- इसके तहत सरकार को तीन हजार से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए, इनकी जांच का जिम्मा विशेषज्ञों को दिया गया, तकरीबन सभी आवेदनों की जांच-पड़ताल की गयी,और अंतिम रूप से पांच आवेदनों को चुना गया।

जानिए, शेरशाह सूरी ने सबसे पहले मुद्रा को रुपया कहा, बैंक नोट से शुरू हुआ था करेंसी नोट

ग्वालियर। भारत में हालांकि मुद्रा का सफर तो हजारों साल पुराना है, लेकिन पहला करेंसी नोट 1770 में 'बैंक ऑफ हिन्दुस्तान' नाम से एक निजी बैंक ने सबसे पहले बैंक नोट के रूप में जारी किया था। इसके बाद 1770 से 1935 के बीच कई निजी बैंकों ने बैंक नोट जारी किए थे। हालांकि मुद्रा प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं को रुपया नाम सबसे पहले शेरशाह सूरी ने दिया था। बैंक नोट से शुरू हुआ था देश में करेंसी नोट का चलन.

नकली होने की अफवाह में इन दिनों 10 रुपए का सिक्का बाजार से गायब हो रहा है, इस पर dainikbhaksr.com पर प्रस्तुत है, देश में करेंसी नोट के सफर पर रोचक जानकारी.


- नोट एक अंगरेजी शब्द है, जिसका अर्थ 'WRITTEN PROMICE' होता है. इसमें लिखा होता है कि मैं धारक को इतने रुपये अदा करने का वचन देता हूं।
- यह नोट लिख कर कोई बैंक जब किसी निर्धारित मूल्य के रुपये छाप कर कागजी रुपये जारी करता है, तो बैंक द्वारा जारी किये गये उन कागजी रुपयों को अंगरेजी में बैंक नोट कहा जाता है।
- रुपये के धारक को इसे अदा करने की बैंक की वचनबद्धता (लिखित वायदा) बैंक नोटों की पहचान है।
- पहला नोट बैंक ऑफ हिंदुस्तान से जारी होने के बाद पूर्वी भारत में बंगाल बैंक, कलकत्ता बैंक, कॉमर्शियल बैंक, यूनियन बैंक आदि प्रमुख निजी बैंकों ने बैंकनोट जारी किए।
- इसी तरह से दक्षिण भारत में कर्नाटक बैंक, एशियाटिक बैंक, गवर्नमेंट बैंक, बैंक ऑफ मद्रास आदि प्रमुख निजी बैंकों ने बैंक नोट जारी किए। पश्चिमी भारत में भी बैंक ऑफ बंबई, ओरिएंटल बैंक, कॉमर्शियल बैंक ऑफ इंडिया आदि प्रमुख निजी बैंकों ने बैंक नोट जारी किया था.

इन मुद्राओं से नष्ट होते हैं रेखाओं के दोष

 इन मुद्राओं से नष्ट होते हैं रेखाओं के दोष

हाथों में रेखाओं के दोष से व्यक्ति को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिषाचार्य दोष को कम करने के लिए तमाम उपाय बताते हैं। लेकिन मुद्राओं से भी हस्तरेखा दोष खत्म किया जा सकता है। जानिए जीवन रेखा, शनि और बुध दोष को मुद्राओं के माध्यम से कैसे दूर किया जा सकता है।

जीवन रेखा का दोष निवारण

यदि जीवन रेखा दोषपूर्ण हो तो जातक के जीवन में अनेक दुर्घटना एवं शारीरिक बीमारी उत्पन्न करती है। ऐसी स्थिति में कनिष्ठा और अनामिका को अंगूठे से मिलाकर मुद्रा बनाएं। इस मुद्रा को करने से शुक्र पर्वत, मंगल पर्वत, जीवन रेखा और बुध रेखा का दोष नष्ट होता है। इसके परिणाम अच्छे मिलते हैं।

PM Mudra Yojana: आपका बिजनेस बढ़ाने के लिए सरकार दे रही 10 लाख तक का लोन, बस जानिए कैसे करना है अप्लाई

देश के छोटे कारोबारियों की मदद करने के लिए सरकार एक से एक कई अच्छी योजनाएं चला रही है. इसके जरिए सरकार युवाओं के स्वावलंबन पर जोर दे रही है. ऐसी ही योजनाओं में एक नाम प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना (PMMY) का है. जानिए कैसे आप इस योजना से 50 हजार से लेकर 10 लाख तक का लोन पा सकते हैं.

