1) प्रीमियम चालू खाता (Premium Current Account)

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चालू खाते के प्रकार क्या हैं?

करंट बैंक अकाउंट क्या होता है: आज के दौर में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसका की बैंक खाता नहीं खुला होगा। किसी भी तरह की योजनायें होती हैं, उन सभी में मिलने वाले लाभ ज्यादातर बैंक खाते के माध्यम से ही प्राप्त होती हैं। लेकिन ये बैंक खाता भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं। जैसे बचत खाता, चालू चालू खाते के प्रकार क्या हैं? खाता, वेतन खाता, एनआरआई बैंक खाता, जैसे कई तरह के बैंक खाते होते हैं। लेकिन सामान्यतः लोग सेविंग अकाउंट खुलवाते हैं। लेकिन जब भी हम बैंक में खाता खुलवाने जाते हैं या फिर ऑनलाइन खाता खोलने के लिए फॉर्म भरते हैं, तो बैंक में भी हमको पूछा जाता है कि हमको कौन सा खाता खुलवाना है। जैसे करंट अकाउंट या फिर सेविंग अकाउंट। ऐसा क्या अंतर है इन दोनों बैंक खातों में जो कि खाता खुलवाने के समय भी हमसे सवाल किया जाता है कि हमको कौन सा खाता खुलवाना है। अक्सर कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है, ये चालू खाता क्या होता है। लेकिन बचत खाता के बारे में तो थोड़ा बहुत सभी लोग जानते ही होंगे क्योंकि इसका नाम ही बचत से शुरू होता है। तो दोस्तों आज हम जानेंगे कि करंट बैंक अकाउंट क्या होता है। (What is Current Bank Account) और हमको कौन सा बैंक खाता खुलवाना चाहिए।

करंट बैंक अकाउंट क्या होता है?

करंट बैंक खाता ही चालू बैंक खाता कहलाता है। सामान्यतौर पर यह बैंक अकाउंट वो लोग खुलवाते हैं, जो की व्यापारी, जैसे ये अकाउंट कंपनियों, फर्मों, किसी सार्वजनिक उद्योग कम्पनियाँ होती हैं। क्योंकि उन लोगों को कभी भी किसी भी चीज का लेनदेन करना हो सकता है। नियमित रूप से पैसों के ट्रांजेक्शन के लिए यह करंट बैंक खाता लाभदायक होता है। इस प्रकार के करंट खातों में लेनदेन की कोई सीमा नहीं होती है। चालू खाते में आप जब और जितनी बार चाहें पैसों का लेनदेन कर सकते हैं। लेकिन यहाँ आपको किसी भी तरह का ब्याज नहीं प्राप्त होता है, जैसे बचत खाता खुलवाने पर आपको सालाना ब्याज प्राप्त होता है। लेकिन चालू खाते में आपको किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता। कुल मिलकर करंट अकाउंट जो व्यापारी या फिर जो व्यक्ति नियमित रूप से बड़ी राशि का लेनदेन करते हैं उनके ही लिए होते हैं। साथ ही करंट बैंक अकाउंट में सर्विस चार्ज भी काटा जाता है।

