The mistake of considering flu as a common cold

दुधारू पशुओं पर ठंड का असर

milk business sachkahoon

भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। आधे से अधिक दिसम्बर माह बीत जाने के बाद राजस्थान से सटे भिवानी जिला में ठंड का असर देखने को मिला।जहां ठंड से आमजन जीवन अयस्त-व्यस्त है।वहीं इसका असर दुधारू पशुओं पर भी देखा जा रहा है। अगर पशु चिकित्सक की माने तो 15 से 25 प्रतिशत उनके दूध में कमी आई है।इसके लिए पशु पालक पशुओं की खुराक में बढ़ोतरी करें।

ठंड का प्रभाव पशुओं पर पड़ रहा

पशुपालकों ने बताया कि ठंड पड़नी शुरू हो चुकी है। जिसका प्रभाव आमजन के साथ साथ पशुओं पर पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि पशुओं के दूध में काफी कमी आई है दुधारू पशुओं का दूध सूख रहा है।उन्होंने कहा कि खर्चे व महंगाई अधिक होने की वजह से पर्याप्त मात्रा में चाट ,खल और बिनौला पशुओं को नहीं दे पा रहे हैं।उन्होंने सरकार से गुजारिश करते हुए कहा कि उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ताकि पशुओं का पालन पोषण हो सके और अपना कार्य चला सकें।
बाइट:-धनपति,माया चयनपाल सिंह(पशुपालक)

पशुओं की खुराक बढ़ाएं:-चिकित्सक

वहीं पशु चिकित्सक ने बताया कि लगातार तापमान में गिरावट के चलते पशुओं में इसका प्रभाव पड़ रहा।उन्होंने बताया कि 15 से 25 प्रतिशत दुधारू पशुओं में दूध की कमी आई है।उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि पशुपालक अपने पशुओं की खुराक को बढ़ा दें।उन्होंने कहा कि अब जितनी मात्रा में पशुओं को चारा डाला जा रहा है वह पर्याप्त नहीं है क्योंकि उसकी एनर्जी की खपत टेम्प्रेचर मेंटेन करने में लग जाती है।
विजय सनसनवाल (पशु चिकित्सक)

स्थिति को कंट्रोल कर पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा

चिकित्सक ने बताया कि पशुओं को चारे में तूड़ा के साथ साथ चाट ,खल बिनौला मिलाकर दें ताकि दूध में बढ़ोतरी बनी रहे। ठंड से पशुओं को बचाने के लिए ठंडा पानी न पिलाएं और जब भी धूप निकले तो पशुओं को बाहर बांधे और बोरी से ढाँपकर सखे।उन्होंने कहा कि छोटे कटड़े- कटड़ियों, बछड़े -बछड़ियों निमोनिया की काफी शिकायत आ रही है उनका विशेष ध्यान रखें।उन्होंने बताया कि किसी पशु को निमोनिया हो जाता है तो तुरंत पशु अस्पताल में उसका इलाज करवाएं और पशुओं के इलाज के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निशुल्क मेडिसिन सुविधाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि यदि पशु का इलाज समय पर नहीं करवाया गया तो बाद में स्थिति को कंट्रोल कर पाना बहुत मुश्किल होता है।

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Rashifal 19 December: सिंह को नौकरी में तरक्की, तुला को मिलेगा फंसा हुआ पैसा, जानें कन्या व वृश्चिक का राशिफल

Rashifal 19 December: तुला राशि के जातकों को आज देर तक काम करने से बचना होगा. काम के बीच में आराम करने की कोशिश करें. आज बिना किसी पूर्व सूचना के कोई कर्जदार आपका उधार वापस लौटा सकता है. आज आप अपने भाई-बहनों के साथ घर पर कोई मूवी या मैच देख सकते हैं.

  • सिंह: व्यापार में मुनाफा कमा सकते हैं.
  • वृश्चिक: जीवनसाथी के साथ समय बिताएं.

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Rashifal 19 December: सिंह को नौकरी में तरक्की, तुला को मिलेगा फंसा हुआ पैसा, जानें कन्या व वृश्चिक का राशिफल

नई दिल्ली. Rashifal 19 December तुला राशि के जातकों को आज देर तक काम करने से बचना होगा. काम के बीच में आराम करने की कोशिश करें. आज बिना किसी पूर्व सूचना के कोई कर्जदार आपका उधार वापस लौटा सकता है. आज आप अपने भाई-बहनों के साथ घर पर कोई मूवी या मैच देख सकते हैं.