PM mudra loan yojana

देश के छोटे कारोबारियों की मदद करने के लिए सरकार एक से एक कई अच्छी योजनाएं चला रही है. इसके जरिए सरकार युवाओं के स्वावलंबन पर जोर दे रही है. इन योजनाओं के जरिए सरकार अलग अलग बिजनेस एक्टिविटी और सेक्टर्स की आवश्यकताओं के साथ आंत्रप्रेन्योरशिप में युवाओं की मदद कर रही है.

तीन हिस्सों में बंटा लोन

मुद्रा लोन को सरकार ने तीन हिस्सों में बांटा है. इनमें तरुण, किशोर और शिशु तीन अलग अलग प्रकार हैं. शिशु योजना के तहत युवाओं को 50 हजार रुपए तक का लोन दिया जाता है. जबकि किशोर योजना के तहत 50 हजार से 5 लाख रुपए तक का लोन मिलता है. अगर तरुण योजना की बात करें तो इसमें सरकार 5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का लोन दे रही है.


इस लोन के लिए आवेदन करने के लिए कुछ दस्तावेजों की जरूरत होगी. प्रमुख रूप से पहचान प्रमाण पत्र, घर के पते का प्रमाण और बिजनेस से जुड़े दस्तावेजों की जरूरत होगी. इसके बाद आवेदनकर्ता को बैंक या लोन कंपनी के पास जाकर आवेदन फॉर्म भरना होगा. बैंक और दूसरी वित्तीय संस्थाएं लोन देने से पहले कुछ फॉर्मेलिटी पूरा करेंगी और दस्तावेजों की जांच करेंगी. सभी आवश्यक कार्रवाई पूरी होने के बाद आवेदनकर्ता को लोन जारी कर दिया जाएगा.

किन कामों के लिए मिलेगा लोन


इस प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत जिन लोगों को लोन दिया जाएगा उनमें मेडिकल शॉप, बुटीक, सैलून, जिम, ड्राई क्लिनिंग, ब्यूटी पार्लर, वाहनों की रिपेयर शॉप, टेलरिंग शॉप, कुरियर कंपनी शामिल हैं. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट बिजनेस जैसे माल लाने ले जाने के लिए गाड़ियों की खरीद, ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, तिपहिया वाहन, टैक्सी आदि व्यवसाय से जुड़े लोग लोन ले सकते हैं. फूड सेक्टर से जुड़े लोग जो अचार बनाने, पापड़ बनाने, जैम बनाने, कैटरिंग बिजनेस से जुड़े लोग भी इस लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं. दुकानदारों, ट्रेडर्स के साथ खेती और पशुपालन आदि से जुड़े लोग लोन ले सकते हैं.


अक्सर सवाल पूछा जाता है कि क्या सिर्फ कारोबार से जुड़े पुरुषों को ही लोन मिलेगा या महिलाएं भी इसके लिए आवेदन कर सकती हैं. तो प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना स्कीम का फायदा महिला व्यवसायियों को भी मिल सकता है.

इंडियन बैंक के कार्यपालक निदेशक

श्री इमरान अमीन सिद्दीकी एचबीटीआई, कानपुर से इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। वे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं के प्रमाणित एसोसिएट हैं। उन्होंने अपना बैंकिंग करियर 28 दिसंबर 1987 को एसएसआई फील्ड अधिकारी के रूप में शुरू किया था। उन्हें बैंकिंग के विविध क्षेत्रों में 33 वर्षों से अधिक का अनुभव प्राप्त है।

श्री सिद्दीकी कारोबार विकास की पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं जिसके पीछे उनका 07 वर्षों का अंचल प्रबंधक एवं क्षेत्र महा प्रबंधक का अनुभव है। वे कोलकाता अर्बन, बारासत जैसे अंचल कार्यालयों में अंचल प्रबंधक रहे हैं एवं उन्होंने क्षेत्र महाप्रबंधक के तौर पर संपूर्ण पश्चिम बंगाल व उत्तर-पूर्वी राज्यों का नेतृत्व संभाला था। उन्होंने प्रशासनिक कार्यालयों में विविध प्रकार के वर्टीकल्स में भी अपनी सेवाएँ दी हैं।

