डिजिटल करेंसी

क्या है डिजिटल करेंसी, जो बन सकती है भारत बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है की अधिकारिक मुद्रा

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वो करेंसी होगी जो केंद्रीय बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी एक डिजिटल मुद्रा होगी. यह "ब्लॉकचैन और अन्य तकनीकों" पर आधारित होगा. सरल शब्दों में कहें तो CBDC भारतीय रुपये का एक डिजिटल रूप होगा.

डिजिटल करेंसी

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gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2022,
  • (Updated 07 फरवरी 2022, 7:29 PM IST)

भारतीय मुद्रा का डिजिटल रूप होगी ये करेंसी

इसका आंतरिक मूल्य होगा

ये राज्य द्वारा समर्थित होगी

2022-23 का केंद्रीय बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजीटल करेंसी (Digital Currency) के बारे में बात की. उन्होंने कहा था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया वित्त वर्ष 2022-23 में डिजीटल करेंसी को लॉन्च करेगा, और ये भारत सरकार की आधिकारिक डिजिटल करेंसी होगी. इसके अलावा उन्होंने बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी से होने वाले मुनाफे पर फ्लैट 30% टैक्स की भी घोषणा की थी. तब से ये दोनों चीजें चर्चा का विषय बनी हुई हैं. हालांकि इस बारे में ज्यादा सूचना या विवरण सरकार ने नहीं दिया है. तो चलिए आज आपको डिजीटल करेंसी के बारे में बताते हैं.

क्या है डिजिटल करेंसी?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वो करेंसी होगी जो केंद्रीय बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी एक डिजिटल बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है मुद्रा होगी. यह "ब्लॉकचैन और अन्य तकनीकों" पर आधारित होगा. सरल शब्दों में कहें तो CBDC भारतीय रुपये का एक डिजिटल रूप होगा. एक बार जब आरबीआई डिजिटल करेंसी को जारी करना शुरू कर देगा तो हम और आप जैसे आम लोग नियमित रुपये की तरह ही इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. डिजिटल रुपया आपके एनईएफटी, आईएमपीएस या डिजिटल वॉलेट की तरह होगा. आप इसका उपयोग थोक लेनदेन या खुदरा भुगतान करने के लिए कर सकते हैं. आप इसे विदेश भेज सकते हैं. आप इसके साथ बहुत कुछ कर सकते बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है हैं.

क्यों चाहिए ये डिजीटल करेंसी?
फिलहाल इस बारे में अभी कोई खास जानकारी नहीं है लेकिन भारत सरकार डिजीटल करेंसी इसलिए लॉन्च कर रही है क्योंकि आज कल डिजीटल करेंसी का जमाना है और भारत किसी भी मायने में दूसरे देशों से पीछे नहीं रहना चाहता है. हम सब की तरह सरकार ने भी ये मान लिया है कि इस करेंसी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. सरकार ने वर्चुअल करेंसी के वजूद को नकारने के बजाय अपनी खुद की एक करेंसी लॉन्च करने का फैसला किया है. नियमित करेंसी के विपरीत आपको डिजिटल करेंसी को ट्रांसफर करने के लिए बैंक खाते की आवश्यकता नहीं होगी. चूंकि यह ब्लॉकचेन पर आधारित होगा, इसलिए आप इसे सीधे दूसरे व्यक्ति के डिजिटल रुपये वाले वॉलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं.

यह बिटकॉइन जैसी निजी डिजीटल मुद्राओं से कैसे अलग होगा?
एक डिजिटल करेंसी मूल रूप से बिटकॉइन और एथेरियम जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी से अलग होगी क्योंकि यह राज्य द्वारा समर्थित होगी और इसका आंतरिक मूल्य होगा. सरकार ने बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल एसेट्स कहा है. यानी वो लीगल टेंडर नहीं होंगे.

क्या यह पारंपरिक रुपये की जगह लेगा?
इस डिजिटल करेंसी को मुद्रा के रूप में गिना जाएगा. इससे सरकार को कम नोट छापने और नकली मुद्रा पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. यह "अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली" बनाने में मदद करेगा. नियमित रुपये के विपरीत, डिजिटल रुपये को ऑनलाइन लेनदेन के लिए बैंक मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं होगी. प्रेषक और प्राप्तकर्ता ब्लॉकचैन का उपयोग करके लेनदेन कर सकते हैं, और आरबीआई गारंटर होगा.

क्या डिजिटल रुपये के कोई नुकसान हैं?
डिजिटल रुपये का बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है उपयोग हमेशा पैसे का निशान छोड़ देगा. इसका मतलब है कि सरकार यह ट्रैक कर सकेगी कि आपने पैसे का इस्तेमाल कहां और कैसे किया. यह गोपनीयता की चिंताओं को जन्म देगा क्योंकि इसमें शामिल पक्षों के वित्तीय लेनदेन को लीक और दुरुपयोग किया जा सकता है.

