चुनावी नतीजे बता रहे जनता बीजेपी का ढूंढ रही विकल्प- प्रमोद तिवारी

-राज्यसभा सदस्य प्रमोद ने मंहगाई तथा बेरोजगारी पर हमला बोलते हुए कहा कि-शुरू हो गयी भाजपा की उल्टी गिनती
लालगंज, प्रतापगढ़ (तरुण मित्र): कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा है कि तीन राज्यो मे हालिया चुनावी नतीजो से यह स्पष्ट हो गया है कि मंहगाई तथा बेरोजगारी को लेकर असफल हुई मोदी सरकार के अब सत्ता से ढलान के दिन आ गये हैं। तिवारी ने कहा कि गुजरात मे बीजेपी तथा दिल्ली मे नगर निगम चुनाव मे आम आदमी पार्टी तथा हिमांचल प्रदेश मे कांग्रेस पार्टी की निर्णायक विजय के साथ छत्तीसगढ़, बिहार, उडीसा एवं उत्तर प्रदेश मे हुए उप चुनाव के परिणामों से यह तस्वीर उभरी है कि अब देश का मतदाता बीजेपी का विकल्प ढूंढ रहा है।

उन्होनें कहा कि इन चुनावों के मिले ताजा परिणामों से यह साफ हो गया है कि भाजपा को उसकी असफलताओं पर जनता को जहां भी जो भी बीजेपी को हराता हुआ दिख रहा है वह उसके साथ खड़ी हो रही है। शुक्रवार को रामपुर खास के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रमोद तिवारी लालगंज में विधायक आराधना मिश्रा मोना के कैम्प कार्यालय पर प्रेसवार्ता मे कहा कि तीन राज्यो मे हुए चुनाव मे भाजपा दो राज्यों मे बुरी तरह चुनाव हार गयी है।

उन्होने बीजेपी पर हमलावर होते हुए कहा कि हिमांचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस पार्टी और दिल्ली के नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी की निर्णायक विजय होना और जनता का इन राज्यो मे बीजेपी के साथ न जाना इस बात का साफ ऐलान है कि अब भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। पत्रकारो से बातचीत मे राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने यह भी दावा जताया कि यदि विपक्ष ने मतो के बंटवारे अथवा बिखराव को रोक लिया तो 2024 के लोकसभा चुनाव मे भाजपा निर्णायक रूप से चुनाव हारेगी। तिवारी के मुताबिक पिछले चुनाव मे मोदी की अगुवाई मे भाजपा को 31.8 प्रतिशत मत मिला था। वहीं अरसठ प्रतिशत मत बीजेपी के खिलाफ पडा था।

सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव ने भी कांग्रेस के उस कदम को सही साबित किया कि मतो का बिखराव रोकने के लिए कांग्रेस ने मैनपुरी, रामपुर, खतौली मे अपना उम्मीदवार नही दिया। उन्होने कहा कि इन चुनावो मे मात्र एक जगह गुजरात मे बीजेपी की वापसी हुई है। इस पर श्री तिवारी ने कहा कि गणितीय दृष्टिकोण से देखा जाय तो जो भाजपा जहां हिमांचल प्रदेश, दिल्ली और गुजरात में सौ प्रतिशत पर थी। बकौल प्रमोद तिवारी अब वहां बीजेपी गुजरात मे भी मात्र तैतीस प्रतिशत पर दलाल 24 विकल्प की समीक्षा रह गयी है।

हिमांचल प्रदेश एवं दिल्ली की सरसठ प्रतिशत जनता ने उसे नकार दिया है। गुजरात मे भाजपा की जीत के पीछे प्रमोद तिवारी ने आम आदमी पार्टी के वोट काटने को जिम्मेदार बताया। श्री तिवारी ने कहा कि गुजरात मे आम आदमी पार्टी ने वोट न काटे होते तो बीजेपी को वहां इतनी बड़ी जीत हासिल नही होती और हिमांचल मे भाजपा पूरी तरह साफ हो जाती। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने यह भी कहा कि हिमांचल प्रदेश मे कांग्रेस की बड़ी जीत इसलिए ज्यादा मायने रखती है कि क्योकि हिमांचल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का प्रदेश होने के साथ पीएम मोदी इसे अपनी कर्मभूमि मानते हैं।

