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Barbell Strategy क्या है?

एक बारबेल रणनीति क्या है? [What is Barbell Strategy? In Hindi]

बारबेल स्ट्रैटेजी एक निवेश रणनीति है जो मुख्य रूप से स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना एक निश्चित आय पोर्टफोलियो पर लागू होती है। एक बारबेल पद्धति के बाद, आधे पोर्टफोलियो में लंबी अवधि के बांड होते हैं और दूसरे आधे हिस्से में अल्पकालिक बांड होते हैं। "बारबेल" को इसका नाम इसलिए मिला क्योंकि निवेश की रणनीति एक बारबेल की तरह दिखती है, जिसमें परिपक्वता समयरेखा के दोनों सिरों पर भारी भार होता है। ग्राफ बड़ी संख्या में अल्पकालिक होल्डिंग्स और लंबी अवधि की परिपक्वता दिखाएगा, लेकिन मध्यवर्ती होल्डिंग्स में बहुत कम या कुछ भी नहीं।

बारबेल रणनीति का उपयोग क्यों करें? [Why use the barbell strategy?]

उच्च उपज बांड के लिए जोखिम प्रदान करते हुए यह बारबेल रणनीति निवेशकों के लिए जोखिम कम करती है। शॉर्ट-टर्म बॉन्ड की परिपक्वता दर पांच साल से कम है। ब्याज दर जोखिम के कम जोखिम के कारण वे दीर्घकालिक बांडों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित हैं। रणनीति में लंबी अवधि के बॉन्ड खरीदना भी शामिल है, जिनकी परिपक्वता 10 साल या उससे अधिक है। बांड उच्च ब्याज दर जोखिम की भरपाई के लिए उच्च उपज प्रदान करते हैं।

रणनीति का पहला लाभ यह है कि यह निवेशकों को लंबी अवधि के उच्च उपज बांड तक पहुंच बनाने में सक्षम बनाता है। दूसरा फायदा यह है कि इससे जोखिम कम होता है। यह रणनीति जोखिम को कम करती है क्योंकि अल्पकालिक और दीर्घकालिक बॉन्ड के प्रतिफल नकारात्मक रूप से सहसंबद्ध होते हैं। इसलिए, जब अल्पकालिक बांड अच्छा करते हैं, तो लंबी अवधि के बांड संघर्ष करते हैं और इसके विपरीत। इस प्रकार, अलग-अलग परिपक्वता वाले बांड धारण करके, निवेशकों के पास नकारात्मक जोखिम कम होता है।

ब्याज दरों के कारण रिटर्न नकारात्मक रूप से सहसंबद्ध हैं। यदि ब्याज दरों में वृद्धि होती है, तो अल्पकालिक बांडों को रोलओवर किया जाएगा और उच्च ब्याज दर पर पुनर्निवेश किया जाएगा। पुनर्निवेश लंबी अवधि के बॉन्ड के मूल्य में कमी की भरपाई करेगा। दूसरी ओर, यदि ब्याज दरें घटती हैं, तो दीर्घावधि बांडों का मूल्य बढ़ जाएगा।

बारबेल रणनीति पर किसे विचार करना चाहिए? [Who Should Consider the Barbell Strategy?]

अधिकांश निवेश रणनीतियों की तरह, बारबेल रणनीति में कुछ जोखिम शामिल होते हैं। वास्तव में, कई लोग यह तर्क देंगे कि यदि आप इसका उपयोग करने का निर्णय लेते हैं तो आप चरम सीमा वाले पोर्टफोलियो वाले मध्य-सड़क के स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना निवेशक की तुलना में अधिक जोखिम उठाएंगे। हालांकि, उच्च निवेश रिटर्न का पीछा करते हुए जोखिम के खतरे को कम करने के तरीके के रूप में रणनीति समझ में आती है।

एक बारबेल रणनीति क्या है? [What is Barbell Strategy? In Hindi]

यदि लोहे की रणनीति आपको अपील करती है, तो यह एक सार्थक विकल्प है, लेकिन आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी कि आपके पास अपने पोर्टफोलियो को बनाए रखने के लिए आवश्यक समय है। साथ ही, आपके पोर्टफोलियो में अत्यधिक उच्च जोखिम वाले निवेश लाने के लिए आपके पास पेट होना चाहिए। सभी निवेशक इस चरम स्तर के जोखिम के लिए तैयार नहीं हैं, भले ही यह आपके पोर्टफोलियो के बहुत रूढ़िवादी हिस्से से संतुलित हो। Banner Advertising क्या है?

