अब शिक्षा बाजार का हिस्सा है, जबकि भारतीय परंपरा में वह गुरु के अधीन थी, समाज के अधीन थी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने शिक्षकों से कुछ विशिष्ट अपेक्षाएं की हैं और उनके निरंतर प्रशिक्षण और उन्मुखीकरण पर भी जोर दिया बाजार का अध्ययन है. ऐसे समय में जब भारत अनेक क्षेत्रों में प्रगति की ओर अग्रसर है, हमारे अध्यापकों की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है क्योंकि उनके जिम्मे ही श्रेष्ठ, संवेदनशील और देश भक्त युवा पीढ़ी के निर्माण का दायित्व है. पूंजी के शातिर खिलाड़ियों ने जब से शिक्षा के बाजार में अपनी बोलियां लगानी शुरू कीं, हालात बदलने शुरू हो गए.
लटुवा-निपनिया मार्ग एक तो सिंगल ऊपर बाजार का अध्ययन से हो गया जर्जर
बलौदाबाजार-लटुवा-करही बाजार मार्ग एक तो सिंगल है ऊपस से काफी जर्जर हो गया है। इस बाजार का अध्ययन कारण आमजनों को आवागमन में अत्यधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सर्वाधिक परेशान इस मार्ग से जिला मुख्यालय में अध्ययन के लिए जाने वाले विद्यार्थी हैं जिन्हें बारिश के मौसम में अग्नि परीक्षा देते अध्ययन के लिए जिला मुख्यालय आना पड़ता है।
बलौदाबाजार। नईदुनिया न्यूज
बलौदाबाजार-लटुवा-करही बाजार मार्ग एक तो सिंगल है ऊपस से काफी जर्जर हो गया है। इस कारण आमजनों को आवागमन में अत्यधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सर्वाधिक परेशान इस मार्ग से जिला मुख्यालय में अध्ययन के लिए जाने वाले विद्यार्थी हैं जिन्हें बारिश बाजार का अध्ययन के मौसम में अग्नि परीक्षा देते अध्ययन के लिए जिला मुख्यालय आना पड़ता है।
पूर्ण प्रतिस्पर्धा की स्तिथि में फर्म का सिद्धांत
यदि बाज़ार कीमत सीमांत लागत से कम है, लेकिन औसत परिवर्ती लागत से अधिक है तो उसके निर्गत का स्तर सकारात्मक हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है की फर्म का उद्देश्य हानि को कम करना भी होता है। यदि बाजार का अध्ययन बाज़ार कीमत सीमांत लागत और औसत परिवर्ती लागत से कम है तो उत्पादन व बिक्री से हानि अधिक होगी। इसलिए उत्पादन बंद करना अधिक लाभदायक होगा।
यदि बाज़ार कीमत सीमांत लागत से कम, लेकिन औसत परिवर्ती लागत से अधिक है तो उत्पादन जारी रखने पर फर्म को हानि कम होगी। एक फर्म का अधिकतम लाभ तभी होगा जब बाज़ार कीमत सीमांत लागत के बराबर होगी।
एक कीमत-स्वीकारक फर्म का बाज़ार कीमत तथा औसत संप्राप्ति में क्या संबंध है ?
एक कीमत-स्वीकारक फर्म का बाज़ार कीमत तथा औसत संप्राप्ति सदैव बराबर होती है क्योंकि बेचीं गई प्रत्येक इकाई के मूल्य में कोई परिवर्तन नहीं होता। अर्थात्
विचार: शिक्षा बाजार का हिस्सा, पूंजी बाजार का अध्ययन के शातिर खिलाड़ियों ने शिक्षा के बाजार में अपनी बोलियां लगानी शुरू.
Highlights अब शिक्षा बाजार का हिस्सा है, जबकि भारतीय परंपरा में वह गुरु के अधीन थी. पूंजी के शातिर खिलाड़ियों ने जब से शिक्षा के बाजार में अपनी बोलियां लगानी शुरू कीं, हालात बदलने शुरू हो गए. शिक्षा के हर स्तर के बाजार भारत में सजने लगे थे.
जब हर रिश्ते को बाजार की नजर लग गई है, तब गुरु-शिष्य के रिश्तों पर इसका असर न हो ऐसा कैसे हो सकता है? नए जमाने के नए मूल्यों ने हर रिश्ते पर बनावट, नकलीपन और स्वार्थों की एक ऐसी चादर डाल दी है, जिसमें असली सूरत नजर ही नहीं आती.
2021 तक भारत का ई-कॉमर्स मार्केट 50-55 अरब डॉलर होने की संभावना, सुविधा और डिस्काउंट की दम पर बढ़ रहा है बाजार
Abhishek Shrivastava
Published on: February 15, 2017 15:40 IST
2021 तक भारत का ई-कॉमर्स मार्केट 50-55 अरब डॉलर होने की संभावना, सुविधा और डिस्काउंट की दम पर बढ़ रहा है बाजार
मुंबई। भारत में ई-कॉमर्स बाजार का आकार 2021 तक 50 से 55 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है, जो मौजूदा समय में 6 से 8 अरब डॉलर का बाजार का अध्ययन है। संगठित खुदरा कारोबारियों के संगठन रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के साथ मिलकर किए एक अध्ययन में यह संभावना जताई है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 509