सिंह राशि का राशिफल
आज आपके भाई-बहन आपसे आर्थिक मदद मांग सकते हैं. आपकी आर्थिक स्थिति में जल्द ही सुधार होगा. अपने बच्चों की समस्याओं से निपटने के लिए कुछ समय निकालें. आज आपके सहकर्मी आपके काम की तारीफ करेंगे. आपके बॉस भी आपकी तरक्की से खुश नजर आएंगे. व्यवसायी भी आज व्यापार में मुनाफा कमा सकते हैं.
उपाय: अधिक तरल पदार्थ की मात्रा वाला भोजन स्वास्थ्य में वृद्धि करेगा.

कन्या राशि का राशिफल
आपको अतिरिक्त आराम की आवश्यकता पड़ सकती है. आपका कोई पड़ोसी आज आपसे कर्ज मांगने आ सकता है. आपको सलाह दी जाती है कि पैसा उधार देने से पहले उनकी विश्वसनीयता की जांच कर लें अन्यथा धन हानि हो सकती है. आपका जीवनसाथी आपको खुश रखने के लिए आज काफी प्रयास करेगा.
उपाय : पक्षियों को सात प्रकार के साबुत अनाज खिलाएं.

तुला राशि का राशिफल
काम के बीच में आराम करने की कोशिश करें. आज बिना किसी पूर्व सूचना के कोई कर्जदार आपका पैसा लौटा सकता है. शाम के समय अचानक मेहमानों की भीड़ लग जाएगी. आज अपने भाई-बहनों के साथ घर पर कोई मूवी देख सकते हैं. जीवनसाथी के प्यार से आज आप अपने जीवन के सारे कष्ट भूल जाएंगे.
उपाय: किसी भी धार्मिक संस्था को अपने कुलदेवता की सोने या कांसे की मूर्ति भेंट करें .

वृश्चिक राशि का राशिफल
आज आपके पास अपनी सेहत और लुक्स को बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त समय होगा. अपने व्यवसाय को आनंद के साथ न जोड़ें. काम से छुट्टी लेकर आज आप अपने जीवनसाथी के साथ कुछ अच्छा समय बिताने की कोशिश करें.
उपाय : अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए एक मुखी रुद्राक्ष सफेद धागे में धारण करें.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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दुधारू पशुओं पर ठंड का असर

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भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। आधे से अधिक दिसम्बर माह बीत जाने के बाद राजस्थान से सटे भिवानी जिला में ठंड का असर देखने को मिला।जहां ठंड से आमजन जीवन अयस्त-व्यस्त है।वहीं इसका असर दुधारू पशुओं पर भी देखा जा रहा है। अगर पशु चिकित्सक की माने तो 15 से 25 प्रतिशत उनके दूध में कमी आई है।इसके लिए पशु पालक पशुओं की खुराक में बढ़ोतरी करें।

ठंड का प्रभाव पशुओं पर पड़ रहा

पशुपालकों ने बताया कि ठंड पड़नी शुरू हो चुकी है। जिसका प्रभाव आमजन के साथ साथ पशुओं पर पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि पशुओं के दूध में काफी कमी आई है दुधारू पशुओं का दूध सूख रहा है।उन्होंने कहा कि खर्चे व महंगाई अधिक होने की वजह से पर्याप्त मात्रा में चाट ,खल और बिनौला पशुओं को नहीं दे पा रहे हैं।उन्होंने सरकार से गुजारिश करते हुए कहा कि उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ताकि पशुओं का पालन पोषण हो सके और अपना कार्य चला सकें।
बाइट:-धनपति,माया चयनपाल सिंह(पशुपालक)

पशुओं की खुराक बढ़ाएं:-चिकित्सक

वहीं पशु चिकित्सक ने बताया कि लगातार तापमान में गिरावट के चलते पशुओं में इसका प्रभाव पड़ रहा।उन्होंने बताया कि 15 से 25 प्रतिशत दुधारू पशुओं में दूध की कमी आई है।उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि पशुपालक अपने पशुओं की खुराक को बढ़ा दें।उन्होंने कहा कि अब जितनी मात्रा में पशुओं को चारा डाला जा रहा है वह पर्याप्त नहीं है तरलता ढेर हो जाती है क्योंकि उसकी एनर्जी की खपत टेम्प्रेचर मेंटेन करने में लग जाती है।
विजय सनसनवाल (पशु चिकित्सक)

