Digital Rupees (₹) के नुकसान और फायदे
Digital Rupees (₹) के नुकसान और फायदे| Digital Currency के लाभ व हानि क्या हैं?
डिजिटल रुपया का आज दिनांक 01/12/2022 से लेनदेन शुरू हो गया है। इसकी जानकारी सरकार ने पहले ही जारी कर दी थी। Digital रुपया पेमेंट का एक नया तरीका होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई 1 दिसंबर 2022 एयरटेल डिजिटल रुपए का पहला पायलट प्रोजेक्ट लांच कर दी है रिजर्व बैंक के इस डिजिटल करेंसी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी(CBDC) का नाम दिया गया है। अब आपके दिमाग मेरा सवाल जरूर बोलता होगा कि सीबीडीसी क्या है तो चलिए आपको CBDC के बारे में बताते हैं
Table of Contents
CBDC क्या है?
Central Bank digital currency आरबीआई द्वारा जारी की गई डिजिटल करेंसी है यह एक लीगल टेंडर होगा आरबीआई के मुताबिक या सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की गई करेंसी होगी लेकिन पेपर या पॉलीमर से अलग हो गई यह एक सॉवरेन करेंसी है और सेंट्रल बैंक की बैलेंस शीट में इसे लायबिलिटी के तौर पर दिखाया जाएगा CBDC को बराबर मूल्य पर केस में एक्सचेंज किया जा सकेगा।
CBDC की क्या है जरूरत?
डिजिटल करेंसी को जलाया डैमेज नहीं किया जा सकता है इसलिए एक बार जारी किए जाने के बाद यह हमेशा रहेंगे जबकि नोट के साथ ऐसा नहीं होता है किफायती होने की वजह से CBDC को लेकर दुनियाभर में काफी अधिक दिलचस्पी देखने को मिली है हालांकि अब तक कुछ ही देश इस मामले में पायलट प्रोजेक्ट से आगे बढ़ पाए हैं। CBDC किसी भी देश की ऑफिशियल करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या डिजिटल टोकन होता है।
वास्तव में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी डिसेंट्रलाइज्ड होता है इसका मतलब है कि सभी तरह की सूचनाएं एक नेटवर्क के सभी डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? कंप्यूटर पर होती है। हालांकि डिजिटल रुपया इससे अलग होगा इसकी वजह यह है कि इसे आरबीआई जारी करेगी यह वास्तव में डिसेंट्रलाइज्ड नहीं होगा इसे आसानी से आप मोबाइल से एक दूसरे को भेज पाएंगे और आप हर तरह के सामान खरीद पाएंगे और सर्विस इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।
इस करेंसी को डिजिटल बनाने और कैशलेस पेमेंट को गति देने के लिए केंद्रीय बैंक ने यह तरीका अपनाया है। अब सवाल उठता है कि क्या पेमेंट का नया तरीका यूपीआई और मोबाइल वायलेट जैसे पेटीएम और गूगल पर फोन पर अमेजॉन पर आज की तरह होगा। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यहां इनकी तरह काम नहीं करेगा तो आपके दिमाग में यह सवाल जरूर उठता होगा कि इसको यूज़ करने के लिए हम क्या करेंगे और कैसे यूज करेंगे तो चलिए जानते हैं इसके बारे में हमें से कैसे यूज करेंगे।
कैसे आम आदमी डिजिटल करेंसी का यूज करेंगे
डिजिटल रुपए वास्तव में ब्लॉकचेन सहित अन्य टेक्नोलॉजी पर आधारित करेंसी होगी। डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है रिटेल और होलसेल होलसेल करेंसी का इस्तेमाल जहां वित्तीय संस्थाएं करती हैं वही रिटेल करेंसी का इस्तेमाल आम लोग और कंपनियां करती हैं।
यह पैसे एक डिजिटल टोकन की तरह होंगे जो लीगल टेंडर के तौर पर काम करेंगे इसके साथ ही भारत में जितनी तरह की करेंसी है उतनी ही यूनिट में डिजिटल करेंसी होंगी जैसे ₹5 , ₹10, ₹50, 100₹ या ₹500 आदि। बैंकों की ओर से जारी की जाएगी इसका इस्तेमाल भी डिजिटल वायलेट की तरह होगी जो बैंक की ओर से दिए जाएंगे और उन ऐप के जरिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा यह उन्हीं एप्लीकेशन से मिलता-जुलता होगा जीने से अभी आप ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते हैं।
फोन पे, गूगल पे और पेटीएम जैसे ऐप से कितना अलग होगा?