करंट बैंक खाता खुलवाने के लाभ और सुविधायें

  • इस तरह के बैंक खाते केवल व्यवसायी, या बड़ी कम्पनियाँ ही खुलवाती हैं जो की नियमित रूप से बड़ी धनराशि का लेनदेन करते हैं।
  • चालू बैंक चालू खाते के प्रकार क्या हैं? खाते में आपके बचत खाते से अधिक लेनदेन की सीमा होती है।
  • चालू बैंक खाते में किसी तरह की लिमिट नहीं होती है, आप कितने भी पैसे निकाल सकते हैं।
  • करंट बैंक अकाउंट में ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा प्रदान की जाती है।
  • इस तरह के बैंक खातों में भी बचत खातों के जैसे ही Know Your Coustomer(KYC) गाइडलाइंस को फॉलो किया।
  • करंट बैंक खाते में आपको NEFT/RTGS में भी शुल्क पर छूट प्राप्त होती है।
  • यहाँ आप कई तरह की सुविधायें प्राप्त कर सकते हैं। जैसे की फंड्स ट्रांसफर करना, चेक रिसीव करना, कैश जैसी कई सारी सुविधायें।
  • करंट बैंक खातों में लेनदेन पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है।
  • इस प्रकार के बैंक खातों में आप एक तय न्यूनतम राशि से कम पैसे नहीं रख सकते हैं। यदि आप निर्धारित राशि से कम पैसे अपने खाते में रखते हैं, तो आपको इसका चार्ज देना होगा।
  • करंट बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए आप किसी भी बैलेंस पर खाता नहीं खुलवा सकते हैं, इस अकाउंट में बैंक का ओपनिंग बैलेंस होता है। आपको इस पर ही खाता खुलवाना होता है।

Types of Current Account in Hindi: चालू खाता क्या है और यह कितने प्रकार का होता है? जानें

Types of Current Account in Hindi: चालू खाता क्या है और यह कितने प्रकार का होता है? जानें

Types of Current Account in Hindi: हम यहां आपको एक चालू खाता क्या है? (what is Current Account in Hindi) और आपके व्यवसाय के लिए उपयुक्त विभिन्न प्रकार के चालू खातों (Current Account Types in Hindi) के बारे में बता रहे हैं।

Types of Current Account in India: अगर आप एक बैंक एकाउंट खोलने पर विचार कर रहे हैं, और यह नहीं चालू खाते के प्रकार क्या हैं? जानते हैं कि आपकी आवश्यकताओं के लिए किस प्रकार का खाता आदर्श है। तो यहां हम आपको बताने जा रहे है कि चालू खाता क्या है? (What is Current Account in Hindi) और यह कितने प्रकार का होता है? (Types of Current Account in Hindi) तो आइए जानें कि Current Account Kya Hai?

ये नए मानदंड क्यों?

यह देखा गया है कि कई उधारकर्ता, जिन्हें बैंकों ने नकदी ऋण (सीसी) या ओवरड्राफ्ट (ओडी) सुविधाओं के जरिए पैसा उधार दिया था, उधार ली गई धनराशि को अन्य बैंकों में मौजूद अपने चालू खातों में ट्रांसफर कर रहे थे। यह बैंकिंग नियामक के नजरिए से उचित तरीका नहीं था। आरबीआई ने मानदंडों को इसलिए सख्त बनाया है ताकि उधारदाता संघ (यानी कन्सोर्टियम ऑफ लेंडर्स) से बाहर जाकर उधार लेने वालों द्वारा नए चालू खाते खोलने की इस प्रथा पर अंकुश लगाया जा सके, विशेष रूप से जब अंडर स्ट्रेस होते हैं और एक बैंक से दूसरे बैंक में फंड डायवर्ट करते हैं। अपने परिपत्र में आरबीआई ने कहा है कि "कोई भी बैंक उन ग्राहकों के लिए चालू खाता नहीं खोलेगा, जिन्होंने बैंकिंग प्रणाली से नकदी ऋण (सीसी) / ओवरड्राफ्ट (ओडी) के रूप में क्रेडिट सुविधा प्राप्त की है और सभी लेनदेन सीसी/ ओडी खाते के जरिए किए जाएंगे।

यदि खाता बंद हो जाता है तो उसमें रखे पैसे का क्या होगा?