बारबेल रणनीति को व्यवहार में कैसे लाया जाए ? [How to put the barbell strategy into practice?]

उच्च-जोखिम और कम-जोखिम वाली संपत्ति चुनते समय, आप स्पेक्ट्रम के चरम पर जाएंगे। इसका मतलब है कि अपने पोर्टफोलियो के लिए अत्यधिक जोखिम भरा और बिना जोखिम वाला निवेश चुनना। अंतत: आशा यह है कि आपकी संपत्ति का संतुलन आपके स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना पोर्टफोलियो को अच्छे समय और अधिक अशांत आर्थिक समय दोनों में आगे बढ़ाएगा। यद्यपि आप स्टॉक निवेश के लिए इस रणनीति का उपयोग कर सकते हैं, यह आमतौर पर बॉन्ड निवेशकों द्वारा नियोजित किया जाता है। यहां देखें कि यह स्टॉक और बॉन्ड दोनों के लिए कैसे काम करता है:

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स्टॉक के जरिए पैसा बनाने के लिए यह कुछ आसान सरल कदम है और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप निवेश शुरू करने से पहले रिसर्च करें। जब आप बाजार में काम करना जानते हैं तो शेयरों में निवेश करने से आपको भारी मुनाफा मिल सकता है।

नई दिल्‍ली, हर्ष जैन। यदि आपके मन में कभी यह सवाल उठता है कि 'क्या शेयरों में निवेश करने से पैसा बनता है?' तो इसका जवाब जोरदार हां है! शेयर बाजार में किए गए निवेश पर मिलने वाला रिटर्न बैंक खातों या बॉन्ड पर मिलने वाले रिटर्न से कहीं अधिक है। लेकिन स्टॉक या शेयर के माध्यम से कैसै पैसा कमाया जाए, इसे समझने की जरूरत है। आपको आश्चर्य हो सकता है कि कई लोग स्टॉक में निवेश करते हुए भी पैसा क्यों नहीं कमा पाते हैं। इसके तीन मुख्य कारण हैं और उसके बाद इस पर विचार करेंगे कि कैसे आप शेयरों से बेहतर रिटर्न कमा सकते हैं।

किसी निवेशक को स्टॉक से पैसा कमाने कौन-सी चीज रोकती है?

क्या आप जानते हैं कि शेयर बाजार ही एक ऐसी जगह है जहां भारी बिक्री होती है और लोग खरीदारी से डरते हैं। तो आइए उन बिंदुओं की जांच करें, जो एक निवेशक को शेयरों से अच्छा पैसा बनाने की राह में बाधा हैं।

'मैं निवेश शुरू करने के लिए स्टॉक के पूरी तरह से सुरक्षित होने तक इंतजार करूंगा।'

अगर आपने खुद से यह कहा है, तो क्या वाकई यह सही बात है? यह बहाना हमेशा निवेशकों के बीच तब आता है जब वे देखते हैं कि शेयरों में गिरावट आई है। यूं कहें कि शेयरों में कुछ दिनों से गिरावट आ रही है, या शायद यह लंबी गिरावट रही है। कुछ निवेशकों का कहना है कि वे इसके सुरक्षित होने का इंतजार करेंगे, यानी कीमतों के फिर से बढ़ने का इंतजार करेंगे। इसका मतलब है कि आप अल्पकालिक नुकसान से बचने के साथ-साथ दीर्घकालिक लाभ के मौके को भी गंवा रहे हैं। तो बस इसके बारे में सोचें। कीमतों के बढ़ने की प्रतीक्षा करने का अर्थ यह भी है कि आप अधिक भुगतान करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

'मैं इसे थोड़े समय बाद खरीदूंगा जब कीमतें कम होंगी।'

यह हम सब पहले सुन चुके हैं। यह ख़रीदने वाले यूजर्स की तरफ से इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे आम बहाना है। लेकिन सच्चाई यह स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना है कि कोई भी यह अनुमान नहीं लगा सकता है कि स्टॉक की कीमतें कैसे आगे बढ़ने वाली हैं।

"मैं इस स्टॉक से काफी ऊब चुका हूँ, इसलिए मैं बेचने जा रहा हूँ।"

आपके पास जो स्टॉक है, वह हमेशा आपको उत्साहित नहीं करेगा क्योंकि कुछ दिन बुरे हो सकते हैं। एक स्मार्ट निवेशक के रूप में, आप अपने स्टॉक को लेकर जमे रहें और चक्रवृद्धि ब्याज को जमा होते रहने दें।

स्टॉक से पैसे कैसे कमाएं ?

