Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है
जब भी नए लोग शेयर मार्केट में आते है। उसके मन में ये सवाल जरूर आता ही हैं। Trading और Investing क्या है इन दोनों में क्या अंतर होते हैं। ये सवाल मन में आना जायज भी हैं। जब तब नए लोगो को ये समझ नहीं आते उसे कैसे पता लगेगा उसका जोखिम क्षमता और लक्ष्य के हिसाब से, Trading और Investing में उसके लिए किया बेहतर होगा। आज हम जानेंगे Trading और Investing होता क्या है, दोनों में क्या अंतर हैं, Trading कितने तरह की होते हैं। साथ ही साथ जानेंगे कि ट्रेडिंग से हर रोज कमाई कर सकते है या नहीं।
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Trading क्या होता है:-
जब भी आप शेयर को खरीदते हो और उस दिन ही बेच देते हो। तब इसे Trading कहते हैं। मतलब आप Stock Trading में ज्यादा समय तक शेयर को अपने पास नहीं रख सकते हो। मान लीजिए आप एक शेयर खरीदा 200 रुपये में प्रॉफिट होने पर आपने उस दिन ही 220 रुपये में बेच दिया। इसी प्रोसेस डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? को कहते है ट्रेडिंग। Trading करते वक्त Trader हमेशा Technical Analysis के साथ चलते हैं। जिससे उस कंपनी के शेयर प्राइस को कुछ समय आगे का शेयर प्राइस अंदाजा हो जाता हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कंपनी क्या काम करती है, भविष्य की योजना क्या हैं। सिर्फ ये देखा जाएगा शेयर प्राइस किस तरफ जा रही है। Trading करते समय न्यूज़ पर ध्यान देना बहुत जरुरी होता हैं. क्युकी कोई अच्छी खबर किसी भी शेयर को ऊपर ले जा सकती हैं। और बुरी खबर एकदम से नीचे भी ला सकती हैं।
Trading के प्रकार (Types of Trading):-
बहुत सारे Types of Trading होते है मुख्य रूप से 5 तरह का होता है। जिससे ट्रेडर ट्रेडिंग करके पैसा कमाई कर सके।
- Day Trading:- इसमें ट्रेडर को जिस दिन खरीदा उस दिन ही शेयर को बेचना पड़ता हैं। उस स्टॉक को कुछ समय के लिए होल्ड कर सकता है। मार्केट बंद होने से पहले ही ट्रेडर को शेयर बेचना ही पड़ता हैं। इसमें छोटे छोटे पल स्टॉक में होने वाले ऊपर नीचे से Traders अपना प्रॉफिट कर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? सकते हैं।
- Scalping Trading:- Day Trading और Scalping दोनों एक ही तरह का होता हैं। इस ट्रेडिंग में खरीद बेच होते है लेकिन दिन में कही बार ये ट्रेंड किया जा सकता हैं। आपको प्रॉफिट भी हो सकता है और नुकसान भी, इस पर निर्भर करता है कि आपने किस प्रकार का ट्रेंड किया हैं।
- Swing Trading:- इस ट्रेडिंग में आप खरीद और बेच तो सकते हो। अगर आपको खरीदा हुआ दिन नुकसान हो रहा है तो आप उस दिन शेयर को ना बेचकर कुछ दिनों तक होल्ड भी कर सकते हो। फिर जब प्रॉफिट आ जाता है तब बेचकर मुनाफा कमाई कर सकते हैं।
- Momentum Trading:- इस Trading को ट्रेंडर तब प्रयोग करता है जब कोई शेयर ऊपर जाता दिखता हैं। तब खरीदारी कर लेता है जैसे ही कोई उस शेयर का खराब न्यूज़ आता है तब तुरंत बेच देते हैं। जिससे Trader कुछ समय में ही अच्छी मुनाफा कमाई कर लेते हैं। लेकिन इसके लिए न्यूज़ के साथ अपडेट रहना बहुत जरुरी हैं। अगर सही समय पर शेयर को नहीं बेचा तो बहुत ज्यादा नुकसान भी हो सकता हैं।
- Position Trading:- इस तरह का ट्रेडिंग में आप कुछ दिनों के लिए ट्रेडिंग कर सकते हैं। ये Trading उन लोगों के लिए है जो लोग नियमित रूप से मार्केट में नहीं आते। खरीद कर कुछ दिनों के बाद मुनाफा आते ही बेच कर निकल जाते। इसी तरह का ट्रेडर को कहते हैं Position Trading।