अधिकांश बैंकों ने उन चालू खातों को फ्रीज कर दिया है जो नए दिशानिर्देशों का पालन नहीं चालू खाते के प्रकार क्या हैं? करते थे। आपसी समाधान की दृष्टि से बैंक इन खातों को ग्राहकों के लिए फिर से खोल और चालू कर सकते हैं। बंद खातों के मामले में, उन्हें फिर से नहीं खोला जा सकता है लेकिन ग्राहक इसमें रखी हुई रकम निकाल सकते हैं।

यदि चालू खाते को फ्रीज या बंद कर दिया गया है, तो खाते में मौजूद धनराशि उधारकर्ता के बचत या सीसी/ओडी खाते में ट्रांसफर की जा सकती है। आपको उस शाखा में जाना होगा जहां आपका खाता है, और फिर आवेदन पत्र भरकर पैसा ट्रांसफर करने के लिए बैंक से अनुरोध करें। बैंक या तो उक्त खाते में आरटीजीएस कर सकता है या फर्म के नाम पर डिमांड ड्राफ्ट प्रदान कर सकता है, या उस राशि को आपके सीसी/ओडी खातों में ट्रांसफर कर सकता है। कुछ मामलों में, यदि चालू खाते में राशि बहुत कम है तो आप इसे नकद में भी प्राप्त कर सकते हैं (हालांकि, यह बैंक पर और बैंक के साथ आपके संबंधों पर निर्भर करता है)। प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए जरूरी है कि आप सत्यापन के लिए अपना केवाईसी विवरण तैयार रखें।

नए नियमों में 10% ऋण एक्सपोजर की आवश्यकता का क्या अर्थ है?

इसका यह अर्थ है कि बैंकिंग प्रणाली में ग्राहक के कुल ऋण एक्सपोजर में से, यदि किसी उधारदाता के प्रति एक्सपोजर 10% या उससे अधिक है, तो डेबिट सुविधा उस विशेष बैंक के साथ खोले गए सीसी/ओडी खाते में उपलब्ध होगी। उदाहरण के लिए, यदि आपने विभिन्न उधारदाताओं से 5 करोड़ रुपए का ऋण लिया है। मान लीजिए कि इसमें से केवल एक उधारदाता 'क' ने आपको 50 लाख रुपए (कुल ऋण का 10%) या अधिक राशि का ऋण दिया है, तो आप उधारदाता 'क' के साथ खोले गए सीसी/ओडी खाते से ही डेबिट सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।

यदि उस उधारकर्ता के बैंकिंग प्रणाली के प्रति एक्सपोजर के 10% या अधिक वाले बैंक एक से ज्यादा हैं, तो जिस बैंक को निधि विप्रेषित की जानी है, वह उधारकर्ता और बैंकों के बीच निर्धारित किया जा सकता है। इसके अलावा, यह उल्लेखनीय है कि जहां एक उधारकर्ता के प्रति किसी बैंक का एक्सपोजर (उस उधारकर्ता के प्रति) बैंकिंग प्रणाली के एक्सपोजर के 10% से कम है, वहाँ सीसी/ओडी खाते में क्रेडिट की तो पूरी अनुमति होगी, किंतु इस सीसी/ओडी खाते में डेबिट चालू खाते के प्रकार क्या हैं? केवल उधारकर्ता के उस बैंक के सीसी/ओडी खाते में क्रेडिट के लिए किया जाएगा, जिसका उधारकर्ता के प्रति एक्सपोजर उस उधारकर्ता के प्रति एक्सपोजर का 10% या इससे अधिक है।

भारतीय बैंकों में कितने प्रकार के खाते खोले जाते हैं?

भारत में आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का इतिहास दो सौ वर्ष पुराना है। देश में विभिन्न आय वर्ग के लोगों, उनकी चालू खाते के प्रकार क्या हैं? जरूरतों और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से विभिन्न प्रकार के बैंक खातों का विकास हुआ है, जैसे चालू खाता बड़े व्यापारी या संस्थान खुलवाते हैं जबकि बचत खाता मध्य आय वर्ग के लोग खुलवाते हैं l इस लेख में हम बचत खातों, चालू खातों और सावधि जमा खातों के बारे में पढेंगेl

भारत में आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का इतिहास दो सौ वर्ष पुराना है। देश में विभिन्न आय वर्ग के लोगों, उनकी जरूरतों और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से विभिन्न प्रकार के बैंक खातों का विकास हुआ है, जैसे चालू खाता बड़े व्यापारी या संस्थान खुलवाते हैं जबकि बचत खाता, मध्य आय वर्ग के लोग खुलवाते हैं l इस लेख में हम बचत खातों, चालू खातों चालू खाते के प्रकार क्या हैं? और सावधि जमा खातों के बारे में पढेंगेl

