाद में अपने खाते से रकम निकाल सकता है । अतः रेखांकित कर देने से चैक क्षत सुरक्षित हो जाता है । यदि कोई व्यक्ति धोखे से उस चैक का रुपया प्राप्त कर लेता है तो यह आसानी से मालूम किया जा सका कि रुपया किसे दिया गया था ।

    रेखांकित चैक के प्रकार (Types of Crossed Cheque):

    रेखांकित चैक तीन प्रकार के होते हैं:

    (a) साधारण रेखांकित चैक (General Crossed Cheque):

    जिस चैक के बाई ओर के खेने पर केवल दो रेखाएं खींच दी जाती हैं या रेखाओं के बीच में ”& co.” या ”Not Negotiable” शब्द लिख कौन कर सकता है माइनिंग? दिये जाते है, उसे साधारण रेखांकित चैक कहते है । जब चैक पर ”Not Negotiable” शब्द लिख दिये जाते हैं तो इसका अर्थ यह नहीं है कि चैक को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है ।

    इसका आशय केवल यह है कि हस्तांतरण कर्ता केवल उसी प्रकार के अधिकार का हस्तांतरण कर सकता है जैसा कि उसे स्वयं प्राप्त है । उदाहरणार्थ, यदि उसने चोरी से चैक प्राप्त कर लिया है और बाद में उसे हस्तांतरित कर दिया है तो चैक को प्राप्त करने वाले व्यक्ति की साख (Title) या अधिकार अच्छा नहीं हो सकता है ।

    (b) विशेष रेखांकित चैक (Special Crossed Cheque):

    जब चैक के बांये कोने पर दो रेखाये खींचकर उन रेखाओं के बीच किसी बैंक का नाम भी लिख दिया जाता है तो वह विशेष रेखांकित हो जाता है । ऐसे चैक का भुगतान केवल उसी बैंक को दिया जाता है जिसका नाम रेखाओं के बीच लिखा होता है । ये चैक अधिक सुरक्षित होते हैं ।

    (c) एकाउन्ट पेयी चैक (Account Payee Only):

    इस रेखांकित चैक की दोनों समानान्तर रेखाओं के बीच (Account Payee Only) शब्द लिखा होता है । इसका अर्थ यह है कि चैक में लिखी हुई रकम केवल आदाता के खाते में ही जमा की जावे । यदि आदाता का बैंक में खाता नहीं है तो उसे चैक का भुगतान लेने के लिए किसी बैंक में खाता खोलना पड़ेगा । वह ऐसे चैक को किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित नहीं कर सकता है । इसलिये ‘एकाउन्ट पेयी’ चैक सबसे ज्यादा सुरक्षित होते हैं ।

    रेखांकन कौन कर सकता है?

    (i) एक खुले चैक पर कोई भी व्यक्ति (लेखक, आदाता या बैंक) दो समानान्तर रेखायें खींच कर साधारण रेखांकन कर सकता है कौन कर सकता है माइनिंग? ।

    (ii) एक साधारण रेखांकित चैक की दो समानान्तर रेखाओं के बीच किसी बैंक का नाम या ‘केवल पाने वाले के खाते में’ (A/c Payee) लिखकर कोई भी व्यक्ति उसे विशेष रूप से रेखांकित कर सकता है ।

    चैक के पक्षकार (Parties of Cheques):

    चैक के निम्नांकित तीन पक्षकार होते है:

    (1) आहर्ता (Drawer):

    चैक लिखने वाले को आहर्ता कहते हैं । यह बैंक का ग्राहक होता है और इसका बैंक में खाता होता है । यह चैक पर हस्ताक्षर करता है ।

    (2) आहर्ती (Drawee):

    जिस निर्दिष्ट बैंक पर चैक लिखा जाता है उसे चैक का आहर्ती कहते हैं । यह चैक का भुगतान करने वाला बैंक होता है ।

    (3) आदाता (Payee):

    यह वह व्यक्ति होता है जिसके पक्ष में चैक लिखा जाता है या पृष्ठांकित किया जाता है । वास्तव में यह चैक का भुगतान पाने वाला व्यक्ति होता है ।

    10th Pass Govt Jobs 2022: 10वीं पास के लिए बंपर भर्तियां, 400 से अधिक नौकरियां, घर बैठे भरें फॉर्म

    Sarkari Naukri 2022: आवेदन की अंतिम तिथि 22 दिसंबर है.

