अभी शेयरों की खरीद-बिक्री की निपटान प्रक्रिया के लिए ‘टी +2’ व्यवस्था लागू है। इसके तहत शेयर बेचने के बाद निवेशक के खाते में पैसा आने में तीन दिन का वक्त लगता है। ‘टी +1’ व्यवस्था लागू होने के बाद शेयर बेचने के एक दिन बाद निवेशकों के खाते में पैसा आ जाएगा।
Big Alert! SEBI ने जारी किया सर्कुलर, निवेशकों को लेकर उठाया ये बड़ा कदम; 31 मार्च 2023 से लागू होगा नया नियम
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 11, 2022 21:07 IST
Photo:INDIA TV Big Alert! SEBI ने जारी किया सर्कुलर, लिया बड़ा फैसला
SEBI ने निवेशकों के हित की हिफाजत के लिए बड़ा कदम उठाया है। उसके तरफ से जारी सर्कुलर में इस बात की जानकारी दी गई है। उसमें इस नए नियम को अगले साल 31 मार्च के दिन लागू करने की बात कही गई है। बता दें, इस चार पेज के सर्कुलर में सेबी ने ब्रोकर को शेयर बेचने से पहले कुछ नियम फॉलो करने को कहा है।
क्या है सर्कुलर में?
नए नियम में कहा गया है कि ब्रोकर को शेयर बेचने से पहले क्लाइंट को इस बात की जानकारी देनी होगी कि पेमेंट नहीं होने से ऑटो प्लेज हुआ है। अगर पेमेंट सक्सेस नहीं होता है तो ब्रोकर क्लाइंट के शेयर को बेच सकेगा, लेकिन अनपेड शेयर की बिक्री सेबी के नए मार्जिन नियम से पहले क्लाइंट को बताना अनिवार्य होगा।
इस नए सर्कुलर के मुताबिक, शेयर की बिक्री से होने वाले फायदे और नुकसान क्लाइंट के खाते में एडजस्ट होंगे। पे-आउट के सात दिन में रिलीज नहीं तो शेयर फ्री माना जाएगा। बता दें, ऐसे शेयर मार्जिन के लिए इस्तेमाल नहीं किए जाएंगे।
15 अप्रैल तक सेबी के नए मार्जिन नियम खत्म करने का आदेश
15 अप्रैल तक मौजूदा अनपेड क्लाइंट सिक्योरिटीज को खत्म करने का आदेश दिया गया है। कहा गया है कि शेयर या तो क्लाइंट के खाते में वापस किए जाए या फिर उसे बाजार में बेच दिया जाना चाहिए। अगर आप शेयर की खरीद-बिक्री नहीं करते हैं तो उसे फ्रीज कर दिया जाएगा।
आम तौर पर जब शेयर जारी किए जाते हैं, तो उनका भुगतान शेयरधारक द्वारा किया जाता है। लेकिन कुछ ऐसी परिस्थितियां हैं जहाँ किसी शेयर पर कोई पैसा नहीं दिया जाता है या देय राशि का केवल एक अंश का भुगतान किया जाता है। यानि जहां एक शेयरधारक आंशिक रूप से भुगतान किए गए शेयर रखता है, वे अभी भी उन शेयरों से जुड़े सभी अधिकारों को बरकरार रखते हैं जो वे पूरी तरह से भुगतान किए जाने पर करेंगे। आसान भाषा में कहें तो उन शेयरों पर आपका अधिकार हो जाता है और पूरा पेमेंट किए जाने तक वो फ्रीज रहता है। जैसे ही आप पेमेंट करते हैं उसका मालिकाना हक आपको मिल जाता है।
1 September Rules Change : आज से लागू हो रहे हैं ये नए नियम, आपकी जेब पर डालेंगे असर, तैयार रहें
New Rules from September : इस महीने कई पहलुओं पर हो रहे हैं नए बदलाव.
नया सेबी के नए मार्जिन नियम महीना शुरू हो चुका है और नए महीने के साथ आते हैं कई नए बदलाव. ऐसे बदलाव भी जो सीधा आपकी जेब पर असर डालते हैं. देश में 1 सितंबर से कई अहम बदलाव (New Rules Changes from 1st September) हो रहे हैं, जो आम उपभोक्ताओं से लेकर वेतनभोगियों के लिए जानना बेहद जरूरी हैं. कारोबारियों के लिए भी जीएसटी रिटर्न (GST Return) समेत कई नियम बदल रहे हैं. इस महीने बैंकिंग और स्टॉक मार्केट सहित कई दूसरे फ्रंट पर भी कुछ बदलाव हो रहे सेबी के नए मार्जिन नियम हैं, जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं. सबसे बड़ा बदलाव ये है कि आधार और पीएफ खाते को लिंक होना आज से अनिवार्य हो गया है. अगर आपने अब तक ईपीएफओ पोर्टल पर आधार और पीएफ अकाउंट की लिंकिंग नहीं कराई तो आप अपने पीएफ खाते से रकम नहीं निकाल पाएंगे. आपको कई अन्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है.
