विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट (प्रतीकात्मक फोटो)

विनिमय दर में बदलाव का विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट में 67 प्रतिशत योगदान: आरबीआई

मुंबई, 30 सितंबर (भाषा) चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से विदेशी मुद्रा भंडार में हुई कमी में विनिमय दर में हुए बदलाव का 67 प्रतिशत योगदान है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने तथा अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल के बढ़ने से विनिमय दर में बदलाव देखने को मिला। गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में तेज गिरावट हुई है।

विदेशी मुद्रा भंडार दो अप्रैल को 606.475 अरब अमेरिकी डॉलर था, जबकि 23 सितंबर को यह घटकर 537.5 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया। यह लगातार आठवां सप्ताह था, जब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट हुई।

चालू वित्त वर्ष में 28 सितंबर तक छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में विदेशी मुद्रा विनिमय भंडार 14.5 प्रतिशत की तेजी आई है। ऐसे में वैश्विक स्तर पर मुद्रा बाजारों में भारी उथल-पुथल मची हुई है।

दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करते हुए कहा कि ज्यादातर दूसरे देशों की तुलना में भारतीय रुपये की गति व्यवस्थित रही है।

उन्होंने कहा कि समीक्षाधीन अवधि में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में 7.4 प्रतिशत की गिरावट आई, जो कई आरक्षित मुद्राओं के साथ ही अन्य मुद्राओं के मुकाबले काफी बेहतर है।

दास ने यह भी कहा कि एक स्थिर विनिमय दर वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता तथा बाजार के विश्वास का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि रुपया एक स्वतंत्र रूप से छोड़ी गई मुद्रा है और इसकी विनिमय दर बाजार द्वारा निर्धारित होती है।

उन्होंने कहा, ”आरबीआई ने (रुपये के लिए) कोई निश्चित विनिमय दर तय नहीं की है। वह अत्यधिक अस्थिरता को रोकने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करता है।”

दास ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार की पर्याप्तता के पहलू को हमेशा ध्यान में रखा जाता है और यह मजबूत बना हुआ है।

उनके अनुसार 23 सितंबर, 2022 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 537.5 अरब डॉलर था।

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

एक साल में करीब सौ अरब डॉलर और बीते सात दिन में ही आठ अरब डॉलर घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने तथा अमेरिकी बांड के बढ़ने से विनिमय दर में बदलाव देखने को मिला है।

एक साल में करीब सौ अरब डॉलर और बीते सात दिन में ही आठ अरब डॉलर घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट (प्रतीकात्मक फोटो)

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी देखी जा रही है। पिछले 8 दिनों के अंदर विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 8 अरब डॉलर की कमी आई है और यह अगस्त 2020 के बाद न्यूनतम स्तर पर है। वहीं पिछले 1 साल में विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 100 अरब डॉलर की कमी आई है। 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह के लिए कुल विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 537.518 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। यह आंकड़े आरबीआई ने जारी किए हैं। यह लगातार आठवां सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में कमी देखी आई है।

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का कारण फॉरेन करेंसी एसेट (FCA) में गिरावट है। 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में फॉरेन करेंसी एसेट में 7.688 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है और यह घटकर 477.212 बिलीयन डॉलर पर आ गया है। डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली फॉरेन करेंसी एसेट में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा डिप्रीशिएशन के प्रभावों को शामिल किया जाता है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने तथा अमेरिकी बांड यील्ड के बढ़ने से विनिमय दर में बदलाव देखने को मिला है। वर्तमान वित्त वर्ष में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में काफी गिरावट हुई है। 2 अप्रैल को विदेशी मुद्रा भंडार 606.475 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। 23 सितंबर को यह घटकर 537.5 अमेरिकी डॉलर पर आ गया।

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पिछले वर्ष 3 सितंबर 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और अपने उच्च स्तर पर था। लेकिन 23 सितंबर 2022 को यह घटकर 537.52 बिलियन डॉलर पर आ गया है। इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि पिछले 1 वर्ष में करीब 105 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी विदेशी मुद्रा भंडार में देखी गई है। जबसे रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया है उसके बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में 94 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी देखी गई है।

चालू वित्त वर्ष में अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये में 8.6 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं चालू वित्त वर्ष में 28 सितंबर तक छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में 14.5 फीसदी की तेजी आई है। विदेशी मुद्रा भंडार अगस्त 2020 के बाद अपने न्यूनतम स्तर पर है।

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 413.825 अरब डॉलर की नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर

केन्द्रीय बैंक ने कहा कि स्वर्ण आरक्षित भंडार 20.421 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित बना रहा.

  • देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.758 अरब डॉलर बढ़कर 411.124 अरब डॉलर हो गया था.
  • मुद्राभंडार आठ सितंबर 2017 को पहली बार 400 अरब डॉलर को पार किया था,
  • आईएमएफ में देश का मुद्राभंडार भी 93 लाख डॉलर बढ़कर 2.048 अरब डॉलर हो गया.

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देश का विदेशी मुद्रा भंडार 413.825 अरब डॉलर की नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर

मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 12 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 2.7 अरब डॉलर बढ़कर 413.825 अरब डॉलर के सर्वकालिक रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया जिसका मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में पर्याप्त तेजी आना है. इससे पिछले सप्ताहांत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.758 अरब डॉलर बढ़कर 411.124 अरब डॉलर हो गया था. मुद्राभंडार आठ सितंबर 2017 को पहली बार 400 अरब डॉलर के स्तर को पार किया था, लेकिन उसके बाद से उसमें घट बढ़ होती रही.

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े दर्शाते हैं कि समीक्षाधीन सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा, यानी विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 2.685 अरब डॉलर बढ़कर 389.834 अरब डॉलर हो गया. अमेरिकी डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले एफसीए में मुद्राभंडार में रखे गये यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर. अमेरिकी मुद्राओं की तेजी : अवमूल्यन के प्रभावों को शामिल किया जाता है.

केन्द्रीय बैंक ने कहा कि स्वर्ण आरक्षित भंडार 20.421 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित बना रहा. रिजर्व बैंक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार 62 लाख डॉलर बढ़कर 1.520 अरब डॉलर हो गया. इसने कहा है कि आईएमएफ में देश का मुद्राभंडार भी 93 लाख डॉलर बढ़कर 2.048 अरब डॉलर हो गया.

बैंक के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर में व्यक्त किया जाता है और इस पर भंडार में मौजूद पाउंड, स्टर्लिग, येन जैसी अंतर्राष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है. आलोच्य अवधि में देश का स्वर्ण भंडार 20.42 अरब डॉलर रहा, जो 1,305.5 अरब रुपये के बराबर है.

इस दौरान देश के विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) का मूल्य 62 लाख डॉलर बढ़कर 1.52 अरब डॉलर हो गया, जो 96.6 अरब रुपये के बराबर है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में देश के मौजूदा भंडार का मूल्य 93 लाख डॉलर बढ़कर 2.04 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो 130.1 अरब रुपये के बराबर है.

दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा देश का विदेशी मुद्रा भंडार

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यूक्रेन संकट के बाद से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में $80 बिलियन से अधिक की कमी दर्ज हुई है. अकेले वर्तमान हफ्ते में $ 2 बिलियन से ज्यादा की गिरावट सामने आई है. इसकी मुख्य वजह डॉलर के भाव को 80 रुपए प्रति डॉलर से ऊपर जाने से रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से मुद्रा बाजार में डॉलर की बिकवाली को बताया जा रहा है. इसके साथ ही इसकी दूसरी वजह देश के चालू खाते के घाटा भी है, जिसकी वजह से देश का विदेशी मुद्रा रोकने में मदद नहीं मिल सकी. आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 9 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार $ 2.234 बिलियन गिरकर $550.871 बिलियन ही रह गया है, जो एक सप्ताह पहले $553.105 बिलियन था. देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस वक्त दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.

फरवरी 2022 के अंत में रूस की ओर से यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद 29 सप्ताह में से 23 हफ्तों में लगातार विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट गिरावट दर्ज हुई है, इस दौरान मात्र 6 हफ्ता ही ऐसा रहा, इस दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज हुई थी. इस दौरान डॉलर आधारित संपत्तियों में भारी मात्रा में निवेश की वजह से डॉलर के मूल्य में तेजी के साथ इजाफा होने लगा. लिहाजा, रुपए की कीमत को स्थिर रखने के लिए आरबीआई को खुले बाजार में डॉलर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसकी वजह से देश की विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है. यही वजह है कि पिछले साल अक्टूबर में देश के विदेशी मुद्रा भंडार के मुकाबले इस वक्त 90 अरब डॉलर से अधिक नीचे है.