    Sarkari Naukri 2022: आवेदन की अंतिम तिथि 22 दिसंबर है.

    10th Pass Govt Jobs 2022, NCL Recruitment 2022: 10वीं पास उम्मीदवारों के लिए सरकारी नौकरी का बढ़िया मौका आया है. यह भ . अधिक पढ़ें

    • News18 हिंदी
    • Last Updated : December 13, 2022, 08:24 IST

    10th Pass Govt Jobs 2022, NCL Recruitment 2022: 10वीं पास उम्मीदवारों के लिए सरकारी नौकरी का बढ़िया मौका आया है. यह भर्ती सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में निकली है. ऐसे में अगर आप भी नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो भर्ती संबंधित वैकेंसी, योग्यता आवेदन एवं चयन की जानकारी नीचे चेक कर सकते हैं और घर बैठे ऑनलाइन मोड के माध्यम से अपना आवेदन जमा कर सकते हैं.

    NCL Recruitment 2022 Vacancy: इन पदों पर होगी भर्ती
    यह भर्तियां Northern Coalfields Limited (NCL) में निकली हैं. इसके तहत उम्मीदवारों से माइनिंग सरदार एवं सर्वेयर पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए गए हैं. कुल 405 पद भर्ती के माध्यम से भरे जा रहे हैं. जिनमें माइनिंग सरदार के 374 एवं सर्वेयर के 31 पद शामिल हैं.

    NCL Recruitment 2022 Eligibility: कौन कर सकता है आवेदन
    माइनिंग सरदार पदों के लिए 10वीं पास के साथ माइनिंग सरदार का सर्टिफिकेट रखने वाले एवं सर्वेयर पदों के लिए 10वीं पास के साथ सर्वेयर सर्टिफिकेट अथवा माइनिंग में डिग्री या डिप्लोमा करने वाले उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं.

    NCL Recruitment 2022 Apply Online: कहां और कैसे करें आवेदन
    इच्छुक उम्मीदवारों को ऑफिशियल वेबसाइट nclcil.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरना होगा. आवेदन की प्रक्रिया 1 दिसंबर से शुरू है एवं अंतिम तिथि 22 दिसंबर है.

    NCL Recruitment 2022: चयन प्रक्रिया एवं नोटिफिकेशन
    पदों पर उम्मीदवारों का चयन कंप्यूटर आधारित परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा. परीक्षा 90 मिनट की होगी. जिसमें कुल 90 अंक के सवाल पूछे जाएंगे. इसके अलावा भर्ती का नोटिफिकेशन देखने के लिए कैंडिडेट इस लिंक
    nclcil.in/Content/nclcil.in/Document/359Detailed%20Employment%20Notification%20(English).pdf पर विजिट कर सकते हैं.

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    पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप कौन कर सकता है माइनिंग? Kya Hai | Post Matric Meaning in Hindi

    post matric means

    नमस्कार दोस्तों, ऑनलाइन जॉब अलर्ट में आपका स्वागत है. आज की पोस्ट में हम आपको पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप के बारे में बाताने जा रहे हैं. क्योंकि बहुत सारे छात्रों को इसकी जानकारी नहीं होती. और कई छात्र स्कोलरशिप का फायदा नहीं उठा पाते. कई बार ओत उनकी पढ़ाई भी पैसो के अभाव में छूट जैत है. इसीलिए आपको पता होना चाहिए की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप क्या होती है,. आज की पोस्ट पढने के बाद आप जान पायंगे कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति क्या है, Post Matric Means का मतलब क्या होता है, मेट्रिक क्या होता है, Post Matric Scholarship के लिए कौन आवेदन कर सकता है.