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कहा है कि 1 सितंबर से पीएफ की राशि उन्हीं कर्मचारियों के खाते में भेजी जाएगी, जिनका आधार नंबर और पीएफ का यूनीवर्सल अकाउंट नंबर (Universal Account Number) से लिंक हुआ होगा. ईपीएफओ ने कहा है कि यूएएन (UAN) को आधार को लिंक कराना अंशधारकों के लिए अनिवार्य है. अन्यथा पीएफ खाताधारकों को अकाउंट में पीएफ राशि हस्तांतरित होने के अलावा, एडवांस निकालने जैसी कई सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा. ऐसे में न तो कर्मचारियों और ना ही कंपनियों का पीएफ योगदान खाते में जाएगा.
पंजाब नेशनल बैंक ने अपने सेविंग्स अकाउंट की ब्याज दरों में कटौती करने की घोषणा की थी, जो आज से लागू हो रही थी. बैंक के पुराने और नए ग्राहकों को अब सेबी के नए मार्जिन नियम उनके सेविंग्स अकाउंट पर 2.90% ही ब्याज मिलेगा. पहले यह 3% था.
शेयर बाजार में SEBI का मार्जिन पर नया नियम आज से लागू
सेबी का 100 फीसदी मार्जिन का नियम आज से लागू हो रहा है. इस नियम के तहत स्टॉक ट्रेडर्स को कैश, फ्यूचर एंड ऑप्शन्स और इंट्राडे ट्रेडिंग पर पूरा मार्जिन देना होगा. मार्जिन घटने पर जुर्माना देना होगा.
जिन कारोबारियों ने पिछले दो महीनों में जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल नहीं किया है, वे एक सितंबर से बाहर भेजी जाने वाली आपूर्ति का सेबी के नए मार्जिन नियम ब्यौरा जीएसटीआर-1 में नहीं भर पायेंगे. केंद्रीय जीएसटी नियमों के तहत नियम-59 (6), एक सितंबर 2021 से अमल में आ जायेगा.यह नियम जीएसटीआर -1 दाखिल करने में प्रतिबंध का प्रावधान करता है.
नए वाहनों के लिए बंपर टू बंपर इंश्योरेंस
देश में 1 सितंबर जो भी नया वाहन बेचा जाएगा, उस पर बंपर टू बंपर इंश्योरेंस (Bumper to Bumper Insurance) अनिवार्य होगा. मद्रास हाईकोर्ट ने इस बाबत एक आदेश पारित किया है. यह ड्राइवर, यात्री और वाहन मालिक का 5 साल का बीमा अनिवार्य होने के अतिरिक्त होगा. इससे वाहन बीमा (Vehicle Insurance) क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ सकता है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहक (SBI customers) बड़ी राशि के लेनदेन में दिक्कत आ सकती है, अगर वो अपने आधार को पैन से लिंक नहीं कराते हैं. SBI ने अपने ग्राहकों से कहा है कि हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन के लिए आधार और पैन को लिंक (Aadhaar PAN Link Last Date) कराना आवश्यक होगा. हालांकि अब इसकी समयसीमा 30 सितंबर तक स्टेट बैंक ने बढ़ा दी है.ऐसे में अगर आप 50 हजार या उससे ज्यादा राशि के लेनदेन एसबीआई खाते से करते हैं तो बिना सेबी के नए मार्जिन नियम लिंकिंग के ये संभव नहीं हो पाएगा.
Sebi new rule: शेयर बाजार में निवेशकों के लिए नया नियम, 1 अक्टूबर से डीमैट खातों में करना होगा यह बदलाव
सेबी ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट पर सेबी के नए मार्जिन नियम नया नियम लागू किया है.
Sebi new rules for investors: बाजार नियामक सेबी (Sebi) ने शुक्रवार को कहा कि एक अक्टूबर से नया ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलने वाले को नॉमिनेशन का विकल्प दिया जाएगा. हालांकि वे चाहें तो किसी को नॉमिनेट किए बगैर भी खाता खोल सकते हैं. सेबी के सर्कुलर के मुताबिक इसने नॉमिनेशन फॉर्म (demat nomination form) का एक फॉरमेट जारी किया है. नॉमिनेशन फॉर्म न भरने की दशा में एक डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा. इसका भी फॉरमेट छापा है. मौजूदा डीमैट अकाउंट होल्डर्स को 31 मार्च 2022 तक नॉमिनेशन फॉर्म भरना जरूरी है. नॉमिनेशन सुविधा नहीं चाहिए तो इसका अलग फॉर्म भरना होगा. नॉमिनेशन या डिक्लेरेशन फॉर्म न भरने पर खाते फ्रीज हो जाएंगे.
