What is Margin Trading in HINDI
जायदा पैसे कमाने की इच्छा सबकी होती है, इसीलिए तो आप investment भी करते है और इसी वजह से लोग Share Market में भी घुसते हैं । पर जयदातर लोगों को लगता है की या तो market में पैसा डूबता है और यदि कमाई होती है तो वह बहुत थोड़ी और धीरे-धीरे होती ह। खैर, अगर आपका Share Market में नुकसान हो रहा है और आप इससे बचना चाहते हैं तो आपको Technical Analysis सिखने की जरुरत है। यहाँ हम बात करेंगे की आप अपने profit को कैसे बढ़ा सकते है। हम बात करेंगे की आप अपनी limit से कई गुना जायदा stocks कैसे खरीद सकते हैं । ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए कौन सी ब्रोकरेज अच्छी है? अब ये तो जाहिर है की ज्यादा profit के लिया ज्यादा securities खरीदनी होंगी और उसके लिया ज्यादा पैसे चाहिए होंगे। इसके लिए हम Margin Trading का रास्ता अपनाते हैं।
Margin Trading के बारे में जानने से पहले आपको पता होना चाहिए की Margin क्या होती है। Margin आपके Demat account में पड़ी धन-राशि को कहा जाता है। आपका stock broker (zerodha, angel broking, upstox, etc) आपको Margin used और Margin avaliable दिखाता है। Margin used को मतलब है की जितना पैसा आपने stocks खरीदने के लिया इस्तेमाल कर लिया है और Margin avaliable को मतलब है की जितना पैसा आपके पास stocks खरीदने के लिया बचा है। जब आप कोई stock खरीदते हैं तो उतना पैसा avaliable margin में से deduct कर लिया जाता है और वो margin used में show होने लग जाता है। अब जब आप margin के बारे में जान चुके हैं तो हम Margin Trading के विषय में बात कर सकते हैं।
What is Margin – Trading(in hindi) ?
दोस्तों Margin Trading एक तरह से उधार लिये गए पैसों से Trading करने जैसा है। ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए कौन सी ब्रोकरेज अच्छी है? यह उधार आपको खुद आपका Stock - broker या brokerage फर्म देता है। यानि की जब आप अपने Broker द्वारा दिए गए margin से अपनी limit से बाहर निकल कर Stock - Market में trading करते हैं तब उस trading को हम margin - trading कहते हैं।
अब आप यह भी सोच सकते हैं कि Trading के लिए उधार तो हम कहीं से भी ले सकते हैं, तो फिर उसमे क्या खास है? तो फिर इसके उत्तर मैं आपको यह पता होना चाहिए कि
i. जो पैसा Stock - Broker आपको margin के रूप में देता है उस पर किसी प्रकार का ब्याज यानी के interest नहीं लगता।
ii. यह पैसा लेने लिए आपको किसी तरह की कोई application नहीं देनी पड़ती, वो तो जब आप Stock खरीदते हैं, तब Stock - Broker आपके पैसे भर देता है। Margin trading कैसे कर सकते हैं और हमे कितनी extra margin मिल सकती है, ये सब हम आगे विस्तार से जानगे।
दोस्तों Margin Trading को हम leverage trading भी कहते हैं? दोस्तों leverage या margin trading सिर्फ intraday trading में ही की जा सकती है। यदि आप खरीदी हुई Stock को उसी दिन नहीं बेचते हैं तो आपका ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर जैसे की zerodha वालो का kite ट्रेडिंग software अपने आप ही उस ट्रेड को square off करदेगा, यानि के trade को exit कर देगा। हाँ यदि आप short - sell करना चाहें तो वो आप margin - trading में भी कर सकते हैं। सव्भाविक तोर से, आपके मन में एक सवाल जरूर आया होगा की यदि Stock - Broker को ब्याज में कोई intrest नहीं है तो वह हमे पैसे देता ही क्यों हैं? इसके लिए आपको यह जानना की आवश्यकता है कि Brokers पैसे कैसे कमाते हैं। जब आप उनके trading platform पर trading करते हैं, यानि की Stocks खरीदते और बेचते हैं, तो उस trade पर Broker कुछ Brokerage fees भी charge करते हैं और यह फीस अलग -अलग ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए कौन सी ब्रोकरेज अच्छी है? Brokers की अलग -अलग होती है। तो अब आप उनके दिए गए पैसे से ज्यादा trading करेंगे यो तो उनकी भी Brokerage fee द्वारा की गई earning बढ़ेगी।
Brokerage के बारे में और जानने के लिए नील लिंक को दबाएं - Brokerage meaning in hindi
How much Margin or leverage can you get from your Broker?