उन्होने कहा कि गुजरात और हिमांचल प्रदेश के चुनाव की तारीखें अलग अलग घोषित की गयी जिससे इन दोनों राज्यो मे प्रधानमंत्री एवं उनके मंत्रियो और नेताओं को चुनाव दलाल 24 विकल्प की समीक्षा प्रचार का भरपूर मौका मिल सके। भाजपा के लिए प्रमोद तिवारी ने बेहद तकलीफदेह बताया कि पीएम ने हिमांचल मे जनता से खुद के चेहरे पर वोट मांगा फिर भी हिमांचल की जनता ने मोदी के मंहगाई व बेरोजगारी तथा कई राष्ट्रीय उद्यमों के बेंचीकरण के खिलाफ उसके कुशासन से परेशान होकर ही भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया।

इसके पहले सांसद प्रमोद तिवारी ने कैम्प कार्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। वहीं उन्होनें यहां पहुंचे लोगों की समस्याआंे की भी सुनवाई करते हुए समाधान कराए जाने का भरोसा दिलाया। चकौड़िया गांव पहुंचकर प्रमोद तिवारी ने समाजसेवी श्रीकान्त पाण्डेय के आकस्मिक निधन पर परिजनो से मिलकर संवेदना प्रकट की। इस मौके पर चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी, मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, प्रतिनिधि आशीष उपाध्याय, पूर्व प्रमुख ददन सिंह, रामलखन जायसवाल, छोटे लाल सरोज, महमूद आलम, प्रवीण मिश्र, अजय सिंह, अंजनी अमोघ, पप्पू तिवारी, कुंवर ज्ञानेन्द्र सिंह, सत्येन्द्र सिंह, जयसिंह, पप्पू सिंह, धीरेन्द्रमणि शुक्ल, राजेश गुप्ता, दिनेश सिंह, शिवाकांत मिश्र, सर्वेश मिश्र, उदयराज पाल, रिक्की भारती, घनश्याम मौर्या, रामपाल यादव, इरशाद खान, पं. रामआसरे द्विवेदी, भरत सिंह, विन्देश्वरी दुबे, बैजनाथ सरोज, पप्पू सोनी, शास्त्री सौरभ, विनय पाण्डेय, मुरलीधर तिवारी, मुन्ना शुक्ला आदि रहे।

24 सप्ताह की गर्भावस्था

आपके शिशु का वजन अब 600 ग्राम तक हो गया है और वह अब आपके गर्भाशय में जगह घेरने लगा है। सिर से एड़ी तक उसका माप अब 30 सें.मी. (11.8 इंच) है, जो कि करीब-करीब एक भुट्टे के बराबर है। उसके सोने और जगने की आदतें अब अधिक स्पष्ट होती जा रहा है, हालांकि हो सकता है जब आप चाहें तब शिशु वैसा न करे। आप शायद पाएंगी कि जब आप सोने का प्रयास कर रही हों, तब शिशु क्रियाशील होता है और पैर चलाने लगता है।

आपके शिशु का मस्तिष्क तेजी से विकसित हो रहा है। वह अपनी भौंहों को चढ़ाकर अलग-अलग मुखाकृतियां बनाता है, जिससे उसके चेहरे की मांसपेशियों को कसरत मिलती है।

हालांकि, अभी आपके शिशु को जन्म लेने से पहले और अधिक बढ़ना है, मगर उसे अब 'जीवनक्षम' माना जाता है। इसका मतलब है कि यदि शिशु को इस सप्ताह जन्म लेना पड़े, तो उसके फेफड़े इतने विकसित हो चुके हैं कि नवजात चिकित्सा इकाई में अतिरिक्त देखभाल के साथ उसके जीवित रहने की संभावना अधिक रहती है।

मगर अच्छी बात यह है कि समय से काफी पहले जन्म होना असामान्य है, इसलिए आपको अपने नन्हे-मुन्ने से मिलने के लिए अभी कुछ और महीने इंतजार करना होगा।

नोट:विशेषज्ञों का कहना है कि हर शिशु अलग ढंग से विकसित होता है- गर्भाशय में भी। ये भ्रूण विकास की जानकारी आपको इस बात का सामान्य अंदाजा देती है कि गर्भ में शिशु किस तरह बढ़ रहा है।

