2- ऐसा इसलिए क्यों कि अभी भारत में क्रिप्टो इंडस्ट्री को लेकर कोई नियम या रेगुलेशन नहीं है। सरकार ने क्रिप्टो ट्रांजैक्शन से होने वाली कमाई पर टैक्स लगाना शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई बिल नहीं ला पाई है। यही कारण है कि कोई बैंक इन क्रिप्टो एक्सचेंजों से डील भी नहीं कराता है। हालांकि, इसके बावजूद हजारेां की तादाद मे युवा मोटा रिटर्न पाने की आस में इन एसेट्स में अपना पैसा लगा रहे हैं।
Crypto Exchanges: कितने सेफ हैं भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज?
अगर कोई एक्सचेंज अपना काम-धंधा समेट ले या सरकार ही उसके कामकाज पर रोक लगा दे, तब उसके क्रिप्टो इन्वेस्टर्स को अपनी जमा-पूंजी से हाथ धोना पड़ सकता है.
अब अगर आपने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrencies) खरीदी तो फिर उसे स्टोर करने के लिए जरूरत होती है डिजिटल वॉलेट की. ये वॉलेट दो तरह के होते हैं - हॉट वॉलेट, जो इंटरनेट के जरिए आपके डेस्कटॉप या मोबाइल फोन से जुड़े होते हैं. ज्यादातर एक्सचेंज क्रिप्टोकरेंसी स्टोर करने के लिए यही सुविधा देते हैं. दूसरे वॉलेट हैं कोल्ड वॉलेट, जो इंटरनेट से नहीं जुड़े होते और क्रिप्टोकरेंसी स्टोर करने का क्रिप्टो एक्सचेंज सबसे सुरक्षित विकल्प है. लेकिन कोल्ड वॉलेट की प्राइवेट कीज (Private Keys) आपको याद रखनी होती है क्योंकि अगर आप इसे भूल गए तो फिर स्टोर की गई क्रिप्टोकरेंसी को भी भूल जाइए.
क्रिप्टो एक्सचेंज की भूमिका बेहद अहम (Role of Crypto Exchanges)
ये सारे डिटेल्स हमने आपको इसलिए बताए ताकि आप समझ जाएं कि पूरा क्रिप्टो यूनिवर्स दरअसल डिजिटल है और इस वजह से इसकी सिक्योरिटी के लिए सारे स्टेकहोल्डर्स को मिलकर काम करना होता है. हैकर्स इसी फिराक में लगे रहते हैं कि कैसे वे इस सिक्योरिटी सिस्टम को तोड़ें और करोड़ों-अरबों की डिजिटल करेंसी हड़प लें. क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप्स इन्वेस्टर और क्रिप्टो मार्केट के बीच इंटरफेस का काम करते हैं, इसलिए सुरक्षित एक्सचेंज चुनना क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट के जोखिम भरे सफर का पहला कदम है. ऐसे में आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आपका एक्सचेंज कम से कम आपके इन्वेस्टमेंट पर फ्रॉड इंश्योरेंस जरूर दे. इस सेफ्टी फीचर से यूजर को इस बात का भरोसा रहता है कि अगर एकाउंट हैक हो गया और क्रिप्टोकरेंसी चुरा ली गई, तब एक्सचेंज सारे नुकसान की भरपाई का जिम्मा लेगा.
FTX क्या है? दिवालिया क्रिप्टो एक्सचेंज से क्यों सहमा बाजार, US में यूजर्स के लिए क्या है निर्धारित नियम
FTX news वर्ष 2019 में FTX को क्रिप्टो व्यापारियों सैम बैंकमैन-फ्राइड (CEO) और गैरी वांग (CTO) द्वारा लांच किया गया था। FTX का संचालन का मुख्य केंद्र हांगकांग में है। एक्सचेंज का स्वामित्व FTX ट्रेडिंग लिमिटेड के पास है जो एंटीगुआ और बारबुडा में शामिल कंपनी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। अर्थ की दुनिया में क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स को लेकर इन दिनों चर्चा गरम क्रिप्टो एक्सचेंज है। यह कंपनी दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई है। इसके चलते निवेशकों और कस्टमर्स की सांसे अटकी है। ग्राहकों के कम से कम एक अरब डालर की रकम एफटीएक्स में मिसिंग हैं। उधर, कंपनी ने अमेरिका में दिवालिया संरक्षण कानून के तहत आवेदन किया है। कंपनी के संस्थापक और सीईओ सैम बैंकमैन फ्राइड ने इस्तीफा दे दिया है। इस कड़ी में यह भी जानेंगे कि क्या भारत में ऐसी आर्थिक जोखिम की कल्पना की जा सकती है। आखिर भारत में इसके लिए क्या नियम हैं। इसके साथ यह जानेंगे कि एफटीएक्स क्या है।
Crypto Exchanges: कितने सेफ हैं भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज?
अगर कोई एक्सचेंज अपना काम-धंधा समेट ले या सरकार ही उसके कामकाज पर रोक लगा दे, तब उसके क्रिप्टो इन्वेस्टर्स को अपनी जमा-पूंजी से हाथ धोना पड़ सकता है.