एक्सपोर्ट का कहना है कि डिजिटल रुपए का मुकाबला मोबाइल वाले जैसे पेटीएम और गूगल पे, फोन पे, अमेजॉन पे आदि से नहीं है। डिजिटल रुपया पेमेंट का एक नया तरीका है। इसके तहत आप को बैंक से एक बार डिस्टर्ब किया खरीदना होगा उसके बाद आप वायलेट से वॉलेट में इसे लेनदेन कर पाएंगे।
पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन विश्वास पटेल का मानना है कि एक ब्लॉक चैन बेस्ट डिजिटल टोकन फॉर्म करेंसी है। रिटेल डिजिटल करेंसी में आपको बिना किसी बैंक को शामिल किए बिना ही लेन-देन में सक्षम होना चाहिए जैसे कि फिजिकल करेंसी में होता है लेकिन यह यूपीआई से काफी अलग है क्योंकि यूपीआई में आपके खाते से पैसा डेबिट होता है।
पायलट प्रोजेक्ट में कौन-कौन से बैंक और शहर होंगे शामिल
पहले चरण की शुरुआत देश भर में 1 दिसंबर 2022 से हो गई है। देश भर में 4 शहरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसी आईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के माध्यम से होगा। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, और कोटक महिंद्रा बैंक को इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा।
किन-किन शहरों में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट- मुंबई नई दिल्ली बेंगलुरु ऑल भुनेश्वर को कवर किया जाएगा। तब धीरे-धीरे अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक इसका विस्तार होगा।
Digital Rupees (₹) के नुकसान और फायदे
- टैक्स चोरी नहीं हो पाएगी जिससे सरकार को टैक्स के कलेक्शन में भारी भरकम इजाफा होगा।
- डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में डिजिटल रुपया मददगार साबित होगा।
- लोगों को कैश लेकर जेब में चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- इस रुपए को फिजिकली चुराया नहीं जा सकता।
- मोबाइल वॉलेट की तरह ही इसमें पेमेंट करने की सुविधा होगी।
- विदेशों में पैसा भेजने की लागत में कमी आएगी।
- डिजिटल रुपया को बैंक मनी और गैस में आसानी से कन्वर्ट कर सकेंगे।
नुकसान-
- डिजिटल रुपए के नुकसान के बारे में बात किया जाए तो इसका सबसे घातक नुकसान यह माना जा सकता है कि इस बेरोजगारी की दुनिया में और बेरोजगारी बढ़ सकती है क्योंकि बैंक कर्मचारियों की इतनी आवश्यकता नहीं पड़ेगी जितनी कि इस समय जरूरत पड़ रही है।
- डिजिटल रुपया पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। इस पर आरबीआई का कहना है कि डिजिटल रुपया पर ब्याज दिया जाए तो डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? करेंसी मार्केट में स्थिरता ला सकता है।
- आमतौर पर केस में लेनदेन करने से पहचान गुप्त रहती है लेकिन डिजिटल ट्रांजैक्शन पर सरकार की पहली नजर होगी।
Digital E-Rupee Pilot Project, डिजिटल रुपये का पयलेट प्रोजेक्ट डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? क्या है जानें विस्तार से
Digital E-Rupee Pilot Project, भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 1 दिसंबर साल 2022 रिटेल डिजिटल रुपये का पायलेट प्रोजेक्ट लांच कर दिया है। रिजर्व बैंक इस डिजिटल करेंसी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी सीबीडीसी का नाम दिया है। करेंसी को डिजिटल बनाने एवं कैशलेस पेमेंट के गति को बढ़ाने के लिए केंद्रीय बैंक ने यह तरीका अपनाया है। इस पायलट प्रोजेक्ट को लेकर बहुत से सवाल उठते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं, क्या पेमेंट का यह नया तरीका यूपीआई और मोबाइल वायलेट वॉलेट जैसे पेटीएम, गूगल पे, फोन पे का डायरेक्ट कंपीटीटर होगा? आइए जानते हैं डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? कि एक्सपर्ट्स डिजिटल करेंसी को लेकर क्या कह रहे हैं। अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. / सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application
पेटीएम और गूगल पे से कितना अलग है डिजिटल करेंसी
बिजनेस टुडे में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपर्ट का कहना है कि डिजिटल रुपए का मुकाबला मोबाइल वॉलेट जैसे पेटीएम एवं गूगल पर से नहीं होगा। यह डिजिटल पेमेंट का एक डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? नया तरीका है जिसके तहत आप बैंक से एक बार डिजिटल रुपया खरीदना होगा, उसके बाद आप इससे वॉलेट में लेनदेन कर सकेंगे।