गर्भावस्था के 24वें सप्ताह में शारीरिक परिवर्तन

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आप शायद अपने पेट, कूल्हों और स्तनों पर हल्की लाल रेखाएं पाएं। इन्हें स्ट्रेई या स्ट्रेच मार्क्स यानि खिंचाव के निशान कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने और पेट बड़ा होने की वजह से त्वचा में खिंचाव होता है, जिस कारण स्ट्रेच मार्क्स होते हैं। गर्भावस्था के इस चरण पर खिंचाव के निशान होना आम है और शिशु के जन्म के बाद ये निशान हल्के पड़ जाएंगे।

क्रीम लगाने से आपको आराम मिल सकता है और यदि आपको खुजलाहट होती है तो क्रीम उससे भी राहत पहुंचा सकती है। मगर क्रीम लगाने से स्ट्रेच मार्क्स पूरी तरह दूर नहीं हो सकते और न ही इन्हें होने से रोका जा सकता है। यहां जानें कि स्ट्रेच मार्क्स की दिखावट कम करने के लिए आप क्या उपाय आजमा सकती हैं।

आप शायद यह भी पाएं कि आपकी आंखें अब रोशनी के प्रति अधिक संवेनदशील हो गई हैं और आंखों में किरकिरापन व सूखापन महसूस होता है। यह गर्भावस्था का एकदम सामान्य लक्षण है, जिसे ड्राई आई के नाम से जाना जाता है। आंखों में असहजता कम करने और नमी बढ़ाने के लिए आप “आर्टिफिशियल टीयर सोल्यूशन” इस्तेमाल कर सकती हैं। इस बारे में अपनी डॉक्टर से बात करें, वे आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प बता सकती हैं।

24 सप्ताह गर्भवती होने पर क्या जानना जरुरी है

आपका डॉक्टर के साथ एक और अप्वाइंटमेंट जल्द ही होगा। डॉक्टर आपका रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) मांपेंगी, क्योंकि इससे आपकी सेहत का सही अंदाजा मिलता है। यदि 20 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद आपको उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) हो, तो इसे गर्भावधि हाइपरटेंशन (जैस्टेशनल हाइपरटेंशन) कहा जाता है।

आपकी डॉक्टर आपके शर्करा के स्तर और वजन वृद्धि भी देखेंगी। 24 से 28 सप्ताह की गर्भावस्था के बीच वे आपसे ग्लूकोज़ टोलरेंस टेस्ट (जीटीटी) करवाने के लिए कहेंगी। ग्लूकोज़ टोलरेंस टेस्ट को ओरल ग्लूकोज़ टोलरेंस टेस्ट (ओजीटीटी) भी कहा जाता है और इसमें यह जांचा जाता है कि आपका शरीर शर्करा के स्तर को किस तरह नियंत्रित करता है।

"मैं कोको बटर और शीआ बटर के मिश्रण वाली क्रीम इस्तेमाल कर रही हूं। दिन में दो बार इससे अपने पेट पर हल्के हाथ से तब तक मालिश करती हूं, जब तक कि सारी क्रीम त्वचा सोख न ले।"

गर्भावस्था के 24वें हफ्ते में क्या करें

  • इस बात को कोई नहीं नकार सकता कि शिशु को जन्म देने में दर्द और पीड़ा तो होगी ही। मगर प्रसव के दर्द से राहत के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, इस बारे में हमारा यह स्लाइडशो देखें।
  • अधिकांश महिलाएं गर्भावस्था के नौ महीने पूरे होने पर ही शिशु को जन्म देती हैं, मगर कुछ शिशुओं का जन्म उम्मीद से पहले ही हो जाता है। समय से पहले प्रसव के बारे में यहां विस्तार से पढ़ें।
  • अक्सर परिवार के सदस्य या रिश्तेदार साफ रंग या गोरा शिशु पाने के लिए हर रोज एक गिलास केसर दूध पीने की सलाह देते हैं। मगर इस तथ्य में कितनी सच्चाई है, यहां जानें। के लिए हमारे इन 11 उपायों को आजमाएं।
  • हमारा गर्भ संस्कार संगीत दलाल 24 विकल्प की समीक्षा सुनें, जिसमें गर्भावस्था के पारंपरिक श्लोकों को मधुर लय दी गई है, ताकि आपको शांति का अहसास हो और आराम करने में मदद मिले।

आपकी गर्भावस्था के लिए बेबीसेंटर का सुझाव

आराम के लिए समय निकालें। हंसी-मजाक, शरीर का आराम करने का एक बेहतरीन तरीका है, इसलिए अपने दोस्तों के साथ घूमने जाएं या फिर किसी कॉमेडी फिल्म का मजा लें।

बेबीसेंटर कम्युनिटी में अपनी जैसी अन्य होने वाली माँओं के साथ बातचीत कर अपने विचार साझा करें!