अब अगर आपने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrencies) खरीदी तो फिर उसे स्टोर करने के लिए जरूरत होती है डिजिटल वॉलेट की. ये वॉलेट दो तरह के होते हैं - हॉट वॉलेट, जो इंटरनेट के जरिए आपके डेस्कटॉप या मोबाइल फोन से जुड़े होते हैं. ज्यादातर एक्सचेंज क्रिप्टोकरेंसी स्टोर करने के लिए यही सुविधा देते हैं. दूसरे वॉलेट हैं कोल्ड वॉलेट, जो इंटरनेट से नहीं जुड़े होते और क्रिप्टोकरेंसी स्टोर करने का सबसे सुरक्षित विकल्प है. लेकिन कोल्ड वॉलेट की प्राइवेट कीज (Private Keys) आपको याद रखनी होती क्रिप्टो एक्सचेंज है क्योंकि अगर आप इसे भूल गए तो फिर स्टोर की गई क्रिप्टोकरेंसी को भी भूल जाइए.
क्रिप्टो एक्सचेंज की भूमिका बेहद अहम (Role of Crypto Exchanges)
ये क्रिप्टो एक्सचेंज सारे डिटेल्स हमने आपको इसलिए बताए ताकि आप समझ जाएं कि पूरा क्रिप्टो यूनिवर्स दरअसल डिजिटल है और इस वजह से इसकी सिक्योरिटी के लिए सारे स्टेकहोल्डर्स को मिलकर काम करना होता है. हैकर्स इसी फिराक में लगे रहते हैं कि कैसे वे इस सिक्योरिटी सिस्टम को तोड़ें और करोड़ों-अरबों की डिजिटल करेंसी हड़प लें. क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप्स इन्वेस्टर और क्रिप्टो मार्केट के बीच इंटरफेस का काम करते हैं, इसलिए सुरक्षित एक्सचेंज चुनना क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट के जोखिम भरे सफर का पहला कदम है. ऐसे में आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आपका एक्सचेंज कम से कम क्रिप्टो एक्सचेंज आपके इन्वेस्टमेंट पर फ्रॉड इंश्योरेंस जरूर दे. इस सेफ्टी फीचर से यूजर को इस बात का भरोसा रहता है कि अगर एकाउंट हैक हो गया और क्रिप्टोकरेंसी चुरा ली गई, तब एक्सचेंज सारे नुकसान की भरपाई का जिम्मा लेगा.
Crypto-crisis: क्रिप्टो एक्सचेंज FTX में फंड के संकट से कारोबार ठप, जानिए क्या करें निवेशक
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: November 13, 2022 11:18 IST
Photo:FILE क्रिप्टो एक्सचेंज
Crypto-crisis: दुनिया की तीसरे सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज FTX में संकट गहराता जा रहा है। अब एफटीएक्स ने खातों तक 'गैरकानूनी पहुंच' और फंड का अभाव होने से निवेशकों के लिए कारोबार या निकासी का विकल्प बंद करने के साथ ही दिवाला प्रक्रिया से बचने की अर्जी लगा दी है। इस खबर के बाद इस एक्सचेंज से क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वाले दुनियाभर के निवेशक परेशानी में है। क्रिप्टोकरेंसी के जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में निवेशकों के पास इंतजार करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। जब एक्सचेंज से निवेश निकालने की अनुमति होगी तभी निवेशक कुछ कर पाएंगे।
एक ट्वीट और कंगाल हो गया अरबपति. रातोरात गंवाई इतनी बड़ी रकम!
aajtak.in
- नई दिल्ली ,
- 12 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 12 नवंबर 2022, 1:57 PM IST)
अरबपति क्रिप्टो एक्सचेंज सैम बैंकमैन-फ्राइड को तगड़ा झटका लगा है. उन्हें 24 घंटे के अंदर करीब 1167 अरब रुपये का नुकसान हुआ है. उनकी नेटवर्थ में लगभग 94% की बड़ी गिरावट आई है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार किसी भी अरबपति की संपत्ति में एक दिन में आने वाली यह सबसे बड़ी गिरावट है.
30 साल के सैम बैंकमैन-फ्राइड क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज (Cryptocurrency Exchange) FTX के फाउंडर और पूर्व सीईओ हैं. वित्तीय संकट के बीच उन्होंने सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया है. कहा जा रहा है कि एक ट्वीट ने बैंकमैन-फ्राइड को कंगाल कर दिया और उनके क्रिप्टो साम्राज्य का पतन हो गया.
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फ्राइड के इस ऐलान के बाद बिनांस के हेड चैंगपेंग झाओ का भी ट्वीट आया. इसमें उन्होंने लिखा कि FTX नकदी के संकट से गुजर रहा है. इसको खरीदने के लिए समझौता पत्र पर साइन कर दिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो एक्सचेंज FTX बिकने की खबर आने से पहले सैम बैंकमैन-फ्राइड की कुल संपत्ति 15.2 अरब डॉलर (1224 अरब रुपये के करीब) थी. लेकिन रातोरात उनकी संपत्ति में 14.6 अरब डॉलर की कमी आ गई, यानी लगभग 1176 अरब रुपये का नुकसान. अरबपति के लिए यह किसी झटके से कम नहीं था.
1) Hey all: I have a few announcements to make.
Things have come full circle, and https://t.co/DWPOotRHcX’s first, and last, investors are the same: we have come to an agreement on a strategic transaction with Binance for https://t.co/DWPOotRHcX (pending DD etc.).
बता दें कि 1992 में जन्मे सैम बैंकमैन-फ्राइड अमेरिका के कैलिफोर्निया में पले-बढ़े. फ्राइड पढ़ाई-लिखाई में तेज थे. मैथ्स में उनकी अच्छी पकड़ थी. उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से भौतिकी में ग्रैजुएशन किया. बाद में कई क्रिप्टो एक्सचेंज ट्रेडिंग फ़र्मों में काम किया. फ्राइड ने 2017 में क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में कदम रखा था. इसके पहले उन्होंने वॉल स्ट्रीट में ब्रोकर का काम भी किया था.
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