1.परिभाषित करें कि आप किस प्रकार के ट्रेडर हैं

बाजार में मुख्य रूप से दो तरह के ट्रेडर होते हैं। एक ट्रेडर बुनियादी निवेश का अनुसरण करता है, और दूसरा स्‍पेकुलेटर है। ये दोनों का स्टॉक की कीमत देखने का तरीका अलग-अलग होता है। स्‍पेकुलेटर्स की तुलना में पहले प्रकार के निवेशक आम तौर पर कीमतों को कम महत्व देते हैं।

2. क्या आप भीड़ का अनुसरण करने की योजना बना रहे हैं?

जब स्टॉक की बात आती है तो बहुत से लोग झुंड का अनुसरण करने की गलती करते हैं। वे उन शेयरों को खरीदते हैं, जो हर किसी के द्वारा खरीदे जाते हैं, और ज्यादातर उन शेयरों को खरीदते हैं, जिसे दूसरे लोग अच्छा बताते हैं। लेकिन नहीं, उस तरह से काम नहीं करना चाहिए, इसे अपने तरीके से करें। देखें कि कौन सा स्‍टॉक आपके लिए सबसे उपयुक्‍त है, उसके बाद स्‍टॉक खरीदें। सब जो कर रहे हैं, उसका अनुसरण करने के बजाय खुद की जरूरत के अनुसार स्‍टॉक खरीदने पर विचार करना बेहतर विकल्‍प है। जब आप ऐसा करेंगे तो यह आपके वित्तीय उद्देश्य से मेल खाएगा।

3. भावनाएं और निर्णय दो अलग-अलग श्रेणी हैं

आप कभी-कभी भावनात्मक रूप से किसी विशेष स्टॉक के लिए प्रेरित होते हैं या कुछ शेयरों को अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं। हालांकि, आप जानते हैं कि यह आपको नीचे की ओर ले जा सकता है। इसलिए अपनी भावनाओं को हावी होने देने की बजाए यह सुनिश्चित करें कि आप मजबूत निर्णय के साथ आगे बढ़ें।

4. वास्तविक लक्ष्य रखें

हां, जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, बॉन्ड और बैंक योजनाओं से अधिक पैसे बनाने का स्टॉक एक बेहतर तरीका है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप गैर यथार्थवादी लक्ष्य तय कर लें। जोखिम कारकों और हर दूसरे बाहरी कारकों पर नजर रखें, जो आपके शेयरों के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।

5. अपनी जोखिम क्षमता को जानें

आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि लोग कभी-कभी शेयरों में पैसा गंवा देते हैं। इसका मतलब यह है कि जोखिम और हानि शेयर बाजार से प्राप्त होने वाले शानदार मुनाफे का ही एक अभिन्न पहलू है। इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि शेयरों में निवेश शुरू करने से पहले आप कितना नुकसान उठा सकते हैं। आप कितना नुकसान संभाल सकते हैं और कितना नुकसान आपको सुरक्षित रखेगा, इसकी रुपरेखा स्पष्ट होनी चाहिए।

निष्कर्ष

स्टॉक के जरिए पैसा बनाने के लिए यह कुछ आसान सरल कदम है और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना निवेश शुरू करने से पहले रिसर्च करें। जब आप बाजार में काम करना जानते हैं तो शेयरों में निवेश करने से आपको भारी मुनाफा मिल सकता है।

(लेखक ग्रो के सह-संस्‍थापक और सीओओ हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं। शेयरों में निवेश से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय अवश्‍य लें।)

Financial Analyst: फाइनेंशियल एनालिस्ट कैसे बनें? क्या हैं जरूरी स्किल्स, कहां मिलेगी जॉब, जानें सबकुछ

फाइनेंसियल एनालिस्ट का कार्य विभिन्न वित्तीय नीतियों के निर्माण और उनकी सफलता या विफलता का विश्लेषण करना है। आइए जानते हैं इस फील्ड में कितने करियर ऑप्शन हैं-

