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Share Market News: 2021 में इन 5 स्टॉक में जिन्होंने लगाया पैसा उनकी खुल गई किस्मत, मिला 250% तक का रिटर्न

Share Market: आईटी स्टॉक कोविड -19 की दूसरी लहर के दौरान हुई बिकवाली से अप्रभावित रहे. वास्तव में, आईटी स्टॉक कोविड -19 दबाव के दौरान शेयर मार्केट के पसंदीदा बन गए.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 05 Aug 2021 09:06 PM (IST)

Share Market News: आईटी सेक्टर उन कुछ सेक्टरों में से एक है, जो कोविड -19 की दूसरी लहर के दौरान हुई बिकवाली से अप्रभावित रहे. वास्तव में, आईटी स्टॉक कोविड -19 दबाव के दौरान शेयर मार्केट के पसंदीदा बन गए.

जबकि NSE निफ्टी 2021 के पहले छह महीनों में लगभग 12 फीसदी की बढ़त दर्ज करने में कामयाब रहा, उस अवधि में BSE आईटी इंडेक्स लगभग 24 फीसदी बढ़ा. 2021 की पहली छमाही में मल्टीबैगर रिटर्न (multibagger returns) देने वाले शेयरों की अच्छी संख्या देखी गई और उस सूची में आईटी शेयरों का प्रमुख योगदान था. आज हम 2021 में मल्टीबैगर रिटर्न देने वाले 5 आईटी शेयरों की सूची आपको देने वाले हैं.

Subex Limited:

  • बेंगलुरु स्थित इस सॉफ्टवेयर कंपनी का स्टॉक NSE में वर्ष 2021 में 45 रुपये प्रति स्टॉक से बढ़कर जुलाई 2021 में 71.95 रुपये प्रति स्टॉक स्तर पर पहुंच स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लाभ गया है.
  • इसका मतलब है कि इस शेयर ने इस अवधि में अपने शेयरधारकों को 150 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है.
  • वर्तमान में, कंपनी का बाजार पूंजीकरण लगभग ₹3750 करोड़ है.

e-Clerx:

News Reels

  • मुंबई और पुणे स्थित इस बहुराष्ट्रीय आईटी कंपनी का स्टॉक NSE पर 883.30 रुपये प्रति स्टॉक मार्क से बढ़कर जुलाई 2021 में 2,101 रुपये प्रति स्टॉक स्तर पर पहुंच गया है.
  • इसका मतलब है कि केवल छह महीने में इस आईटी स्टॉक ने लगभग 140 प्रतिशत रिटर्न निवेशकों को दिया है.
  • कंपनी का ऋण इक्विटी अनुपात शून्य है जो कंपनी के मजबूत बैलेंस शीट और निरंतर राजस्व सृजन का संकेत देता है.

Happiest Minds Technologies:

  • यह आईटी शेयर 17 सितंबर 2020 को NSE और BSE दोनों में सूचीबद्ध होने के बाद से आसमान छू रहा है.
  • वर्ष 2021 में NSE में इस शेयर की कीमत 344.25 रुपये से बढ़कर जुलाई 2021 में 1,5 हो गई है.
  • इसका मतलब है कि स्टॉक ने साल 2021 में करीब 250 फीसदी का डिलीवर किया है.
  • पिछले तीन वर्षों में हैप्पीएस्ट माइंड्स की औसत लाभ वृद्धि 140 प्रतिशत से अधिक है और इसका इक्विटी पर प्रतिफल (आरओई) 55 प्रतिशत से अधिक है.

Brightcom Group:

  • इस डिजिटल मार्केटिंग कंपनी के शेयर की कीमत 8.30 रुपये से बढ़कर जुलाई 2021 में ₹80 हो गई है.
  • इसका मतलब है कि इस आईटी काउंटर ने वर्ष 2021 में लगभग 260 प्रतिशत रिटर्न दिया है.
  • ब्राइटकॉम समूह के शेयरों का अत्यधिक मूल्य है क्योंकि इसका पीई राशन 175 प्रतिशत से अधिक है.