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इंफीबीम एवेन्यूज लिमिटेड के निदेशक एवं पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया चेयरमैन विश्वास पटेल ने यह कहा है कि यह एक ब्लॉकचेन बेस्ड डिजिटल टोकन फॉर्म करेंसी है। रिटेल डिजिटल करेंसी में आपको बिना किसी बैंक को शामिल किए बिना ही लेन - देन करने में सक्षम होंगे। जैसे कि फिजिकल करेंसी में होता है लेकिन डिजिटल करेंसी से काफी अलग है, जिसमें आपके बैंक खाते से पैसा डेबिट होता है। रिटेल डिजिटल रुपया रिजर्व बैंक द्वारा लीगल टेंडर इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल होंगे।
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अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद
रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी को दो कैटेगरी में बांटा है पहला सीबीडीसी-W और सीबडीसी-R, सीबीडीसी-W का अर्थ है करेंसी, और सीबडीसी-R का अर्थ है रिटेल करेंसी, डिजिटल रुपये का लेनदेन पर्सन से पर्सन किया जा सकता है। भारत की अर्थव्यवस्था को डिजिटल रूप में डेवलप करने की दिशा में आरबीआई ने इस कदम को महत्वपूर्ण मानते हुए उठाया है। इस पायलट प्रोजेक्ट में भाग लेने के लिए आठ बैंकों की पहचान की गई। GK Capsule Free pdf - Download here
पहले चरण में इन बैंक और शहर
इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में देश भर के 4 शहरों में एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के माध्यम से होगी। जिसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, इस प्रोजेक्ट में शामिल होंगे।
नई दिल्ली, बेंगलुरु, धीरे धीरे अहमदाबाद, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना एवं शिमला जैसे शहरों में इसका विस्तार होगा।
E-Rupee के क्या फायदे हैं
डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए डिजिटल रुपये मददगार साबित होगा, लोगों को जेब में पैसे लेकर घूमने की आवश्यकता नहीं होगी। मोबाइल वॉलेट की तरह इससे भी पेमेंट कर सकते हैं। रुपया को बैंक में आसानी से कन्वर्ट कर सकते हैं। विदेशों में पैसे भेजने की लागत में कमी आएगी। E-Rupee बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करती डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? है। ई-रुपए की वैल्यू मौजूदा करेंसी के बराबर होगी।
डिजिटल ई-रुपया के नुकसान क्या हैं?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई की डिजिटल करेंसी रुपए के नुकसान के बारे में बताएं तो इससे पैसे के लेनदेन से संबंधित प्राइवेसी लगभग खत्म हो जाएगी। आमतौर पर केस में लेनदेन करने पर पहचान गुप्त होता है, लेकिन डिजिटल ट्रांजैक्शन होने पर लोग सरकार की निगरानी और नजर होगी। इसके अलावा ई रुपया पर किसी प्रकार का ब्याज भी नहीं मिलेगा। आरबीआई डिजिटल रुपया पर ब्याज देगा तो करेंसी मार्केट में स्थिरता ला सकती है। जिसके कारण लोग अपने सेविंग अकाउंट से पैसे निकालकर डिजिटल करेंसी में पैसे को कन्वर्ट करना शुरू कर देंगे।
E-Rupee लाने का क्या उद्देश्य है
सीबीडीसी केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों के एक डिजिटल रूप है, साल 2022 के बजट के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा था कि ब्लॉकचेन पर आधारित यह डिजिटल रुपया पेश किया जाएगा। बीते कुछ दिनों में केंद्रीय बैंक की ओर से कहा गया था कि आरबीआई डिजिटल रुपया का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूप को बदलने के बजाय डिजिटल करेंसी को उनका पूरक बनाना है और उपयोगकर्ताओं को पेमेंट के लिए एक्स्ट्रा ऑप्शन देना है ।
देश में कल से Digital Rupee की होगी शुरुआत, आप कैसे कर पाएंगे इस्तेमाल? क्या हैं इसके फायदे-नुकसान? जानें सबकुछ
आरबीआई के मुताबिक, डिजिटल रुपया एक पेमेंट का मध्यम है, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य लोगों के लिए एक लीगल टेंडर होगा। इसका मूल्य सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट यानी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी।
देश में कल यानी 1 दिसंबर से डिजिटल रुपये की शुरुआत हो जाएगी। आरबीआई के मुताबिक, कल रिटेल डिजिटल रुपये को लॉन्च किया जाएगा। 1 नवंबर को आरबीआई ने होलसेल ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल रुपया लॉन्च किया था। और अब सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल इस्तेमाल के लिए लॉन्च किया जाएगा। ऐसे में लोगों में इस बात की उत्सुकता है कि आखिर यह डिजिटल रुपया क्या है? इसका इस्तेमाल कैसे किया जाएगा? इसके फायदे और नुकसान किया हैं? आइए इन सवालों के जवाब हम आपको बताते हैं।
डिजिटल रुपया क्या है, ये कैसा होगा?