अकाउंट होल्डर्स को नॉमिनेशन और डिक्लेरेशन फॉर्म भरने होंगे
अकाउंट होल्डर्स को नॉमिनेशन और डिक्लेरेशन फॉर्म पर दस्तखत करने होंगे. लेकिन किसी गवाह की जरूरत नहीं होगी. हालांकि, अकाउंट होल्डर्स अंगूठे का निशान लगाता है, तो फॉर्म में गवाह के हस्ताक्षर जरूरी होंगे. सर्कुलर के मुताबिक ई-साइन सुविधा का उपयोग करके ऑनलाइन सेबी के नए मार्जिन नियम नॉमिनेशन और डिक्लेरेशन फॉर्म पर दस्तखत किए जा सकते हैं. उस स्थिति में गवाह की जरूरत नहीं होगी.
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क्या हैं नॉमिनी से जुड़े नियम
दरअसल डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होल्डर्स यह तय कर सकते हैं कि उनके निधन बाद उनके शेयर किन्हें दिया जाए. उन्हीं को नॉमिनी बनाया जाता है. नॉमिनेशन डीमैट खाता खुलवाते वक्त कर सकते है. हालांकि नॉमिनी के नाम बाद में भी अपडेट सेबी के नए मार्जिन नियम किए जा सकते हैं. किसी एनआरआई को भी नॉमिनी बनाया जा सकता है. आप किसी NRI को भी नॉमिनी बना सकते हैं. एक डीमैट अकाउंट में ज्यादा से ज्यादा तीन लोगों को नॉमिनी बनाया सेबी के नए मार्जिन नियम जा सकता है. इसमें नॉमिनी के डिटेल भरे जा सकते हैं. अगर दो या उससे ज्यादा नॉमिनी तय किए गए हैं तो अकाउंट होल्डर्स को को सभी नॉमिनी की हिस्सेदारी तय करनी होगी. उसके निधन के बाद उन्हें उसी अनुपात में शेयर मिलेंगे.
पिछले दो साल के दौरान देश में डीमैट अकाउंट खोलने की रफ्तार काफी बढ़ी है. ऐसे में सेबी नियमों को ज्यादा पारदर्शी बनाने में लगा हुआ है. यही वजह है कि डीमैट अकाउंट में नॉमिनेशन को लेकर यह नया नियम लाया गया है.
SEBI ने किए मार्जिन के नियमों में बदलाव
राज एक्सप्रेस। यदि आप शेयर बाजार में अपना पैसा लगाते है तो, हो सकता है, ये खबर आपके काम की हो। दरअसल, सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) द्वारा मार्जिन के नियमों में बदलाव किया गया है। इन नियमों में हुए बदलावों को देखते हुए लगता है कि, शेयर बाजार को मार्जिन की मार झेलना पड़ सकती है।
मार्जिन में किया गया बदलाव :
बता दें, SEBI द्वारा मार्जिन के नियमों में किए गए बदलाव के बाद से कैश सेग्मेंट में भी अपफ्रंट मार्जिन लगेगा। साथ ही कैश सेग्मेंट में कम से कम 22% मार्जिन वसूला जाएगा। बताते चलें, यदि कोई भी ग्राहक इनका इस्तेमाल करना चाहेगा तो, वो T+2 सेटलमेंट के बाद ही इन पैसों को प्राप्त कर सकेगा। सरल शब्दों में समझे तो, शेयर बाजार से शेयर खरीदने वाला कोई भी यूजर आपने शेयर बेचने के 2 दिन बाद ही नए शेयर खरीद पाएंगे। इसका सीधा असर BTST या STBT के वॉल्यूम पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
नए साल में छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए आएगा नया नियम, शेयरों में ‘टी +1’ व्यवस्था लागू होगी
नए साल से शेयरों की खरीद-बिक्री का निपटान करने के लिए ‘टी +1’ (ट्रेड और अगला दिन) व्यवस्था लागू होने जा रही है। छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सेबी ने नए नियम को लाने का फैसला किया है। इस व्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। हालांकि शुरू में यह वैकल्पिक होगी। फिलहाल घरेलू शेयर बाजारों में सौदों को पूरा होने में कारोबार वाले दिन के बाद दो कारोबारी दिवस (टी +2) लगते हैं।
लंबे समय से हो रही थी मांग
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