References

Hill MA. 2016. Fetal development. University of New South Wales Embryology.

Moore KL, Persuad TVN and Torchia MG. 2016. The Developing Human: Clinically oriented embryology. 10th edition. Philadelphia: Elsevier.

NHS. 2015. You and your baby at 21-24 weeks pregnant. NHS Choices, Health A-Z, baby and pregnancy.

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Reissland N, Francis B, Mason J et al. 2011. Do Facial Expressions Develop Before Birth? PLoS One. 6(8): e24081.

Tommy's. 2016. Premature birth statistics. Tommy's, Our organization, Why we exist.

Neha translates BabyCenter India's English content into Hindi to make it available to a wider audience.

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी भारत से आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड और कनाडा से फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग्स लिमिटेड का एक संयुक्त उद्यम है। कंपनी व्यापक स्वास्थ्य बीमा प्रदान करती है जो अस्पताल में भर्ती होने, डेकेयर प्रक्रियाओं, एम्बुलेंस शुल्क और अधिवास अस्पताल में भर्ती होने के खर्चों को कवर करती है। स्वास्थ्य के अलावा, यह कार, बाइक, घर, यात्रा आदि जैसे विभिन्न उत्पादों के लिए बीमा कवरेज प्रदान करता है।

8 सितंबर 2021 को, भारती एक्सा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी में विलय हो गया। विलय के बाद, ग्राहकों के पास अब एक व्यापक वितरण नेटवर्क तक पहुंच हो सकती है जो ऑनलाइन प्लेटफार्मों, बैंक टाई-अप, एजेंटों, दलालों आदि में फैला हुआ है।

मानक स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के अलावा, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड मेडिकल इंश्योरेंस अपने पॉलिसीधारकों की सभी बीमा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अन्य योजनाएं भी प्रदान करता है।

कई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की उपलब्धता के साथ, एक उपयुक्त प्लान चुनना काफी मुश्किल काम है। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के लिए अपनी खोज को शून्य करते समय, आपको आईसीआईसीआई लोम्बार्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्लांस में जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए अनुभागों को ध्यान से पढ़ना चाहिए:

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड की स्वास्थ्य बीमा योजनाएं व्यापक कवरेज और उच्च गुणवत्ता वाली सेवा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। मानक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के अलावा, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड हेल्थ इंश्योरेंस एक सुपर टॉप-अप प्लान भी प्रदान करता है जो पॉलिसीधारकों की सुरक्षा करता है जब उनकी आधार स्वास्थ्य बीमा योजना की बीमा राशि समाप्त हो जाती है।

हेल्थ इंश्योरेंस उत्पादों की इतनी विस्तृत श्रृंखला के साथ, कंपनी अपने सभी ग्राहकों की बीमा आवश्यकताओं को पूरा करना सुनिश्चित करती है।

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस को विभिन्न पुरस्कारों और प्रशंसाओं के साथ मान्यता दी गई है।

  • एटीडी बेस्ट विनर अवार्ड
  • इंडियन इंश्योरेंस अवार्ड्स, 2014 में क्लेम लीडर अवार्ड
  • ई-बिजनेस लीडर अवार्ड 2013
  • पोर्टर प्राइज अवार्ड
  • गोल्डन पीकॉक इनोवेशन अवार्ड 2011

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी की मुख्य विशेषताएं

यह जानने के लिए कि आईसीआईसीआई लोम्बार्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कैसा प्रदर्शन करती है, नीचे दिए गए अनुभाग पर एक नज़र डालें, और खुद तय करें:

IND vs BAN, 3rd ODI: सम्मान बचाने के लिये इन खिलाड़ियों पर दांव लगा सकते हैं केएल राहुल, जानें संभावित प्लेइंग 11

IND vs BAN, 3rd ODI: भारत और बांग्लादेश के बीच खेली जा रही 3 मैचों की वनडे सीरीज का आखिरी मैच शनिवार को खेला जाना है, जिसमें खिलाड़ियों की चोटों और फिटनेस समस्याओं से परेशान भारतीय टीम को सम्मान बचाने के लिये और बांग्लादेश के हाथों क्लीन स्वीप बचाने के लिये हर हाल में जीत की दरकार है.