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  • निवेश विभागों में जोखिम का मूल्यांकन करना और संभावित नुकसान को सीमित करने में मदद करना।
  • अपनी कंपनी के निवेश पोर्टफोलियो के लिए उत्पादों, उद्योगों और क्षेत्रों के मिश्रण का चयन करते हैं।
  • डेटा का विश्लेषण करने और पूर्वानुमान विकसित करने के लिए स्प्रेडशीट और विशेष सॉफ्टवेयर पैकेज के साथ काम करना।
  • फंड मैनेजर विशेष रूप से हेज फंड या म्यूचुअल फंड के साथ काम करते हैं।
  • रेटिंग विश्लेषक कंपनियों या सरकारों की बॉन्ड सहित उनके ऋण का भुगतान करने की क्षमता का मूल्यांकन करते हैं।
  • जोखिम विश्लेषक निवेश निर्णयों में जोखिम का मूल्यांकन करते हैं और निर्धारित करते हैं कि अप्रत्याशितता का प्रबंधन कैसे करें और संभावित नुकसान को कैसे सीमित करें।
  • वित्तीय विश्लेषकों को लाभदायक निवेश खोजने में कई जानकारी को संसाधित करना होगा।
  • वित्तीय विश्लेषकों को ग्राहकों को स्पष्ट भाषा में उनकी सिफारिशों को समझाना होगा जो ग्राहक आसानी से समझ सकते हैं।
  • वित्तीय विश्लेषकों को सुरक्षा खरीदने, रखने या बेचने की सिफारिश प्रदान करनी चाहिए। फंड मैनेजरों को अलग-अलग ट्रेडिंग निर्णय लेने चाहिए।
  • फाइनेंसियल एनालिस्ट को विवरणों पर ध्यान देना चाहिए जब संभव निवेशों की समीक्षा करें क्योंकि छोटे तथ्यों में निवेश के स्वास्थ्य के लिए बड़े निहितार्थ हो सकते हैं।
  • वित्तीय प्रतिभूतियों के मूल्य का आकलन करते समय वित्तीय विश्लेषक गणितीय कौशल का उपयोग करते हैं।
  • फाइनेंसियल एनालिस्ट को वित्तीय डेटा का विश्लेषण करने, रुझानों को देखने, पोर्टफोलियो बनाने और पूर्वानुमान बनाने के लिए सॉफ़्टवेयर पैकेज का उपयोग करने में निपुण होना चाहिए।

करियर की संभावनाएं (career prospects)
फाइनेंसियल एनालिस्ट के करियर का दायरा बहुत बड़ा है, इसमें विभिन्न क्षेत्रों जैसे बैंक, उद्योग, वित्त बाजार और प्रौद्योगिकी शामिल हैं। एक फाइनेंसियल एनालिस्ट एक फाइनेंसियल एनालिस्ट और एक स्वतंत्र वित्तीय निवेश दोनों की भूमिका चुन सकता है। आम नियोक्ताओं में से कुछ एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, आईडीबीआई बैंक, कैनरा बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एल एंड टी फाइनेंस लिमिटेड के अलावा वित्तिय विश्लेषक बैंकों, इंश्‍योरेंस कंपनियों, बीमा कंपनियों, म्‍यूचअल फंड, इंवेस्टमेंट में व्यवसाय करने वाली कंपनियों सहित कॉरपोरेट सेक्टर में कहीं पर भी जॉब कर सकते हैं।

फाइनेंसियल एनालिस्ट के लिए जॉब ऑप्‍शन (Job Options For Financial Analyst)
फ्रेशर उम्‍मीदवार के लिए, किसी फाइनेंशल फर्म, कंपनी या मार्केट में जॉब प्राप्त करना उसके करियर का बेसिक आधार होता है। कंपनी में फाइनेंसियल एनालिस्ट का रोल बहुत गतिशील है क्योंकि उनके लिए संगठन के अन्य डिपार्टमेंट्स के साथ सहयोग करना आवश्यक होता है और अगर जरूरी हो तो उन्हें सामने आकर कस्टमर के साथ बातचीत करनी पड़ती है। यहां कुछ ऐसे लोकप्रिय जॉब डेसिग्नेशन दिए जा रहे हैं जो फाइनेंस ग्रेजुएट अपना कोर्स पूरा करने के बाद ज्वाइन कर सकते हैं।

सरकार की नई स्कीम: आज से सस्ता सोना खरीदने का मिल रहा मौका, 21 मई तक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कर सकते हैं निवेश

जो लोग इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे और डिजिटल पेमेंट के जरिए भुगतान करेंगे, उन्हें प्रति ग्राम 50 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा। यहां जानें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड से जुड़ी खास बातें.