Newgen Software Technologies:

  • यह लॉ कोड डिजिटल ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म प्रोवाइडर आईटी कंपनी के शेयर की कीमत एनएसई में ₹40 से बढ़कर जुलाई 2021 में 709.90 हो गई है.
  • इसका मतलब है कि आईटी स्टॉक ने वर्ष 2021 में अपने शेयरधारकों को लगभग 165 प्रतिशत रिटर्न दिया है.
  • यह स्टॉक अधिक मूल्यवान लगता है क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लाभ इसका पीई अनुपात लगभग 43 प्रतिशत है.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहाँ कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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Published at : 05 Aug 2021 09:06 PM (IST) Tags: ABP News Share Market Stock Market bse share Price share market news today sunsex stock market share price today IT Stock हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

खुद के शेयर खरीदेगी यह कंपनी, जानिए रिकॉर्ड डेट

eClerx Services Ltd के बोर्ड ने निर्णय लिया है कि वह ₹1750 प्रति शेयर की कीमत पर शेयर वापस खरीदेगा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर शेयर की कीमत अभी 1380 रुपए है। जब eClerx Services Ltd अपने स्वयं के शेयर खरीदता है, तो वह बायबैक प्रोग्राम के तहत ऐसा कर रहा है

इसका मतलब यह है कि कंपनी जनता से अपने ही शेयर वापस खरीद रही है, जिससे इसके शेयर की कीमत बढ़ाने में मदद मिलेगी। कंपनी ने ऐलान किया है कि बायबैक के लिए रिकॉर्ड डेट एक निश्चित तारीख को होने वाली है

This company will buy its own shares

इस कंपनी के निदेशक मंडल ने फैसला किया है कि 27 दिसंबर 2022 को वे कंपनी के शेयरों की बायबैक करेंगे। 10 नवंबर, 2022 को कंपनी के निदेशक मंडल ने कंपनी के शेयर वापस खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी

eClerx Services Ltd के बोर्ड ने प्रत्येक शेयर को ₹1750 में बायबैक का फैसला किया है। स्टॉक वर्तमान में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर eClerx Services Ltd का स्टॉक 1,380 रुपये पर कारोबार कर रहा है और अगर कंपनी शेयर वापस खरीदने का फैसला करती है, तो यह 370 रुपये प्रति शेयर या 25 प्रतिशत का लाभ कमा सकती है। कंपनी के अनुसार बायबैक लगभग 300 करोड़ रुपए के आस पास है

और कंपनी जितने शेयर बायबैक करेगी उनकी संख्या 17,14,285 तक होगी। buyback इसलिए किया जाता है स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लाभ क्योंकि यदि कोई कंपनी अपने स्वयं के शेयरों को वापस खरीदने के लिए कार्रवाई करती है, तो इससे खुले बाजार में खरीद के लिए उपलब्ध शेयरों की संख्या कम हो जाती है, जिससे अन्य लोगों के लिए स्टॉक खरीदना कठिन हो जाता है और शेयर की वैल्यू बढ़ जाती है

EClerx एक पब्लिक लिमिटेड और बहुराष्ट्रीय कंपनी है जो मुंबई और पुणे में अपने मुख्यालय से आईटी परामर्श और आउटसोर्सिंग सेवाएं प्रदान करती है। यह कंपनी दुनिया की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों को बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट, ऑटोमेशन और एनालिटिक्स सेवाएं मुहैया कराती है। Eclerx को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सोमवार, 31 दिसंबर 2007 से सूचीबद्ध किया गया है

Disclaimer: इस आर्टिकल को कुछ अनुमानों और जानकारी के आधार पर बनाया है हम फाइनेंसियल एडवाइजर नही है आप इस आर्टिकल को पढ़कर शेयर बाज़ार (Stock Market), म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund), क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेश करते है तो आपके प्रॉफिट (Profit) और लोस (Loss) के हम जिम्मेदार नही है इसलिए अपनी समझ से निवेश करे और निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरुर ले

Ezoic

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सेबी ने म्यूचुअल फंड इकाइयों की खरीद और बिक्री को इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के तहत लाया

Sebi brings mutual funds units buying and selling

पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 24 नवंबर 2022 को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से सेबीइनसाइडर ट्रेडिंग निषेध विनियमोंके तहत म्यूचुअल फंड इकाइयों की खरीद और बिक्री को शामिल किया है। अब तक, ऐसे नियम केवल सूचीबद्ध कंपनियों या सूचीबद्ध होने के लिए प्रस्तावित प्रतिभूतियों पर लागू होते थे।