  • टेस्ट सीरीज से पहले सम्मान बचाना जरूरी
  • चोटों से जूझ रही है भारतीय टीम

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IND vs BAN, 3rd ODI: सम्मान बचाने के लिये इन खिलाड़ियों पर दांव लगा सकते हैं केएल राहुल, जानें संभावित प्लेइंग 11

IND vs BAN, 3rd ODI: भारत और बांग्लादेश के बीच खेली जा रही 3 मैचों की वनडे सीरीज का आखिरी मैच शनिवार को खेला जाना है, जिसमें खिलाड़ियों की चोटों और फिटनेस समस्याओं से परेशान भारतीय टीम को सम्मान बचाने के लिये और बांग्लादेश के हाथों क्लीन स्वीप बचाने के लिये हर हाल में जीत की दरकार है. बांग्लादेश के लिये पिछले दो मैचों में मेंहदी हसन मिराज ने मैच जिताऊ पारियां खेलकर अपनी टीम को सीरीज का विजेता बना दिया है और शनिवार को भी जब वो आखिरी वनडे में खेलने उतरेंगे तो उनकी यही कोशिश होगी कि वो भारत को आखिरी मैच में हराकर पहली बार अपनी सरजमीं पर क्लीन स्वीप करने के ऐतिहासिक रिकॉर्ड में अहम भूमिका निभायें.

टेस्ट सीरीज से पहले सम्मान बचाना जरूरी

हालांकि भारतीय टीम फिलहाल चोटों की समस्या से जूझ रही है और नियमित कप्तान रोहित शर्मा के चोटिल होकर बाहर हो जाने के बाद काफी चीजें कार्यकारी कप्तान केएल राहुल के कंधों पर रहेगी. आखिरी वनडे के साथ ही 14 दिसंबर से शुरू होने वाली टेस्ट श्रृंखला से पहले बांग्लादेश का आत्मविश्वास भी बढेगा. भारत के लिये इस श्रृंखला में 20 क्रिकेटर उपलब्ध थे क्योंकि बांग्लादेश में पहले वनडे और न्यूजीलैंड में आखिरी मैच के बीच कम समय था क्योंकि दोनों टीमों में कुछ खिलाड़ी समान थे.

एक सप्ताह के भीतर हालांकि हालात बद से बदतर हो गए और आखिरी मैच के लिये सिर्फ 14 फिट खिलाड़ी उपलब्ध हैं. हालात यह है कि कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव को तुरंत यहां बुलाना पड़ा क्योंकि भारतीय गेंदबाजी आक्रमण अनुभवहीन लग रहा था. कुलदीप ने 72 वनडे में 118 विकेट लिये हैं और वह इस टीम के सबसे अनुभवी गेंदबाज हैं.

चोटों से जूझ रही है भारतीय टीम

नियमित कप्तान रोहित शर्मा के बायें हाथ के अंगूठे की हड्डी खिसक गई है और उदीयमान तेज गेंदबाज कुलदीप सेन को पहला मैच खेलने के बाद चोट लग गई. तेज गेंदबाज दीपक चाहर एक बार फिर अनफिट हो गए हैं. अक्षर पटेल की पसली में चोट लग गई है और वह पहला मैच नहीं खेल सके जबकि ऋषभ पंत भी चोटिल हैं और उन्हें आराम देना पड़ा था.

अब देखना यह है कि कार्यवाहक कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल पारी की शुरूआत करते हैं या ईशान किशन को अंतिम एकादश में सलामी बल्लेबाज के तौर पर शामिल किया जाता है. दूसरा विकल्प विराट कोहली और शिखर धवन से पारी की शुरूआत कराना और हरफनमौला राहुल त्रिपाठी को अंतिम एकादश में शामिल करना होगा. टीम प्रबंधन अगर सिर्फ बल्लेबाज को चुनता है तो रजत पाटीदार को पदार्पण का मौका मिल सकता है.