Investing क्या होता है:-
जब कोई शेयर आज खरीद डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? के बहुत साल बाद बेच देते है तब इसे Investing कहते हैं। इन्वेस्टिंग में आप बहुत लंबे समय के शेयर को अपने Demat Account में रखते हो। कंपनी के वित्तीय विवरण, पिछले प्रदर्शन, भविष्य में होने वाले ग्रोथ को देखते हुए ही किसी भी शेयर में इन्वेस्ट करता हैं। Investing में Fundamental Analysis करना बहुत जरुरी हैं। जिससे आपको कंपनी के बारे अच्छी नॉलेज होगा और भविष्य में अच्छा रितर्न कमाके देगा।
Investing के प्रकार (Types of Investing):-
मुख्य रूप से इन्वेस्टिंग दो तरह का होता हैं। जिससे आपको लंबे समय में जबरदस्त मुनाफा कमाई करके देगा।
- Value Investing:- इस तरह का इन्वेस्टिंग में आप अच्छी कंपनी का शेयर प्राइस जब नीचे आता है। तब आपको उसमे इन्वेस्ट करना चाहिए। Value Investing में इन्वेस्टर शेयर का विश्लेषण करके देखता है कि कौन सा शेयर कम दाम में मिल रहा हैं। फिर उसमे डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? लंबे समय तक निवेश करता हैं।
- Growth Investment:- जो कंपनी भविष्य में ग्रोथ की संभावना देखता है उसी शेयर में इन्वेस्टर लंबे समय के लिए निवेश करता है। इसी को Growth Investment कहते हैं। इससे Investor उस कंपनी में ज्यादा इन्वेस्ट करता है जो कंपनी Fundamentally बहुत मजबूत हैं।
Trading और Investing में अंतर क्या है (Difference between Trading and Investing):-
- Trading कम समय के लिए होता हैं।
- Investing लंबे समय के लिए होता हैं।
- इसमें Technical Analysis का इस्तेमाल करते हैं।
- Investing में Fundamental Analysis का इस्तेमाल करते हैं।
- Trading में कम समय में बहुत ज्यादा पैसा कमाई कर सकते हैं।
- इसमें आपका कमाई करने के लिए बहुत ज्यादा समय लगता हैं।
- ट्रेडिंग करने से ब्रोकर का शुल्क बहुत ज्यादा होता हैं।
- इन्वेस्टिंग में ब्रोकर का शुल्क ना के बराबर होता हैं।
- Trading जुआ की तरह होता हैं सोचने समझने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? के लिए समय नहीं मिलता।
- Investing में आप सोच समझकर निवेश कर सकते हैं।
क्या Trading से रोज पैसा कमाई कर सकते है:-
जी बिल्कुल आप ट्रेडिंग से हर रोज पैसा कमाई कर सकते हो। लेकिन जैसा कि हम जानते है Share Market रिस्क भी होता हैं। जिस तरह आप रेगुलर कमाई कर सकते है ठीक उसी तरह नुकसान भी हो सकता हैं। लाभ और नुकसान निर्भर करता है आपके ट्रेडिंग रणनीति के ऊपर। कब आप कौन सा ट्रेड ले रहे हो और आप कितना सही हो। जहा लोग बहुत कम समय में लाखो रूपया कमा लेते है वही कुछ लोग कम समय में लाखों रुपये का नुकसान भी कर लेते हैं।
अगर आप नए निवेशक हो तो आपको सबसे पहले Investing की तरफ जाना चाहिए। क्युकी अच्छा शेयर कम समय में नीचे भी आ सकता हैं। लेकिन लंबे समय में वो शेयर जरूर ऊपर जाएगा ही। आपको एसी शेयर में निवेश करना चाहिए जो शेयर भबिस्य में बढ़ने की पूरी संभावना रहती हैं।
आशा करता हु आपको Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है, कितने Types के होते है आपको अच्छी तरह से समझमे आ गया होगा । इससे जुड़ी कोई सवाल या सुझाब है तो कमेंट में जरुर बताए। शेयर मार्केट के बारे में बिस्तार से जानने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? ट्रेडिंग अकाउंट के फायदे और नुक्सान क्या होते है?