अगर किसी इन्साइडर के पास अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी है और उसका असर फंड की नेट एसेट वैल्यू पर पड़ सकता है तो इस स्थिति में वह म्यूचुअल की किसी भी स्कीम की यूनिट्स का लेनदेन नहीं करेगा।

इनसाइडर की परिभाषा

सेबी ने उन लोगों की एक सूची निर्दिष्ट की है जिन्हें इन्साइडर माना जाएगा और नियमों के तहत कवर किया जाएगा।

इन्साइडर व्यक्तियों में म्यूचुअल फंड के प्रायोजक के निदेशक मंडल और प्रमुख प्रबंधन कर्मी, म्यूचुअल फंड या एसेट मैनेजमेंट कंपनी के बैंकर, स्टॉक एक्सचेंज के अधिकारी, फंड अकाउंटेंट के कर्मचारी, रजिस्ट्रार और शेयर ट्रांसफर एजेंट, संरक्षक या म्यूचुअल फंड्स की वैल्यूएशन एजेंसियां शामिल हैं।

इनसाइडर ट्रेडिंग क्या है?

यह मूल्य संवेदनशील जानकारी है जो किसी भी म्यूचुअल फंड के नेट अस्सेस्ट वैल्यू (एनएवी) को प्रभावित कर सकता है। इस तरह के जानकारी का सार्वजनिक होने से पहले , कोई भी इनसाइडर अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए म्यूचुअल फंड यूनिट को खरीदने या बेचने के काम करता है तो उसे इनसाइडर ट्रेडिंग कहते हैं।

भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी)

भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को हुई थी और इसे 30 जनवरी 1992 को सेबी अधिनियम 1992 द्वारा वैधानिक दर्जा दिया गया था।

टाटा मोटर्स जनवरी 2023 से एनवाईएसई से अमेरिकी डिपॉजिटरी रसीदों को हटा देगी

Tata Motors to delist from NYSE from January 2023

भारत की अग्रणी मोटर कंपनी टाटा मोटर्स ने घोषणा की है कि वह जनवरी 2023 से संयुक्त राज्य अमेरिका में दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई) से अपनी अमेरिकी डिपॉजिटरी रसीदों (एडीआर) को हटा देगी।

टाटा मोटर्स ने कंपनी में विदेशी शेयरधारकों की भागीदारी बढ़ाने और विदेशी पूंजी जुटाने के उद्देश्य से 2004 में एडीआर जारी किया था। टाटा मोटर्स ने कहा कि मौजूदा समय में कंपनी में काफी विदेशी निवेश है और उसके एडीआर मेंविदेशी निवेशकों की दिलचस्पी घट रही है। स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लाभ इसलिए कंपनी ने एडीआर को डीलिस्ट करने का फैसला किया है।

पहली भारतीय कंपनी जिसने एडीआर जारी किया था वह इनफ़ोसिस है स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लाभ जिसने 1999 में इसे जारी किया था और इसे अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज NASDAQ पर लिस्ट किया गया था ।

एडीआर क्या है?

यह एक अमेरिकी डिपॉजिटरी द्वारा अमेरिकी निवेशक को जारी किया गया एक डेरीवेटिव (derivative)उपकरण है जिसे एक अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जाता है। इसे एक गैर-अमेरिकी कंपनी के इक्विटी शेयरों के खिलाफ जारी किया जाता है। एडीआर में कंपनी के शेयर की तरह ही कारोबार किया जाता है और एडीआर धारक के पास वे सभी अधिकार होते हैं जो कंपनी के इक्विटी शेयरधारक को प्राप्त होते है सिर्फ वोटिंग अधिकारों को छोड़कर ।

यह काम किस प्रकार करता है ?

उदाहरण के लिए टाटा मोटर्स विदेशी पूंजी जुटाने और कंपनी में विदेशी भागीदारी बढ़ाने के लिए एडीआर जारी करना चाहती है।

उदाहरण के लिए टाटा मोटर्स या तो नए 10,000 शेयर बनाएगी या कंपनी के मौजूदा शेयरों का उपयोग करेगी। यह एक अमेरिकी डिपॉजिटरी से संपर्क करता है, जैसे सिटी बैंक को और उसे अपने 10,000 शेयर जमा करने के लिए कहता है।