डिजिटल रुपया कब लॉन्च होगा?
कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह तभी होगा जब संसद क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक का विनियमन पारित करेगी, जो आरबीआई को डिजिटल रुपया जारी करने का अधिकार देगा. संसद के चालू बजट सत्र में इस बिल के पेश होने की संभावना नहीं है. हो सकता है, इसे कैलेंडर वर्ष के दूसरे भाग में मानसून या शीतकालीन सत्र में पेश किया जाए.

Cryptocurrency Investment: Bitcoin में निवेश कितना आसान, कितना सेफ?

Cryptocurrency: जैसे इंटरनेट पर कई वेबसाइट हैं लेकिन हर वेबसाइट का यूजर अलग है. वैसे ही अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी का यूजर अलग है.

  • Money9 Hindi
  • Updated On - February 3, 2021 / 06:53 PM IST

Cryptocurrency Investment: Bitcoin में निवेश कितना आसान, कितना सेफ?

Cryptocurrency: पैसा कमाने की ख्वाहिश से ज्यादा, हमें पैसे के डूबने का डर होता है. यही वजह है जब हमें कहीं बड़ी कमाई या तूफानी रिटर्न देती स्कीम दिखती है तो मन में आता है काश… काश… हमने भी यहां निवेश किया होता…. लेकिन, डर की वजह से पीछे हट जाते हैं. पिछले कुछ समय में हमने ऐसा ही रिटर्न का रॉकेट क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में भी देखा… बिटकॉइन (Bitcoin) नाम की इस डिजिटल करेंसी ने लगातार रिकॉर्ड तोड़े… लेकिन, अब भी ज्यादातर लोग शायद इस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) से अनजान हैं या फिर इसका नाम सुनते ही दूर भागते हैं. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) है क्या, कैसे काम करती है और क्या निवेश के लिहाज से ऐसे प्रोडक्ट सही हैं जिसके लिए कोई रेगुलेटर तक नहीं? Wazirx के फाउंडर निश्चल शेट्टी से समझें पूरा पेंच.

क्रिप्टोकरेंसी (बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है Cryptocurrency) क्या है?

ऑफलाइन जब आप पैसे अपने दोस्त को देते हो तो आप खुद दे सकते हैं. वहीं ऑनलाइन ट्रांसफर करने पर बैंक के जरिए ट्रांसफर होता है यानि प्रक्रिया में तीन पार्टी शामिल हुए – आप, आपका दोस्त और बैंक. बिटकॉइन (Bitcoin) आप बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है ऐसे ही ऑनलाइन ट्रांसफर कर सकते हैं लेकिन इसमें किसी थर्ड पार्टी की जरूरत नहीं है, ये पियर-टू-पियर हो सकता है.

इतनी तरह की क्रिप्टोकरेंसी क्यों?

बिटकॉइन (Bitcoin) के अलावा लाइटकॉइन, इथीरियम, बाइनैंस कॉइन, ट्रॉन, चेनलिंक जैसी कई क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) हैं. ये ऐसा ही है जैसे इंटरनेट पर कई वेबसाइट हैं लेकिन हर वेबसाइट का यूजर अलग है. वैसे ही अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी का यूजर अलग है. बिटकॉइन (Bitcoin) की तुलना डिजिटल गोल्ड से की जाती है जबकि इथीरियम ऑनलाइन कंप्यूटिंग रिसोर्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

बिटकॉइन ही इतना पॉपुलर क्यों है?

बिटकॉइन (Bitcoin) दुनिया का सबसे पहला क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) है. बिटकॉइन के फाउंडर के पास भी नेटवर्क का कंट्रोल नहीं है, ये डीसेंट्रलाइज्ड है. पूरी दुनिया मिलकर इसका संचालन करती है. बिटकॉइन किसी एक कंपनी को प्रोमोट नहीं करता और ये सभी के लिए है. बिटकॉइन की संख्या बढ़ने नहीं वाली, वो हमेशा 21 मिलियन ही रहेगी. जिस वजह से सप्लाई कम है और डिमांड ज्यादा. बिटकॉइन (Bitcoin) सबसे पुराना, सबसे ज्यादा होल्डर्स इसलिए लोगों का भरोसा ज्यादा.

भारत में रेगुलेशन क्या हैं?

देश में कई सालों से रेगुलेशन की बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है मांग है. रेगुलेशन होने से यूजर्स में भरोसा बढ़ेगा, जोखिम घटेगा. सरकार इस ओर चर्चा कर रही है जो अच्छी बात है. विदेश में भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के रेगुलेशन के इन बिंदुओं पर फोकस है.

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