डिजिटल रुपया एक डिजिटल टोकन की तरह काम करेगा। मतलब यह है कि डिजिटल रुपया आरबीआई की ओर से जारी किए जाने वाले करेंसी नोट का डिजिटल स्वरूप है। इसका इस्तेमाल करेंसी की तरह ही लेन-देन में किया जाएगा। आरबीआई के अनुसार, ई-रुपया का डिस्ट्रीब्यूशन बैंकों के जरिए होगा।
आरबीआई के मुताबिक, डिजिटल रुपया एक पेमेंट का मध्यम है, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य लोगों के लिए एक लीगल टेंडर होगा। इसका मूल्य सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट यानी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी।
डिजिटल रुपया रिटेल इस्तेमाल के लिए होगा लॉन्च
आरबीआई के मुताबिक, रिटेल डिजिटल रुपया के पायलट प्रोजेक्ट के दौरान इसके डिस्ट्रीब्यूशन और इस्तेमाल की पूरी प्रक्रिया की टेस्टिंग होगी। जानकारी के अनुसार, शुरुआत में रिटेल डिजिटल रुपया का रोलआउट कुछ चुने हुए लोकेशंस पर ही किया जाएगा।
डिजिटल रुपये का इस्तेमाल आम आदमी कैसे करेगा?
अब सवाल यह है कि आम आदमी डिजिटल रुपया का इस्तेमाल कैसे कर पाएगा। डिजिटिल वॉलेट के माध्यम से व्यक्ति-से-व्यक्ति या व्यक्ति-से-मर्चेंट के बीच लेन-देन किया जा सकेगा। यहां तक कि लोग मोबाइल वॉलेट से भी डिजिटल रुपया से लेन-देन कर सकेंगे। क्यूआर कोड स्कैन करके भी इससे पेमेंट किया जा सकेगा।
डिजिटल रुपये के फायदे क्या हैं?
ऐसा दावा किया जा रहा है कि डिजिटल रुपया डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेगा। इसके लॉन्च होने से लोगों को अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसमें मोबाइल वॉलेट की तरह ही इससे पेमेंट करने की सुविधा दी जाएगी। डिजिटल रुपये को बैंक मनी और कैश में आसानी से बदला जा सकेगा। विदेशों में पैसे ट्रांसफर की लागत में कमी आएगी। ई- रुपया बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करेगा।
डिजिटल रुपये का नुकसान क्या हैं?
अब सवाल यह है कि डिजिटल रुपये का नुकसान क्या है? इससे पैसों के लेन-देन से संबंधित प्राइवेसी लगभग खत्म हो जाएगी। कैश की लेन-देन में पहचान गुप्त रहती है, लेकिन डिजिटल ट्रांजैक्शन पर सरकार की नजर रहेगी। साथ ही ई-रुपया पर कोई ब्याज भी नहीं मिलेगा। आरबीआई का कहना है कि अगर डिजिटल रुपया पर ब्याज दिया गया तो यह करेंसी मार्केट में अस्थिरता ला सकता है। लोग अपने सेविंग्स अकाउंट से डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? पैसे निकालकर उसे डिजिटल करेंसी में बदलना शुरू कर देंगे।
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कल से आम आदमी के लिए लॉन्च होगा Digital Rupee, जानें इस्तेमाल का तरीका, फायदे और नुकसान
जेब में कैश रखकर चलना अब पुराने जमाने की बात होगी. दरअसल, आम भारतीयों के लिए डिजिटल रुपया आने में बस दो दिन बाकी हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 दिसबंर से रिटेल डिजिटल रुपये (Digital Rupee) के लॉन्च का ऐलान कर दिया है, जो रिटेल डिजिटल करेंसी के लिए पहला पायलट प्रोजेक्ट होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे इस्तेमाल कैसे करना है? साथ ही इसके क्या फायदे-नुकसान हैं? तो हम आपको बताते हुए इसके बारे में सबकुछ.
