7.Process Key Performance Indicators:- ऐसे KPI जिनसे पता चलता है की प्रोसेस कितने Efficiency और Effectively कार्य कर रहा है।
Indicators कितने होते है
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Acids , Bases And Salts
What are indicators? How do th .
Solution : Speical type of substances which are used to test whether a substance is acidic basic are called indicators. The indicators change their colour when added to a solution containing Indicators कितने होते है an acidic or basic substance.
सूचक किसे कहते है ?,indicator kise kahte hain
Indicator kise kahte hain – ऐसे पदार्थ जो हनरे यह जानकारी करते हैं कि दिया गया पदार्थ अम्ल हैं या क्षार सूचक कहलाते है। आज हम सूचक के बारे में विस्तृत रूप से पढेंगे। साथ ही साथ हम यह भी जानेंगे। कि सूचक के कितने प्रकार होते है ? और उदारहण सहित सभी सूचकों के बारे में यहां पर हम आपको जनाकारी प्रदान कर रहे है। तो आइए शुरू करते है और पढ़ते हैं – सूचक किसे कहते है (indicator kise kahte hain)
सूचक एक रंजक होता है।जो किसी अम्ल या क्षार के संपर्क में लाए जाने पर अपना रंग बदलता है।सूचक अम्ल तथा क्षार में भिन्न-भिन्न रंग देता है।अतः सूचक हमें यह बताता है। कि जिस पदार्थ का हम परीक्षण कर रहे हैं।वह अम्ल है या क्षार।
सूचक के प्रकार –
सूचक के तीन प्रकार होते है।
- प्राकृतिक सूचक।
- कृत्रिम सूचक।
- गन्धिय सूचक।
प्राकृतिक सूचक किसे कहते है ?
ये पौधे में पाए जाते है – जैसे – लिटमस , लाल पत्ता गोभी, हायड्रेजिया पौधे के फूल, हल्दी आदि।
कृत्रिम सूचक किसे कहते है ?
ये रासायनिक पदार्थ होते है जैसे – मैथिल ऑरेंज , फिनाफ्थलीन आदि।
गंधीय सूचक किसे कहते है ?
इन पदार्थों की गंध अम्लीय या क्षारीय माध्यम में बदल जाती हैं । जैसे – प्याज , लौंग का तेल आदि।
सूचक और रंग या गन्ध परिवर्तन ::
सूचक | रंग या गन्ध में परिवर्तन ( अम्ल के साथ ) | रंग या गन्ध में परिवर्तन( क्षार के साथ) |
प्राकृतिक सूचक | ||
1.लिटमस | लाल | नीला |
2.लाल पत्ता गोभी | लाल | हरा |
3. हल्दी | कोई बदलाव नही | लाल |
4. हयड्रेजिया के फूल का रस | नीला | गुलाबी |
कृतिम सूचक | ||
1.फिनाफ्थलीन | रंगहीन | गुलाबी |
2.मैथिक ऑरेंज | लाल | पीला |
गंधीय सूचक | ||
1. प्याज का रस | तीक्ष्ण गन्ध | कोई गन्ध नहीं। |
2.लौंग का तेल | समान गन्ध रहती हैं। | कोई गन्ध नही। |
Indicators के प्रकार।
Indicators Indicators कितने होते है के प्रकार।
क्या आप को पता हैं की शेयर मार्किट में कितने Indicators हैं ? लगभग 2000 .
उनमेसे कुछ ही इंडिकेटर हैं जो की काफी प्रचलित हैं।
जैसे की RSI, Moving Average, MACD इत्यादि।
लेकिन इनमे भी २ प्रकार होते हैं, जैसे की lagging indicators और Leading Indicators .
Leading Indicators
लीडिंग इंडिकेटर उसके नाम के अनुसार स्टॉक की प्राइस भविष्य में क्या होगी, या प्राइस में क्या होने वाला यह बताता हैं।
Indicators के फायदे।
- Indicators से हमें यह पता चलता हैं की, शेयर किस दिशा में जा रहा हैं। जैसे की Uptrend, Downtrend या Sideways.