ऐसी हो सकती है टीम की प्लेइंग 11

भारत की गेंदबाजी की कमान मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर, उमरान मलिक, वाशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल के हाथ में थी. पहले मैच में खराब गेंदबाजी के चलते भारत को पराजय का सामना करना पड़ा जब बांग्लादेश को 51 रन बनाने थे और उसका एक ही विकेट बाकी था जो भारतीय टीम नहीं ले सकी. दूसरे मैच में बांग्लादेश ने छह विकेट 69 रन पर गिरने के बाद 200 से अधिक रन बना डाले. आखिरी मैच में बांग्लादेश के हौसले बुलंद होंगे.

जिम्बाब्वे के खिलाफ श्रृंखला में मिली जीत को छोड़कर केएल राहुल का बतौर कप्तान रिकॉर्ड खराब रहा है और ऐसे में वह ‘क्लीन स्वीप’ की शर्मिंदगी से बचना चाहेंगे.

भारत : केएल राहुल (कप्तान) , शिखर धवन, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, ईशान किशन, मोहम्मद सिराज, रजत पाटीदार, राहुल त्रिपाठी, वाशिंगटन सुंदर, शाहबाज अहमद, अक्षर पटेल, शार्दुल ठाकुर, उमरान मलिक, कुलदीप यादव.

बांग्लादेश : लिटन दास (कप्तान), अनामुल हक बिजय, शाकिब अल हसन, मुशफिकुर रहीम, अफीफ हुसैन, यासिर अली चौधरी, मेहदी हसन मिराज, मुस्ताफिजूर रहमान, तस्कीन अहमद, हसन महमूद, इबादत हुसैन चौधरी, नासुम अहमद, महमूदुल्लाह, नजमुल हुसैन शांतो, काजी नुरूल हसन सोहन, शरीफुल इस्लाम.

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Salaam Venky Movie Review: काजोल स्टारर ‘सलाम वेंकी’ देखने जाएं तो टिश्यू पेपर ले जाना न भूलें

Kajol and Vishal in a scene from Salaam Venky

रेवती की सलाम वेंकी श्रीकांत मूर्ति की किताब, ‘द लास्ट हुर्रे’ पर आधारित है। यह किताब 24 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी कोलावेन्नु वेंकटेश की सच्ची कहानी से प्रेरित है, जो दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर ‘डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी’ से पीड़ित था। कहानी उतनी ही उसकी मां सुजाता की भी है, जो अपने बेटे की अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए डटकर लड़ी। मेडिकल भविष्यवाणियों के अनुसार, वेंकटेश के लिए 16 साल के लाइफ स्पैन का अनुमान लगाया था, लेकिन जीवन के लिए उनके दृढ़ संकल्प और प्यार के साथ-साथ उनकी मां के असीम कमिटमेंट ने उन्हें 24 साल की उम्र तक जीवित रखा।

सलाम वेंकी एक मां-बेटे की कहानी है जिसमें काजोल सुजाता और विशाल जेठवा उनके चार्मिंग, स्माइलिंग बेटे वेंकी के रूप में हैं, जिनकी अंतिम इच्छा ‘इच्छामृत्यु’ से मरना है, ताकि वह अपने अंग दान कर सकें।

Table of Contents

फिल्म का फर्स्ट हाफ- First Half Of The Film

136 मिनट की फिल्म का पहला भाग ज्यादातर अस्पताल के एक कमरे में सामने आता है, जहां वेंकी मशीनों और ट्यूबों से घिरा हुआ है। फ्लैशबैक के माध्यम से हम उसके बचपन, दोस्तों के साथ उनके रिश्ते और उनक हॉबीज को देखते समझते हैं। वेंकी को हिंदी फिल्में बहुत पसंद हैं और वह राजेश खन्ना की आनंद के इस डायलॉग, ‘जिंदगी बड़ी होनी चाहिए, लम्बी नहीं’ से बहुत प्रभावित है और अपनी लाइफ को भी उसी तरह से जीना चाहता है।

सेकेंड हाफ- Second Half

फिल्म का सेकेंड हाफ काफी हद तक सुजाता की पिटीशन, अदालती मामले और मामले के लिए मीडिया के समर्थन के बारे में है। राहुल बोस और प्रियामणि वकीलों का विरोध करते हैं और अहाना कुमरा इस समाचार की चैंपियन टेलीविजन रिपोर्टर हैं। प्रकाश राज, कमल सदाना, अनंत महादेवन और पार्वती टी भी हैं। फिल्म का सबसे अट्रैक्टिव पार्ट, जिससे ट्रेलर में दिखाकर दर्शकों को एक अलग ही रोमांच से जोड़ा गया था वो था आमिर खान का कैमियो। आमिर खान फिल्म में एक अमेजिंग कैमियो रोल में हैं।

