निवेश की निगरानी

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आईपीओ निगरानी गतिविधि

आईपीओ निगरानी गतिविधि

सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार एक निगरानी एजेंसी की नियुक्ति अनिवार्य है , जहां सार्वजनिक निर्गम रु. 500 करोड़ या उससे अधिक है। हालांकि , नियामक एजेंसी (सेबी/एसई) मामले के आधार पर सार्वजनिक निर्गम के लिए निगरानी एजेंसी नियुक्त कर सकती है (रु. 500 करोड़ से कम की राशि के लिए निवेश की निगरानी भी)।

सौंपे गए कार्य के लिए एजेंसी को विभिन्न परियोजनाओं में आईपीओ फंड के निवेश की निगरानी करने की आवश्यकता होती है , जिसके लिए जारीकर्ता कंपनी द्वारा जनता से धन जुटाया जाता है। जुटाई गई धनराशि के पूर्ण उपयोग तक सेबी को अर्धवार्षिक आधार पर परियोजना कार्यान्वयन प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी है।

मारा बैंक सार्वजनिक निर्गमों के माध्यम से इक्विटी जुटाने के लिए "निगरानी एजेंसी" के रूप में कार्य कर रहा है।

व्यापारी मूल्यांकन

हमारा बैंक उन परियोजनाओं का व्यापारी मूल्यांकन करता है जहां परियोजना लागत रु. 25 करोड़ से अधिक है या सेबी के निर्देशों के अनुसार है।

आईटी पर निवेश की निगरानी करेगी सरकार

आईटी पर निवेश की निगरानी करेगी सरकार

रायपुर । छत्तीसगढ़ की सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाओं में निवेश की नीति से जुड़े मुद्दों के पर्यवेक्षण, निगरानी और उनका समाधान करने के लिए राज्य सरकार ने एक सशक्त समिति गठित की है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इस समिति में वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव व सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव या सचिव, राजस्व सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव या सचिव व चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं।

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक यह सशक्त समिति ई-गवर्नेंस व सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवा व्यापार से संबंधित संस्थाओं जैसे- नैस्कॉम, एसटीपीआई, निजी आईटी पार्कों, भारतीय प्रबंध संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, एनआईएसजी, एनईजीडी अथवा ऐसे अन्य किन्हीं व्यक्तियों को आमंत्रित कर सकेगी या उनसे परामर्श कर सकेगी। समिति विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श कर निर्णय भी लेगी। समिति नीति के क्रियान्वयन के संबंध में योजना का अनुमोदन, निगरानी और निष्पादन योजना पर नियंत्रण और समय-समय पर समीक्षा करेगी। इसके अलावा 100 करोड़ रुपए से अधिक के बड़े निवेश के लिए अतिरिक्त निवेश की निगरानी प्रोत्साहन व रियायत की अनुशंसा भी करेगी। एकल खिड़की समाशोधन प्रणाली की निगरानी, अंतर्विभागीय मुद्दों का समाधान, नीति से संबंधित या समय-सीमा के विस्तार व छूट, सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं में इच्छुक उद्यमियों द्वारा व्यवसायिक गतिविधियों को प्रारंभ करने के लिए राज्य में सभी वैधानिक अपेक्षाओं को तीस दिन के भीतर पूर्ण करने पर एकल पंजीयन जारी किया जाएगा। आईटी नीति के संबंध में निवेश की निगरानी सशक्त समिति के सभी निर्णय अंतिम होंगे और राज्य में निवेशकों सहित सभी संबंधितों पर बंधनकारी होंगे। इस समिति की बैठक प्रत्येक तीन माह में कम से कम एक बार या आवश्यकतानुसार उसके पूर्व आयोजित की जाएगी। प्रदेश में एक नवंबर 2013 से सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाओं में निवेश की नीति 2012-17 प्रभावशील है।

शेयरों में निवेश कर कमाई करने के इन पांच सुनहरे नियम के बारे में जानते हैं आप?

शेयर बाजार में निवेश करें

शेयर बाजार में निवेश कर पैसे कमाना बहुत आसान नहीं है. बहुत से लोग जानकारी के अभाव में या टिप्स पर शेयरों की खरीद करते हैं और निवेश में पूंजी का भी नुकसान कर बैठते हैं. शेयर मार्केट में शेयर खरीदने के लिए सही समय और निवेश की अवधि बहुत महत्वपूर्ण है.