दोस्तों आपने ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में सुना तो होगा ही, लेकिन आपको यह नहीं पता होगा की यह क्या होता है? और अगर आप जानना चाहते है की ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? आखिर यह क्यों खुलवाया जाता है? ट्रेडिंग अकाउंट का क्या उपयोग है? और यह कैसे काम करता है? यह सभी सवाल आपके मन में आते होंगे। इन सभी सवालो के जवाब आपको हमारे इस ट्रेडिंग अकाउंट के आर्टिकल में मिलेंगे।
आपको नाम से तो समझ आ गया होगा ट्रेडिंग मतलब वह अकाउंट डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? जो ट्रेड करने के लिए खोला जाता है या व्यवसाय से सम्बंधित होता है। दोस्तों सबसे पहले जानते है क़ि ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है।
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है?
आसान शब्दों में कहे तो ट्रेडिंग अकाउंट एक ऐसा अकाउंट है जहाँ से शेयर खरीदने और बेचने के लिए कैश का आदान-प्रदान होता है। ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग भुगतान करने के लिए किया जाता है जब आप शेयर खरीदते है तो कैश आपके ट्रेडिंग अकाउंट से दिया जाता है, और ट्रेडिंग अकाउंट से ही शेयर बेचा भी जाता है।
दोस्तों यदि आप स्टॉक मार्किट में कार्य करना चाहते है तो आपको डीमैट अकाउंट के साथ साथ ट्रेडिंग अकाउंट क़ि भी आवश्यकता होती है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयर खरीदने व बेचने के लिए खोला जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है जो हमे शेयर्स को खरीदने और बेचने के लिए कैश उपलब्ध करवाता है।
ट्रेडिंग अकाउंट में पैसो का लेन-देन होता है। ट्रेडिंग अकाउंट को स्टॉक मार्किट में काम करने के लिए खोला जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट द्वारा खाता धारक जब मर्जी अपनी इच्छा से शेयर खरीद व बेच सकता है। ट्रेडिंग अकाउंट अब ऑनलाइन प्रक्रिया द्वारा खोला जाता है और सभी कार्य ऑनलाइन होता है।
अब आप ट्रेडिंग अकाउंट से घर बैठे शेयर खरीद व बेच सकते है। आपको ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर ऑनलाइन प्लेटफार्म पर मिल जाते है तथा आप उनसे ऑनलाइन डील कर सकते है। सभी प्रोसेस के ऑनलाइन होने से कार्य में बहुत ही सरलता आ गयी है।
ट्रेडिंग अकाउंट स्टॉकब्रोकर द्वारा खोला जाता है तथा इसके लिए आपको बैंक अकाउंट और डीमैट अकाउंट क़ि आवश्यकता होती है।
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है ?
ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक अकाउंट और आपके डीमैट अकाउंट के बीच मध्यस्था का कार्य करता है, यदि आपको कोई शेयर खरीदना है तो बैंक अकाउंट से पैसे आपके ट्रेडिंग अकाउंट में स्थान्तरित किये जाते है फिर ट्रेडिंग अकाउंट से शेयर खरीदे जाते है और उन्हें आपके डीमैट अकाउंट में रखा जाता है।
यदि आप शेयर को बेचते है तो डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? ट्रेडिंग अकाउंट आपके डीमैट खाते से शेयर लेता है और उसे बेचता है फिर जो राशि आपको शेयर के बदले मिलती है उस राशि को आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देता है। ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अकाउंट के मध्य बिचवई का कार्य करता है।
ट्रेडिंग अकाउंट के लिए आपके पास दो और अकाउंट का होना अनिवार्य है पहला डीमैट अकाउंट और दूसरा सेविंग अकाउंट इन दोनों अकाउंट के बिना आप ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग नहीं कर पाएंगे। क्यूंकि ट्रेडिंग अकाउंट इन दोनों अकाउंट के बीच ही मध्यस्था का कार्य करता है।
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए कौन कौन से दस्तावेज चाहिए होते है?