फिल्म- The Movie

बेहद कठिन परिस्थितियों से निपटने वाली एक सिंगल मदर के रूप में काजोल ने अपने इस किरदार में काजोल ने पूरी जान लगा दी है , जो इस दुविधा में फंसा हुआ है कि वह अपने बेटे की इच्छा से मृत्यु की अंतिम इच्छा को पूरा करे या नहीं। उनके पास एक चार्मिंग और स्ट्रॉन्ग स्क्रीन प्रजेंस है, साथ ही सीन की मांग के हिसाब से अपने किरदार में कब स्ट्रॉन्ग दिखना है और कब वल्नरेबल, यह सब बैलेंस करने में काजोल कामयाब हुई हैं। एक बात मैं नोटिस किए बिना नहीं रह सकी, कि हालांकि सुजाता सादी, फटी हुई सूती साड़ी पहनती हैं, लेकिन अस्पताल जाने के लिए उनके बाल हमेशा साफ और चिकने रहते हैं। कभी-कभी कर्ल भी!

लेकिन, जो भी हो, मुझे काजोल की सुजाता और आमिर खान के बीच के हिस्से पसंद आए और ये फिल्म का मुख्य आकर्षण हैं। जिस सुजाता को हम उनके बेटे के साथ देखते हैं और जिसे हम आमिर के किरदार के साथ देखते हैं, वे एक बेहतरीन प्रदर्शन के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। आमिर का गेस्ट अपीयरेंस उनकी पिछली फिल्म लाल सिंह चड्ढा में उनके निराशाजनक प्रदर्शन से कहीं अधिक प्रभावी है।

फिल्म के प्लस पॉइंट्स- Plus Points

सुजाता और वेंकी की बेहद बहादुर और प्रेरक यानी मोटिवेशनल स्टोरी को बड़े पर्दे पर लाने के लिए काजोल और विशाल जेठवा एकदम सही विकल्प हैं। सपोर्टिंग कैरेक्टर्स, स्पेशली राजीव खंडेलवाल, रिद्धि कुमार और प्रियामणि का प्रदर्शन उनके किरदार में बेहतरीन है। आमिर खान की गेस्ट अपीयरेंस में भावनात्मक गंभीरता है। राम वर्मन की इंटिमेट सिनेमैटोग्राफी उन बढ़े हुए तनावों को बढ़ाने में मदद करती है, जिनके बीच मुख्य पात्र लगातार खुद को झूलता हुआ पाते हैं।

माइनस पॉइंट्स- Minus Points

अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद, विशाल जेठवा कुछ हिस्सों में कुछ ज्यादा ही ड्रमैटिक हो जाते हैं। राहुल बोस और प्रकाश राज के पास ज्यादा कुछ करने को नहीं है। समीर अरोरा और कौसर मुनीर की एडैप्टेड पटकथा में बहुत सुधार किए जा सकते थे क्योंकि ज्यादातर डायलॉग हमेशा सही इमोशन्स को पकड़ नहीं पाए हैं। फिल्म का म्यूजिक, फिल्म के सोल को पूरी तरह से पकड़ नहीं पाया है।

बॉटम लाइन- Bottom Line

ऐसा कोई रास्ता नहीं है कि सलाम वेंकी जैसी फिल्म आपको शोनाली बोस की ‘द स्काई इज पिंक’ या आर बाल्की की ‘पा’ की याद न दिलाए, लेकिन तभी आपको लगता है कि यह फिल्म और भी बेहतर और हार्ड.हिटिंग हो सकती थी। हो सकता है कि फिल्म का दिल सही जगह पर हो, लेकिन मुझे आत्मा पूरी तरह गायब लगी।

कुछ ऑब्वियस फ्लॉज के बावजूद, ‘सलाम वेंकी’ काजोल, विशाल जेठवा और बेहद अच्छी समोर्टिंग कास्ट के कारण अपना आकर्षण बनाए रखती है। फिल्म के दौरान एक टिश्यू बैग अपने पास रखें, क्योंकि यह शुरू से अंत तक बहुत रुलाने वाली है।

हम उम्मीद करते हैं कि ये जानकारी आपके काम आएगी। ऐसी ही स्टोरीज के लिए पढ़ते रहिये iDiva हिंदी।

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