शेयरों में निवेश के नियम

शेयरों में निवेश के नियम

अगर आप शेयर बाजार में खुद निवेश कर रहे हैं तो आपको सही कंपनी चुनना चाहिए. आप उस कंपनी के शेयर निवेश के लिए चुनें जिसके मुनाफे में लगातार वृद्धि हो रही हो और जिसने अपने शेयरधारकों की पूंजी पर कम से कम 20% लाभ अर्जित किया हो.

लंबी अवधि या छोटी अवधि

लंबी अवधि या छोटी अवधि

अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो अच्छी कंपनी के शेयर खरीदकर उसे कम से कम पांच साल के लिए रखें तभी आप कंपनी के विकास का सही फायदा उठा सकेंगे. छोटी अवधि या 3 से 6 महीने किसी कंपनी के शेयर का प्रदर्शन कंपनी के मूल सिध्दांत से कम और बाजार की भावना से अधिक प्रेरित होता है. लंबी अवधि में शेयर की सही कीमत की प्रासंगिकता कम हो जाती है.

अनुशासन एवं निवेश में विविधता

अनुशासन एवं निवेश में विविधता

शेयर में निवेश करना वास्तव में सीखने की एक लंबी प्रक्रिया है, जिसमें आप अपनी गलतियों और दूसरों के अनुभव से सीखते हैं. ये कुछ तथ्य हैं जिनसे यह प्रक्रिया सरल हो सकती है. किसी एक शेयर में अपनी निवेश की कुल रकम का 10% से ज्यादा न डालें. बहुत अधिक शेयरों में भी निवेश न करें क्योंकि उनकी निगरानी करना मुश्किल होता है. अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं और कम सक्रिय हैं तो आपके लिये 15-20 अलग शेयर में निवेश करना ठीक कदम है.

लालच से बचना जरूरी

लालच से बचना जरूरी

शेयरों में निवेश के लिए मोबाइल या ई-मेल पर आने वाले हॉट टिप्स पर ध्यान न दें. अगर ये टिप्स सच में काम करती तो उसे पढ़ने वाले सभी लोग करोड़पति होते. अधिक शेयर खरीदने के लालच से बचें क्योंकि हर नई खरीद एक नये निवेश के फैसले की तरह है. किसी कंपनी के उतने ही शेयर खरीदें जितने आपके कुल आवंटन योजना के अनुसार हैं.

निवेश की निगरानी और समीक्षा

निवेश की निगरानी निवेश की निगरानी और समीक्षा

अपने निवेश की नियमित निगरानी व समीक्षा करें. आपके खरीदी कंपनियों के तिमाही परिणाम पर नजर रखें और सप्ताह में कम से कम एक बार अपने पोर्टफोलियो वर्कशीट पर शेयर की कीमतों में आये उतार-चढ़ाव को नोट करें. जब शेयर बाजार में अस्थिरता हो, तब यह जरूर करें. इसमें आपको यह ध्यान रखना है कि आप 50 पैसे के सिक्के से 1 रुपये के सिक्के किस तरह खरीद सकते हैं. इसके साथ ही जिन कारणों से आपने पहले शेयर खरीदा था वे अभी भी वैध हैं य़ा आपके पहले के अनुमान और उम्मीद में महत्वपूर्ण बदलाव आया है.

गलतियों से सीखें-आगे बढ़ें

गलतियों से सीखें-आगे बढ़ें

अगर आपको लगता है कि आपने किसी गलत शेयर में निवेश कर दिया है तो उसे तुरंत बेच दें. इस मामले में लंबा इंतजार आपके पोर्टफोलियो को नुकसान पहुंचाएगा. इसकी जगह किसी बेहतर कंपनी के शेयर में निवेश करें और अपने नुकसान की भरपाई करने की कोशिश करें. अपने निवेश की समीक्षा के दौरान अपनी गलतियों को पहचानें और उनसे सीखें क्योंकि आपके खुद के अनुभव को कोई नही हरा सकता.

शेयरों में निवेश कर कमाई करने के इन पांच सुनहरे नियम के बारे में जानते हैं आप?