क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी बॉन्ड होता है। इसे डीमैट के रूप में परिवर्तित कराया जा सकता है। इसका मूल्य रुपए या डॉलर में नहीं होता है, बल्कि सोने के वजन में होता है। यदि बॉन्ड पांच ग्राम सोने का है, तो पांच ग्राम सोने की जितनी कीमत होगी, उतनी ही बॉन्ड की कीमत होगी।

इसे खरीदने के लिए सेबी के अधिकृत ब्रोकर को इश्यू प्राइस का भुगतान करना होता है। बॉन्ड को भुनाते वक्त पैसा निवेशक के खाते में जमा हो जाता है। यह बॉन्ड RBI सरकार की ओर से जारी करता है।

इसे RBI जारी करता है
RBI ये बॉन्ड भारत सरकार की तरफ से जारी कर रहा है। RBI के अनुसार ‘‘बॉन्ड की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने के लिए पिछले 3 वर्किंग डेज में साधारण औसत बंद भाव (इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिशन द्वारा प्रकाशित) मूल्य पर आधारित है।

इश्यू प्राइस पर मिलता है 2.50% ब्याज
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इश्यू प्राइस पर हर साल 2.50% का निश्चित ब्याज मिलता है। यह पैसा हर 6 महीने में आपके खाते में पहुंच जाता है। यानी 47,770 रुपए के निवेश पर हर साल 1192.50 रुपए और 8 साल में कुल मिलाकर 9,540 रुपए ब्याज के तौर पर मिल जाएंगे। हालांकि इस पर स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा।

कितना सोना खरीद सकते हैं?
कोई शख्स एक वित्त वर्ष में कम से कम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलोग्राम तक वैल्यू का बॉन्ड खरीद सकता है। जिसकी कीमत 1.91 करोड़ रुपए होगी। हालांकि किसी ट्रस्ट के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किग्रा है। यानी अधिकतम 1.91 करोड़ रुपए का निवेश कर सकते हैं।

8 साल रहता है इसका मैच्योरिटी पीरियड
बॉन्ड का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल का है, लेकिन निवेशकों को 5 साल के बाद बाहर निकलने का मौका मिलता है। यानी अगर आप पैसा निकालना चाहते हैं तो 5 साल के बाद निकाल सकते हैं। एनएसई के मुताबिक लोन लेने के दौरान कॉलेटरल के रूप में भी इन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा ये बॉन्ड एनएसई पर ट्रेड भी करते हैं।

शुद्धता और सुरक्षा की कोई चिंता नहीं
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में शुद्धता की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होती है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के मुताबिक गोल्ड बॉन्ड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) द्वारा प्रकाशित 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक होती है। इसके साथ ही इसे डीमैट के रूप में रखा जा सकता है, जो काफी सुरक्षित है और उस पर कोई खर्च भी नहीं होता है।

इस पर कितना देना होता है टैक्स
सॉवरेन 8 साल के मैच्योरिटी पीरियड के बाद इससे होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता। वहीं अगर आप 5 साल बाद अपना पैसा निकालते हैं तो इससे होने वाले लाभ पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स लगता है। LTCG पर 20.80% टैक्स लगता है जिसमें सेस शामिल है। इसमें एक्सपेंस रेश्यो कुछ भी नहीं रहता है।

इसे खरीदना है आसान

  • गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए आपको किसी ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है।
  • इसमें एनएसई पर उपलब्ध गोल्ड बॉन्ड के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी।
  • पहली सीरीज में निवेश करने पर आपके डीमैट अकाउंट में 25 मई को गोल्ड बॉन्ड डिपॉजिट हो जाएगे हैं।

ऑफलाइन भी कर सकते हैं निवेश
आरबीआई ने एसजीबी में निवेश के लिए कई तरह के विकल्प दिए हैं। बैंक की शाखाओं, पोस्ट ऑफिस, स्टॉक एक्सचेंज और स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एसएचसीआईएल) के जरिए इसमें निवेश किया जा सकता है। निवेशक को एक आवेदन फॉर्म भरना होगा। इसके बाद आपके अकाउंट से पैसे कट जाएंगे और आपके डीमैट खाते में ये बॉन्ड ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। निवेश करने के लिए पैन नंबर होना अनिवार्य है।

यह बॉन्ड सभी बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (BSE) के माध्यम से बेचे जाएंगे।

इसमें निवेश करना कैसा रहेगा?
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि सोने में लम्बे समय के लिए निवेश सही रहता है, क्योंकि इससे इस पर होने वाले उतार चढ़ाव का असर नहीं होगा और आपको सही रिटर्न मिल सकेगा। सोने में कम से कम 3 से 5 साल के लिए रिटर्न करना सही रहेगा। आने वाले 1 साल की बात करें तो सोना 58 से 60 हजार तक जा सकता है। ऐसे में इस स्कीम में निवेश करना सही कदम साबित हो सकता है।

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