- इंडीकेटर्स से हमें एक कन्फर्मेशन मिलता हैं की, कब शेयर buy, sell करे या Entry और exit कब करे।
- मार्किट या शेयर में आगे क्या हो सकता हैं, यह इंडिकेटर द्वारा दिखाया जाता हैं।
- शेयर आने वाले समय में उसकी प्राइस क्या होगी यह जानकारी हमें मिलती हैं।
कुछ ट्रेडर प्राइस एक्शन देखके बोहोत अच्छी ट्रेडिंग करते हैं। लेकिन कुछ लोग इंडिकेटर का इस्तेमाल करके ठीक से फैसला नहीं ले पाते।
कभी कभी इंडिकेटर द्वारा हमें शेयर में क्या होने Indicators कितने होते है वाला हैं, यह पता चल जाता हैं लेकिन अगर मार्किट में कोई उछाल या गिरावट आती हैं तो हमें गलत सिग्नल मिल जाता हैं।
अगर हम इंडिकेटर द्वारा बताये सिग्नल से शेयर में buying या selling करे तो ठीक उसका उल्टा भी हो सकता हैं।
निष्कर्ष
हमें ज्यादा ध्यान प्राइस एक्शन पे लगाना चाहिए, Indicators का उपयोग सिर्फ कन्फर्मेशन के लिए होता हैं।
एक से ज्यादा इंडीकेटर्स का उपयोग करने से हम निर्णय नहीं ले पाते की शेयर में क्या करना हैं।
Q.1.Indicators और Oscillators में क्या अंतर हैं ?
Ans: Oscillators भी Indicators ही होते हैं, वह इंडीकेटर्स का भाग होते हैं।
Oscillators में अंतर यह हैं की, यह किसी भी स्टॉक की एक रेंज बताते हैं ,की वह स्टॉक overbought है या oversold.
RSI एक Oscillator हैं जो की शेयर प्राइस की रेंज बताता हैं।
Q.2. Indicators के कितने प्रकार हैं ?
Ans: Indicators २ प्रकार होते हैं, जैसे की lagging indicators और Leading Indicators .
Q.3. शेयर मार्किट में Indicators का क्या उपयोग होता हैं ?
Ans: Indicators का उपयोग शेयर में कन्फर्मेशन के लिए होता हैं।
इंडीकेटर्स के प्रकार (Type of Indicators)
Indicators दो प्रकार के होते है –
- Leading Indicators (लीडिंग इंडीकेटर्स )
- Lagging Indicators (Indicators कितने होते है लैगिंग इंडीकेटर्स)
अब आइये इसे डिटेल में समझने की कोशिस करते है –
1 . Leading Indicators (लीडिंग इंडीकेटर्स)
हिंदी में Lead का का अर्थ होता है – नेतृत्व, और इस तरह लीडिंग इंडीकेटर्स ऐसे इंडीकेटर्स होते है, जो price को लीड करते है,
और ये leading इंडीकेटर्स हमें किसी स्टॉक के भाव में आने वाले तेजी या मंदी (Trend Reversal) की एडवांस सुचना देते है, लेकिन लीडिंग इंडीकेटर्स द्वारा दिए जाने वाले सभी इंडिकेशन यानि signal सही नहीं होते है, और इसलिए हमें पूरी तरह से इंडीकेटर्स के ऊपर भरोसा नहीं करना चाहिए,
Leading Indicators और Oscillators (ओसिलेटर)
सभी Leading indicators को oscillators कहा जाता है, oscillators का अर्थ है – एक Indicators कितने होते है सीमा (Boundary) के अन्दर Price ऊपर या नीचे होना, इस ऊपर या नीचे के रेंज को हम oscillation range कहा जाता है,
और इस तरह Leading Indicators को टेक्निकल एनालिसिस के चार्ट में दो वैल्यू (oscillation range) के बीच दिखाया जाता है, Indicators कितने होते है जैसे – 0 से 100 के बीच का वैल्यू
और सबसे प्रमुख लीडिंग इंडीकेटर RSI (Relative Strength Index ) इसका सबसे अच्छा example है, RSI को हमेशा 0 से 100 के बीच दिखाया जाता है, ये न तो 0 से नीचे जा सकता है और न 100 से ऊपर,
Momentum (Use in Indicators)