श्री अश्‍वनी कुमार

श्री अश्‍वनी कुमार एक चार्टेड अकाऊंटेंट, कॉमर्स में स्‍नातकोत्‍तर एवं इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ बैंकर्स के प्रमाणित सदस्‍य भी हैं। उन्‍हें दो दशकों से भी अधिक वर्षों का बैंकिंग अनुभव है। इंडियन बैंक में कार्यपालक निदेशक के रूप में पदभार ग्रहण करने से पूर्व वे पंजाब नैशनल बैंक के मुंबई अंचल कार्यालय में मुख्‍य महाप्रबंधक के रूप में सेवारत थे।

श्री अश्‍वनी कुमार, सार्वजनिक क्षेत्र के चार बैंकों, बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉर्पोरेशन बैंक, ओबीसी एवं पीएनबी के कई कार्यालयों में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए सफलता की सीढ़ीयाँ चढ़े। उन्हें होलसेल बैंकिंग अनुभाग एवं कई शाखाओं (इंडस्ट्रियल फाइनेंस शाखाएँ व एलसीबी सहित) के प्रमुख के रूप में कार्य करने का अनुभव है। महाप्रबंधक के रूप में, वे मिड कॉर्पोरेट और बृहत कॉर्पोरेट वर्टिकल का नेतृत्व कर रहे थे एवं सीएफओ भी थे।

श्री महेश कुमार बजाज

श्री महेश कुमार बजाज, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एप्लाइड मैथमेटिक्स में स्नातकोत्तर ( M.Sc.) हैं और वे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स के सर्टिफाइड एसोसिएट भी हैं।

जून, 1993 में इंडियन बैंक में प्रोबेशनरी ऑफिसर के तौर पर अपने बैंकिंग करियर की शुरुआत करते हुए उनको भारत व सिंगापूर में विविध क्षेत्रों में 29 वर्ष से भी अधिक का प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं बैंकिंग अनुभव है। अपने कार्यकाल के दौरान , उन्होंने बैंकिंग के सभी प्रमुख क्षेत्रों जैसे कॉर्पोरेट, ट्रांज़ेक्शन , खुदरा , ग्रामीण , राजकोष एवं फोरेक्स , एनपीए प्रबंधन , मानव संसाधन प्रबंधन एवं आंतरिक लेखापरीक्षा में विभिन्न पदों पर कार्य किया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय डिवीजन , इंटीग्रेटिड ट्रेजरी एवं बैंक की लार्ज क्रेडिट शाखाओं का नेतृत्व भी किया है। इंडियन बैंक की सिंगापूर प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं शाखा के सीईओ के तौर पर उन्होंने कई नए कदम उठाए , जिसमें प्रक्रिया एवं कार्यप्रणाली की समीक्षा के लिए बीपीआर समिति का गठन , अनुपालन की मदों का सुदृढ़ीकरण , एचआर एवं आईटी संबंधी उत्कृष्ट प्रयास करना प्रमुख हैं। एकीकरण प्रबंधन कार्यालय के महाप्रबंधक के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने इलाहाबाद बैंक के इंडियन बैंक में सफल समामेलन में मुख्य भूमिका निभाई।

दो तरह की होगी CBDC

– Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है

पिछले दिनों RBI ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का प्रमुख मुद्रा जोड़े क्या हैं उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है। इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है.। यानी आपके लेन-देन पर इसका कोई असर नहीं होने वाला है।

RBI को सीबीडीसी की शुरूआत से कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी। यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है।

डिजिटल करेंसी के फायदे

देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। ये फायदे भी होंगे

बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान।

CBDC द्वारा मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के ट्रांजैक्शन होगा

चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा।
नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा।

पेपर नोट की प्रिंटिंग का खर्च बचेगा
एक डिजिटल मुद्रा की जीवन रेखा भौतिक नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी

CBDC मुद्रा को फिजिकल तौर पर नष्ट करना, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है

अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में डिजिटल रुपये का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि इसे एक इकाई द्वारा विनियमित किया जाएगा, जिससे बिटकॉइन जैसी अन्य आभासी मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम को कम किया जा सकेगा।

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर

क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है। इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और इस पर किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता। ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं। लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है, जिसके सरकार की मंजूरी होगी। डिजिटल रुपी में क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी। फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे। लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी। क्रिप्टोकरेंसी का भाव घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा।

भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में अगला मील का पत्थर है। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा CBDC की सबसे खास बात है कि RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। सरकार का बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है और प्रवेश करता है, जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के लिए जगह बनाने और कुल मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति देगा।

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