स्थिति को कंट्रोल कर पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा

चिकित्सक ने बताया कि पशुओं को चारे में तूड़ा के साथ साथ चाट ,खल बिनौला मिलाकर दें ताकि दूध में बढ़ोतरी बनी रहे। ठंड से पशुओं को बचाने के लिए ठंडा पानी न पिलाएं और जब भी धूप निकले तो पशुओं को बाहर बांधे और बोरी से ढाँपकर सखे।उन्होंने कहा कि छोटे कटड़े- कटड़ियों, बछड़े -बछड़ियों निमोनिया की काफी शिकायत आ रही है उनका विशेष ध्यान रखें।उन्होंने बताया कि किसी पशु को निमोनिया हो जाता है तो तुरंत पशु अस्पताल में उसका इलाज करवाएं और पशुओं के इलाज के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निशुल्क मेडिसिन सुविधाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि यदि पशु का इलाज समय पर नहीं करवाया गया तो बाद में स्थिति को कंट्रोल कर पाना बहुत मुश्किल होता है।

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Photos: बेहोश और दम घुटने पर इन टिप्स को आजमायें, बच सकती है आपकी जान

पूरे भाग को साबुन तथा गुनगुने पानी से साफ करें ताकि धूल हट जाये। घाव पर सीधे तब तक दबाव डालें, जब तक खून का बहना बंद न हो जाये। घाव पर असंक्रामक पट्टी बांधें। यदि घाव गहरा हो तो जल्दी से चिकित्सक से संपर्क करें। छिलना या जख्म होने पर साबुन और गुनगुने पानी से धोयें। यदि खून बह रहा हो तो इसे संक्रमण से बचाने के लिए पट्टी से ढंक दें।

घायल हिस्से पर ठंडा पानी डालें। यह बाल्टी या कटोरा या रसोई की सिंक का इस्तेमाल कर या सामान्य नल के नीचे जले हुए स्थान को रखकर किया जा सकता है । जले हुए हिस्से को कम से कम पन्द्रह मिनट तक ठंडे पानी में रखना चाहिए। यदि घायल हिस्से को पानी के नीचे लाना कठिन हो, तो साफ चाय के कपड़े या मुलायम कपड़े को ठंडे पानी में भिंगोएं और घायल हिस्से पर इसे रखें। अंगूठी, हार, जूते और तेज फिटिंग वाले कपड़ों को जल्द से जल्द हटा दें क्योंकि बाद में सूजन बढ़ने के कारण उन्हें निकालना मुश्किल हो सकता है। जब दर्द बंद हो जाए तो जले हुए हिस्से को सावधानीपूर्वक कपड़े से कवर करें। बड़ा हिस्सा या गहरे जले को जब पानी से साफ कर दिया जाए तो उसे साफ हल्के कपड़े, हाल ही में लांडरी से साफ किए गए मुलायम कपड़े से ही ढंकें। डॉक्टर को बुलाएं या एम्बुलेंस के लिए कॉल करें।

होश खोने से पहले मरीज शिकायत कर सकता है। सिर का सुन्न होना, कमजोरी, मतली, त्वचा का रंग फीका पड़ना। यदि कोई व्यक्ति मूर्छित हो रहा हो, तो उसे आगे की ओर झुकना चाहिए और सिर को घुटनों में लेने की कोशिश करनी चाहिए। चूंकि सिर हृदय से नीचे हो जायेगा, इसलिए खून मस्तिष्क में जाएगा। जब मरीज बेहोश हो जाये तो मरीज के सिर को नीचे और पैर को ऊपर की ओर रखें, तंग कपड़ों को ढीला कर दें, चेहरे और गर्दन पर ठंडा व भींगा कपड़ा रखें। अधिकांश मामलों में इस स्थिति में रखा गया मरीज कुछ देर बाद होश में आ जाता है। यह सुनिश्चित करें कि मरीज को पूरी तरह होश आ गया है। इसके लिए उससे सवाल करें और उसकी पहचान पूछें। किसी चिकित्सक से सलाह लेना हमेशा लाभकारी होता है।

मिरगी या अचानक बीमार पड़ने के कारण यदि मरीज सांस तरलता ढेर हो जाती है लेना बंद कर दे, तो खतरनाक हो सकता है। इसके लक्षणों में मांसपेशियां सख्त होना, मरीज अपनी जीभ काट सकता है या सांस लेना बंद कर सकता है, चेहरा और जीभ का रंग नीला पड़ना, मुंह से बहुत अधिक झाग निकलने आदि हैं। इस उपचार में आपको सबसे पहले आप मरीज के पास से ठोस चीजें हटा दें और उसके सिर के नीचे कोई नरम चीज रखें। दांतों के बीच या मरीज के मुंह में कुछ न रखें। मरीज को कोई तरल पदार्थ न पिलायें। यदि मरीज की सांस बंद हो, तो देखें की उसकी श्वास नली खुली है और उसे कृत्रिम सांस दें। शांत रहें और मदद आने तक मरीज को सुविधाजनक स्थिति में रखें। कंपकंपी के अधिकांश मामलों के बाद मरीज बेहोश हो जाता है या थोड़ी देर बाद फिर से कंपकपी शुरू हो जाती है।