शेयर बाजार में निवेश करें

शेयर बाजार में निवेश कर पैसे कमाना बहुत आसान नहीं है. बहुत से लोग जानकारी के अभाव में या टिप्स पर शेयरों की खरीद करते हैं और निवेश में पूंजी का भी नुकसान कर बैठते हैं. शेयर मार्केट में शेयर खरीदने के लिए सही समय और निवेश की अवधि बहुत महत्वपूर्ण है.

शेयरों में निवेश के नियम

अगर आप शेयर बाजार में खुद निवेश कर रहे हैं तो आपको सही कंपनी चुनना चाहिए. आप उस कंपनी के शेयर निवेश के लिए चुनें जिसके मुनाफे में लगातार वृद्धि हो रही हो और जिसने अपने शेयरधारकों की पूंजी पर कम से कम 20% लाभ अर्जित किया हो.

लंबी अवधि या छोटी अवधि

अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो अच्छी कंपनी के शेयर खरीदकर उसे कम से कम पांच साल के लिए रखें तभी आप कंपनी के विकास का सही फायदा उठा सकेंगे. छोटी अवधि या 3 से 6 महीने किसी कंपनी के शेयर का प्रदर्शन कंपनी के मूल सिध्दांत से कम और बाजार की भावना से अधिक प्रेरित होता है. लंबी अवधि में शेयर की सही कीमत की प्रासंगिकता कम हो जाती है.

अनुशासन एवं निवेश में विविधता

शेयर में निवेश करना वास्तव में सीखने की एक लंबी प्रक्रिया है, जिसमें आप अपनी गलतियों और दूसरों के अनुभव से सीखते हैं. ये कुछ तथ्य हैं जिनसे यह प्रक्रिया सरल हो सकती है. किसी एक शेयर में अपनी निवेश की कुल निवेश की निगरानी निवेश की निगरानी रकम का 10% से ज्यादा न डालें. बहुत अधिक शेयरों में भी निवेश न करें क्योंकि उनकी निगरानी करना मुश्किल होता है. अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे निवेश की निगरानी हैं और कम सक्रिय हैं तो आपके लिये 15-20 अलग शेयर में निवेश करना ठीक कदम है.

लालच से बचना जरूरी

शेयरों में निवेश के लिए मोबाइल या ई-मेल पर आने वाले हॉट टिप्स पर ध्यान न दें. अगर ये टिप्स सच में काम करती तो उसे पढ़ने वाले सभी लोग करोड़पति होते. अधिक शेयर खरीदने के लालच से बचें क्योंकि हर नई खरीद एक नये निवेश के फैसले की तरह है. किसी कंपनी के उतने ही शेयर खरीदें जितने आपके कुल आवंटन योजना के अनुसार हैं.

निवेश की निगरानी और समीक्षा

अपने निवेश की नियमित निगरानी व समीक्षा करें. आपके खरीदी कंपनियों के तिमाही परिणाम पर नजर रखें और सप्ताह में कम से कम एक बार अपने पोर्टफोलियो वर्कशीट पर शेयर की कीमतों में आये उतार-चढ़ाव को नोट करें. जब शेयर बाजार में अस्थिरता हो, तब यह जरूर करें. इसमें आपको यह ध्यान रखना है कि आप 50 पैसे के सिक्के से 1 रुपये के सिक्के किस तरह खरीद सकते हैं. इसके साथ ही जिन कारणों से आपने पहले शेयर खरीदा था वे अभी भी वैध हैं य़ा आपके पहले के अनुमान और उम्मीद में महत्वपूर्ण बदलाव आया है.

गलतियों से सीखें-आगे बढ़ें

अगर आपको लगता है कि आपने किसी गलत शेयर में निवेश कर दिया है तो उसे तुरंत बेच दें. इस मामले में लंबा इंतजार आपके पोर्टफोलियो को नुकसान पहुंचाएगा. इसकी जगह किसी बेहतर कंपनी के शेयर में निवेश करें और अपने नुकसान की भरपाई करने की कोशिश करें. अपने निवेश की समीक्षा के दौरान अपनी गलतियों को पहचानें और उनसे सीखें क्योंकि आपके खुद के अनुभव को कोई नही हरा सकता.

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