    यह भी पढ़ें –

    मेट्रिक क्या होता है | Matric Meaning in Hindi

    Post Matric Scholarship का मतलब जानने से पहले आपको मेट्रिक का अर्थ जानना बहुत जरुरी है. तो चलिए जानते हैं की आखिर मेट्रिक क्या होता है (Matric Means).
    दोस्तों आपने कई बार सुना और पढ़ा होगा मेट्रिक पास की जॉब निकली है या मेट्रिक की परीक्षा होने वाली है. लेकिन बहुत सारे लोग यह समझ ही नहीं पाते की आखिर मेट्रिक कौनसी क्लास होती है. तो आपको बताते हैं की यहाँ Matric KA Matlab (matric meaning ) होता है हाई स्कूल या दसवीं या 10.

    हमारे देश में सभी राज्यों के अलग अलग बोर्ड होते हैं. कुछ बोर्ड में हाई स्कूल की कक्षाओं को 10वीं बोला जाता है. तो क्कुह राज्यों में हायरसेकण्ड्री और कुछ राज्यों में मेट्रिक. अब जब भी आपको कहीं भी दिखे कि मेट्रिक पास की जॉब निकली है तो आप समझ जाइए कि 10वीं पास की नौकरी है. और आने हाई स्कूल पास किया हुआ है तो आप उसके लिए आवेदन कर सकते हैं.

    पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप | Post Matric Scholarship Meaning in Hindi

    मेट्रिक का मीनिंग जानने के बाद अब आपको बताते है की पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप क्या होती है. तो आपको बता दें की Post Matric Scholarship एक अंग्रेजी का वाक्य है. जिसमें post का मतलब होता है बाद, और Matric का मतलब होता है हाई स्कूल या 10वीं. और Scholarship का मतलब होता है छात्रवृत्ति.
    अब अगर तीनों शब्दों Post Matric Scholarship को मिलाकर देखें तो पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप (Post Matric Scholarship Meanig in Hindi) का मतलब होता है, हाई स्कूल के बाद की छात्रवृत्ति. या 10वीं के बाद मिलने वाली छात्रवृत्ति.

    आसान भाषा में समझें तो Post Matric Scholarship वह स्कॉलरशिप या छात्रवृत्ति होती है जो गरीब छात्र या छात्राए हाई स्कूल से आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं.

    स्कॉलरशिप जानकारी | Post Matric Scholarship Kya Hai

    जब से शिक्षा को लोगन ने कमाई का धंधा बना लिया है, तब से हमारे देश में पढ़ाई करना बहुत महंगा होता जा रहा है. ग़रीब परिवार के होनहार बच्चे पैसों की कमी होने के कारण अपनी पढ़ाई पूरी ही नहीं कर पाते. और परिवार को पालने में माता पिता की सहायता करने लगते हैं. इस समस्या को देखते हुए देश की केंद्र और राज्य सरकारें गरीब छात्रों के लिए विबिन्न योजनायें चलाती हैं. जिन्हें स्कॉलरशिप या छात्रवृत्ति योजनायें कहते हैं.

    उदहारण के लिए कर्नाटक सरकार ग़रीब होनहार छात्रों के लिए SSP Post Matric Scholarship चलाती हैं. इस स्कॉलरशिप में हाई स्कूल से आगे की पढ़ाई करने वाले छात्रों को फ़ीस का भुगतान करने के लिए अनुदान दिया जाता है. कर्नाटक राज्य के State Scholarship Portal में जाने के लिए यहाँ क्लिक करें.

    अगर आप स्कॉलरशिप (छात्रवृत्ति) के बारे में और अधिक जानना चाहते है तो हमारी पिछली पोस्ट को पढ़ें. इसमें आपको विस्तार से बताया गया है की स्कॉलरशिप क्या होती है और कौनसे छात्रों को इसका लाभ मिलता है. पोस्ट पढने के लिए यहाँ क्लिक करें.

    निष्कर्ष.

    दोस्तों आज की पोस्ट में हमने आपको पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप (Post Matric Scholarship) के बारे में महत्वपूर्ण कौन कर सकता है माइनिंग? जानकारी देने की कोशिश की है. आज आको समझ आगया होगा की Matric का मतलब क्या होता है. Post Matric Scholarship क्या होती है और किसे दी जाती है.

    अगर आपके मन में कोई भी सवाल हो तो हमें जरुर लिखें, अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद ई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथजरुर शेयर करें.
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