- पहला, की आपके पास Broker कोनसा है
- दूसरा, आप कोनसी company के Stocks खरीदना चाहते है।
- और तीसरा, की demat account में आपका खुद को कितना avaliable margin है।
How to Perform Margin Trading and How to get Margin from the Broker?
यह तो आपको पता चल ही गया होगा कि margin trading सिर्फ intraday trading के लिए ही बनी ह। तो अगर आपको intraday trading नहीं आती तो आप हमारे intraday trading stratergies & Tricks वाले articles को पढ़ सकते हैं। आपको intraday trading के लिए volatile Stocks के बारे में पता लगाना होगा। खैर, अगर आपको इन सब को इसके बारे में पता हो तो हम margin trading के बारे में बात करते है। दोस्तों अगर आपको अपने Broker से यदि margin चाहिए तो आपको मांगने की जरूरत नहीं और ना ही उन्हें किसी mail द्वारा सूचित करने की जरूरत। आपको बस अपने trading software पर जाना है और MIS से यानि कि intraday trading में Stocks खरीदने हैं। जब आप intraday trading में Stock खरीदते हैं और तब जो उन Stocks की value होती है उस value का एक छोटा हिस्सा आपके avaliable margin में से कटता है और बाकी का पैसा Stock Broker भरते हैं। अब आपको बताते हैं कि यह छोटा सा हिस्सा कितना होना चाहिए । मान लीजिए कि आपको Company का 1 share खरीदना है जिसकी कीमत ₹100 रुपए है और आपका Stock Broker उस Company के Stocks पर 10x Margin देता है। तो इस खेती में आपसे 100 रुपए का दसवां हिस्सा, यानी कि 100/10 = 10 रुपए लेगा और बाकी के ₹90 रुपए खुद भरेग। यहां आप देख सकते हैं कि जब आपके 10 रुपए लगे तो आप उससे 10 गुना यानी कि 100 रुपए की trading कर पाए।अगर यह Stock Broker Zerodha होता और आपको 12.5x मिलता, तो आपको 100/12.5 = 8 रुपए ही भरने पड़ते । और जब आप उन shares को बेचते हैं, तो जो पैसे आपने लगाए थे और जितना profit (मुनाफा) हुआ वो आपको मिल जाते हैं और जो पैसे Stock Broker की तरफ से लगाए जाते हैं उतना पैसा वे वापस ले लेते हैं। पर याद रखें, Stock Market एक दो धारी तलवार है, अगर Stock Market में फायदा होता है तो उसमें नुकसान भी होता हैं । आपका यदि Stock Market में कोई नुकसान होता है तो वह पैसा भी Stock Broker आपके पैसों में से ही काटेगा। इस तरह, Stock Broker ना ही तो आपके profit में से हिस्सा मांगेगा और ना ही नुकसान झेलता है। इस बात पर एक और प्रश्न उठता है कि तब क्या होगा अगर आप loss में जाने लगे और आपका loss आपके खुदके लगाए हुए पैसों ज्यादा हो जाए ?
(यह संभावना उत्पन्न हो सकती है क्योंकि अगर आपके पास 100 रूपए हैं, तो आप 2000 रूपए भी लगा सकते हैं, और 2000 पर 100 रूपए को नुकसान तो हो ही सकता है ना) ऐसे केस में, जब आपका loss आपके खुद के लगाए हुए पैसे के करीब पहुंच जाता है, तब आपका trading सॉफ्टवेयर, अपने आप आपकी trade को exit कर देता है। जैसे - जैसे आपका loss होता रहता है, उतना पैसा आपके used margin में show होने लग जाता है। अगर यह नुकसान आपके फायदे में बदल जाता है, तो यह पैसा आपके margin avaliable में फिर show होने लगता है। अगर आपका avaliable margin ख़त्म हो गया तो Broker आपके Stocks खुद बेच देगा और यदि आपके बचे हुए पैसे आपको वापिस करदेगा। यदि आप चाहते हैं कि Broker आपके पैसे खुद न बेचे, तो आपको अपना avaliable margin ख़त्म नहीं होने देना है। और यदि वह ख़त्म होने लगे तो आपको अपने demat account में और पैसा डालना होगा।
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