रिटेल इस्तेमाल के लिए होगा लॉन्च
गौरतलब है कि इससे पहले 1 नवंबर को केंद्रीय बैंक ने होलसेल ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल रुपया लॉन्च किया था और अब सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) रिटेल उपयोग के लिए पेश की जा रही है. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई ने कहा है कि रिटेल डिजिटल रुपया के पायलट प्रोजेक्ट के दौरान इसके डिस्ट्रीब्यूशन और इस्तेमाल की पूरी प्रक्रिया की टेस्टिंग होगी. शुरुआत में इसका रोलआउट चुनिंदा लोकेशंस पर किया जाएगा.
ऐसे कर सकेंगे E-Rupee का इस्तेमाल
RBI की ओर से इस संबंध में पहले जानकारी साझा की गई थी. इसमें बताया गया था कि CBDC (डिजिटल रुपया) एक पेमेंट का मीडियम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर होगा. इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट (मौजूदा करेंसी) के बराबर ही होगी. देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत भी नहीं होगी.
करेंसी नोटों का डिजिटल स्वरूप
E-Rupee एक डिजिटल टोकन की तरह से काम करेगा. दूसरे शब्दों में कहें तो CBDC आरबीआई की ओर से जारी किए जाने वाले करेंसी नोट का डिजिटल स्वरूप ही है. इसका इस्तेमाल करेंसी की तरह ही लेन-देन के लिए हो सकता है. आरबीआई के मुताबिक, ई-रुपया का डिस्ट्रीब्यूशन बैंकों के जरिए होगा. डिजिटिल वॉलेट के माध्यम से व्यक्ति-से-व्यक्ति या व्यक्ति-से-मर्चेंट के बीच लेनदेन किया जा सकता है. मोबाइल वॉलेट से डिजिटल रुपी से लेन-देन कर सकेंगे. क्यूआर कोड स्कैन (QR Code Scan) करके भी इससे पेमेंट कर सकते हैं.
ये हैं E-Rupee के बड़े फायदे
- डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मददगार.
- लोगों को जेब में कैश लेकर की जरूरत नहीं रहेगी.
- मोबाइल वॉलेट की तरह ही इससे पेमेंट करने की सुविधा होगी.
- डिजिटल रुपया को बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट कर सकेंगे.
- विदेशों में पैसे भेजने की लागत में कमी आएगी.
- ई- रुपया बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करेगा.
- ई-रूपी की वैल्यू भी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी.
रिजर्व बैंक (RBI) की डिजिटल करेंसी E-Rupee के नुकसान के बारे में बात करें तो इसका एक बड़ा नुकसान ये हो सकता है कि इससे पैसों के लेन-देन से संबंधित प्राइवेसी लगभग खत्म हो जाएगी. आमतौर पर कैश में लेन-देन करने से पहचान गुप्त रहती है, लेकिन डिजिटल ट्रांजैक्शन पर सरकार की नजर रहेगी. इसके अलावा ई-रुपया पर कोई डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? ब्याज भी नहीं मिलेगा. RBI की मानें तो अगर डिजिटल रुपया पर ब्याज दिया ये करेंसी मार्केट में अस्थिरता ला सकता है. इसकी वजह ये है कि लोग अपने सेविंग्स अकाउंट से पैसे निकालकर उसे डिजिटल करेंसी में बदलना शुरू कर देंगे.
E-Rupee लाने का मकसद
CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आम बजट में वित्त वर्ष 2022-23 से ब्लॉक चेन (Block Chain) आधारित डिजिटल रुपया पेश करने का ऐलान किया था. बीते दिनों केंद्रीय बैंक की ओर से कहा गया था कि RBI डिजिटल रुपया का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल करेंसी को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है.
