15 अक्टूबर को बढ़ा था रिजर्व
ऑनलाइन शिशु मुद्रा ऋण
हमारे बैंक ने बैंक द्वारा कारोबार करने के तरीके को डिजिटाइज़ करने के उद्देश्य से “प्रोजेक्ट वेव” शुरू किया है। डिजिटल पहल के एक हिस्से के रूप में हमारे बैंक ने “ऑनलाइन शिशु मुद्रा ऋण” लॉन्च किया है जो मौजूदा पूर्व-चयनित ग्राहकों को डिजिटल प्रोसेसिंग के माध्यम से तत्काल एमएसएमई ऋण प्रदान करता है। विभिन्न मानदंडों जैसे आयु, क्रेडिट स्कोर और खाते में लेनदेन के विवरण आदि के आधार पर ग्राहक का पूर्व-चयन किया जाता है।
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Forex reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में इस हफ्ते भी आई गिरावट, जानें कितना डॉलर हुआ कम?
By: ABP Live | Updated at : 19 Nov 2021 07:38 PM (IST)
Reserve Bank of India: देश का विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है. 12 नवंबर को खत्म हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 763 मिलियन डॉलर घटकर 1.14 अरब डॉलर घटकर 640.112 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को अपने ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी. इससे विदेशी मुद्रा में लाभ पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 1.14 अरब डॉलर की गिरावट आई थी.
FCA में भी आई गिरावट
रिजर्व बैंक ने कहा कि सप्ताह में कुल मुद्रा भंडार में अहम हिस्सा रखने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 2.094 अरब डॉलर घटकर 575.487 अरब डॉलर रह गईं. डॉलर में बताई जाने वाली विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में इजाफा या कमी का प्रभाव भी शामिल है.
रिकॉर्ड: 620 अरब डॉलर के पार पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, स्वर्ण भंडार में भी उछाल
पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक विदेशी मुद्रा में लाभ स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। यह आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है। 30 जुलाई 2021 को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 9.427 अरब डॉलर बढ़कर विदेशी मुद्रा में लाभ 620.576 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
इसलिए आई बढ़त
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 23 जुलाई 2021 को समाप्त सप्ताह में इसमें 1.581 करोड़ डॉलर की गिरावट आई थी और यह 611.149 अरब डॉलर रह गया था। विदेशी मुद्रा संपत्तियों (एफसीए) में आई वृद्धि से विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी आई है। एफसीए 8.596 अरब डॉलर बढ़कर 576.224 अरब डॉलर रह गया। विदेशी मुद्रा संपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के विदेशी मुद्रा में लाभ मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है।
विस्तार
पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। यह आयात को समर्थन विदेशी मुद्रा में लाभ विदेशी मुद्रा में लाभ देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है। 30 जुलाई 2021 को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 9.427 अरब डॉलर बढ़कर 620.576 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
इसलिए आई बढ़त
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 23 जुलाई 2021 को समाप्त सप्ताह में इसमें 1.581 करोड़ डॉलर की गिरावट आई थी और यह 611.149 अरब डॉलर रह गया था। विदेशी मुद्रा संपत्तियों (एफसीए) में आई वृद्धि से विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी आई है। एफसीए 8.596 अरब डॉलर बढ़कर 576.224 अरब डॉलर रह गया। विदेशी मुद्रा संपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है।
विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के पार! पीएम मोदी के कार्यकाल में 'दोगुना' हुआ फॉरेन रिजर्व
Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: June 04, 2021 11:26 IST
विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के पार! पीएम मोदी के कार्यकाल में 'दोगुना' हुआ फॉरेन रिजर्व
मुंबई। देश का विदेशी मुद्रा भंडार नए रिकॉर्ड पर पहुंच चुका है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की घोषणा के दौरान बताया कि पिछले शुक्रवार तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 598.2 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंचा है और इसको लेकर आधिकारिक आंकड़े शाम को जारी होंगे। RBI गवर्नर ने यह भी बताया कि इस हफ्ते जो संकेत मिले हैं उनके अनुसार देश का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर चुका है और इसको लेकर आधिकारिक आंकड़े अगले शुक्रवार को जारी होंगे।
भारत को क्या लाभ मिलेगा
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद वैश्विक हालात बदले हैं। कई देश दिवालिया हो गए हैं तो कई फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इन देशों के साथ भारत का व्यापार प्रभावित हो रहा है। रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने से इन विदेशी मुद्रा में लाभ देशों के साथ कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारतीय कारोबारी को बड़ा बाजार मिलेगा। इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार में बैलेंस बनाने में इस प्रक्रिया से मदद मिल सकती है। रुपये में इनवॉयस और पेमेंट से ट्रांजैक्शन कॉस्ट और फॉरेन करेंसी में ट्रांजैक्शन से जुड़े मार्केट रिस्क भी कम होंगे। एक्सपोर्टर्स को रुपये की कीमत में मिले इनवॉयस के बदले एडवांस भी मिल सकेगा। वहीं, कारोबारी लेनदेन के बदले बैंक गारंटी के नियम भी FEMA (Foreign Exchange Management Act) के तहत कवर होंगे।
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