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए निम्न दस्तावेजों कि आवश्यकता होती है –
- अकाउंट खोलने का आवेदन
- पेन कार्ड
- आधार कार्ड
- 2 पासपोर्ट फोटो
- एड्रेस प्रूफ
- बैंक का विवरण (बैंक स्टेटमेंट 6 महीने कि और ITR भरना होता है)
ट्रेडिंग अकाउंट क्यों खुलवाया जाता है?
स्टॉक मार्किट में कार्य करने के लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है, ट्रेडिंग अकाउंट को शेयर को खरीदने पर बेचने के लिए खुलवाया जाता है। यह अकाउंट स्टॉकब्रोकर द्वारा खोला डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? जाता है, तथा ट्रेडिंग अकाउंट द्वारा कैश का आदान-प्रदान किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट बैंक अकाउंट और आपके डीमैट अकाउंट दोनों से जुड़ा होता है।
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ट्रेडिंग अकाउंट के फायदे क्या है?
शेयर खरीद और बेचना – ट्रेडिंग अकाउंट के द्वारा आप शेयर अपनी इच्छा अनुसार खरीद व बेच सकते है।
मार्जिन मनी – ट्रेडिंग अकाउंट आपको मार्जिन मनी कि सुविधा प्रदान करवाता है जिसके द्वारा आप कम मूल्य में ज्यादा मूल्य वाले स्टॉक्स पर ट्रेडिंग कर सकते है।
शेयर खरीदने व बेचने में आसानी – ट्रेडिंग अकाउंट द्वारा आप बस अपने फ़ोन से ही आसानी से शेयर खरीद व बेच सकते है।
भौतिक लेन-देन नहीं – ट्रेडिंग अकाउंट द्वारा इन्वेस्टर्स को भौतिक रूप में शेयर का लेन देन करने कि आवश्यकता नहीं होती है।
अनेक स्टॉक एक्सचेंज – ट्रेडिंग अकाउंट खोलते ही आपके पास बहुत से स्टॉक एक्सचेंज होते है जिससे आपको अपनी इन्वेस्टमेंट को बेहतर बनाने में मदद मिलती है और आपको ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से आपके पास शेयर्स खोजने के अधिक ऑप्शन होते है।
मनी ट्रांसफर में आसानी – ट्रेडिंग अकाउंट द्वारा आप आसानी से पैसे को अपने बैंक अकाउंट से किसी और के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते है इसमें कोई दिक्कत नहीं आती।
ट्रेडिंग अकाउंट के नुक्सान क्या है?
मासिक शुल्क – ट्रेडिंग अकाउंट को खोलवाने के बाद इसमें भी डीमैट अकाउंट की तरह हर महीने रख-रखाव का शुल्क देना होता है जिसे एक नुकसान में देखा जा सकता है।
ट्रेडिंग अकाउंट के ज्यादा नुकसान तो नहीं है परन्तु ट्रेडिंग अकाउंट एक ऑनलाइन प्रोसेस होता है जिससे कभी कभी आपको सर्वर डाउन तथा इंटरनेट की दिक्कत का सामना करना हो सकता है और इसमें आपके समय की बर्बादी होती है लेकिन नेट सही होने के बाद आप फिर से अपनी ट्रेडिंग कर सकते है।
आपको अपने अकाउंट पर ज्यादा नज़र रखनी पड़ती है क्यूंकि आप यहाँ ऑनलाइन ट्रेड करते है और आपको अपने स्टॉक ब्रोकर पर भी निगरानी करनी पड़ती है ताकि आपके अकाउंट में कुछ गलत ट्रांज़ैक्शन न हो।
यद्दी आप एक ऐसे क्षेत्र में रहते है जंहा नेट की सुविधा अच्छी नहीं है या इंटरनेट की सुविधा नहीं है तो आप ट्रेडिंग अकाउंट नहीं खुलवा पाएंगे और ऑनलाइन ट्रेड नहीं कर पाएंगे। ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए इंटरनेट जरुरी है।
ट्रेडिंग अकाउंट पर FAQs
क्या डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट अलग-अलग होते है?