सिटी बैंक टाटा मोटर्स के शेयरों को स्वीकार करेगा और टाटा मोटर्स के जमा शेयरों के बदले रसीद जारी करेगा। मान लीजिए एक शेयर के लिए एक रसीद जारी की जाती है तो कुल 10,000 रसीदें जारी की जाएगी । इन रसीदों को मान लीजये अमेरिकी निवेशक को $ 10 प्रति के रसीद के हिसाब से बेचा जाएगा।

इस प्रकार 10,00,00 डॉलर मूल्य की रसीदें बेची जाएंगी और डिपॉजिटरी अपना कमीशन काटकर शेष राशि इंफोसिस को देगी। इस तरह से टाटा की शेयर सिटी बैंक के पास होगा जबकि इस बदले जारी की गयी रसीद अमेरिकी निवेशिकों के पास होगा इसलिए इसे डेरीवेटिव कहा जाता है ।

इन रसीदों को अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जाएगा और सामान्य शेयरों की तरह इसमें कारोबार किया जाएगा।

अमेरिकी डिपॉजिटरी द्वारा जारी इन रसीदों को अमेरिकी डिपॉजिटरी रसीद कहा जाता है ।

एडीआर के धारक को वोटिंग अधिकार के अलावा टाटा मोटर्स के भारतीय शेयरधारक को मिलने वाले सभी लाभ मिलेंगे। एडीआर धारक को मतदान का अधिकार इसलिए नहीं दिया जाता क्योंकि अभी भी भारत के पास पूर्ण पूंजी खाता परिवर्तनीयता नहीं है।

न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई)

यह न्यूयॉर्क शहर संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।

इसे वॉल स्ट्रीट के नाम से भी जाना जाता है। वॉल स्ट्रीट उस स्थान का नाम है जहां वह भवन स्थित है जिसमे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लाभ एनवाईएसई है।

एनवाईएसई का सूचकांक डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज या डॉव जोन्स है। यह दुनिया का पहला शेयर बाजार सूचकांक है । भारत के बीएसई का सूचकांक सेंसेक्स डॉव जोन्स मॉडल पर आधारित है।

1999 में आईसीआईसीआई एनवाईएसई में सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय कंपनी थी।

सेबी ने म्यूचुअल फंड इकाइयों की खरीद और बिक्री को इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के तहत लाया

Sebi brings mutual funds units buying and selling

पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 24 नवंबर 2022 को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से सेबीइनसाइडर ट्रेडिंग निषेध विनियमोंके तहत म्यूचुअल फंड इकाइयों स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लाभ की खरीद और बिक्री को शामिल किया है। अब तक, ऐसे नियम केवल सूचीबद्ध कंपनियों या सूचीबद्ध होने के लिए प्रस्तावित प्रतिभूतियों पर लागू होते थे।

अगर किसी इन्साइडर के पास अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी है और उसका असर फंड की नेट एसेट वैल्यू पर पड़ सकता है तो इस स्थिति में वह म्यूचुअल की किसी भी स्कीम की यूनिट्स का लेनदेन नहीं करेगा।

इनसाइडर की परिभाषा

सेबी ने उन लोगों की एक सूची निर्दिष्ट की है जिन्हें इन्साइडर माना जाएगा और नियमों के तहत कवर किया जाएगा।

इन्साइडर व्यक्तियों में म्यूचुअल फंड के प्रायोजक के निदेशक मंडल और प्रमुख प्रबंधन कर्मी, म्यूचुअल फंड या एसेट मैनेजमेंट कंपनी के बैंकर, स्टॉक एक्सचेंज के अधिकारी, फंड अकाउंटेंट के कर्मचारी, रजिस्ट्रार और शेयर ट्रांसफर एजेंट, संरक्षक या म्यूचुअल फंड्स की वैल्यूएशन एजेंसियां शामिल हैं।

इनसाइडर ट्रेडिंग क्या है?

यह मूल्य संवेदनशील जानकारी है जो किसी भी म्यूचुअल फंड के नेट अस्सेस्ट वैल्यू (एनएवी) को प्रभावित कर सकता है। इस तरह के जानकारी का सार्वजनिक होने से पहले , कोई भी इनसाइडर अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए म्यूचुअल फंड यूनिट को खरीदने या बेचने के काम करता है तो उसे इनसाइडर ट्रेडिंग कहते हैं।

भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी)

भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को हुई थी और इसे 30 जनवरी 1992 को सेबी अधिनियम 1992 द्वारा वैधानिक दर्जा दिया गया था।

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