Momentum किसी स्टॉक के price में होने वाले Change का प्रतिशत (Rate) होता है, Momentum ये बताने की कोशिश करता है कि किस Rate से प्राइस में बदलाव हो रहा है,
जैसे – अगर किसी स्टॉक का price एक week में 15 % change हो रहा है, तो Indicators कितने होते है इस change को fast momentum कहा जा सकता है,
और इस change के मुकाबले अगर किसी दुसरे स्टॉक में 2 महीने में 15 % price change हो रहा, तो उसे slow momentum कहा जायेगा,
ध्यान देने वाली बात ये है कि – किसी स्टॉक में जितना जल्दी price change देखने को मिलता है, तो इस change को उतना अधिक momentum माना जाता है,
आशा करता हु कि TECHNICAL ANALYSSIS के Indicators कितने होते है ये टॉपिक, आपको जरुर पसंद आया होगा, और आपसे REQUEST कि आप अपने सुझाव, Indicators कितने होते है सवाल और कमेंट को निचे जरुर लिखिए,
What is Key Performance Indicators in Hindi? (मुख्य निष्पादन संकेत क्या होता है?)
KPI ऐसे Indicators जो किसी संगठन या व्यक्ति की Performance को मापने के काम आयें उन्हे KPI (Key Performance Indicators) कहा जाता है। KPI एक मापने वाली वैल्यू है जिससे पता चलता है की कोई संगठन कितने अच्छे से अपने टारगेट को पूरा कर रही है। KPI से पता चलता रहता है की संगठन अपने लक्ष्य के पास बढ़ रही है या लक्ष्य से पीछे जा रही है।
ऐसे Indicators जो किसी संगठन के लक्ष्य को मापता है की टारगेट कितना प्राप्त करना है और कितने समय मे प्राप्त करना है।
Key Result Area के द्वारा संगठन के लक्ष्य को मापा जात है, किसी लक्ष्य को लिए गए टाइम मे पूरा किया जाता है। जैसे की एक संगठन ने लक्ष्य लिया की 20% की दर से संगठन का मुनाफा 2020 के अंत तक बढ़ाना है।
What is Importance of KPI in Hindi? (मुख्य निष्पादन संकेत क्यों जरूरी है?)
किसी संगठन मे Improvement करते समय हमेशा समझने की जरूरत पड़ती है की संगठन लिए जरूरी क्या है जिससे पता चल पाए की संगठन के प्रोसेस, Activities, व्यापार कैसा प्रदर्शन कर रहे है, इसन सभी को मापने के कोई Key Performance Indicators होना जरूरी होता है। अगर संगठन का कोई KPI नहीं होगा तो संगठन Improvement कैसे और कहाँ करेगा इसलियी भी KPI होना जरूरी होता है।
“आप वह संचालित नहीं कर सकते, जिसे माप नहीं सकते है”
How Many Types of Key Performance Indicators in Hindi? (KPI Indicators कितने होते है कितने प्रकार के होते है?)
- Quantitative KPI
- Qualitative KPI
- Leading KPI
- Lagging KPI
- Input KPI
- Output KPI
- Process KPI
- Practical KPI
- Directional KPI
- Actionable KPI
- Financial KPI
1.Quantitative Key Performance Indicators:- ऐसे KPI जिन्हे नंबर मे लिखा जाता है।
2.Qualitative Key Performance Indicators:-ऐसे KPI जिन्हे नंबर मे नहीं लिखा जात है।
3. Leading Indicators कितने होते है Key Performance Indicators:-ऐसे KPI जिनसे प्रोसेस के परिणाम की पूर्व सूचना मिलती है वह कैसा प्रदर्शन केरेंगे।
4. Lagging Key Performance Indicators:- ऐसे KPI जिनसे प्रोसेस पूरा होने के बाद प्रोसेस के अच्छे और खराब प्रदर्शन की बारे मे पता चलता है।
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