जी हाँ, ये दोनों डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट अलग-अलग अकाउंट होते है, डीमैट अकाउंट शेयर के रखने के लिए उपयोग किया जाता है जबकि ट्रेडिंग अकाउंट को शेयर खरीदने और बेचने के लिए उपयोग में लाया जाता है। इन दोनों अकाउंट का होना आवश्यक है।
क्या ट्रेडिंग अकाउंट के लिए भी मासिक शुल्क दिया जाता है?
जी हाँ डीमैट अकाउंट की तरह ट्रेडिंग अकाउंट का भी रख रखाव का मासिक शुल्क दिया जाता है।
क्या ट्रेडिंग अकाउंट जरुरी होता है?
जी हाँ यदि आप स्टॉक मार्किट में काम करना चाहते है तो आपके पास डीमैट अकाउंट के साथ साथ ट्रेडिंग अकाउंट भी होना चाहिए। वरना आप शेयर खरीद और बेच नहीं पाएंगे।
खरीदने के बाद आपके शेयर कहां रखे जाते हैं? क्या आपके अलावा भी कोई उन्हें बेच सकता है?
हमारे देश में दो एक्सचेंज हैं जिसमें स्टॉक ट्रेडिंग होती है: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE). NSE की डिपॉजिटरी NSDL है और BSE की डिपॉजिटरी CDSL है. CDSL की स्थापना 1999 में हुई थी और NSDL की स्थापना 1996 में हुई थी.
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (CDSL) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) दोनों ही भारत में सरकार की रजिस्टर्ड शेयर डिपॉजिटरी हैं. ये आपके शेयर, डिबेंचर, म्यूचुअल फंड को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखता है. प्रत्येक डिपॉजिटरी एक स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ी है.
हमारे देश में दो एक्सचेंज हैं जिसमें स्टॉक ट्रेडिंग होती है: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE). NSE की डिपॉजिटरी NSDL है और BSE की डिपॉजिटरी CDSL है. CDSL की स्थापना 1999 में हुई थी और NSDL की स्थापना 1996 में हुई थी.
स्टॉक एक्सचेंज: CDSL BSE के लिए काम करता है और NSDL NSE के लिए काम करता है. हालांकि एक्सचेंज सिक्योरिटीज के ट्रेड और सेटलमेंट के लिए दो डिपॉजिटरी में से किसी एक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं CDSL की स्थापना 1999 में हुई थी और NSDL की स्थापना 1996 में हुई थी.
प्रमोटर: दोनों के बीच एक और अंतर उनके प्रमोटर हैं. NSDL के प्रमोटर्स IDBI बैंक लिमिटेड, यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया और NSE है. CDSL का प्रमोटर BSE, SBI, BOI, BOB, HDFC बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया है.
डीमैट अकाउंट नंबर फॉर्मेट: CDSL और NSDL डीमैट अकाउंट नंबर के बीच अंतर है. CDSL का डीमैट अकाउंट केवल न्यूमेरिकल होता जिसमें 16 नंबर होते हैं. NSDL के डीमैट अकाउंट में अल्फा न्यूमेरिक अंक होते हैं. IN और 14 नंबर.
दोनों डिपॉजिटरी में शेयर्स और अन्य सिक्योरिटीज को होल्ड करने की सुविधा मिलती है. यदि आप देखें, तो NSDL और CDSL में अंतर केवल उनके नाम, प्रमोटरों और डीमैट अकाउंट नंबर फॉर्मेट में है. दोनों डिपॉजिटरी का काम समान है. वे समान सेवाएं प्रदान करते हैं.
