इंडेक्स और स्टॉक के ये दो सस्ते ऑप्शन में ट्रेड लेने से निवेशकों को होगी जोरदार कमाई

आज बैंक निफ्टी ने नया शिखर छू लिया है। इसकी चाल से प्रभावित होकर मोतीलाल ओसवाल के चंदन तापड़िया ने इस ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? पर एक सस्ता ऑप्शन कॉल दिया है। उनका कहना है कि इसमें इस हफ्ते की एक्सपायरी वाली 44100 के स्ट्राइक ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? वाली कॉल में खरीदारी करके तगड़ा पैसा बनाया जा सकता है। चंदन के मुताबिक इसमें 220 रुपये के टारगेट देखने को मिल सकते हैं

मोतीलाल ओसवाल के चंदन तापड़िया स्टॉक स्पेसिक सस्ता ऑप्शन बताते हुए JSW Steel पर कॉल ऑप्शन सुझाया है। उन्होंने इसकी दिसंबर एक्सपायरी की 760 के स्ट्राइक वाली कॉल खरीदने की राय दी है

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बाजार में आज आज खरीदारी का मूड दिख रहा है। बैंक निफ्टी ने नया शिखर छू लिया है। निफ्टी और बैंक निफ्टी दोनों पर आज कॉल राइटर्स बैकफुट पर आ गए ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? हैं। ऐसे में वायदा के आंकड़ों से हम समझेंगे कि कल की वीकली एक्सपायरी किन स्तरों पर कट सकती है। निफ्टी में सबसे ज्यादा कॉल राइटर्स ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? 18500, 18600 और 18700 के स्तर पर एक्टिव नजर आये। इसमें पुट राइटर्स 18600, 18500 और 18400 के स्तर पर एक्टिव नजर आये। जबकि बैंक निफ्टी में 43700, 43900 और 44000 के स्तर पर एक्टिव नजर आये। वहीं 43900, 43800 और 43500 के स्तर पर पुट राइटर्स एक्टिव नजर आये।

आज मोतीलाल ओसवाल के चंदन तापड़िया ने सीएनबीसी- आवाज़ से बातचीत की। उन्होंने आज कमाई के दो सस्ते ऑप्शन कॉल दिये। एक कॉल उनका इंडेक्स पर रहा। जबकि दूसरा कॉल उन्होंने स्टॉक पर दिया है। इन दोनों में अच्छ कमाई होने का भरोसा उन्होंने जताया है।

इंप्लायड वॉलेटिलिटी क्या होती है?

ऑप्शन की कीमत और मार्केट वॉलेटिलिटी में क्या संबंध होता है.

आईवीकी वैल्यू के क्या मायने होते हैं?
जब ट्रेडर्स को लगता है कि बाजार में मंदी आने के आसार हैं तो वे गिरावट से बचाव के लिए पुट ऑप्शन खरीदते हैं। इससे पुट की आईवी बढ़ जाती है जो मंदी का संकेत होता है। इसी तरह, जब ट्रेडर्स तेज उतार-चढ़ाव से बचाव के लिए प्रोटेक्शन लेने में आक्रामक रुख नहीं अपनाते, तब आईवी में गिरावट आती है। आमतौर पर 20 से 25 फीसदी की आईवी ज्यादातर ट्रेडर्स के कम्फर्ट लेवल में होती है। हाल ही में एटीएम निफ्टी ऑप्शंस की आईवी 14 फीसदी तक गिर गई थी। ऐसा इसलिए कि ट्रेडर्स ऐसी किसी घटना की उम्मीद नहीं कर रहे थे, जिससे वॉलेटिलिटी बढ़े।

क्याऊंची आईवी मंदी का संकेत देती है?
सिद्धांत ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? रूप से इंप्लायड वॉलेटिलिटी से यह पता नहीं लगाया जा सकता कि मार्केट की दिशा क्या हो सकती है। इसलिए जरूरी नहीं कि ऊंची आईवी मंदी का संकेत हो। हालांकि, ट्रेडर्स आमतौर पर ऊंची आईवी को मंदी के संकेत के तौर पर लेते हैं। उनकी दलील यह होती है कि बाजार पर मंदी का जोर तेजी के रुझान मुकाबले ज्यादा असर करता है। इसलिए आईवी में बढ़ोतरी होने पर इन्वेस्टर्स और फंड मैनेजर्स में तेज गिरावट से बचने के लिए पोजीशन को प्रोटेक्ट करने की होड़ मच जाती है।

वॉलेटिलिटी से ट्रेडर्स को कैसे फायदा होता है?
जब आईवी लो होती है, तब ऑप्शन की कीमत कम होती है और डेरिवेटिव्स ट्रेडर्स वॉलेटिलिटी में बढ़ोतरी का फायदा उठाने के लिए 'लॉन्ग वोल' स्ट्रैटिजी का इस्तेमाल करते हैं। इसमें लॉन्ग स्ट्रैंगल स्ट्रैटिजी अपनाई जाती है जिसमें ट्रेडर्स ऐसे निफ्टी कॉल और पुट खरीदते हैं, जिनमें पुट ऑप्शन की स्ट्राइक प्राइस कॉल से कम होती है। इस स्ट्रैटिजी में तेज उतार-चढ़ाव से फायदा होता है। इसमें मार्केट के डायरेक्शन पर जोर दिए बगैर वॉलेटिलिटी पर दांव लगाया जाता है। लॉन्ग वोल इंस्टिट्यूशनल और प्रॉपराइटरी ट्रेडर्स के बीच काफी पॉप्युलर है। ट्रेडर्स को फायदा मार्केट में तेज उतार-चढ़ाव के अनुमान से होता है। असल में कुछ ऐनालिस्ट्स का मानना है कि लंबे समय तक कम आईवी होने का मतलब यह होता है कि वोल ट्रेडर्स मार्केट में तेज उतार-चढ़ाव होने की उम्मीद नहीं कर रहे। उनको लग रहा है कि ऑप्शंस एक्सरसाइज नहीं होंगे।

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