BANK खाते कितने प्रकार के होते हैं – हिंदी में जानिए

BANK खाते कितने प्रकार के होते हैं – हिंदी में जानिए

चालू खाता मुख्य रूप से उद्द्यमी, फर्म, कम्पनी आदि के लिए होता है. जिनके अकाउंट में पैसा का फ्लो बहुत होता है…बहुत से मतलब…कि लाखों रुपये उनके अकाउंट में आते हैं और निकाल भी लिए जाते हैं….तो ऐसे लोग चालू खाता में अपने पैसे रखते हैं. ऐसे अमीर लोगों या फर्म को इन्वेस्टमेंट या अपने पैसे में इंटरेस्ट (interest) मिलने चालू खाते के प्रकार क्या हैं? में कोई इंटरेस्ट नहीं रहता. चालू खाता की खूबी यह है कि इसमें deposit (जमा करने) या withdrawal (पैसे निकालने) की कोई सीमा नहीं है. चालू खाते में धारक को इंटरेस्ट नहीं मिलता. हाँ, बैंक उनसे सर्विस चार्ज जरुर लेती है.

2. बचत खाता- Savings Account

नाम से ही स्पस्ट है कि सेविंग अकाउंट सेविंग करने के लिए बनी है. हम-आप जैसे लोग चाहते हैं कि हमें हमारे जमे पैसे पर सूद (interest) मिले और कम-से-कम अपने अकाउंट से चालू खाते के प्रकार क्या हैं? पैसे निकाले. जितना जमा उतना अच्छा. कोई भी व्यक्ति, चाहे वो किसी कंपनी में काम करता हो, सरकारी नौकर हो, पेन्शनर हो, छात्र हो….वह सेविंग अकाउंट में अपना अकाउंट खोल सकता है. जैसा मैंने बताया कि सेविंग अकाउंट में धारक को जमे पैसे पर इंटरेस्ट भी मिलता है. बचत खाता के धारक कभी भी अपने जमा धन को बैंक से निकाल सकते हैं और डाल सकते हैं. पैसे जमा करने की संख्या में restriction तो नहीं पर पैसे बाहर निकालने की संख्या में कुछ restrictions जरुर हैं. जैसे आप Rs. 50 से कम पैसे नहीं निकाल सकते या ATM से ६ महीने के अन्दर 30 से ज्यादा बार पैसे नहीं निकाल सकते (this policy changes time to time by banks). चालू खाते की तरह आप कभी भी, कहीं भी, जितना भी….पैसे नहीं निकाल सकते. अधिकांश बैंक चालू खाते के प्रकार क्या हैं? अपने ग्राहक को अपने अकाउंट में न्यूनतम राशि बनाए रखने के लिए बाध्य करती है.

4. सावधि जमा खाता- Fixed Deposit Account

सावधि जमा खाता या FD account में एक ख़ास अवधि के लिए एक विशेष राशि रखी जाती है. यहाँ एक बार ही पैसा जमा कर सकते हैं और एक बार ही निकाल सकते हैं. RD अकाउंट की ही तरह इस खाते से भी आप समय से पहले पैसे नहीं निकाल सकते. तय की गई अवधि के पहले पैसे निकालने से आपको बैंक को penalty देनी पड़ती है (हर बैंक द्वारा तय की गयी penalty amount अलग-अलग होती है) और अकाउंट को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाता है. फिक्स्ड डिपाजिट में उपभोक्ता को हाई इंटरेस्ट चालू खाते के प्रकार क्या हैं? रेट दिया जाता है. इंटरेस्ट रेट जमा पैसे (deposited money) और जमा की अवधि (deposit period) के आधार पर तय की जाती है जो अधिकतम 10 साल तक लिए होती है.

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