एक निवेशक के रूप में आप एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के माध्यम से CDSL और NSDL की सर्विसेज का लाभ उठा सकते हैं. एक डीपी एक वित्तीय संस्थान, एक ब्रोकर, एक कस्टोडियन या एक बैंक हो सकता है. आप किसी भी डीपी के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं.
डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को सभी शेयरधारकों को डिपॉजिटरी में उनके हेल्ड और ट्रेड की गई सभी सिक्योरिटीज की डिटेल्स देना आवश्यक होता है.
Demat Account क्या है? Demat Account Kaise Khole
इस लेख के माध्यम से हम आपको समझाएंगे कि यह Demat Account क्या है? Demat Account Kaise Khole? और Stock Market के महत्वपूर्ण बातो पर भी नजर डालेंगे। स्टॉक मार्केट एक ऐसी जगह है जहां हर किसी को व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने की आवश्यकता होती है, भले ही सैद्धांतिक ज्ञान कितना भी हो। ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक और उचित है। लेकिन व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करना और स्वयं के अनुभव से सीखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
इससे पहले कि आप शेयरों में निवेश करना शुरू करें, Demat एक महत्वपूर्ण खाता है जिसे आपको स्थापित करने की आवश्यकता है। जी हाँ, आपने सही अनुमान लगाया – Demat Account Kaise Khole। SEBI के नियमों के अनुसार, Stock Market में शुरुआत करने के लिए Demat account खोलना जरूरी है। मैं आपके जानकारी के लिए बता दू आज भारत में काफी तेजी से इसका प्रचलन बढ़ रहा है।
2018 में लगभग 40 लाख Demat(डीमैटरियलाइज्ड) खाते खोले गए । जिससे ऐसे खातों की कुल संख्या 3.48 करोड़ से अधिक हो गई । सितंबर 2019 के बाद से सबसे अधिक मासिक वृद्धि हुई जब 1.9 मिलियन खाते खोले गए। अकेले जनवरी 2021 में, 1.7 मिलियन नए डीमैट खाते जोड़े गए।
SHARE MARKET क्या है ? WHAT IS SHARE MARKET IN HINDI
Demat Account क्या है?
अब हम जानेंगे कि आम आदमी की भाषा में Demat Account वास्तव में है क्या ? एवं Demat Account Kaise khole ? यह बहुत हद तक बैंक खाते से मिलता-जुलता है। जहां एक बैंक खाते में आपका पैसा Electronics प्रारूप में होता है, वहीं एक Demat khate में शेयर/प्रतिभूतियां होती हैं। यह Electronic प्रारूप में शेयर रखने की सुविधा है।
डीपत्रों का उपयोग किए बिना शेयरों को स्थानांतरित करने और प्राप्त करने की अनुमति देता है। इस खाते के माध्यम से कोई भी शेयर या स्टॉक को होल्ड या ट्रांसफर कर सकता है।आसान भाषा में बोले तो यह खाते का एक Digital रूप है। Demat शब्द ‘डीमैटरियलाइज्ड’ का संक्षिप्त रूप है। एक Demat Account आपको वास्तविक भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों का उपयोग किए बिना शेयरों को स्थानांतरित करने और प्राप्त करने की अनुमति देता है।
सबसे अच्छा Demat Account का चयन कैसे करें?