एक साल एक डॉलर के मुकाबले रुपया 74 के मुकाबले 80 पर पहुंचा
देश के बाजारों में विदेशी पूंजी के निरंतर प्रवाह के बावजूद बढ़ते चालू खाते के घाटे की वजह से देश का विदेशी मुद्रा रोकने में मदद नहीं मिल सकी. दरअसल, डॉलर के मुकाबले रुपया इस साल नाटकीय रूप से लगभग 74 से गिरकर 80 प्रति डॉलर के कमजोर रिकॉर्ड स्तर पर आ गया है. लिहाजा, आरबीआई ने रुपए की कीमत को स्थिर रखने के लिए भारी मात्रा में डॉलर को खुले बाजार में बेच दिया, जिससे देश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से नीचे आ गया है. शुक्रवार को जारी आरबीआई ताजा मासिक बुलेटिन से भी इसकी पुष्टि हो रही है. इसमें दिखाया गया कि केंद्रीय बैंक ने जुलाई में हाजिर विदेशी मुद्रा बाजार में शुद्ध $ 19.05 बिलियन की बिक्री की. जानकार इस बात की आशंका जता रहे हैं कि देश के विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा विनिमय भंडार भंडार में गिरावट अभी कुछ और समय के लिए बनी रहेगी, क्योंकि डॉलर अब भी नए शिखर पर पहुंच रहा है, जो कि अधिकांश प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले दो दशकों में नहीं देखा गया है.

रुपया कमजोर होने से शेयर बाजार में आई भारी गिरावट
गौरतलब है कि भारतीय रुपए का शुक्रवार को पिछले पांच सप्ताह में सबसे खराब रहा, क्योंकि फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना को देखते हुए नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया और विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बढ़ती मुद्रास्फीति पृष्ठभूमि के साथ आर्थिक विकास को धीमा करने की चेतावनी दी है. यही वजह है कि शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई.

पड़ोसियों से बेहतर है भारत की स्थित
विदेशी मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं के मूल्य वृद्धि या मूल्यह्रास को डॉलर के संदर्भ में व्यक्त विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में शामिल किया गया है। लेकिन सोने के भंडार का मूल्य 340 मिलियन डॉलर बढ़कर 386.44 बिलियन डॉलर हो गया. समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 63 मिलियन डॉलर घटकर 17.719 अरब डॉलर हो गया, जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में देश की आरक्षित स्थिति 8 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.91 अरब डॉलर हो गई. गौरतलब है कि इस साल विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट दर्ज हुई है. इसके बावजूद देश अब भी अपने उभरते बाजार के साथियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहा है. गौरतलब विदेशी मुद्रा विनिमय भंडार है कि भारत के कई पड़ोसी देशों जैसे श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में विदेशी मुद्रा भंडार संकट के स्तर तक गिर गया है.

विदेशी मुद्रा विनिमय भंडार

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बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.142 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 18 नवंबर के सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। अक्टूबर 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड 645 अरब डॉलर था। शुक्रवार को जारी आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान विदेशी मुद्रा आस्तियों में 3 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, देश का स्वर्ण भंडार 7.3 करोड़ डॉलर घटकर 39.938 अरब डॉलर रह गया। यूको बैंक ने 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी पर ब्याज 1.35 फीसदी तक बढ़ा दिया है. बैंक ने कहा, 46 से 90 दिन पर 0.50 फीसदी ज्यादा ब्याज मिलेगा। जबकि 181 से 364 दिनों की एफडी पर 6 फीसदी का ब्याज मिलेगा, जो पहले के मुकाबले 1.35 फीसदी ज्यादा है।

भारत रूस सहित सभी देशों से कच्चा तेल खरीदना जारी रखेगा। यूरोपीय संघ ने 27 सदस्य देशों से रूसी तेल की कीमत 60 डॉलर पर सीमित करने को कहा है। वहीं, तेल मंत्रालय कंपनियों को हुए नुकसान के लिए वित्त मंत्रालय से मुआवजे की मांग कर सकता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने UPI की सुविधा देने वाली इकाइयों को राहत दी है। इसके तहत थर्ड पार्टी प्रोवाइडर्स के लिए डिजिटल भुगतान लेनदेन को 30% तक सीमित करने की समय सीमा दो साल बढ़ाकर दिसंबर, 2024 कर दी गई है।

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