Non Fungible Token क्या हैं? कैसे काम करते हैं NFT- पढ़ें पूरी डीटेल

एनएफटी डेटा की यूनिक और नॅान-इंटरचेंजेबल यूनिट हैं. ये डिजिटल लेजर में स्टोर की जाती हैं. जिन्हें ब्लॉकचेन कहा जाता है.

क्रिप्टोकरंसी और नॉन-फंजिबल टोकन (एनएफटी) काफी पॅापुलर हुए हैं. लेकिन पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टोकरंसी ने बहुत उठापटक का सामना किया है. इस कारण कई लोग इसे लेकर परेशान हैं. लेकिन लोग अभी भी इसमें इंवेस्ट कर रहें है. भारत सरकार ने केंद्रीय बजट 2022 में वर्चुअल क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? डिजिटल एसेट्स (वीडीए) से होने वाली टैक्स इनकम के लिए रेगुलेशन पेश किए थे. इन रेगुलेशन के तहत क्रिप्टो एसेट, एनएफटी और किसी भी तरह के दूसरे टोकन को भी शामिल किया गया है. आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार क्रिप्टो क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? एसेट में क्रिप्टोग्राफिक मीडियम से क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? या किसी दूसरे तरीके से जनरेट होने वाली कोई भी इंफोर्मेशन, कोड, नंबर या टोकन शामिल है. जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप से ट्रांसफर, स्टोर या ट्रेड किया जा सकता है. इसके साथ ही इन एसेट को इनहेरिट वैल्यू होने के वादे के साथ या बिना कंसिडरेशन के एक्सचेंज किए गए प्राइस का डिजिटल रिप्रजेंटेशन देना होता है. साथ ही ये एसेट स्टोर ऑफ वैल्यू या अकाउंट यूनिट के रूप में भी काम करते हैं.

NFT क्या है

क्रिप्टोकरेंसी के समान, एनएफटी भी ट्रांजेक्शन को सिक्योर करने के लिए क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचेन तकनीक का यूज करता है. लेकिन क्रिप्टोक्यूरेंसी की क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? वैल्यू मार्केट फोर्स की डिमांड और सप्लाई पर डिपेंड करती है. वहीं एनएफटी की वैल्यू एक अंडरलाइंग एसेट पर डिपेंड क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? करती है. इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी फंजिबल है, जिसका मतलब है कि इसे एक दूसरे के लिए आसानी से ट्रेड किया जा सकता है. जबकि एनएफटी यूनिक है और ये आसानी से इंटरचेंजेबल नहीं है. एनएफटी की तुलना डिजिटल पासपोर्ट से क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? की जा सकती है क्योंकि टोकन में इसे दूसरों से अलग क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? करने के लिए एक यूनिक और नॅान-ट्रांसफरेबल आइडेंटिटी होती है.


एनफटी का टैक्ससेशन

क्रिप्टो एसेट और एनएफटी पर टैक्स लगाने के लिए सरकार ने आयकर अधिनियम की धारा 2(47ए) में संशोधन किया था. इसमें नोटिफाई किया गया था कि क्रिप्टो एसेट या एनएफटी की बिक्री या ट्रांसफर से होने वाली किसी भी इनकम पर 30% टैक्स लगाया जाएगा. साथ ही जब भी कोई बिक्री या ट्रांसफर होता है तो 1% की दर से टीडीएस लागू होता है. जबकि VDA का टैक्सेशन केंद्रीय बजट 2022 में पेश किया गया था. वो NFT जो VDA के तहत कवर होती हैं इनके लिए सरकार ने 30 जून 2022 को नोटिफिकेशन जारी की थी. इसमें उन एनएफटी के बारे में क्लारिटी दी गई है, जो अंडरलाइंग डिजिटल एसेट में ओनरशिप को रिप्रजेंट करती हैं. एनएफटी टैक्सेशन में कुछ कंडीशन के तहत कवर होती हैं. जैसे कि अगर कोई भी जानकारी, कोड, नंबर या टोकन क्रिप्टोग्राफिक मीडियम से जनरेट होती हैं. साथ ही ये भी देखा जाता है कि क्या इनसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से ट्रांसफर, स्टोर या व्यापार किया जा सकता है. और टैक्सेशन में आने के लिए इन एसेट को इनहेरिट वैल्यू होने के वादे के साथ या इसके बिना कंसिडरेशन एक्सचेंज प्राइस का डिजिटल रिप्रजेंटेशन देना होता है. तब ही NFT टैक्सेशन में कवर होगी.

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