श्रीलंकाई बैंकों ने कथित तौर पर भारतीय रुपये में व्यापार के लिए विशेष वोस्ट्रो रुपया खाते या एसवीआरए नामक विशेष रुपया व्यापार खाते खोले हैं। इससे श्रीलंका अमरीकी डालर के व्यापार और भारत के नागरिक एक दूसरे के बीच अंतरराष्ट्रीय लेनदेन अमरीकी डालर के व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर के बजाय भारतीय रुपये का उपयोग कर सकते हैं। वहीं भारत के इस कदम से अमेरिका भी हैरान है और भारत के इस फैसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की नजर जरूर पड़ सकती है।

अब रुपये में विदेश व्यापार देगा नए अवसर, इस देश को छोड़ किसी ने भारतीय रुपये को नहीं दिया है कानूनी मुद्रा का दर्जा

अब रुपये में विदेश व्यापार देगा नए अवसर, इस देश को छोड़ किसी ने भारतीय रुपये को नहीं दिया है कानूनी मुद्रा का दर्जा

जिम्बाब्वे को छोड़कर किसी अन्य देश ने भारतीय रुपये को कानूनी मुद्रा का दर्जा नहीं दिया है, लेकिन भारत के पड़ोसी देश आपसी समझ के कारण एक दूसरे की मुद्रा को स्वीकार करते हैं। इसमें नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और मालदीव शामिल हैं। भारत ने कुछ मौकों पर ईरान से तेल के लिए रुपये में भुगतान किया है। वहीं कनाडा के साथ भी विशेष अवसरों पर रुपये में कारोबार हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए देसी बैंकों को ढांचागत सुधार करना होगा। उन्हें साइबर सुरक्षा को लेकर बेहद ऊंचे मानदंड अपनाने होंगे।

US dollar का टूटेगा दबदबा! रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देगी सरकार, कारोबारियों को मिलेंगे ये सारे फायदे

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 07, 2022 12:41 IST

US dollar vs rupee- India TV Hindi

Photo:FILE US dollar vs rupee

Highlights

  • घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी
  • आयात के लिए डॉलर की मांग कम हो जाएगी

US dollar का अमरीकी डालर के व्यापार दबदबा आने वाले दिनों में टूट सकता है। दरअसल, भारत सरकार विदेशी व्यापार में रुपये के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए आज अहम बैठक करने जा रही है। इसमें वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रतिनिधि समेत सभी प्रमुख बैंकों के अधिकारी शामिल होंगे। वित्तीय सेवा सचिव संजय मल्होत्रा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार लेनदेन की अनुमति देने से व्यापार सौदों के निपटान के लिए विदेशी मुद्रा की मांग घटने के साथ घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी। इससे रुपये को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेनदेन के लिए अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी। इस समय भारत और रूस के बीच हो रहे व्यापार के बड़े हिस्से का लेनदेन रुपये में ही हो रहा है। आइए, जानते हैं कि रुपये में विदेशी व्यापार बढ़ने से कारोबारियों को क्या फायदे मिलेंगे।

भारत को क्‍या लाभ मिलेगा

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद वैश्विक हालात बदले हैं। कई देश दिवालिया हो गए हैं तो कई फॉरेन एक्‍सचेंज रिजर्व की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इन देशों के साथ भारत का व्‍यापार प्रभावित हो रहा है। रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने से इन देशों के साथ कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारतीय कारोबारी को बड़ा बाजार मिलेगा। इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार में बैलेंस बनाने में इस प्रक्रिया से मदद मिल सकती है। रुपये में इनवॉयस और पेमेंट से ट्रांजैक्‍शन कॉस्‍ट और फॉरेन करेंसी में ट्रांजैक्‍शन से जुड़े मार्केट रिस्‍क भी कम होंगे। एक्सपोर्टर्स को रुपये की कीमत में मिले इनवॉयस अमरीकी डालर के व्यापार के बदले एडवांस भी मिल सकेगा। वहीं, कारोबारी लेनदेन के बदले बैंक गारंटी के नियम भी FEMA (Foreign Exchange Management Act) के तहत कवर होंगे।

Rupee

अमेरिका-चीन व्यापार तनाव का भारतीय मुद्रा पर असर, रुपया 23 पैसे टूटा

चीन के बीच व्यापार क्षेत्र में तनाव के बीच विदेशी कोषों के धन निकासी का सिलसिला जारी रहने से विदेशी विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डालर के मुकाबले लगातार चौथे दिन गिरावट में रहा.

अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 69.70 कमजोर खुला (फोटो- पीटीआई).

चीन के बीच व्यापार क्षेत्र में तनाव के बीच विदेशी कोषों के धन निकासी का सिलसिला जारी रहने से विदेशी विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डालर के मुकाबले लगातार चौथे दिन गिरावट में रहा. बृहस्पतिवार को डालर के मुकाबले रुपया 23 पैसे टूटकर अमरीकी डालर के व्यापार प्रति डालर 69.94 पर बंद हुआ. बाजार सूत्रों ने कहा कि अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चेतेल में मजबूती और शेयर बाजार में गिरावट से भी रुपये के प्रति बाजार में धारणा प्रभावित हुई.

अमेरिकी डॉलर को अब टक्कर देगी भारतीय मुद्रा, PM Modi ने बनाया मास्टर प्लान..

अमेरिकी डॉलर को अब टक्कर देगी भारतीय मुद्रा, PM Modi ने बनाया मास्टर प्लान.. 1

न्यूज डेस्क: मौजूदा समय में भारतीय करेंसी डॉलर के मुकाबले काफी सस्ती है। इसको लेकर देश में तमाम तरह की बातें किए जा रहे हैं। लोग काफी निराश भी हैं। वहीं अब मोदी सरकार की ओर से भारतीय करेंसी को मजबूती प्रदान करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इसी कड़ी में सरकार की ओर से इंटरनेशनल ट्रेड का निर्णय लिया गया है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

दरअसल, अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर को ज्यादा प्राथमिकता दी गई है। हालांकि, अब मोदी सरकार ने इस अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर फैसला ले अमरीकी डालर के व्यापार लिया है और भारत भारतीय रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने की संभावनाएं तलाश रहा है। इसके लिए भारत लगातार कुछ देशों से बात भी कर रहा है। इस बीच कुछ देशों ने रुपए में कारोबार करने पर भी सहमति जताई है।

अब रुपये में विदेश व्यापार देगा नए अवसर, इस देश को छोड़ किसी ने भारतीय रुपये को नहीं दिया है कानूनी मुद्रा का दर्जा

अब रुपये में विदेश व्यापार देगा नए अवसर, इस देश को छोड़ किसी ने भारतीय रुपये को नहीं दिया है कानूनी मुद्रा का दर्जा

जिम्बाब्वे को छोड़कर किसी अन्य देश ने भारतीय रुपये को कानूनी मुद्रा का दर्जा नहीं दिया है, लेकिन भारत के पड़ोसी देश आपसी समझ के कारण एक दूसरे की मुद्रा को स्वीकार करते हैं। इसमें नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और मालदीव शामिल हैं। भारत ने कुछ मौकों पर ईरान से तेल के लिए रुपये में भुगतान किया है। वहीं कनाडा के साथ भी विशेष अवसरों पर रुपये में कारोबार हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए देसी बैंकों को ढांचागत सुधार करना होगा। उन्हें साइबर सुरक्षा को लेकर बेहद ऊंचे मानदंड अपनाने होंगे।

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