जब पीड़ित होश में हो, तो यह जानने की कोशिश करें कि उसने क्या और उसे कितनी मात्रा में निगला है। यदि पीड़ित के आसपास कोई टैबलेट, खाली बोतल या कोई खाली डिब्बा रखा हो, तो अस्पताल में जांच के लिए उसे रखें। यह उस ज़हर को पहचानने में मदद कर सकता है जिसे लिया गया है। पीड़ित के मुंह को जांचे। यदि कोई जले हुए का निशान दिखे और यदि वह कुछ निगल सकता हो तो उसे उतना दूध या पानी दें जितना वह पी सके। पीड़ित को उल्टी करवानी चाहिए। उल्टी को कूड़ेदान या प्लास्टिक बैग में रखें और अस्पताल में जांच के लिए अपने पास रखें। यह जो भी ज़हर लिया गया है, उसे पहचानने में मददगार साबित हो सकती है। पीड़ित को जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी अस्पताल ले जाना चाहिए।

जब पीड़ित किसी बिजली के उपकरण या तार के पास बेहोश लेटा हो, तो इसे पहचानना सामान्यत: आसान होता है। इलाज के लिए पीड़ित का स्पर्श करने से पहले बिजली की आपूर्ति को बंद करना याद रखें। यदि पीड़ित सांस ले रहा हो, तो उसे रिकवरी पोजिशन में लिटाएं। यदि पीड़ित ने सांस लेना बंद कर दिया हा, तो उसे मुंह से सांस देना तुरंत शुरू करें और दिल पर बार-बार दबाव दें। डॉक्टरी सहायता के लिए एम्बुलेंस बुलाएं।

हवा का रास्ता साफ करें और जांचें कि पीड़ित सांस ले रहा है या नहीं और दिल धड़क रहा है या नहीं। यदि पीड़ित ने सांस लेना बंद कर दिया हो, तो उसे मुंह से सांस देना तुरंत शुरू करें और दिल पर बार-बार दबाव दें। यदि पीड़ित केवल बेहोश हुआ हो, तो पानी निकालने के बाद उसे रिकवरी पॉजिशन में लिटा देना चाहिए। तुरंत एक डॉक्टर या एक एम्बुलेंस को बुलाएं।

मरीज के पीछे खड़े हों और उसकी कमर के चारों तरफ हाथ रखें। सबसे पहले हथेली को पेट पर रखें और अंगूठे से पेट के बीच में नाभि से ऊपर लेकिन छाती की हड्डियों के नीचे दबायें। अपनी हथेली को जमाये रखें और ऊपर-नीचे करते हुए तेजी से अपने दोनों हाथों को अपनी ओर खींचें। यह प्रक्रिया उस समय तक जारी रखी जाये, जब तक मरीज के गले में फंसी चीज बाहर न निकल जाये या मरीज बेहोश न हो जाये।

फ्लू को कॉमन कोल्ड समझने की गलती पड़ सकती है भारी , जानिए दोनों में अंतर

The mistake of considering flu as a common cold

The mistake of considering flu as a common cold

नई दिल्ली। देश में सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है और सर्द हवाएं भी चल रही है। बता दें , बदलते मौसम में अक्सर कई बार सर्दी जुखाम गले में दर्द हो जाता है और ऐसे में लोग समझ नहीं पाते हैं कि उन्हें कोल्ड हुआ है या ये कोई फ्लू का असर हो रहा है। जानकारी के लिए बता दें , सर्दी और फ्लू दोनों ही वायरस से होने वाली बीमारी है , जो कि अकसर बदलते मौसम में हो जाती है। ये दोनों बीमारियां बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक को प्रभावित करती है। अगर बात करे फ्लू तरलता ढेर हो जाती है और सर्दी के बीच के अंतर कि तो फ्लू में ज्यादा गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं ये अक्सर सर्दी से भी ज्यादा खतरनाक होता है, वहीं दूसरी तरफ सर्दी के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं,लेकिन फ्लू के लक्षण अचानक से शुरू हो जाते हैं।

क्या है कोल्ड के लक्षण

1. बहती या भरी हुई नाक होना
2. गला में खराबी होना
3.थोड़ी – थोड़ी देर में छींक आना
4. खांसी सिर दर्द तरलता ढेर हो जाती है या बदन दर्द हल्की थकान होना

क्या है फ्लू के लक्षण

1.सूखी खांसी होना
2 .तेज बुखार होना
3. गला खराब
4.ठंड से कपकपाहट होना

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