भारत में इक्विटी बाजारों में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट खाता होना सबसे महत्वपूर्ण है। बिना दमत कहते के आप स्टॉक मार्किट नहीं कर सकते है , हालांकि, आपको अपने डीमैट खाते को किसी साधारण अकाउंट नहीं समझना चाहिए।
लेकिन, सबसे अच्छा विकल्प चुनने के लिए हमे बहुत ही डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? अच्छे से जानकारी इक्कठी करनी होती है । डीमैट खात को खोलने के लिए, आपको एक डिपॉजिटरी चुननी होगी जो आपके लिए शेयर एक्सचेंजों में व्यापार करने के लिए सबसे बढ़िया हो। इस प्रकार, निवेश शेयरों में अपनी शुयह यात्राशुरू करने के लिए आपको ट्रेडिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ डीमैट खाते का चयन करना होगा।
वैसे मार्किट में बहुत Demat Account Holders है । लेकिन Zerodha एक बहुत ही बढ़िया विकल्प हो सकता है। क्योकि मैंने खुद Zerodha में ही अपना दमत अकाउंट ओपन किया है । Open Demat Account for Free
Online Demat Account कैसे खोलें? Demat Account Kaise Khole
निवेश तथा ट्रेडिंग के लिए Demat Account होना जरूरी है। आइए इस लेख के माध्यम से जानें कि Demat Account kaise Khole
आजकल बहुत से लोग ये जानने के लिए इक्क्षुक होते हैं, की भारत में शेयर बाजार का व्यापार कैसे करें। मैं आपकी जानकारी के डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? लिए बता दू इसकी शुरुआत 3 चीजों से होती है – एक डीमैट खाता, एक बैंक खाता और एक ट्रेडिंग खाता ।
Demat and Trading Account | Demat Account Kaise kholte hain
मैं अभी आपको एक और खता जिसे Treding Account कहा जाता है जो की आपके डीमैट खाते और बैंक खाते के बीच एक Mediater का काम करता है। जो आपको बाजार में वास्तव में खरीदने तथा बेचने की Permission देता है। जब हम Demat अकाउंट खोल रहे होते है तो उस समय हमरे लिए ये आवश्यक होता है ।
Demat and Trading Account के बीच एक छोटी सी अंतर है। जैसा की हम जानते है की Demat Account का इस्तेमाल शेयरों को रखने और शेयरों की खरीद-बिक्री के रिकॉर्ड के लिए किया जाता है। वही दूसरी तरफ , Treding Account व्यक्ति को वास्तव में आसानी से खरीद या बिक्री तथा लेनदेन करने में सक्षम बनाता है। इन दोनों खातों को खोलते ही , आप निवेशक आसानी से अपनी जरूरत और सुविधा के अनुसार निवेश और व्यापार के साथ शुरुआत कर सकते हैं।
Demat Account खोलना आमतौर पर बहुत ही सरल है। बस आपको एक Demat Account खोलने का फॉर्म भरना होता है, फिर आवश्यक संपर्क से सबंधित विवरण दर्ज करना होता है ,उसके बाद आवश्यक दस्तावेजो को अपलोड करके और कुछ आवश्यक विवरण भरना होता है। एक बार ई-सत्यापन की ये प्रक्रिया पूर्ण हो जाये , फिर ग्राहक व्यापार और निवेश शुरू करने के लिए तैयार हो जाते है ।
Demat Account खोलने के Steps( Demat Account Kaise Khole ) :
1. Demat Account Opening Form भरना
4. नीचे दिए गए Documents की एक फोटो या स्कैन कॉपी अपलोड करें। और है ये स्कैन कॉपी Max. 4 MB चाहिए।
a. स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड
c. निवास प्रमाण पत्र
d. रद्द और हस्ताक्षरित चेक,
f. बैंक स्टेटमेंट
10. Client E-sign
11. व्यक्तिगत सत्यापन (आईपीवी)
चलते चलते
तो दोस्तों आप अपनी राय जरूर दे की आपको ये लेख आपको कैसा लगा। जैसा की हमने इस लेख के माध्यम से जाना की Demat Account क्या है? Onlline Demat Account kaise khole सकते है।
और हाँ दोस्तों अगर आपको ऐसे ही स्टॉक मार्किट और इन्वेस्टमेंट के बारे में ऐसेही और भी जानकारिया लेनी है। तो हमारे वेबसाइट पर से सारी जानकारिया ले सकते है।
तो चलिए दोस्त मिलते है एक और नयी जानकरी को लेकर जो की आपको बिज़नेस, इन्वेस्टमेंट और स्टॉक मार्किट में शुरुवात करने में मदद करेगी। इस लेख को पुरे अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद !!
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