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निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं?
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Indian Startups: देश में स्टार्टअप्स का बुरा हाल, देखिए आज की पॉपुलर न्यूज
- नई दिल्ली,
- 01 जुलाई 2022,
- अपडेटेड 11:निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? 42 PM IST
इस वक्त फंडिंग की कमी से जूझ रहे है देश के स्टार्टअप्स के लिए ये कोई नई स्थिति नहीं हैं. इससे पहले जब साल 2016 में देश के स्टार्टअप्स फंड की कमी की वजह से मुश्किल दौर से गुजरे थे, तो उन्हें अपने ऑपरेशन बंद करने पड़े थे. यहां तक की कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनी भी हुई थी. छह महीने के भीतर ही करीब 50 से अधिक स्टार्टअप्स पूरी तरह से ठप हो गए थे. लेकिन उस मुश्किल परिस्थिति में भी अर्बन कंपनी ने खुद को संभाल लिया और वो साल 2021 में एक यूनिकॉर्न बनकर उभरी. एक बार फिर से स्टार्टअप्स को फंडिंग जुटाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. शशि तुषार शर्मा के साथ देखिए आज की पॉपुलर न्यूज.
निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं?
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3- Incubators और Accelerators
Incubators और Accelerators कुछ ऐसे संगठन होते हैं जो फिजिकल स्पेस चलाते हैं या फिर वर्चुअली स्टार्टअप को सपोर्ट करते हैं!
स्टार्टअप को सपोर्ट करने के लिए वह ऑफिस स्पेस, फंडिंग, कनेक्शन, प्रोटोटाइप डेवलपमेंट, इंडस्ट्रीअल कनेक्ट आदि कि सुविधाएं मुहैया कराते हैं! इसके अलावा इसमें Seed Round और Angel Round भी होते हैं!
यह किसी भी स्टार्टअप को मिलने वाला वह पहला अमाउंट होता है, जिसमें कुछ HNI’s (हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स) और VC’s (वेंचर कैपिटलिस्ट) शामिल होते हैं! इसके अलावा इसमें फैमिली और दोस्तों को भी शामिल किया जाता हैं|
बिजनेस इंक्यूबेटर्स का अर्थ
एक व्यवसाय इनक्यूबेटर एक ऐसी कंपनी होती है जो नई और स्टार्टअप कंपनियों को वित्तीय प्रबंधन (financial management) प्रशिक्षण या कार्यालय अंतरिक्ष जैसी सेवाएं प्रदान करके उनके बिजनेस को बढ़ाने में मदद करती है! इन्हें हम स्टार्टअप बिज़नेस शुरुआती दिनों के दौरान युवा (स्टार्टअप) फर्मों का पोषण करने के लिए स्थापित सुविधा भी कह सकते हैं!
4- Crowdfunding (जन-सहयोग)
दरअसल, Croudfunding दो शब्दों, Croud + Funding से मिलकर बना है| क्राउड यानि भीड़ और फन्डिंग यानि वित्त पोषण!
क्राउडफंडिंग का अर्थ: बहुत सारे लोगों निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? द्वारा लिया गया पैसा! या यूं कहे की बहुत सारे लोगों से इकट्ठा किया हुआ धन! हमारे देश में लगभग प्रत्येक सामाजिक कार्य के लिए पैसा इकठ्ठा किया जाया है, इसे हम चंदा भी कह सकते हैं!
बहुत से सामाजिक सन क्राउड फंडिंग की मदद से सड़कों का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्र में पुल या अन्य प्रकार सामाजिक कार्य भी कर रहे हैं!
वहीं इसमें A सीरीज , B सीरीज, C सीरीज और इसी तरह से बड़े टिकट साइज के अमाउंट होते हैं, जो आमतौर पर प्राइवेट इक्विटी फंड या वेंचर कैपिटल फंडलगाते हैं!
इसके अलावा क्राउडफंडिंग के द्वारा भी धन इकट्ठा किया जाता है| क्राउडफंडिंग के जरिए लोगों के द्वारा प्रोडक्ट निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? बनने से पहले ही धन इकट्ठा किया जा सकता है!
5- Valuation (मूल्यांकन)
बिजनेस में वैलुएशन (Valuation) शब्द का भी काफी प्रयोग किया जाता है!
कंपनी वैल्यूएशन का अर्थ: किसी भी कंपनी के इन्वेस्टर तथा स्टार्टअप फाउंडर के जरिए आपस में कंपनी की कीमत तय करना कंपनी वैल्यूएशन कहलाता है!
किसी भी स्टार्टअप की वैलुएशन इंवेस्टर्स तथा स्टार्टअप फाउंडर के जरिए आपस में तय की जाती है| जब भी किसी भी कंपनी और फर्म का वैलुएशन किया जाता है तो पोस्ट-मनी वैल्युएशन और प्री-मनी वैल्युएशन का भी ध्यान रखा जाता है!
Hello NaiDunia: स्टार्टअप में नवाचार है तो फंडिंग मिलना हो जाता है आसान
Hello NaiDunia:इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। स्टार्टअप करने के लिए हर कोई सोचता है लेकिन ज्यादातर निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? इसके लिए जरूरी तैयारी किए बिना ही इसमें प्रवेश कर जाते हैं। खासकर पैसों की व्यवस्था कैसे होगी, इसके बारे में सोचे बिना स्टार्टअप में युवा आ जाते हैं। बिना फंड के स्टार्टअप को आगे बढ़ाना मुश्किल होता है। निवेशक उन स्टार्टअप को ही फंडिंग करते हैं जिनमें नवाचार होता है और भविष्य में अच्छा लाभ कमाने की उम्मीद रहती है। यह भी देखा जाता है कि स्टार्टअप बाद में निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? बड़ा व्यवसाय बने और आइपीओ में पंजीकृत हो। स्टार्टअप करने निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? वाले खुद से कितनी रिस्क ले रहे हैं और उन्होंने कितना पैसा लगाया है यह भी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए महत्वपूर्ण होता है। हालांकि इन सब बातों से अब सभी जागरूक होने लगे हैं। यहीं कारण है कि कुछ वर्ष में शहर के 150 से ज्यादा स्टार्टअप को फंडिंग मिली है। पिछले छह महीने में शहर के स्टार्टअप को एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा फंडिंग मिल चुकी है।
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