RBI ने लॉन्च किया Digital Rupee: बिना इंटरनेट भी होगा पेमेंट, जानें क्रिप्टो से कैसे है अलग
RBI Digital Rupee: सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी (Digital Rupee) केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा है।
RBI Digital Rupee: डिजिटल रुपये (Digital Rupees) की सुगबुगाहट पिछले एक साल से हो रही थी। आखिरकार इसका पायलट प्रोजेक्ट 1 नवंबर से शुरू हो गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंगलवार को डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है। लेकिन, सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह क्रिप्टोकरेंसी जैसा होगा या उससे अलग? इसे किस तरह संचालित किया जाएगा? आइए जानते हैं कि कैसा होगा भविष्य का पैसा?
आखिरकार भारत में अपनी डिजिटल करेंसी की शुरुआत हो गई है। 1 नवंबर 2022 से होल्सेल ट्रांजैक्शन में इसका इस्तेमाल होगा। हालांकि, अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। डिजिटल रुपये अब आपकी पॉकेट में नहीं होगा। लेकिन, वर्चुअल वर्ल्ड में इसका इस्तेमाल आपके जरिए ही होगा। ये नोट की तरह जेब में रखने के लिए नहीं मिलेगा। इसका प्रिंट भी नहीं होगा। बल्कि टेक्नोलॉजी के जरिए आपके काम आएगा, जैसे- क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Cryptocurrency Bitcoin) का इस्तेमाल होता है। सरकार इसे पूरी तरह से लीगल टेंडर बनाएगी और मानेगी भी। इसमें निवेश भी आसान होगा और RBI इसे रेगुलेट करेगी। डिजिटल करेंसी में कई देशों की रुचि है। हालांकि,केवल कुछ ही देश अपनी डिजिटल करेंसी को विकसित करने के पायलट चरण से आगे बढ़ने में कामयाब रहे हैं।
आरबीआई का कहना है कि होलसेल सेगमेंट पायलट डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए नौ बैंकों की पहचान की गई है। इनमें भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक,एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, HSBC बैंक शामिल हैं।
क्या है डिजिटल रुपया?
भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि सीबीडीसी डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक लीगल मुद्रा है। आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार 'यह कागजी मुद्रा के समान है और कागजी मुद्रा के साथ इसका विनिमय किया जा सकेगा। केवल इसका रूप अलग है'। बता दें, अभी हम भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी 100, 200 रुपये के नोट्स और सिक्के का उपयोग करते हैं। इसी का डिजिटल स्वरूप ही डिजिटल रुपया कहलाएगा। टेक्निकल भाषा में इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) भी कह सकते हैं। यह रुपये का इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म है, जिसका उपयोग हम बिना स्पर्श किए (कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन) करेंगे।
डिजिटल रुपया की क्या है खासियत?
- CBDC देश का डिजिटल टोकन होगा
- बिजनेस में पैसों के लेनदेन में आसानी होगी
- चेक और बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का कोई डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? झंझट नहीं
- मोबाइल से सेकेंडों में पैसा होगा ट्रांसफर
- नकली करेंसी का कोई डर नहीं
- पेपर नोट के प्रिटिंग का खर्च बचेगा
- CBDC को डैमेज नहीं किया जा सकेगा
लेन-देन पर रहेगी आरबीआई की नजर
ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा, इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले लेनदेन तक पहुंच हो जाएगी। इस प्रकार देश में आने और देश से बाहर जाने वाले पैसों पर ज्यादा कंट्रोल होगा।
क्या खत्म होगी करेंसी?
डिजिटल रुपी मौजूदा करेंसी नोट की व्यवस्था को खत्म करने के लिए नहीं आ रही है बल्कि यह लोगों को लेनदेन में एक और ऑप्शन देगा। करेंसी नोट वाली व्यवस्था और डिजिटल रुपी वाली व्यवस्था दोनों चलेंगी। इससे कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा। डिजिटल रुपया कुछ इस तरह से लाया जाएगा कि बिना इंटरनेट के भी इसका पेमेंट किया जा सकेगा। यानी जब कभी ये आम लोगों के उपयोग में आए तो वह इसका उपयोग ऑफलाइन भी कर पाएंगे। इसका मकसद ये भी होगा कि ऐसे लोग जिनके पास बैंक खाता नहीं है वो भी इसका इस्तेमाल कर सकें।
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